सिद्धारमैया के मंत्री ने भगवान श्री कृष्ण से की प्रज्वल रेवन्ना की तुलना, बीजेपी ने मांगा इस्तीफा
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कर्नाटक में इस समय सियासी बवाल मचा हुआ है।जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण का आरोप लगा है। जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौरा जारी है। इस बीच कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के एक मंत्री ने एच डी देवगौड़ा के पोते आरोपी प्रज्वल की तुलना भगवान कृष्ण से करके नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। कर्नाटक के आबकारी मंत्री रामप्पा तिम्मापुर ने हासन के सांसद प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से कर दी। उन्होंने कहा कि प्रज्वल रेवन्ना भगवान कृष्ण से आगे निकलना चाहते थे।
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एक वायरल वीडियो मं सिद्धारमैया सरकार में उत्पाद शुल्क मंत्री रामप्पा तिम्मापुर रेवन्ना के बारे में कहते हैं ‘जैसा कि एमबी पाटिल ने कहा, यह पेनड्राइव मुद्दा है। देश में इससे बुरा कुछ भी नहीं हुआ है। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकता है। भगवान कृष्ण भक्ति के साथ कई महिलाओं के साथ रहते थे। मुझे लगता है कि वह उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं।’ यह टिप्पणी मंत्री रामप्पा में विजयपुरा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया। उनका पूरा भाषण कन्नड़ में है।
बीजेपी ने की इस्तीफे की मांग
रामप्पा थिम्मापुर द्वारा प्रज्वल रेवन्ना की तुलना भगवान श्री कृष्ण से करने की बात ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेसी मंत्री के इस बयान के बाद कर्नाटक में बवाल मच गया है। इस वीडियो के वायरल होते ही बीजेपी आक्रामक हो गई और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मंत्री से माफी मांगने को कहा है। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सीटी रवि ने कहा, कर्नाटक सरकार में मंत्री कांग्रेस नेता ने भगवान कृष्ण का अपमान किया है। उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल और पार्टी से हटाया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे।
रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रिकॉर्ड करने का आरोप
बता दें कि जेडी (एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और उन्हें अपने फोन पर रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया गया है। 28 अप्रैल को एक 47 वर्षीय महिला ने सांसद, जो पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते भी हैं, के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उन पर उसे और उसकी बेटी को परेशान करने का आरोप लगाया। कुछ ही देर बाद और भी महिलाएं शिकायत लेकर सामने आईं। प्रज्वल को 30 अप्रैल को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। रेवन्ना पर यौन कृत्य करते समय 70 से अधिक महिलाओं की लगभग 3,000 वीडियो क्लिप फिल्माने का आरोप है।






दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के मुताबिक, सिसोदिया हफ्ते में एक दिन अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं. इस दौरान वो कस्टडी में ही रहेंगे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर ईडी-सीबीआई से जवाब मांगा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 मई को होगी। दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सिसोदिया की ईडी और सीबीआई दोनों ही मामलों में जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट में सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। बता दें कि दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दूसरी बार सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, इसी मामले के फैसले को लेकर मनीष सिसोदिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जानकारी दे दें कि मनीष सिसोदिया ने एक अर्जी दायर कर मांग की थी कि उनकी जमानत याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान, ट्रायल कोर्ट के आदेश को जारी रखा जाए, जिसमें उन्हें सप्ताह में एक बार अपनी बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत मिली थी। इस मामले पर ईडी की ओर से कहा गया कि अगर ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रहता है तो जांच एजेंसी को कोई आपत्ति नहीं है। मनीष सिसोदिया की ओर से वकील ने पहले हाईकोर्ट में कहा कि सिसोदिया को निचली अदालत ने अपनी बीमार पत्नी से मुलाक़ात के लिए हफ्ते में एक दिन की कस्टडी परोल दी थी लेकिन सिसोदिया की ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद वो पत्नी से नहीं मिल पा रहे है। जब तक उनकी ज़मानत अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग है, तब तक उन्हें एक दिन की कस्टडी परोल जारी रहने की इजाज़त होनी चाहिए। बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ में बंद सिसोदिया ने कुछ दिन पहले जेल से चिट्ठी लिखी थी। उसमें उन्होंने ये उम्मीद जताई दी थी कि वो जल्द जेल से बाहर आएंगे। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था। अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे। अंग्रेजों ने गांधी-मंडेला को भी जेल में डाला। अंग्रेज शासकों की तानाशाही के बावजूद आजादी का सपना साकार हुआ।
May 03 2024, 16:29
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