अप्रैल में गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 44 डिग्री तक पहुंचा पारा, जानें मौसम की बेरुखी की वजह
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देश के कई हिस्सों में अप्रैल के महीने में ही रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है।आमतौर पर जो गर्मी और लू मई महीने में देखने को मिलती है, ऐसे हालात आधा अप्रैल बीतने पर ही बन गए हैं। पारा 40 डिग्री के पार है, लू चलने से त्वचा और आंखों में जलन हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतर इलाकों में भीषण गर्मी पड़ी। अप्रैल में लू से दक्षिणी इलाके ज्यादा प्रभावित रहे।ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के साथ-साथ कर्नाटक, केरल, सिक्किम, बिहार, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में भयानक लू चली।
अप्रैल में गर्मी का रिकॉर्ड यूं ही नहीं बना है। इस हीटवेव के पीछे भी दो वजह बताई गई हैं।पहली अलनीनो और दूसरी एंटीसायक्लोन। जान लेते है क्या है अलनीनो और एंटीसायक्लोन।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजन मोहपात्रा कहते हैं, साल 2024 की शुरुआत अलनीनो की स्थिति से हुई थी। यह मौसम की ऐसी स्थिति होती है जब भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर की सतह जरूरत से ज्यादा गर्म होने लगती है। इसके कारण दुनिया के कई हिस्सों में गर्मी बढ़ती है और समुद्र के तापमान पर भी असर पड़ता है। इसकी शुरुआत जून 2023 में हुई थी। आमतौर पर जब किसी साल की शुरुआत अलनीनो के साथ होती है तो गर्मी तो पड़ती ही है, इसके साथ ही प्री-मानसून की बारिश की न होने या बहुत कम होने का खतरा बढ़ता है।
अप्रैल में गर्मी होने की दूसरी वजह है कि एंटी-सायक्लोन सिस्टम। दक्षिणी प्रायद्वीपीय और दक्षिणपूर्वी तटीय क्षेत्रों में लगातार बना एंटी-सायक्लोन सिस्टम भी अप्रैल की गर्मी की वजह है। यह एक तरह का हाई प्रेशर सिस्टम होता है जो 3 किलोमीटर की ऊंचाई पर बनता है। इसका दायरा 1 से 2 हजार किलोमीटर तक होता है।यह अपने नीचे की हवा को पृथ्वी की ओर धकेलता है। नतीजा, दबाव के साथ पृथ्वी की तरफ आई हवा सतह पर पहुंचने तक गर्मी पैदा करती है और ऐसे हालात बनते हैं।
एंटी सायक्लोन सिस्टम से हवा का फ्लो जमीन से समुद्र की ओर होता है और समुद्र की तरफ से आने वाली ठंडी हवा को भी रोकने का काम करता है। इस तरह अलनीनो और एंटी-सायक्लोन ने मिलकर अप्रैल में गर्मी बढ़ाई और लू जैसे हालात बने। इसके कारण खासतौर पर पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में तापमान बढ़ा।
Apr 30 2024, 16:27