पन्नू की हत्या की साजिश वाली वॉशिंगटन पोस्ट रिपोर्ट पर भड़का भारत, कहा-आरोप अनुचित और निराधार
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भारत ने अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश पर ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की एक रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।विदेश मंत्रालय ने इस दावे को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इस पर अटकलें लगाना और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करना मददगार नहीं है। मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि ये एक गंभीर मामला है और आरोप निराधार हैं। दरअसल, अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट में दावा किया गया कि गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में भारत के रॉ ऑफिसर शामिल थे।
द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट क्या कहती है?
‘वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट में दावा किया गया कि अमेरिका में विक्रम यादव नामक रॉ अधिकारी पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल थे। इस कदम को भारतीय जासूसी एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख सामंत गोयल ने मंजूरी दी थी। वाशिंगटन पोस्ट अखबार की एक खबर में कहा कि अमेरिका में विक्रम यादव नामक रॉ अधिकारी सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल थे और इस कदम को भारतीय जासूसी एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख सामंत गोयल ने मंजूरी दी थी। विक्रम यादव की पहचान और संबद्धता पहले सामने नहीं आ पाई थी। यह खोजी रिपोर्ट आज तक का सबसे ठोस सबूत प्रदान करती है कि हत्या की साजिश भारतीय जासूसी एजेंसी ने रची थी जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने नाकाम कर दिया। अखबार की खबर में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार ने यादव के खिलाफ कोई आरोप लगाने से परहेज किया है। अमेरिका में पन्नू को मारने की कथित साजिश पिछले साल जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को हुई घातक गोलीबारी के साथ मेल खाती है। पश्चिमी देशों के अधिकारियों के अनुसार वह अभियान भी यादव से जुड़ा था।
भारत ने सुनाई खरी-खरी
वाशिंगटन पोस्ट द्वारा कथित तौर पर पन्नू को खत्म करने की साजिश रचने के लिए एक भारतीय अधिकारी का नाम बताए जाने के भारत ने भी अमेरिका को खरी-खरी सुनाया है। आरोप के एक दिन बाद भारत ने कहा कि रिपोर्ट में एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगाए गए हैं। मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन रिपोर्ट्स को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि 'रिपोर्ट में एक गंभीर मामले पर बेबुनियाद और अनुचित आरोप लगाए गए हैं। अमेरिकी सरकार ने संगठित अपराध, आतंकवाद और अन्य को लेकर जो सुरक्षा चिंताएं साझा की हैं, उनकी भारत सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच की जा रही है।' जायसवाल ने कहा कि गैरजिम्मेदाराना और सिर्फ अनुमानों के आधार पर टिप्पणी करने से कोई मदद नहीं मिलेगी।
व्हाइट हाउस ने क्या कहा?*
इससे पहले ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ज्यां-पियरे ने कहा, जांच की जा रही है और न्याय विभाग आपराधिक जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और हम कई क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।
बता दें कि बीते साल नवंबर में अमेरिका के संघीय अभियोजक ने आरोप लगाए थे कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ मिलकर सिख कट्टरपंथी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को अमेरिका में ही मारने की योजना बनाई थी। इस मामले में निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। आरोपों को बाद भारत सरकार भी मामले की उच्च स्तरीय जांच कर रही है। बीते साल 7 दिसंबर को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा था कि अमेरिका से मिले इनपुट के आधार पर भारत ने इस मामले की जांच के लिए एक जांच समिति बनाई है क्योंकि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम है।
गुरपतवंत सिंह पन्नून खालिस्तान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक है। गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। वह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का कानूनी सलाहकार और प्रवक्ता है। एसएफजे का उद्देश्य एक अलग सिख राष्ट्र के विचार को बढ़ावा देना है। भारत सरकार ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया है।
Apr 30 2024, 12:39