भारत सुपरपावर बन रहा और हम भीख मांग रहे... पाकिस्तानी संसद में फूटा विपक्षी नेता का गुस्सा, शहबाज सरकार को सुनाई खरी-खरी

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आज भारत दुनिया के शक्तिशाली देशों में गिना जाने लगा है। हाल के सालों में भारत ने हर क्षेत्र में तरक्की की है। जिसका लोहा अमेरिकी-रूस जैसे देश भी मानने लगे हैं।यहां तक की पाकिस्तान भी जितना भारत का विरोध कर ले, लेकिन एक बात वो भी मानने लगे हैं कि हिंदुस्तान बहुत आगे निकल गया है। इस बीच पाकिस्तान के शीर्ष नेता और जमीयत उलेमा ए इस्लाम (एफ) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने अपने ही देश के सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की है।

पाकिस्तान के प्रमुख दक्षिणपंथी इस्लामी नेता मौलाना फजलुर रहमान सोमवार को अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थन में सामने आए और कहा कि विपक्षी दल को रैलियां आयोजित करने और यहां तक कि सरकार बनाने का भी अधिकार है। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के अपने गुट के प्रमुख रहमान ने पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में सोमवार को जोरदार भाषण दिया और कथित तौर पर राजनीतिक व्यवस्था में हेराफेरी यानी चुनाव में धांधली करने के लिए शक्तिशाली प्रतिष्ठान की आलोचना की।

उन्होंने कहा, रैली करना पीटीआई का अधिकार है। हमने 2018 के चुनाव पर भी आपत्ति जताई थी और हमें इस (8 फरवरी के चुनाव) पर भी आपत्ति है। अगर 2018 के चुनाव में धांधली हुई थी, तो मौजूदा चुनाव में धांधली क्यों नहीं हुई? बता दें कि पीटीआई नेता असद कैसर ने रैली आयोजित करने के लिए पार्टी के अधिकार की मांग की थी। रहमान ने अपने भाषण में कहा कि असद कैसर की मांग सही है और रैली आयोजित करना पीटीआई का अधिकार है।

अपने भाषण के दौरान उन्होंने भारत के साथ समानताएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, जरा भारत और हमारी तुलना करें… दोनों देशों को एक ही दिन आजादी मिली थी, लेकिन आज वे (भारत) महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं और हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि फैसले कोई और लेता है लेकिन समस्याओं के लिए राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाता है।

रहमान ने इस्लामिक सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) की सिफारिशों को लागू करने में विफलता पर भी अफसोस जताया। मौलाना फजल उर रहमान ने कहा कि हमें देश इस्लाम के नाम पर मिला था, लेकिन आज हम एक धर्मनिरपेक्ष राज्य बन गए हैं. 1973 के बाद से सीआईआई की एक भी सिफ़ारिश लागू नहीं की गई है। हम एक इस्लामिक देश कैसे हो सकते हैं। सीसीआई एक संवैधानिक निकाय है जिसे कानूनों के इस्लामीकरण में मदद करने के लिए स्थापित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान दिवालिया होने से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भीख मांग रहा है।

भाजपा, कांग्रेस ने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देने के लिए माँगा और समय



भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को दिए गए नोटिस का जवाब देने के लिए एक और सप्ताह का समय मांगा। इसी तरह, कांग्रेस ने शुरू में सोमवार शाम 5 बजे तक का समय मांगा था,लेकिन अब मल्लिकार्जुन खड़गे ने नोटिस का जवाब देने के लिए 14 दिन का और समय मांगा है। नोटिस का जवाब देने की समय सीमा 29 अप्रैल सुबह 11 बजे थी। 25 अप्रैल को, ईसीआई ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन की शिकायतों पर जवाब मांगने के लिए नोटिस जारी किया। यह रेखांकित करते हुए कि स्टार प्रचारकों के अभियान भाषणों को "अनुपालन की उच्च सीमा पर" आंकने की आवश्यकता है। 

ये नोटिस रविवार को राजस्थान में एक चुनावी रैली में मोदी की टिप्पणियों के बाद आए हैं, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस का इरादा सार्वजनिक धन को मुसलमानों में फिर से वितरित करने का है। विपक्षी नेताओं ने टिप्पणियों को लेकर मोदी पर निशाना साधा। खड़गे ने टिप्पणियों को "घृणास्पद भाषण" कहा, और कहा कि मोदी ने "राजनीतिक प्रवचन की गरिमा को कम किया है"।

भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को दिए गए नोटिस में, ईसीआई ने कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन या सीपीआई (एमएल) के प्रतिनिधित्व का हवाला दिया। नोटिस में कहा गया है, "राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के रूप में नड्डा को यह निर्देश दिया जाता है कि वे अपने सभी स्टार प्रचारकों को राजनीतिक चर्चा के उच्च मानक स्थापित करने और एमसीसी के प्रावधानों का अक्षरश: पालन करने के लिए प्रेरित करें।" खड़गे ने भाजपा की शिकायत का हवाला दिया और केरल में राहुल गांधी के 18 अप्रैल के भाषण के खिलाफ शिकायत पर प्रतिक्रिया मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी "एक राष्ट्र, एक भाषा, एक धर्म" के विचार की वकालत करते हुए भाषण दे रहे थे।

 भाजपा ने गांधी पर मोदी के खिलाफ "अपमानजनक और अप्रिय बयान" देने का आरोप लगाया। नोटिस में, चुनाव निकाय ने यह भी रेखांकित किया कि स्टार प्रचारकों से अखिल भारतीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करके उच्च गुणवत्ता वाले प्रवचन में योगदान करने की उम्मीद की गई थी, जो कभी-कभी विकृत हो जाता है। "इस प्रकार, जब स्थानीय अभियान की तीव्रता बाधित होती है या अनजाने में ऐसी सीमाओं को पार कर जाती है, तो स्टार प्रचारकों से सुधारात्मक कार्रवाई या एक प्रकार का उपचारात्मक स्पर्श प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है।"

गुजरात तट से जब्त हुए पाकिस्तान से तस्करी कर लाई गई 173 किलोग्राम हशीश, 5 गिरफ्तार

 सोमवार को भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) ने गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के साथ मिलकर पोरबंदर तट के पास अरब सागर में एक भारतीय नाव में पाकिस्तान से तस्करी कर लाई गई ₹60 करोड़ कीमत की 173 किलोग्राम हशीश जब्त की और पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया।

 गुजरात एटीएस दस्ते को सूचना मिली कि मुंबई और महाराष्ट्र के भीड के तीन व्यक्ति, कैलाश वाजीनाथ सनप, दत्ता सखाराम और मंगेश तुक्काराम उर्फ साहू, एक भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव का उपयोग करके समुद्री मार्ग से नशीले पदार्थों की तस्करी करने का प्रयास कर रहे थे। भारतीय तट रक्षक और गुजरात एटीएस की संयुक्त टीम ने पोरबंदर से एक ऑपरेशन शुरू किया और 28 अप्रैल को नाव को रोक लिया, जिसमें हशीश के 173 पैकेट (173 किलोग्राम वजन) बरामद हुए। 

आगे की जांच में पाकिस्तानी ड्रग सिंडिकेट के साथ उनके संबंधों का पता चला। अधिकारियों ने आगे कहा कि आरोपियों ने एक स्थानीय नाव किराए पर ली थी और पसनी, पाकिस्तान के पूर्व निर्धारित स्थान पर गए थे, जहां उन्हें प्रतिबंधित सामग्री मिली थी। भारतीय जल क्षेत्र में लौटने पर उन्हें पकड़ लिया गया और जब्त की गई दवाएं अधिकारियों को सौंप दी गईं। “नाव की तलाशी में मंगेश तुक्काराम उर्फ साहू और हरिदास रामनाथ कुलल उर्फ पुरी के कब्जे से हशीश के 173 पैकेट बरामद हुए। इस बीच, तकनीकी निगरानी के आधार पर, गुजरात एटीएस टीम ने पुणे, महाराष्ट्र से कैलाश वजीनाथ सनप, द्वारका से दत्ता सखाराम और कच्छ के मंधवी से अली असगर हेलपोत्रा ​​उर्फ आरिफ बिदाना को हिरासत में लिया। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये व्यक्ति पाकिस्तान स्थित ड्रग सिंडिकेट के संपर्क में थे, ”अधिकारी ने कहा।

नवीनतम जब्ती भारतीय सुरक्षा द्वारा गुजरात तट से 14 पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार करने और उनके कब्जे से लगभग ₹600 करोड़ मूल्य की 86 किलोग्राम प्रतिबंधित दवाएं जब्त करने के एक दिन बाद हुई है। कुछ दिन पहले, 26 अप्रैल को, गुजरात एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ने ब्यूरो (एनसीबी) ने एक संयुक्त अभियान चलाया, जिसमें कथित तौर पर ₹230 करोड़ मूल्य का मेफेड्रोन रखने के आरोप में गुजरात और राजस्थान से 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।

मुस्लिम सबसे ज्यादा कंडोम इस्तेमाल करते हैं', पीएम मोदी के 'ज्यादा बच्चे' वाले बयान पर ओवैसी का पलटवार

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लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दो चरणों का मतदान समाप्त हो चुका है और 5 चरणों का चुनाव बाकी है। सभी राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता लगातार चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी बयानबाजियां चरम पर हैं। इस चुनाव में अगर किसी के बयान की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, तो वो है पीएम मोदी की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'संपत्ति बांटने' वाले बयान पर राजनीतिक संग्राम छिड़ा हुआ है। पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस 'देश की संपत्ति उन लोगों को बांटना चाहती है जिनके ज्यादा बच्चे हैं। कांग्रेस समेत तमाम दलों ने इसे सीधे मुस्लिमों पर हमला बताया है। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है।उन्होंने कहा, पीएम कहते हैं कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं। सच तो ये है कि मुसलमानों में प्रजनन दर गिरी है। भारत में मुस्लिम पुरुष सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।

पीएम मोदी देश में मुसलमानों को लेकर नफरत फैला रहे-ओवैसी

हैदराबाद में एक चुनावी सभा में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीते दिनों पीएम मोदी ने देश के मुसलमानों को घुसपैठिया कहा था। घुसपैठिया वो होता है जो बाहर के देश से बिना इजाजत घुस आए। यकीनन हमारा मजहब अलग है, मगर हम हैं तो इसी देश के निवासी। ये देश हमारा भी है।पीएम मोदी देश में मुसलमानों को लेकर नफरत फैला रहे हैं। पीएम कहते हैं कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं. सच तो ये है कि मुसलमानों में प्रजनन दर गिरी है। इतना ही नहीं भारत में मुस्लिम पुरुष सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। ये मैं नहीं, सरकार की रिपोर्ट कहती है।

देश में हमेशा हिंदू ही बहुसंख्यक रहेंगे- ओवैसी

ओवैसी ने कहा कि ये बात बिल्कुल झूठ है कि मुस्लिम इस देश में ज्यादा हो जाएंगे। इस बात को जानबूझकर हिंदुओं को डराने के लिए फैलाया जाता है। ओवैसी ने कहा कि इस देश में हमेशा हिंदू समुदाय के लोग ही बहुसंख्यक रहेंगे। ओवैसी ने पीएम मोदी पर दलितों और मुसलमानों के प्रति दुश्मनी भड़काने के लिए झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

क्या है पीएम मोदी का बयान?

बता दें कि पीएम मोदी ने राजस्थान की एक चुनावी रैली में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बयान दिया था। बांसवाड़ा में मोदी ने कहा था, ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। पीएम ने कहा, अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति मुसलमानों में बांट देगी। ये शहरी-नक्सली मानसिकता माताओं-बहनों के मंगलसूत्र भी नहीं छोड़ेगी।

ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में बड़ा आदेश

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पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती को रद्द करने के मामले में ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने भर्ती को रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई है। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने उस फैसले पर रोक लगाई है, जिसमें उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश दिया था। कोर्ट ने पूछा है कि क्या 25 हजार नियुक्तियों में से सही तरीके से किए गए टीचर्स के अपॉइंटमेंट को अलग किया जा सकता है?सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 6 मई को करेगा।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई की। पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी, जिसमें उच्च न्यायालय ने राज्य संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य कर दिया था। पीठ अब इस मामले की सुनवाई छह मई को करेगी।

हालांकि, सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि हम कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाते हैं, जिसमें सीबीआई को राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए गए थे। 

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सभी नियुक्तियों को खारिज कर दिया गया है, जबकि सीबीआई को अब तक जांच में सिर्फ 8000 नियुक्तियों में खामियां मिली हैं। स्कूल सर्विस कमीशन ने भी कहा कि जो नियुक्तियां सही तरह से हो सकती थीं, उन्हें अलग किया जा सकता था।

बताते चलें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में 2016 में हुई शिक्षक भर्ती रद्द कर दी थी। इतना ही नहीं अवैध नियुक्ति के जरिए टीचिंग कर रहे शिक्षकों से सैलरी लौटाने के लिए भी कहा। ये भर्तियां कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा अलग-अलग ग्रुप के लिए हुई थीं। हाईकोर्ट ने 2016 का पूरा जॉब पैनल रद्द कर दिया था। पैनल पर 5 से 15 लाख रुपये की घूस लेने का आरोप है। इस मामले में टीएमसी के कई विधायक, नेता और शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पर भी गाज गिरी थी. उन्हें भी गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच में चटर्जी के सहयोगियों के पास से करोड़ों रुपये बरामद किए गए थे।

गृह मंत्री अमित शाह का फेक वीडियो पोस्ट करना तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को पड़ा महंगा, दिल्ली पुलिस ने भेजा नोटिस

डेस्क: गृह मंत्री अमित शाह का फेक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा है और एक मई को पूछताछ के लिए बुलाया है। दिल्ली पुलिस ने रेड्डी को फोन भी साथ लाने के लिए कहा है। बता दें कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और तेलंगाना कांग्रेस पर शाह का एडिटेड और फेक वीडियो पोस्ट करने का आरोप है।

असम में एक शख्स गिरफ्तार

असम पुलिस ने अमित शाह से जुड़े फर्जी वीडियो के मामले में रीतम सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया है। असम के सीएम ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर ये जानकारी दी है।

रविवार को हुई थी इस मामले में एफआईआर

दरअसल गृह मंत्री अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इस मामले में रविवार को बड़ा एक्शन लिया गया था और एफआईआर दर्ज की गई थी। ये एफआईआर गृह मंत्री अमित शाह का फर्जी वीडियो फैलाने वाले लोगों के खिलाफ की गई थी। इस फर्जी वीडियो को लेकर ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण हटाने की बात कही। जबकि वास्तविकता में उन्होंने ऐसा नहीं कहा था।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल गृह मंत्री अमित शाह का एक एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा था, जिसमें शाह को ये प्रिजेंट करते हुए दिखाया जा रहा था कि उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी की सरकार बनेगी तो वह अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और पिछड़ा वर्ग के 'असंवैधानिक आरक्षण' को खत्म कर देगी।

जबकि वास्तविकता ये है कि ये एक फर्जी और एडिटेड वीडियो है। शाह ने ऐसा कुछ नहीं कहा। बल्कि अमित शाह कह रहे थे कि अगर बीजेपी सरकार बनी तो हम असंवैधानिक मुस्लिम आरक्षण को खत्म कर देंगे। अमित शाह को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि तेलंगाना के एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय इस अवसर के हकदार हैं और मुस्लिम आरक्षण समाप्त करके उन्हें यह आरक्षण दिया जाएगा। 

कई यूट्यूब चैनल्स पर भी ये वीडियो पड़े हैं, जिसमें साफ तौर पर अमित शाह मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को हटाने की कोई बात नहीं की। यानी ये बात साफ है कि अमित शाह की जो वीडियो क्लिप वायरल हो रही है, वो पुरानी है और उसे एडिट करके वायरल किया गया। यह दावा झूठा है कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण कोटा खत्म करने का आह्वान किया।

मोदी मेरी एक शादी तुड़वाने के लिए जिम्मेदार”, 4 शादियां कर चुके पाकिस्तानी मौलवी का अजीबोगरीब बयान

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पाकिस्तान के इस्लामिक स्कॉलर तारिक मसूद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह अपनी शादी न हो पाने के लिए भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पाकिस्तानी मौलवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की वजह से भारत में अपने परिवार के वीज़ा आवेदन को अस्वीकार करने के कारण एक भारतीय महिला के साथ शादी नहीं हो पाई। ये अलग बात है कि तारिक मसूद ने अब तक 4 शादियां की है।

पाकिस्तानी मौलवी ने अपनी एक शादी न होने के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराया है। वायरल हो रहे वीडियो में तारिक ने कहा कि मेरी भी एक शादी होने वाली थी, लेकिन फिर से मोदी साहब की हुकूमत आ गई, जिसकी वजह से उन्हें वीजा नहीं मिला। उन्होंने कहा यह पुरानी बात है, जब मोदी की सरकार नई-नई आई थी। उन्होंने कहा हमने सोचा था साल 2019 में फिर इलेक्शन होगा उसके बाद देखेंगे, लेकिन मोदी फिर जीत गए। मोदी ही मेरी एक शादी तुड़वाने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा 'अब 10 साल कौन इंतजार करे, पता चले मोदी फिर सत्ता में आ गए तो क्या होगा। हम इतना लंबा इंतजार करते नहीं, हम ऐसी शादी करते हैं कि फौरन विदाई हो।

पाकिस्तानी मौलवी से जुड़े बयान वाले वीडियो को एक्स पर मेघा अपडेट नाम के अकाउंट से पोस्ट किया गया है। इस वीडियो को अब तक 5 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है।

WhatsApp ने भारत छोड़ने की दी धमकी, जानें क्या है वजह

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने भारत में अपनी सेवाएं बंद करने की धमकी दी है।मैसेजिंग दिग्गज ने अपनी मूल कंपनी मेटा के साथ मिलकर यह कहते हुए चुनौती दी है कि अगर उसे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से समझौता करने और सरकार को उपयोगकर्ता डेटा प्रकट करने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाओं पर रोक लगा देगी।टेक कंपनियों पर सरकार 2021 से ही शिकंजा कस रही है। सरकार का कहना है कि भारत में बिजनेस करना है तो सभी टेक कंपनियों को सरकार के नियमों का पालन करना होगा, लेकिन कुछ कंपनियों को इससे दिक्कत है। इसी में से एक है वॉट्सऐप।

बता दें कि भारत सरकार और व्हाट्सएप के बीच यह विवाद साल 2021 से चल रहा है। यह पूरा मामला आईटी नियम 2021 से जुड़ा है। उस दौरान जब संशोधित आईटी नियम लागू हुआ तो उसमें यह कहा गया कि सोशल मीडिया कंपनियों को मैसेज के सोर्स की जानकारी देनी होगी। मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टैंट मल्टीमीडिया मैसेजिंग एप वॉट्सऐपने इसका विरोध किया। वॉट्सऐप ने कहा कि यह संभव नहीं है। विवाद बढ़ने पर यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंचा।

वॉट्सऐप और इसकी पैरेंट कंपनी मेटा ने 2021 में देश में लाए गए आईटी नियमों को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट में गुरुवार (25 अप्रैल) को दोनों की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। आईटी नियमों में कहा गया है कि सोशल मीडिया मैसेजिंग कंपनियों के लिए किसी चैट का पता लगाने और मैसेज को सबसे पहले क्रिएट करने वाले शख्स का पता लगाने के लिए प्रावधान करना जरूरी होगा।

वॉट्सऐप की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में कहा गया है कि वह अपने प्लेटफॉर्म के एन्क्रिप्शन को नहीं तोड़ेगी। यदि कंपनी को ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाएगा या दबाव डाला जाएगा तो वह भारत से चले जाना पसंद करेगी।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में वकील तेजस कारिया पेश हुए। उन्होंने कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ से कहा, "एक प्लेटफॉर्म के तौर पर हम कह रहे हैं कि अगर हमें एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा जाता है, तो हम यहां से चले जाएंगे।"

कंपनी की परेशानी बताते हुए वकील ने कहा, "हमें मैसेजों की एक पूरी चेन तैयार रखनी होगी। हमें नहीं पता है कि कौन से मैसेज को डिक्रिप्ट करने के लिए कह दिया जाए। इसका मतलब हुआ कि लाखों-करोड़ों मैसेजों को कई सालों तक स्टोर करके रखना पड़ेगा।"

कोर्ट ने माना मामले में सभी पक्षों को बहस की जरूरत

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पीठ ने माना कि इस मामले पर सभी पक्षों को बहस करना होगा। अदालत ने सवाल किया कि क्या किसी अन्य देश में भी इस तरह (आईटी नियमों) का कानून मौजूद है? इस पर वकील ने कहा, "दुनिया में कहीं भी इस तरह का नियम नहीं है।

क्या होता है एन्क्रिप्शन? 

वॉट्सऐप की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, ये मैसेजिंग प्लेटफॉर्म सभी पर्सनल मैसेजों पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की सुविधा देता है। आसान भाषा में कहें तो अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य शख्स को मैसेज भेजता है या फिर उसका मैसेज रिसीव करता है, तो ये जानकारी सिर्फ उन दोनों के पास ही रहती है। कोई भी तीसरा व्यक्ति दो लोगों के बीच हुए मैसेज को पढ़ या सुन नहीं सकता है। ये वॉट्सऐप समेत कई मैसेजिंग एप्स के सबसे जरूरी फीचर हैं।

नेपाली मजदूर समेत सात को उत्तराखंड के अलग अलग वन क्षेत्र में आग लगाते रंगे हाथ दबोचा, केस दर्ज

उत्तराखंड के अलग-अलग वन क्षेत्र में आरक्षित वनों में आग लगाने वाले सात आरोपियों को वन विभाग की टीम ने रंगेहाथ दबोच लिया। इनमें से एर आरोपी नेपाली मूल का मजदूर है। लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में पकड़े गए आरोप को जहां जेल भेज दिया गया है वहीं अन्य आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के वनकर्मियों ने जंगल में आग लगाते हुए एक नेपाली मजदूर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। उसके तीन अन्य साथियों ने भी आरोपी के खिलाफ बयान दिए हैं। भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के जयहरीखाल रेंज अधिकारी बीडी जोशी ने बताया कि रविवार को वनकर्मी कुल्हाड़ के नापखेतों में लगी आग बुझाने के बाद वापस लौट रहे थे।

इस दौरान एक व्यक्ति कुल्हाड़ मोड़ के समीप सड़क किनारे जंगल में आग लगा रहा था। वनकर्मियों ने उसे आग लगाते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। उसके हाथ में गैस लाइटर भी था। जबकि घटनास्थल से कुछ दूरी पर ही उसके तीन अन्य साथी पाइपलाइन बिछाने का कार्य कर रहे थे।

वनकर्मी चारों को पकड़कर रेंज कार्यालय लैंसडौन लाए। जहां तीनों गवाह राजेंद्र, सतीश कुमार और रंजीत सिंह ने नेपाली मजदूर टेकराम द्वारा जंगल में आग लगाए जाने की बात स्वीकार की। उन्होंने बताया कि चारो को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

कोतवाल लैंसडौन मोहम्मद अकरम ने बताया कि जंगल में आग लगाने के आरोपी नेपाली मजदूर टेकराम के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में जल्द ही अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

आरक्षित वनों में आग लगाने वाले 5 आरोपियों को वन विभाग ने दबोचा है। विभाग के अनुसार इन पांचों को खिर्सू की समीप आरक्षित वन में आग लगाते हुए देखा गया। विभाग आरोपियों को अब कोर्ट में पेश करने की कार्रवाई कर रही है।

डीएफओ गढ़वाल वन प्रभाग स्वप्निल अनिरूद्ध ने बताया कि रविवार को पौड़ी रेंज के तहत खिर्सू में आरक्षित वनों को आग से बचाने के लिए फॉरेस्टर जगदीश नेगी व उनकी टीम गश्त पर तैनात थी। इसी दौरान टीम को पांच लोगों को खिूर्स के समीप आरक्षित वन में आग लगाते हुए दबोच लिया। विभाग के अनुसार आरोपियों के नाम मोसार आलम, नाजेफर आलम, फिरोज आलम, नुरूल व शालेम है। सभी बिहार के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि ये खिर्सू के चौबट्टा में रहते हैं और मजदूर हैं।

वहीं नैनीताल के जंगल में लगी आग पर सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है, ”हम भारतीय सेना समेत सभी संस्थाओं से मदद मांग रहे हैं। स्थानीय लोगों से भी आग बुझाने के लिए सहयोग करने को कहा जा रहा है। जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों की जिम्मेदारी इसमें भी सुधार किया जाएगा।

कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में नया खुलासा, भाजपा के एक नेता का दावा, उन्हें अश्लील वीडियोज से भरी पेन ड्राइव मिलने की प्रदेश अध्यक्ष को दी थी सूचना

 कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में एक ओर नया खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने दावा किया है कि उन्हें अश्लील वीडियोज से भरी एक पेन ड्राइव पहले मिली थी, जिसके बारे में प्रदेश अध्यक्ष को सूचित कर दिया गया था। खास बात है कि इस विवाद में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और सांसद प्रज्वल रेवन्ना का नाम सामने आ रहा है।

खबर है कि साल 2023 में होलनरसीपुरा से भाजपा उम्मीदवार रहे देवराज गौड़ा ने प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को पत्र लिखा था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने लिखा था, 'जेडीएस के एनडीए उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना समेत एचडी देवगौड़ा परिवार के कई नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं।'

देवराज का कहना था कि पेनड्राइव में कुल 2976 वीडियो हैं और इनमें नजर आ रहीं कुछ महिलाएं सरकारी अधिकारी हैं। कहा गया कि इन वीडियोज 'का तब इस्तेमाल ऐसी यौन गतिविधियों को जारी रखने के लिए ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता था।' रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा नेता ने दावा किया है कि एक और पेनड्राइव में ऐसे वीडियोज और फोटोज थे, जो कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के पास पहुंचे थे।

रिपोर्ट के अनुसार, देवराज गौड़ा ने पत्र में लिखा था, 'अगर हम जेडीएस के साथ जाते हैं और अगर हम हासन से लोकसभा चुनाव के लिए जेडीएस उम्मीदवार को नॉमिनेट करते हैं, इन वीडियोज का इस्तेमाल ब्रह्मास्त्र की तरह हो सकता है और हमारी पार्टी पर बलात्कारियों के परिवार के साथ जुड़े का धब्बा लग सकता है। राष्ट्रीय स्तर पर यह हमारी पार्टी की छवि के लिए बड़ा झटका होगा।'

रेवन्ना को हटाने की मांग

रविवार को ही जेडीएस विधायक शरणगौड़ा कंकुर ने एचडी देवगौड़ा को पत्र लिखकर रेवन्ना को पार्टी से बाहर करने की मांग की थी। उन्होंने लिखा था, 'बीते कुछ दिनों में पूरे राज्य में यौन गतिविधियों वाले वीडियो सर्कुलेट हो रहे हैं, जिसकी वजह से पार्टी को बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।'

उन्होंने लिखा, 'ऐसा लगता है कि यह प्रज्वल रेवन्ना है, क्योंकि वह वीडियो के कुछ हिस्सों में नजर आया है। ऐसा लगता है कि वह अपराधी है। इसलिए मैं आपसे उसे तत्काल पार्टी से बाहर करने का अनुरोध करता हूं।'

क्या था मामला

हाल ही में 47 वर्षीय एक महिला ने प्रज्वल और उसके पिता एचडी रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। महिला रेवन्ना के घर पर काम करती थी। महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया था। 

शिकायत के अनुसार, 'काम शुरू करने के 4 महीने बाद रेवन्ना मुझे अपने कमरे में बुलाता था। घर में 6 महिला कर्मचारी थीं और सभी ने कहा था कि जब प्रज्वल रेवन्ना घर आता था तो वे डर जाती थीं। घर के पुरुष कर्मचारियों ने भी महिला कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा था।' महिला ने कहा, 'जब एचडी रेवन्ना की पत्नी घर पर नहीं होती थी, तो वह महिलाओं को स्टोर रूम में बुलाता था और फल देने के दौरान छूता था। वह साड़ी की पिन निकालता था और महिलाओं के साथ यौन हिंसा करता था।' महिला ने यह भी दावा किया है कि प्रज्वल रेवन्ना ने उसकी बेटी के साथ भी गलत हरकत करने की कोशिश की थी।

इस मामले में जेडीएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, '...किसने इन्हें 3 दिन पहले रिलीज किया और ये पहले रिलीज क्यों नहीं किए गए? चुनाव के समय पुराने मुद्दों को क्यों उठाया जा रहा है...। SIT गठित कर दी गई है, सच्चाई को बाहर आने दीजिए और जो भी गलती करेगा उसे कानून के हिसाब से परिणाम भुगतने होंगे।'

उन्होंने कहा, 'हासन चुनाव में हमारे उम्मीदवार (प्रज्वल रेवन्ना) जीतेंगे। सभी यह कहते हैं...। मैं कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आप क्यों परिवार का नाम इसमें शामिल कर रहे हैं। व्यक्ति के बार में बात कीजिए, यह पारिवारिक मुद्दा नहीं है...। यह रेवन्ना परिवार का है, हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है। वे अलग रहते हैं।'