गांधी परिवार अपनी पार्टी के प्रत्याशी को नहीं दे पाएगा वोट, जानें क्या है वजह

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गांधी परिवार का कोई भी सदस्य इस बार के लोकसभा चुनाव में अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं कर सकेंगे।दरअसल, सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा जैसे बड़े कांग्रेस नेता नई दिल्ली की जिस लोकसभा सीट के मतदाता है, वहां कांग्रेस का कोई उम्मीदवार ही नहीं है।इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस को नहीं मिल सकी और आम आदमी पार्टी के खाते में गई है। ऐसे में गांधी परिवार को कांग्रेस के बजाय आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को वोट देना होगा।

आजादी के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव होगा, जब गांधी परिवार का वोट कांग्रेस को नहीं मिल सकेगा।आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब कांग्रेस पार्टी का कोई उम्‍मीदवार यहां मैदान में नहीं है। कांग्रेस यहां मुकाबले से बाहर है। कांग्रेस के भी कई नेता मानते हैं कि आम आदमी पार्टी आज तक नई दिल्ली लोकसभा सीट नहीं जीती है, जबकि कांग्रेस 7 बार नई दिल्‍ली लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है। बावजूद इसके कांग्रेस को यह सीट छोड़नी पड़ी है। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए सीट समझौते के कारण कांग्रेस यहां मुकाबले में नहीं है। यह वही सीट हैं जहां के मतदाताओं में कांग्रेस संसदीय दल की अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्र‍ियंका वाड्रा शामिल हैं।

आम आदमी पार्टी से सोमनाथ भारती चुनाव चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि उनके सामने बीजेपी से बांसुरी स्वराज मैदान में है। इस बार भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्‍वराज की बेटी बांसुरी स्‍वराज को अपना उम्‍मीदवार बनाया है।भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज ने वारविक विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन की है। उन्होंने लंदन के बीपीपी लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट कैथरीन कॉलेज से मास्टर्स की है। 'आप' के सोमनाथ भारती की बात की जाए तो वह भी पेशे से वकील हैं। वह दिल्ली की केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में वह दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं।

वहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के परिवार के साथ भी यही हालात है। केजरीवाल का परिवार चांदनी चौक लोकसभा सीट के वोटर हैं। चांदनी चौक संसदीय सीट इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में गई है। सीएम केजरीवाल फिलहाल जेल में बंद है, जिसके चलते भले ही वो खुद वोट नहीं डाल सके, लेकिन उनका परिवार मतदान करेगा।केजरीवाल की पत्नि सुनीता केजरीवाल और उनके दोनो बच्चे रहते हैं। इस तरह केजरीवाल परिवार को इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी के बजाय कांग्रेस या फिर अन्य किसी को वोट देना होगा। चांदनी चौक लोकसभा सीट से कांग्रेस के जेपी अग्रवाल चुनाव मैदान में है तो बीजेपी के प्रवीण खंडेलवाल चुनाव लड़ रहे हैं।

गोवा पर भारत का संविधान लागू नहीं होता”, कांग्रेस प्रत्याशी के बयान से बढ़ा विवाद, पीएम मोदी ने बोला हमला

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देश में चुनावी माहौल के बीच बयानबाजियों का दौर जारी है। इस बीच गोवा में कांग्रेस कैंडिडेट विरीएटो फर्नांडिस के बयान पर पर विवाद खड़ा हो गया है।दक्षिण गोवा लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार विरीएटो फर्नांडिस ने दावा किया है कि गोवा वासियों पर भारत का संविधान जबरदस्ती लादा गया था। उन्होंने राज्य के निवासियों के लिए दोहरी नागरिकता की माँग भी की है जिससे वह भारत के साथ ही पुर्तगाल के नागरिक भी बन सकें।

कांग्रेस प्रत्याशी विरीएटो फर्नांडिस ने सोमवार को दावा किया कि 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्त होने के बाद गोवा पर भारतीय संविधान थोपा गया था। फर्नांडिस ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि गोवा अपना भाग्य खुद तय करेगा। फर्नांडिस ने कहा कि लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गोवा 1987 में एक राज्य बना था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए फर्नांडिस ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी से कहा था कि जब 1961 में गोवा आजाद हुआ था, तो भारतीय संविधान हम पर थोपा गया था।

फर्नांडिस ने सभा में कहा कि हमने (पणजी के पास एक होटल में राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान) गांधी के सामने 12 मांगें रखीं और उनमें से एक दोहरी नागरिकता देने से संबंधित थी। गांधी ने मुझसे पूछा कि क्या मांग संवैधानिक है। हमने कहा-नहीं। फर्नांडिस ने कहा कि कांग्रेस सांसद गांधी ने उनसे कहा कि अगर मांग संवैधानिक नहीं होगी तो उस पर विचार नहीं किया जाएगा।फर्नांडिस ने कहा कि मैंने उन्हें समझाया कि भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। जब 1961 में गोवा पुर्तगाली शासन से मुक्त हुआ, तो आपने तत्कालीन केंद्र सरकार का जिक्र करते हुए) हम पर संविधान थोप दिया। हमें इसमें शामिल नहीं किया गया था। फर्नांडिस ने कहा कि उन्हें गांधी के पिता के नाना (नेहरू) का एक भाषण याद है जिसमें उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद गोवा अपना भाग्य खुद तय करेगा कि लेकिन हमारी किस्मत किसी और ने तय की थी।

कांग्रेस प्रत्याशी के इस बयान पर पीएम मोदी ने करारा जवाब दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को जांजगीर-चापा लोकसभा क्षेत्र के बाराद्वार गांव में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एक और बड़ा खेल शुरू कर दिया है। उनके सांसद ने कहा दक्षिण भारत को अलग देश घोषित कर दें। गोवा के उम्मीदवार कह रहे हैं कि गोवा पर भारत का संविधान लागू नहीं होता। गोवा पर भारत का संविधान थोपा गया है। उन्होंने कांग्रेस के शहजादे के सामने ये बात कही है। यह बाबा साहब अंबेडकर और भारत के संविधान का अपमान है। यह भारत के संविधान के साथ छेड़छाड़ है। जम्मू कश्मीर के लोग भी यही कहा करते थे। जनता के आशीर्वाद से आज उनकी बोलती बंद हो गई है। वहां देश का संविधान चल रहा है। बाबा साहब का संविधान जम्मू कश्मीर में लागू है। कांग्रेस के पास ना कोई विजन है न ही कोई नीति है और न ही गरीबों के कल्याण के लिए उसको एबीसीडी आती है।

फर्नांडिस के इस बयान पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रमोद सावंत ने गुस्सा जाहिर करते हुए एक्स पर लिखा, मैं कांग्रेस के दक्षिण गोवा उम्मीदवार के बयान पर हैरान हूँ, जिसमें कहा गया है कि भारत का संविधान को गोवावासियों पर जबरदस्ती थोपा गया है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का स्पष्ट तौर पर मानना था कि गोवा भारत का अभिन्न अंग है।

हिमाचल की मंडी लोकसभा सीटः क्या बीजेपी लहराएगी जीत का परचम या कांग्रेस मारेगी बाजी?

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देश की सबसे हॉट सीटों में से एक

राज परिवारों की सीट रही मंडी

मंडी सीट पर कांग्रेस का रहा है दबदबा

बीजेपी और कांग्रेस में रहती है कड़ी टक्कर

17 लोकसभा चुनाव में से 11 बार कांग्रेस ने दर्ज की जीत

5 बार बीजेपी के पास गई ये सीट

इस बार बीजेपी लहराएगी परचम या कांग्रेस मारेगी बाजी

हिमाचल प्रदेश की 4 लोकसभा सीटों में से मंडी सीट पर हर किसी की नजर होती है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्‍कर देखने को मिलती है। इस लोकसभा सीट पर 1951 से अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं जिसमें से 11 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है जबकि 5 बार ये सीट बीजेपी के पास गई है। जबकि एक बार इस सीट पर बीएलडी ने कब्‍जा जमाया। मंडी लोकसभा सीट राज परिवारों की सीट रही है। यहां से 1 3 बार राज परिवार के सदस्यों ने जीत दर्ज की है। साल 1951 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में यहां से रानी अमृत कौर ने जीत हासिल की थी। इसके अलावा यहां से ललित सेन, जोगिंदर सेन और बुशहर रिसासत के राजा वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह लोकसभा पहुंच चुके हैं। यही नहीं कुल्लू के रूपी रियासत के राजा महेश्वर सिंह भी यहां से चुनाव जीतकर लोकसभा जा चुके हैं।उन्होंने इस सीट से तीन बार चुनाव जीता था।

दो रियासतों मंडी और सुकेत के विलय के साथ मंडी जिले का गठन 1948 में किया गया। साल 1951-52 में देश के पहले आम चुनाव हुए तब मंडी नाम से लोकसभा सीट नहीं थी। पहले चुनाव में मंडी महासू नाम से सीट थी जिस पर कांग्रेस से अमृत कौर को जीत मिली थी। अगले आम चुनाव, जो 1957 में हुए, उसमें मंडी सीट अस्तित्व में आई। इस चुनाव में कांग्रेस से जोगिंदर सेन को जीत मिली। 1962 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ललित सेन को जीत मिली। 1967 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के ललित सेन जीते।

1971 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाले वीरभद्र सिंह को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया। 1971 में हुए चुनाव में वीरभद्र ने बड़ी जीत हासिल की। आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार वीरभद्र सिंह को मंडी सीट पर हार मिली। जनता लहर में यहां से भारतीय लोक दल के गंगा सिंह ने जीत गर्ज की। तीन साल बाद हुए मध्यावधि चुनाव में दोनों उम्मीदवार फिर आमने-सामने थे। इस बार नतीजा बदल गया। वीरभद्र सिंह ने गंगा सिंह से 1977 में मिली हार का बदला ले लिया। 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से सुखराम को अपना उम्मीदवार बनाया। सहानुभूति लहर पर सवार होकर सत्ता में आई कांग्रेस को मंडी से एक बार फिर बहुत बड़ी जीत मिली। 

1989 का लोकसभा चुनाव में मंडी की राजनीति में बदलाव आया।इस चुनाव में भाजपा ने पहली बार सफलता हासिल की। पार्टी की तरफ से उतरे उम्मीदवार महेश्वर सिंह ने कांग्रेस नेता सुख राम को हरा दिया। दो साल बाद हुए 1991 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सुखराम और महेश्वर सिंह आमने-सामने थे। इस बार सुखराम ने मंडी सीट पर कांग्रेस की वापसी कराई। 1996 में सुख राम ने मंडी सीट पर तीसरी बार जीत दर्ज की। हालांकि, घोटाले में नाम आने के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।

1998 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मंडी के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह को टिकट दिया तो कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा। 1999 के चुनाव में भी भाजपा के महेश्वर सिंह तीसरी बार मंडी सीट से जीते।

साल 2004, एक बार फिर वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और भाजपा के महेश्वर सिंह आमने-सामने थे। इस बार प्रतिभा ने 1998 में मिली हार का बदला ले लिया। 2009 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को उतारा। नतीजे आए तो एक बार फिर कांग्रेस दिग्गज को जीत मिली। उन्होंने भाजपा के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह को 13,997 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। 2012 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली और वीरभद्र सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता छोड़ दी। इसके बाद 2013 में हुए उप-चुनाव में यहां से उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह फिर से जीतकर लोकसभा पहुंचीं। 

2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के एक बार फिर प्रतिभा सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया। उनके सामने थे भाजपा के रामस्वरूप शर्मा। भाजपा के राम स्वरुप शर्मा ने कांग्रेस की पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को हरा दिया।2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर बड़ी जीत दर्ज की। भाजपा की इस सफलता में मंडी की जीत में शामिल रही, जहां दूसरी बार भाजपा से राम स्वरुप शर्मा जीते।2021 में मंडी सांसद रामस्वरूप शर्मा का निधन हो गया। इसके बाद मंडी सीट पर उप-चुनाव हुआ। इस चुनाव में भाजपा ने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) खुशाल ठाकुर को उतारा, जबकि कांग्रेस की उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह थीं। उप-चुनाव में प्रतिभा सिंह ने भाजपा के खुशाल ठाकुर को हरा दिया। इस तरह प्रतिभा तीसरी बार मंडी लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं।

अब बात 2024 के चुनाव की कर लेते हैं। इस बार भाजपा ने मंडी लोकसभा सीट से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को अपना उम्मीदवार बनाया है। कंगना के उम्मीदवार बनने के बाद यह सीट सुर्खियों में है। वहीं, कंगना को टक्‍कर देने के लिए कांग्रेस ने विक्रमादित्‍य सिंह पर दांव खेला है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व सांसद प्रतिभा सिंह के पुत्र विक्रमादित्य वर्तमान में शिमला ग्रामीण से विधायक हैं। विक्रमादित्य सिंह का परिवार मंडी लोकसभा सीट का छह बार प्रतिनिधित्व कर चुका है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की कंगना मंडी की “क्वीन” बनती हैं या विक्रमादित्य बाजी मारते हैं।

नहीं मिली अरविंद केजरीवाल को राहत , दिल्ली कोर्ट ने 7 मई तक बढ़ाई हिरासत

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के.कविता और गोवा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के कथित फंड मैनेजर चनप्रीत सिंह की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी। अब दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति को खत्म कर दिया गया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने नीति से संबंधित सीबीआई मामले में कविता की न्यायिक हिरासत भी 7 मई तक बढ़ा दी है। तीनों आरोपियों को वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश किया गया।  

अदालत का यह फैसला आम आदमी पार्टी के संयोजक की उस याचिका को खारिज करने के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल की उपस्थिति में अपने डॉक्टर के साथ रोजाना 15 मिनट के चिकित्सीय परामर्श की अनुमति देने की मांग की थी। दिल्ली अदालत ने निर्देश दिया कि आवश्यक चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाए। किसी विशेष परामर्श की आवश्यकता के मामले में, तिहाड़ जेल अधिकारी एम्स निदेशक द्वारा गठित एक मेडिकल बोर्ड की नियुक्ति करेंगे, जिसमें एक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और एक मधुमेह विशेषज्ञ शामिल होंगे।

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि सोमवार शाम को रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने के बाद केजरीवाल को इंसुलिन की "कम खुराक" दी गई। आप ने हनुमान जयंती के मौके पर मिली इस खबर का स्वागत किया और कहा कि यह विकास भगवान के आशीर्वाद का नतीजा है। तिहाड़ के एक अधिकारी के अनुसार, एम्स के डॉक्टरों की सलाह पर केजरीवाल को सोमवार शाम को कम खुराक वाली इंसुलिन की दो यूनिट दी गईं। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जबरदस्ती सुरक्षा देने से इनकार करने के बाद केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था। 

तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने तेलंगाना एमएलसी को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां उन्हें कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद रखा गया था।

दूसरी ओर, ईडी ने चनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था, जिसने कथित तौर पर गोवा विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आम आदमी पार्टी के फंड का प्रबंधन किया था, जिसे दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में कथित रिश्वत के माध्यम से खरीदा गया था।

न मिट्‌टी, न पत्थर, न लकड़ी... इंदौर के कलाकार ने स्क्रैप-मेटल से बनाई हनुमानजी की अनोखी प्रतिमा, जानिए, इस शहर में होगी स्थापित

आज देशभर में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है। प्रातः से ही हनुमानजी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। तो आज हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हम पूरी तरह से स्क्रैप-मेटल से बनी 8.5 फीट ऊंची एवं 350 किलोग्राम वजन वाली बजरंगबली जी की मूर्ति के बारे में बात करेंगे। इंदौर के एक कलाकार देवल वर्मा द्वारा बनाई गई यह मूर्ति अगले महीने गुजरात के गोधरा में स्थापित की जानी है। 

 देवल वर्मा ने कहा, 'हम बीते 7-8 वर्षों से स्क्रैप-मेटल आर्ट पर काम कर रहे हैं। स्क्रैप-मेटल से हम कलाकृतियां बनाते हैं। और ऑर्डर के मुताबिक प्रतिमा बनाते हैं। गोधरा से एक ऑर्डर आया था। आमतौर पर क्लायंट हमें जगह दिखाता है तथा सुझाव चाहता है कि वहां क्या होना चाहिए। उन्हें भगवान की एक प्रतिमा स्थापित करनी थी। वे हमसे जानना चाहते थे कि कौन सी प्रतिमा बननी चाहिए तथा किस प्रकार से बननी चाहिए। हमने उन्हें हनुमानजी की प्रतिमा सुझाई। फिर हमने हनुमानजी की प्रतिमा डिजाइन की।' आगे देवल वर्मा ने कहा कि, 'सबसे पहले तो यह बजरंगबली की प्रतिमा है तथा हम स्क्रैप से काम कर रहे हैं. मतलब बनानी तो स्क्रैप से ही थी. मगर यह ऐसा था, हम सामान्य तौर पर जो करते हैं उससे कुछ अलग करेंगे। यानी हम प्रतिमा को थोड़ा अलग बनाएंगे। हमने इसमें बहुत सारा पीतल और स्टेनलेस स्टील डाला है।'

डिज़ाइन बनाने में 2-3 महीने का समय लगा

'बजरंगबली जी की इस प्रतिमा को डिजाइन करने में हमें 2-3 महीने लगे। डिज़ाइन में प्रपोशन-डायमेंशन सेट किया। डिजाइन फाइनल होने के पश्चात् हमने मटेरियल की तलाश आरम्भ कर दी कि, कोन से मटेरियल से प्रतिमा बनाई जाए। स्क्रैप ढूंढने में बहुत वक़्त लगता है. प्रतिमा में पीतल की कड़ाही, प्लेट एवं स्टेनलेस स्टील के पाइप हैं। एसएस शीट भी लगी हुई हैं. कारों के स्प्रिंग, गियर बियरिंग अलग-अलग तरह के स्क्रैप से बनाई गई हैं।'

हनुमान चालीसा

हनुमानजी की प्रतिमा बनाने के लिए हमने हनुमान चालीसा का अनुवाद भी किया। उनकी विशेषताएं क्या हैं? जैसे, कांधे मूंज जनेऊ साजै।, यानी जनेऊ कैसे पहनाया जाता है। फिर कानों में कुंडल कैसे हैं। उस प्रकार की डिटेलिंग की गई है। कहा जाता है कि श्री राम जानकी बजरंगबली जी के सीने में बैठे हैं। तो हमने वैसा ही एक स्केच बनाया, उसे डिजिटल रूप से पीतल में उकेरा, एक पेंडेंट बनाया और उनकी छाती पर लगा दिया। इस प्रकार की डिटेलिंग की गई है। वही सबसे बड़ी चुनौती हनुमानजी की प्रतिमा बनाने में सामने यह आती है कि, बजरंगबली जी का शरीर एकदम स्वस्थ है। हनुमानजी शक्तिशाली हैं. इसके साथ ही हनुमानजी का चेहरा अत्यंत सौम्य है। चेहरे पर वह कोमलता एवं सौम्यता लाना बहुत बड़ी चुनौती थी।

स्टेनलेस स्टील, पीतल, माइल्ड स्टील का इस्तेमाल किया गया है। जैसे की पीतल की प्लेट है तो इसे कहां उपयोग करना है, कैसे उपयोग करना है, उस प्रकार से काटकर फिट की गई है।

मूर्ति बनाने में कितना लगा समय 

बजरंगबली जी की इस प्रतिमा को बनाने में कुल 1 वर्ष का वक्र लगा। डिज़ाइन से लेकर मटेरियल संग्रह से लेकर अंतिम निर्माण तक। ऑर्डर पिछले फरवरी में हमारे पास आया तथा प्रतिमा इस वर्ष मार्च में बनकर तैयार हो गई।

इस प्रतिमा को बनाने में हमारी 4 लोगों की टीम ने काम किया। मैं देवल वर्मा, चीफ मैकेनिकल इंजीनियर फैजान खान, चीफ वेल्डर राजेश झा और हेल्पर अर्जुन। यह प्रतिमा इंदौर में हमारे डिजाइन स्टूडियो में बनाई गई है।

यह प्रतिमा गोधरा में बस स्टैंड के पास श्री सार्वत रेस्तरां में स्थापित की जानी है। इस प्रतिमा को बनाते वक़्त सबसे बड़ी चुनौती हनुमानजी के चेहरे पर भाव लाना था। क्योंकि, स्क्रैप सामग्री से कुछ बनाना तथा उसके चेहरे पर भाव लाना सबसे चुनौतीपूर्ण काम है। जब लोग इस मूर्ति को देखते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है कि बजरंगबली जी उन्हें देख रहे हैं। लोगों ने हमें ऐसा बताया है. प्रीव्यू के चलते कई लोग बजरंगबली जी की प्रतिमा के सामने रो पड़े थे। हनुमानजी की दाढ़ी में स्टेनलेस स्टील के तार लगे हैं। गदा पीतल के हुण्डा से बनी होती है। मुकुट पर लोटा है. नीचे पीतल के गिलास हैं। मुकुट के पीछे सिलाई मशीन का पहिया है।

MP में मौजूद है दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर, जहां स्त्री रूप में विराजमान हैं हनुमान, जानिए इसकी मान्यता

 क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश में एक ऐसा हनुमान मंदिर है जहाँ हनुमान जी को महिला रूप में पूजा जाता है? यह अनोखा मंदिर रतनपुर गांव में स्थित है, जो ओरछा के पास है। यह मंदिर न केवल अपनी अनोखी प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां भगवान हनुमान की पूजा करने की परंपरा भी अद्भुत है।

मंदिर के इतिहास की बात करें तो कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 25 किलोमीटर दूर बिलासपुर के राजा पृथ्वीदेवजू ने कराया था। राजा कोढ़ से पीड़ित थे और इस रोग से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने हनुमान जी की भक्ति की। एक रात उन्हें सपने में हनुमान जी की एक स्त्री रूपी प्रतिमा दिखाई दी, जिसने उन्हें मंदिर बनाने और तालाब खोदने का आदेश दिया। राजा ने सपने में देखी गई प्रतिमा के अनुसार मंदिर का निर्माण करवाया और तालाब खोदकर उसमें स्नान किया, जिससे उन्हें रोग से मुक्ति मिली।

मंदिर की विशेषताएं:

इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा को महिलाओं के समान श्रृंगार किया जाता है। उन्हें जेवर और नथ भी पहनाए जाते हैं। मंदिर में नियमित रूप से आरती और भोग लगाया जाता है। हर मंगलवार को यहां ​विशेष पूजा का आयोजन होता है।

भगवान राम मंदिर:

हनुमान मंदिर के पास ही भगवान राम का मंदिर भी है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। मंदिर खुलते ही सेना के जवान उन्हें सलामी देते हैं। यह मंदिर बुंदेलखंड की राजधानी कहे जाने वाले ओरछा में स्थित है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यदि आप कभी ओरछा जाते हैं, तो इन अनोखे मंदिरों की यात्रा अवश्य करें।

अतिरिक्त जानकारी:

मंदिर का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक

स्थान: रतनपुर गांव, ओरछा, मध्य प्रदेश

निकटतम रेलवे स्टेशन: झांसी (45 किलोमीटर)

निकटतम हवाई अड्डा: ग्वालियर (100 किलोमीटर)

कौन हैं कांग्रेस के “खास जमात”, जिसका जिक्र पर राजस्थान में गजरे पीएम मोदी, 'हनुमान चालीसा' के बहाने भी खूब बरसे

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पूरा देश भीषण गर्मी से झुलस रहा है, वहीं लोकसभा चुनाव को लेकर बढ़े सियासी हलचल ने तापमान को और बढ़ाने का काम किया है। चुनाव से पहले देश भर में नेताओं के लगातार दौरे चल रहे हैं, तो वहीं पीएम मोदी के भी अलग-अलग राज्यों में लगातार दौरे हो रहे हैं। इसी क्रम में पीएम मोदी मंगलवार को राजस्थान दौरे पर पहुंचे।हनुमान जयंती पर उन्होंने भाषण की शुरुआत ही बजरंग बली की जय के साथ की। फिर कर्नाटक का एक किस्सा भी सुनाया। आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार में हनुमान चालीसा सुन रहे व्यापारी को पीट-पीटकर लहुलूहान कर दिया गया। इनके राज में तो हनुमान चालीसा सुनना भी गुनाह हो गया है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने “खास वोटबैंक” का जिक्र करते हुए इंडिया गठबंधन पर खूब हमला बोला।

पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान ने हर बार भाजपा को भरपूर आशीर्वाद दिया है। आज रामभक्त हनुमान जी की जयंती का पवित्र दिन है। पूरे देश को हनुमान जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। पीएम ने बजरंग बली के जयकारे लगाए। इस दौरान पीएम ने कांग्रेस के राज में हनुमान चालीसा सुनना भी गुनाह हो जाता है।

पीएम ने कहा कि आज हनुमान जयंती पर आपसे बात करते हुए मुझे कुछ दिन पहले की एक तस्वीर भी याद आ रही है। कुछ दिन पहले कांग्रेस के शासन वाले कर्नाटक में एक छोटे दुकानदार को केवल इसलिए बुरी तरह से पीटा गया, क्योंकि वो अपनी दुकान में बैठे-बैठे हनुमान चालीसा सुन रहा था। पीएम ने कहा कि कांग्रेस के राज में हनुमान चालीसा सुनना भी गुनाह हो जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने तो राम-राम सा कहने वाले राजस्थान में रामनवमी पर प्रतिबंध लगा दिया था। कांग्रेस ने शोभायात्रा पर पत्थरबाजी करने वालों को सरकारी संरक्षण दिया था।पीएम ने कहा कि अब भाजपा सरकार आने के बाद किसी की हिम्मत नहीं है कि आपकी आस्था पर सवाल उठा दे। अब आप चैन से हनुमान चालीसा भी गाएंगे और रामनवमी भी मनाएंगे।

पीएम ने आगे कहा कि साल 2014 में आपने मोदी को दिल्ली में सेवा का अवसर दिया। फिर देश ने वो फैसले लिए जिनकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 के बाद भी और आज भी अगर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार होती तो क्या क्या हुआ होता। कांग्रेस होती, तो जम्मू कश्मीर में आज भी हमारी सेनाओं पर पत्थर चल रहे होते। कांग्रेस होती, तो सीमा पार से आकर दुश्मन आज भी हमारे जवानों के सिर काटकर ले जाते। कांग्रेस होती, तो न ही हमारे फौजियों के लिए वन रैंक-वन पेंशन लागू होती और न ही हमारे पूर्व सैनिकों को 1 लाख करोड़ रुपये मिलते। 

“खास जमात को आरक्षण देना चाहते हैं”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2011 में कांग्रेस ने एससी-एसटी को मिला अधिकार छीनकर मुस्लिमों को देने का प्रयास किया। कांग्रेस ने संविधान की परवाह नहीं की, बाबा साहब अंबेडकर की परवाह नहीं की। जब कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बनी तो पहला काम किया कि धार्मिक आधार पर आरक्षण खत्म कर दिया। कांग्रेस और इंडी अलायंस जब सत्ता में थे तो ये लोग दलितों और पिछड़ों के आरक्षण में सेंधमारी करते और वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए उनकी खास जमात को आरक्षण देना चाहते थे। संविधान इसके खिलाफ है। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस यह एलान करेगी कि इस संविधान में दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को कम करके मुसलमानों को नहीं बांटेगी।

“आपकी संपत्ति छीनकर उनके खास लोगों को बांटने की गहरी साजिश”

पीएम मोदी बोले कि देश में धार्मिक आधार पर आरक्षण का घोर विरोध हुआ था। कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। 2004 में जैसे ही केंद्र में कांग्रेंस की सरकार बनी, उसमें सबसे पहला काम आंध्र में एससी-एसटी रिजर्वेशन में कमी कर मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रयास किया गया। 2004 से 2010 के बीच कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में चार बार मुस्लिम रिजर्वेशन लागू करने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट की सक्रियता के कारण यह लागू नहीं कर पाई। मैंने देश के सामने सच रखा कि कांग्रेस आपकी संपत्ति छीनकर उनके खास लोगों को बांटने की गहरी साजिश रच रही है। मैंने कांग्रेस की इस तुष्टिकरण की साजिश का पर्दाफाश किया था। इससे कांग्रेस को इतनी मिर्ची लगी है कि वे मोदी को गाली देने में लगे हैं।

“राजस्थान में एक भी पंजा बचना नहीं चाहिए”

पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि अभी कांग्रेस के एक नेता ने पब्लिकली कहा कि एक्सरे करके लोगों की संपत्ति का पता लगाएंगे। फिर जो भी ज्यादा होगा, वह लोगों में बांट देंगे। यह आपको मंजूर है क्या? क्या मंगल सूत्र पर हाथ लगा सकते हैं? इस पंजे की यह ताकत... राजस्थान में एक भी पंजा बचना नहीं चाहिए।

लोकसभा चुनाव के बीच बढ़ी भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय की मुश्किलें! कोर्ट ने दिए जांच के आदेश, जानें पूरा मामला

दो साल पहले खरगोन में हुए दंगे को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री द्वारा वायरल किए गए वीडियो का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। सोमवार को कांग्रेस प्रवक्ता अमिनुल सूरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस को 90 दिन में जांच कर प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए है। प्रवक्ता ने कोर्ट आदेश की प्रति तिलक नगर थाने में सौंपी है।

दो साल पहले रामनवमी को खरगोन में दंगे हुए थे। तब वहां कर्फ्यू भी लगा था। दंगे से जुड़ा एक वीडियो मंत्री विजयवर्गीय ने फेसबुक पोस्ट किया था। उस वीडियो पर आपत्ति लेते हुए सूरी ने 16 अप्रैल 2022 को तिलक नगर थाने में शिकायत की थी कि विजयवर्गीय ने जो वीडियो पोस्ट किया हैै। वह तेलंगाना का है। उसे विजयवर्गीय ने खरगोन का बताया। इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई है।

 

शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज नहीं किया तो सूरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिए है कि मामले की 90 दिनों के भीतर जांच कर प्रकरण दर्ज करे। रात को सूरी ने तिलक नगर थाने में कोर्ट की प्रति दी और पुलिस अफसरों से मामले की जल्दी जांच शुरू कर विजयवर्गीय के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की।

खरगोन हादसे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसे फर्जी बताते हुए भाजपा के पदाधिकारियों ने 9 जिलों में सिंह के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराए थे।

एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा, भारत में भी रूस के राष्ट्रपति पुतिन की राह पर चल रहे पीएम मोदी, जमकर कसा तंज

NCP (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। शरद पवार ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्रियों ने नया भारत बनाने के लिए काम किया लेकिन पीएम मोदी केवल दूसरों की आलोचना करते हैं और इस बारे में नहीं बोलते कि उनकी सरकार ने पिछले दस वर्षों में लोगों के लिए क्या किया है। 

शरद पवार ने कहा, ''केंद्र सरकार ने पिछले दस वर्षों में क्या किया, यह बताने के बजाय वह (मोदी) दूसरों की आलोचना करते रहते हैं।'' उन्होंने कहा, "हमें डर है कि भारत में एक नया पुतिन बन रहा है।" शरद पवार ने अमरावती में महा विकास अघाड़ी (MVA) के उम्मीदवार के लिए वोट मांगते हुए कहा कि देश के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि कुछ भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक रूप से संविधान को बदलने के बारे में बात की थी और लोगों से अपील की थी कि वे भारत में निरंकुशता को आकार न लेने दें।

पवार ने कहा, "प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद, मैंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव से लेकर मनमोहन सिंह तक लगभग सभी प्रधानमंत्रियों का काम देखा। उनके प्रयास एक नया भारत बनाने के थे, लेकिन मौजूदा प्रधान मंत्री केवल आलोचना करते हैं।" उन्होंने कहा कि इतिहास में पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू के योगदान को कोई नहीं भूल सकता, लेकिन प्रधानमंत्री (मोदी) लगातार उनकी आलोचना करते हैं। 

 

उल्लेखनीय है कि, अमरावती लोकसभा क्षेत्र में एक हाई-प्रोफाइल चुनावी लड़ाई बन रही है, जहां भाजपा ने मौजूदा सांसद नवनीत राणा को मैदान में उतारा है, जिन्होंने 2019 का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के बलवंत वानखेड़े के खिलाफ जीता था।

रॉबर्ट वाड्रा के अमेठी से चुनाव लड़ने की इच्छी पर स्मृति ईरानी का राहुल गांधी पर तंज, बोलीं- '.....साले साहब क्या करेंगे'

लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान शुरू भी चुका है। अब 26 अप्रैल को दूसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। हालांकि कांग्रेस ने सबसे अहम सीटों अमेठी और रायबरेली से अब तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। हालांकि अभी हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा अमेठी से टुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। अब इस पर भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा पर कटाक्ष किया है। ईरानी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा है कि “जीजाजी की नज़र हैं, साले साहब क्या करेंगे। साथ ही स्मृति ईरानी ने दावा किया की उन्होंने पांच साल में अमेठी निर्वाचन क्षेत्र में गांधी की तुलना में 15 साल से अधिक काम सुनिश्चित किया। 

केंद्रीय मंत्री ने अमेठी में एक सार्वजनिक सभा में आगे कहा, "राहुल गांधी भी अपनी सीट पर रूमाल रखकर आएंगे क्योंकि उनके जीजा की नजर इस सीट पर है।" स्मृति ईरानी ने अमेठी में कहा, ''क्या ऐसा कभी हुआ है? चुनाव में महज 27 दिन बचे हैं, लेकिन कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इतना अहंकार !जो मैं पांच साल में किया है , राहुल गांधी 15 साल में नहीं कर सके।'' राहुल गांधी लगातार तीन बार अमेठी से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे। उनसे पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके माता-पिता सोनिया गांधी और राजीव गांधी और चाचा संजय गांधी ने किया था।

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी सीट से चुनाव लड़ा था। जबकि अमेठी 15 साल तक कांग्रेस का गढ़ रहा था, ईरानी ने इस सीट से राहुल गांधी को हराया था। 

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही केरल की वायनाड सीट से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर चुके हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस चुनाव में अमेठी सीट से चुनाव लड़ेंगे, राहुल गांधी ने पहले कहा था कि वह पार्टी के आदेशों का पालन करेंगे। इस बीच, प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी सीट से उम्मीदवार होने के कई संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि वह उनका प्रतिनिधित्व करें और अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो वे भारी अंतर से उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे।लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को अमेठी में मतदान होगा।