*नवरात्र की तैयारियां शुरु, चल रहा मां के मंदिरों की साफ सफाई काम,बाजार भी गुलजार*
रायबरेली- चैत्र की नवरात्र आगामी नौ अप्रैल को शुरु होगी।
इसके लिए शहर से लेकर गांव कस्बों में तैयारियां शुरु हो गई हैं। भक्तों ने अपनी मां के मंदिरों की साफ सफाई शुरु कर दी है।सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा करने का विधान है। साथ ही सुख और शांति के लिए व्रत भी किया जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्र की शुरुआत 9 अप्रैल से होगी और खरमास का समापन 13 अप्रैल को होगा। चैत्र नवरात्र के शुरुआत के पांच दिनों तक खरमास का साया रहेगा। ऐसे में 9 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। खरमास के समापन के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
खरमास में नही होते ये काम
खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास में इन कार्यों को करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। इसके अलावा खरमास में सगाई और शादी नहीं नहीं करनी चाहिए। कोई संपत्ति खरीदना और घर खरीदना नहीं करना चाहिए। खरमास में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। खरमास की अवधि में बिजनेस की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
कब से कब तक है खरमास
पंचांग के अनुसार, इस बार 14 मार्च से खरमास की शुरुआत की हो गई है और इसका समापन 13 अप्रैल को होगा। इस दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ खरमास की अवधि समाप्त होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू होंगे और 17 अप्रैल को समापन होगा। नवरात्रि की दुर्गा नवमी भी 17 अप्रैल को है। इस दिन राम नवमी भी मनाई जाएगी।ये नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा के 9वें स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।कन्या पूजन, हवन और समस्त धार्मिक अनुष्ठानों की समाप्ति के बाद इसी दिन नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है।
चैत्र नवरात्रि की नवमी का महत्व
महानवमी पर देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने से हर कार्य सिद्ध हो जाते हैं।मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए न सिर्फ देवता बल्कि राक्षस, गंधर्व, ऋषि मुनि भी कठोर तपस्या करते हैं।
लाल चुनरी चढ़ा कर दूर होते हैं दुःख
स्वंय शिव जी ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से 9 सिद्धियों को प्राप्त की थी। मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के आखिरी दिन माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाने से सारे दुख, दर्द, दोष दूर हो जाते हैं।इस दिन हवन करने से नवरात्रि का पूजन सफल हो जाता है।साथ ही कन्या पूजन से देवी प्रसन्न होती है।
चैत्र नवरात्रि की नवमी पर राम जन्मोत्सव
शारदीय और चैत्र नवरात्रि दोनों में ही नवमी तिथि का श्रीराम से गहरा संबंध बताया गया है। शारदीय नवरात्रि की नवमी पर भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्ति की थी। चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राजा दशरथ के घर पुरुष अवतार लेकर श्रीराम ने जन्म लिया था।
नवरात्र में बाजार गुलजार
नवरात्र में शहर और कस्बों बाजार गुलजार हो गए हैं सभी भक्त अपनी जरूरतों के अनुसार खरीददारी कर रहे हैं। लोग अपने हिसाब से धार्मिक सामग्री की खरीददारी कर रहे हैं।
Apr 06 2024, 20:03