अमेरिका भारत के विपक्ष के लिए तो आवाज उठाता है लेकिन पाकिस्तान के लिए, जानें पत्रकार के इस सवाल पर क्या बोला यूएस

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद है। अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र के अफसरों ने बयान जारी किया था। हांलाकि, भारत की ओर से इन पर आपत्ति जाहिर की गई थी। भारत ने अपने आंतरिक मामलों में दखल ना देने की सलाह दी थी। अब बुधवार को अमेरिका के विदेश विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके प्रवक्ता मैथ्यू मिलर इस मामले में फंसते नजर आए। इसे लेकर अमेरिका पर पक्षपात का आरोप लग रहा है। दरअसल एक पत्रकार ने अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से पूछा कि अमेरिका, भारत में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर मुखर है, लेकिन पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तार पर उसने चुप्पी क्यों साधी हुई है? 

अमेरिका ने इसपर सफाई देते हुए कानून के शासन को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि सभी के साथ निष्पक्षता और मानवाधिकारों के सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए।दरअसल, प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पाकिस्तानी मूल के पत्रकार ने पूछा, अमेरिका भारत के विपक्ष के लिए तो आवाज उठाता है लेकिन ऐसा पाकिस्तानी विपक्ष को लेकर देखने नहीं मिलता है। जबकी पाकिस्तान में कई पॉलिटिकल लीडर जेलों के अंदर है जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। जिसके जवाब में स्पोकपर्सन ने ज्यादा कुछ नहीं बोलने का नहीं रहा। उन्होंने जवाब दिया कि अमेरिका का स्टेंड सभी देशों के लिए समान है। कई मौकों पर हमने पाकिस्तान के लिए भी ऐसी ही आवाजें उठाई है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मिलर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका केजरीवाल की गिरफ्तारी की निगरानी कर रहा है और भारत से निष्पक्ष और समय पर कानूनी प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आह्वान किया। हालांकि पाकिस्तान के मामले में मिलर का बयान अलग देखा जाता रहा है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अगस्त 2023 में गिरफ्तार किया गया था। मिलर ने तब इसे पाकिस्तान का आंतरिक मामला बताया था। मिलर से पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि इमरान की सुनवाई निष्पक्ष होगी? इसपर उन्होंने कहा था, 'हमारा मानना है कि यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है।' इसके अलावा उन्होंने इमरान को सजा सुनाए जाने की भी कोई आलोचना नहीं की थी।

बता दें कि दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है, जिस पर अमेरिका, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र ने बयान जारी किया। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने एक बयान में कहा कि हम एक संप्रभु राष्ट्र हैं और हम नहीं चाहते कि हम एक दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल दें।

ऋषिकेश एम्स में पहली बार हुई दुर्लभ सर्जरी, बना ऐसा करने वाला देश का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान

यदि किसी नवजात बच्चे का सिर जन्म के समय से ही टेढ़ा-मेढ़ा अथवा अविकसित स्थिति में है तो घबराइए नहीं, एम्स ऋषिकेश में इसका इलाज उपलब्ध है।

स्प्रिंग असिस्टेड क्रिनियोप्लास्टी तकनीक के माध्यम से संस्थान ने डेढ़ माह के एक बच्चे के सिर को नया आकार प्रदान किया है। दावा है कि भारत में एम्स ऋषिकेश ही एकमात्र सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है, जहां इलाज की यह सुविधा उपलब्ध है।

स्वास्थ्य सुविधाओं और इलाज की नवीनतम तकनीकों के मामले में एम्स ऋषिकेश लगातार नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हाल ही में यहां एक ऐसे नवजात बच्चे के सिर की सर्जरी की गई है जिसका सिर गोल आकार में न होकर बेडौल किस्म का था। यह बच्चा हरिद्वार का रहने वाला है और इसका जन्म भी एम्स ऋषिकेश में ही हुआ है।

न्यूनतम चार महीने के शिशु की ही की जाती है सर्जरी

संस्थान के प्लास्टिक सर्जरी और पुनर्निमाण विभाग ने न्यूरो सर्जरी और एनेस्थेसिया विभाग के साथ टीमवर्क से यह चमत्कार कर दिखाया है। आमतौर पर यह सर्जरी न्यूनतम चार महीने के शिशु की ही की जाती है। लेकिन इतनी छोटी उम्र के बच्चे के सिर की सर्जरी कर उसके बेडौल सिर को सामान्य आकार देने का यह पहला मामला है। मेडिकल क्षेत्र में इस तकनीक को स्प्रिंग असिस्टेड क्रिनयोप्लास्टी कहा जाता है।

बर्न एवं प्लास्टिक चिकित्सा विभाग की सर्जन डा. देवब्रती चटोपाध्याय ने बताया कि स्प्रिंग असिस्टेड क्रिनियोप्लास्टी, शैशव अवस्था से बच्चे के असामन्य (संकीर्ण, लंबा, तिरछा अथवा बेडौल) सिर के आकार को सुविकसित करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया मस्तिष्क की क्षति को बेहतर ढंग से बचाने और अविकसित सिर की मरम्मत करने में विशेष कारगर है।

डा. देवब्रती ने बताया कि इसे कपालीय स्प्रिंग सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है। टीम में शामिल रहे न्यूरो सर्जन और न्यूरो सर्जरी विभाग के हेड प्रो. रजनीश अरोड़ा ने बताया कि इस बच्चे का सिर का साइज बहुत छोटा और बेडौल किस्म का था। यदि यह सर्जरी नहीं की जाती तो उम्र बढ़ने पर उसके सिर और मस्तिष्क का विकास नहीं हो पाता है।

उन्होंने बताया कि चूंकि यह सिर (कपाल) के उस भाग को भी प्रभावित करती है जहां हमारा मस्तिष्क अथवा दिमाग होता है, इसलिए यह सर्जरी बेहद संवेदनशील और जोखिम भरी थी। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने इसे तकनीक युक्त सर्जरी के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया और सर्जरी में शामिल रहे चिकित्सकों की टीम की सराहना की।

क्या है स्प्रिंग्स असिस्टेड क्रियोनेप्लास्टी

बर्न एवं प्लास्टिक शल्य चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डा. विशाल मागो बताते हैं कि नवजात बच्चों के सिर की सर्जरी की यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खोपड़ी के अंतर को चौड़ा करने के लिए सिर में छोटे चीरे लगाकर वहां स्टेनलेस स्टील स्प्रिंग्स फिट कर दी जाती है। ताकि मस्तिष्क को बढ़ने के लिए जगह मिल सके।

स्प्रिंग खुलने पर कुछ महीनों बाद वहां नई हड्डी बन जाती है और शिशु के सिर को एक नया स्वरूप मिल जाता है। इस सर्जरी में सिर की त्वचा को घुलनशील टांकों से बंद कर दिया जाता है और बाद में टांके हटाने की जरूरत नहीं पड़ती है।

बीजेपी में शामिल हुए गौरव वल्लभ, बताई कांग्रेस छोड़ने की वजह

#gourav_vallabh_join_bjp 

कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले गौरव वल्लभ ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली है। आज सुबह ही गौरव वल्लभ ने कांग्रेस गौरव वल्लभ ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। गौरव वल्लभ ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा कि वो सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते। ऐसे में पार्टी में बना रहना मुश्किल है।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ के साथ बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने गुरुवार को भाजपा का दामन थाम लिया। इन दोनों नेताओं के साथ राष्ट्रीय जनता दल के नेता एवं पूर्व लोकसभा उम्मीदवार उपेंद्र प्रसाद ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और संजय मयूख की मौजूदगी में गौरव वल्लभ, अनिल शर्मा और उपेंद्र प्रसाद ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

भाजपा में शामिल होने के बाद गौरव वल्लभ ने कहा कि वह अपने पत्र में अपनी वेदना और व्यथा लिख चुके हैं। उन्होंने कहा कि राममंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के न्योते को ठुकराने से वह दुखी हैं, वह दिन भर वेल्थ क्रिएटर्स की आलोचना नहीं कर सकते और न ही कांग्रेस पार्टी की तरह लगातार सनातन धर्म का अपमान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी क्षमता का सदुपयोग भारत जैसे महान देश को आगे ले जाने के लिए करना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।

इससे पहले गुरूवार सुबह गौरव वल्लभ ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना त्यागपत्र भेजा। खरगे को भेजे इस्तीफे की फोटो शेयर पोस्ट कर लिखा -'कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं।'

उन्होंने खरगे को भेजे इस्तीफा लेटर में लिखा कि भावुक हूं और मन व्यथित है। काफी कुछ कहना चाहता हूं, लिखना चाहता हूं और बताना चाहता हूं। लेकिन मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं। फिर भी मैं आज अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि सच को छुपाना भी अपराध है। ऐसे में मैं अपराध का भागी नहीं बनना चाहता।

'दिल्लीवासियों को किसी तरह की तकलीफ नहीं होनी चाहिए'केजरीवाल का संदेश लेकर फिर सामने आईं पत्नी सुनीता*
#arvind_kejriwal_wife_sunita_kejriwal_share_delhi_cm_message_sent_from_tihar_jail दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद से ही अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के जरिए अपना मैसेज लोगों तक पहुंचा रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने गुरुवार 4 अप्रैल को एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस की और तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री का संदेश पढ़ा। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने सभी विधायकों को एक संदेश भेजा है। बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना ये संदेशा भेजा है। सुनीता केजरीवाल ने आज गुरुवार को प्रेस वार्ता कर सीएम केजरीवाल का तिहाड़ जेल से आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों को भेजा गया संदेश पढ़ा।सुनीता ने बताया कि सीएम केजरीवाल ने कहा, मैं जेल में हूं इस वजह से मेरे किसी दिल्लीवासी को किसी तरह की तकलीफ नहीं होनी चाहिए। सभी विधायक हर दिन अपनी विधानसभा में जाएं और इलाकों का दौरा करें। लोगों की समस्याओं का हल करें। मैं केवल सरकारी विभागों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने की बात नहीं कर रहा, हमें लोगों की बाकी समस्याएं भी दूर करनी हैं। दिल्ली की दो करोड़ जनता मेरा परिवार है। उन्होंने कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।' बता दें कि दिल्ली सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल इससे पहले भी उनका संदेश साझा कर चुकी हैं। शराब नीति घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग में एक अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिमांड खत्म होने पर ईडी ने उन्हें राउव एवेन्यू कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की।इस पर अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजे दिया। इसके बाद सोमवार शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया।
राहुल गांधी को “टेंशन” देने वायनाड तक पहुंची स्मृति ईरानी, रोड शो कर जनता को दिलाई अमेठी की याद

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“हाथ धोकर पीछे पड़ना” इस मुहावरे का अर्थ तो सभी जानते ही होंगे सभी। लोकसभा चुनाव के माहौल में केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की नेता स्मृति ईरानी पर ये कहावत एकदम फिट बैठ रही है। अमेठी से राहुल गांधी को वायनाड “भगाकर” भी स्मृति ईरानी उनका पीछा नहीं छोड़ रही है। जी हां, स्मृति ईरानी कांग्रेस नेता की “पीछे” वायनाड तक पहुंच गई हैं और उनकी टेंशन बढ़ाने का काम किया। ये खबर पढ़कर आपलोग टेंशन में मत आइएगा। अगर आप सोच रहे हैं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपना लोकसभा क्षेत्र बदलने वाली हैं, तो ये गलत है। दरअसल, स्मृति ईरानी आज केरल के वायनाड में हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नामांकन के 24 घंटे बाद ईरानी बीजेपी उम्मीदवार के नामांकन में शामिल हुईं और रोडशो कर कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला।

केरल भाजपा प्रमुख और वायनाड से उम्मीदवार के सुरेंद्रन ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करने से पहले आज रोड शो किया। सुरेंद्रन के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी दिखीं, जिन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। बुधवार को राहुल गांधी ने बहन प्रियंका गांधी को साथ लेकर रोडशो करते हुए नामांकन किया था। आज बारी भाजपा के उम्मीदवार के. सुरेंद्रन की थी। रोडशो के दौरान स्मृति इरानी ने धनुष-बाण लेकर निशाना साधा।

कल जहां राहुल गांधी ने अंग्रेजी में भाषण दिया था और वेणुगोपाल उसका मलयालम में अनुवाद करते जाते। आज स्मृति हिंदी में बोलीं और अनुवाद के सवाल पर कह दिया कि आप अनुवाद करना जाने दो। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रैली में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं उस निर्वाचन क्षेत्र से आई हूं, जहां गांधी परिवार ने 50 वर्षों तक सत्ता संभाली थी, लेकिन अब वहां हार चुकी है। आज हम केरल में लोकतंत्र को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले 150 से अधिक स्वयं सेवकों के आशीर्वाद के साथ इस यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं।

बता दें कि स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से राहुल गांधी को हराया था। वह इस सीट से मौजूदा सांसद हैं और पार्टी ने उन्हें दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी का मानना है कि राहुल गांधी की काट स्मृति ईरानी हैं। शायद इसी वजह से अब केरल की वायनाड सीट पर भी स्मृति को चुनाव प्रचार के लिए भेजा गया है।

मप्र की इस सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला, किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ने किया चुनाव लड़ने का ऐलान, खरीदा नामांकन फॉर्म

 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही समय बचा हुआ है. इस बीच दमोह लोकसभा सीट बुंदेलखंड अंचल की हाईप्रोफाइल सीट बनती जा रही है, क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस इस सीट पर पूरा जोर लगा रही है, वहीं अब दमोह के सियासी दंगल में थर्ड जेंडर दुर्गा मौसी की एंट्री भी हो गई है. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. खास बात यह है कि वह 100 किलोमीटर स्कूटी चलाकर दमोह पहुंची और नामांकन फॉर्म खरीदा, दुर्गा मौसी का कहना है कि उनके पास दमोह की जनता के लिए वादों का पूरा पिटारा है. 

दुर्गा मौसी ने दमोह पहुंचकर नामांकन खरीद लिया है, वह गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगी. खास बात यह है कि दुर्गा मौसी दमोह के पड़ौसी जिले कटनी की रहने वाली हैं, जो अपने संसदीय क्षेत्र खजुराहो को छोड़कर दमोह से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी. उनका कहना है कि उन्हें जनसेवा करना है और फिर इलाका कोई भी हो जनता तो एक ही है. इसलिए उन्होंने दमोह सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाया है. 

किन्नर दुर्गा मौसी के पास वादों और दावों का पिटारा बड़े नेताओं की तरह है, सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसे मुद्दों पर उनका फोकस है और नामांकन दाखिल करने से पहले ही वो इन बातों को जनता के बीच रख रही है. देश में छाए राम मंदिर के मुद्दे को लेकर वो कहती है कि वो खुद एक अखाड़े की महामंडलेश्वर है और राम कृपा उनके ऊपर है, लोगो के मन में मंदिर है लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

खास बात यह है कि दुर्गा मौसी की सियासत में दिलचस्प शुरू से ही रही है. उन्होंने सरपंची से अपने सियासी करियर की शुरुआत की थी और वर्तमान में वह कटनी जिले की जनपद सदस्य हैं. बुधवार को अपनी स्कूटी चलाते हुए 100 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करके वो दमोह पहुंची और चुनाव के लिए फॉर्म खरीदा. बहरहाल, लोकसभा चुनाव की अब तक कि प्रक्रिया में संभवत दुर्गा मौसी पहली थर्ड जेंडर हो सकती है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. बता दें कि दमोह लोकसभा सीट से बीजेपी ने राहुल सिंह लोधी और कांग्रेस ने तरवर सिंह लोधी को टिकट दिया है.

भांजी अलीजेह ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को लेकर किया बड़ा खुलासा, कहा- मैं थक जाती हूं लेकिन मामू…

‘फर्रे’ फिल्म से बॉलीवुड में अपना डेब्यू कर चुकीं अलीजेह अग्निहोत्री सलमान खान की भांजी हैं. वो सलमान की बहन अलवीरा खान-अग्निहोत्री और एक्टर अतुल अग्निहोत्री की बड़ी बेटी हैं. हाल ही में सलमान खान और अलीजेह दोनों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर फैन्स के साथ एक खुशखबरी शेयर की थी. उन्होंने बताया था कि जल्द ही अलीजेह की फिल्म ‘फर्रे’ ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी5 पर रिलीज होने जा रही है. टीवी9 हिंदी डिजिटल के साथ की खास बातचीत में अलीजेह ने हर कदम पर उनका साथ देने वाले उनके मामू सलमान खान की खूब तारीफ की.

अलीजेह ने कहा, “सलमान मामू का एटिट्यूड और उनकी एनर्जी कमाल की है. वो इतने बड़े स्टार हैं. लेकिन ये बात वो कभी महसूस ही नहीं होने देते. उन्हें खुद भी याद नहीं रहता कि वो दुनिया के सुपरस्टार हैं. वो हमेशा एक नॉर्मल इंसान की तरह पेश आते हैं. उनकी एनर्जी देख हम सब दंग रह जाते हैं. उनकी एनर्जी के सामने तो मैं भी थक जाती हूं. अभी भी वो एक यंग लड़के की तरह काम करते हैं. जिस तरह से वो अपना काम करते हैं, मुझे ही नहीं सबको उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए.”

आगे अलीजेह ने कहा, “कई बार लोग जो कहते हैं उससे ज्यादा आप जो देखते हो उससे आप बहुत कुछ सीखते हो. मैंने भी सलमान मामू को देखकर बहुत सी चीजें सीखी हैं. लेकिन अब तक उनकी एनर्जी नहीं हासिल कर पाई हूं. वो एनर्जी मुझे मेरे काम में भी लानी है. सलमान खान ने बॉलीवुड में डेब्यू करते समय क्या सलाह दी इस सवाल का जवाब देते हुए अलीजेह ने कहा, “मेरी पूरी फैमिली ने मुझे यही कहा कि जो भी करना, पूरे दिल से करना, मन लगा कर करना और साथ ही अपना काम पूरी तरह एंजॉय करना मत भूलना.

*केजरीवाल को बड़ी राहत, सीएम पद से हटाने की मांग वाली दूसरी याचिका भी खारिज*
#delhi_high_court_rejects_plea_to_remove_arvind_kejriwal_from_cm_post तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पद से हटाने के लिए दाखिल दूसरी जनहित याचिका को भी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे पहले भी हाईकोर्ट केजरीवाल को सीएम पद से हटाने वाली एक जनहित याचिका खारिज कर चुका है। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि ये कार्यपालिका से जु़ड़ा मामला है। शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली एक और याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा है कि इस बारे में कदम उठाना एलजी और राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में है। ऐसे में इस तरह का आदेश हम नहीं दे सकते। हालांकि, कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा, कई बार राष्ट्रीय हित, निजी हित से बड़े होते हैं, लेकिन यह निर्णय उनका (केजरीवाल) है। हिंदू सेना नामक संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर याचिका में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए उन्हें सीएम पद से हटाने की मांग की गई थी। हालांकि, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि यह केजरीवाल का निजी फैसला होगा कि उन्हें मुख्यमंत्री बने रहना है या नहीं। फिर भी, पीठ ने एक सूक्ष्म संकेत जरूर दिया। इसमें टिप्पणी की गई कि "कभी-कभी, व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के अधीन करना पड़ता है लेकिन यह उनका (केजरीवाल का) निजी फैसला है। याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम कैसे कह सकते हैं कि सरकार काम नहीं कर रही है। एलजी फैसला लेने में सक्षम हैं। उन्हें हमारी सलाह की जरूरत नहीं है। वो कानून के मुताबिक काम करेंगे। इस मामले में एलजी या राष्ट्रपति ही सक्षम हैं। जब कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश देने से इनकार कर दिया तो याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वो इसे वापस लेना चाहते हैं और एलजी के पास अपनी दरख्वास्त देंगे। बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रहने वाले हैं। हालांकि दिल्ली सीएम केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने बुधवार को उनकी याचिका पर 3 घंटे तक चली सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। आज कोर्ट इस बात का फैसला कर सकता है कि केजरीवाल को जमानत दी जाए या फिर उन्हें अभी न्यायिक हिरासत में ही रहना होगा।
केजरीवाल को बड़ी राहत, सीएम पद से हटाने की मांग वाली दूसरी याचिका भी खारिज

#delhi_high_court_rejects_plea_to_remove_arvind_kejriwal_from_cm_post

तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पद से हटाने के लिए दाखिल दूसरी जनहित याचिका को भी दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे पहले भी हाईकोर्ट केजरीवाल को सीएम पद से हटाने वाली एक जनहित याचिका खारिज कर चुका है। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि ये कार्यपालिका से जु़ड़ा मामला है।

शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली एक और याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा है कि इस बारे में कदम उठाना एलजी और राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में है। ऐसे में इस तरह का आदेश हम नहीं दे सकते। हालांकि, कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा, कई बार राष्ट्रीय हित, निजी हित से बड़े होते हैं, लेकिन यह निर्णय उनका (केजरीवाल) है।

हिंदू सेना नामक संगठन के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर याचिका में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए उन्हें सीएम पद से हटाने की मांग की गई थी। हालांकि, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि यह केजरीवाल का निजी फैसला होगा कि उन्हें मुख्यमंत्री बने रहना है या नहीं। फिर भी, पीठ ने एक सूक्ष्म संकेत जरूर दिया। इसमें टिप्पणी की गई कि "कभी-कभी, व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के अधीन करना पड़ता है लेकिन यह उनका (केजरीवाल का) निजी फैसला है।

याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम कैसे कह सकते हैं कि सरकार काम नहीं कर रही है। एलजी फैसला लेने में सक्षम हैं। उन्हें हमारी सलाह की जरूरत नहीं है। वो कानून के मुताबिक काम करेंगे। इस मामले में एलजी या राष्ट्रपति ही सक्षम हैं। जब कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश देने से इनकार कर दिया तो याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वो इसे वापस लेना चाहते हैं और एलजी के पास अपनी दरख्वास्त देंगे।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रहने वाले हैं। हालांकि दिल्ली सीएम केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने बुधवार को उनकी याचिका पर 3 घंटे तक चली सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। आज कोर्ट इस बात का फैसला कर सकता है कि केजरीवाल को जमानत दी जाए या फिर उन्हें अभी न्यायिक हिरासत में ही रहना होगा।

*बीजेपी का “वॉशिंग मशीन” जिसमें “दाग” धुल जाते हैं! भाजपा में शामिल विपक्षी दलों के 25 में से 23 नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोप से राहत*
#23_out_of_25_opposition_leaders_gets_respite_in_cases_after_joining_bjp  आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद है। शराब नीति घोटाला मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है। केवल केजरीवाल ही नहीं आप के कई बड़े नेता इस आरोप में सलाखों के पीछे हैं। यहीं नहीं विपक्षी पार्टियों के कई बड़े नेता जांच की “आंच” झेल रहे हैं। इसके बाद से केंद्र की मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लग रहा है। यही नहीं, विपक्ष आरोप लगाता है कि मोदी सरकार एजेसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित करती है और जब वे भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो उनके खिलाफ दर्ज केस खारिज कर दिए जाते हैं। इस बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जो इन आरोपों पर मुहर लगाने का काम कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में है कि 2014 के बाद से कथित भ्रष्टाचार के लिए विपक्ष के 25 नेता जो केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे थे, बीजेपी में शामिल हुए और उनमें से 23 को राहत मिल गई। उनके खिलाफ जांच या तो बंद हो गई या ठंडे बस्ते में चली गई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट है कि 2014 के बाद जिन प्रमुख राजनेताओं का जिक्र किया जा रहा है, वे विपक्षी दलों से बीजेपी में शामिल हो गए थे। *3 पर दर्ज केस बंद, 20 मुकदमे ठंडे बस्ते में* रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी में आए ये नेता कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी जैसे दलों को छोड़कर आए हैं। इसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के 10 नेता रहे, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के केस थे, लेकिन फिर वो बीजेपी में शामिल हो गए। दूसरे नंबर पर एनसीपी और शिवसेना है, जिसके 4 नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा। तृणमूल कांग्रेस से 3, टीडीपी से 2 और समाजवादी पार्टी एवं वाईएसआरसीपी से एक-एक नेता बीजेपी में शामिल हुए। 25 में से 23 नेताओं को बीजेपी ज्वाइन करने के बाद राहत मिली है। इन 23 नेताओं में से 3 पर दर्ज केस बंद कर दिए गए हैं, जबकि 20 अन्य लोगों पर दर्ज मुकदमे ठंडे बस्ते में चले गए हैं। 25 नेताओं में से 6 नेता लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं। इन नेताओं पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई ठंडी पड़ गई है। *किन-किन बड़े नेताओं को मिली राहत?* रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 और 2023 की राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान केंद्रीय कार्रवाई का एक बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र पर केंद्रित था। 2022 में एकनाथ शिंदे गुट ने शिवसेना से अलग होकर बीजेपी के साथ नई सरकार बना ली। एक साल बाद अजित पवार गुट एनसीपी से अलग हो गया और सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में शामिल हो गया। अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल के मामले भी बंद हो गए हैं। कुल मिलाकर महाराष्ट्र के 12 प्रमुख राजनेता 25 की सूची में हैं, जिनमें से 11 नेता 2022 या उसके बाद बीजेपी में चले गए, जिनमें एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के चार-चार शामिल हैं। इनमें से कुछ मामले गंभीर हैं। जुलाई, 2023 में अजित पवार ने एनसीपी तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाई और जनवरी, 2024 में महाराष्ट्र सहकारी बैंक में अनियमितता को लेकर उनके खिलाफ दर्ज मामला बंद कर दिया गया।प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी) के खिलाफ दर्ज एयर इंडिया विमान खरीद में घोटाले से संबंधित मामला पिछले महीने बंद कर दिया गया।शारदा चिट फंड घोटाले में आरोपी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा 2015 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए। तब से जांच ठंडे बस्ते में है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी दिसंबर, 2020 में तृणमूल कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए और तब से नारदा स्टिंग मामले में उनके खिलाफ जांच ठंडे बस्ते में है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खिलाफ भी मामले अटके हुए हैं। चव्हाण इस साल बीजेपी में शामिल हो गए, जबकि आदर्श हाउसिंग मामले में सीबीआई और ईडी की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लगी हुई है। *केवल दो मामलों में जांच जारी* 25 मामलों में से केवल दो में कार्रवाई नहीं रुकी। इनमें से केवल दो मामले ऐसे में जिनमें नेताओं को बीजेपी में शामिल होने के बाद भी ईडी की तरफ से मामले में कोई ढील नहीं दी गई है। इनमें पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा और पूर्व टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी शामिल हैं, जो अब बीजेपी का हिस्सा हैं। दोनों नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी ईडी द्वारा ढील दिए जाने का कोई सबूत नहीं है। कम से कम अभी तक तो कोई सबूत नहीं मिला। *विपक्ष पर जांच एजेंसियों का ताबड़तोड़ एक्शन पहली बार नहीं* यह नई परंपरा नहीं है। 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के वर्षों में द इंडियन एक्सप्रेस की एक जांच में फाइल नोटिंग से पता चला कि सीबीआई ने बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में अपना रुख बदल दिया था, जब दोनों नेताओं को सत्तारूढ़ यूपीए के साथ अच्छे संबंध हो गए थे।