केरल में धन का गलत प्रबंधन, इसलिए बढ़ा संकट..', विजयन सरकार को राहत देने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने केरल की वित्तीय संकट के लिए धन के गलत प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए, तत्काल राहत के लिए राज्य सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया। उधारी सीमा बढ़ाने की मांग वाली केरल की याचिका खारिज कर दी गई, और अदालत ने केंद्र की उधारी प्रतिबंधों के खिलाफ राज्य की चुनौती को आगे की जांच के लिए संविधान पीठ के पास भेज दिया।

जानकारी के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि केरल उधार सीमा पर अंतरिम निषेधाज्ञा के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस तरह की राहत देने से राज्यों को वित्तीय कुप्रबंधन के बावजूद राजकोषीय नीतियों को दरकिनार करने में सक्षम बनाने की एक मिसाल कायम हो सकती है। यह स्वीकार करते हुए कि याचिका के बाद केंद्र द्वारा 13,608 करोड़ रुपये जारी करने से केरल को पहले ही महत्वपूर्ण राहत मिल चुकी है, अदालत ने मामले की जांच के लिए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को निर्देश दिया। इसने बड़ी पीठ के सामने संबोधित करने के लिए चार प्रमुख प्रश्न रखे, जिनमें भारतीय संघवाद में राजकोषीय विकेंद्रीकरण और केंद्र के कार्यों द्वारा संवैधानिक सिद्धांतों के संभावित उल्लंघन के मुद्दे शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला केरल सरकार, खासकर वामपंथी प्रशासन के लिए एक झटका है। राज्य के भीतर वित्तीय कुप्रबंधन पर अदालत की टिप्पणी ने LDF के केंद्र के ऋण और आवश्यक धन से इनकार करके केरल के विकास में बाधा डालने के दावों का खंडन किया। अदालत को केंद्र के कार्यों से हुई अपूरणीय क्षति का कोई सबूत नहीं मिला, जिससे एलडीएफ की दलीलें और कमजोर हो गईं।

अगर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत दी होती, तो इससे एलडीएफ की राजनीतिक स्थिति को बढ़ावा मिल सकता था और राज्य सरकार द्वारा लंबित बकाया और बकाया की निकासी की सुविधा मिल सकती थी। हालाँकि, केंद्र के रुख के साथ अदालत के तालमेल का मतलब है कि केरल को अपने आंतरिक वित्तीय कुप्रबंधन के कारण वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ता रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट के सवालों का केंद्र के साथ राज्य के संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, खासकर राजकोषीय नीतियों और संघीय सिद्धांतों के संबंध में। इस मुद्दे पर अब संविधान पीठ द्वारा विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें भारतीय संघवाद ढांचे के भीतर इन जटिल मामलों को संबोधित करने के महत्व पर प्रकाश डाला जाएगा।

महाराष्ट्र में भाजपा को झटका, टिकट न मिलने से नाराज सांसद ने उद्धव ठाकरे से की मुलाकात, जानिए, क्या हैं इसके मायने

 सियासी रूप से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में भाजपा को बड़ा झटका लगा है. राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से अधिकतर पर चुनाव लड़ रही भाजपा के एक निवर्तमान सांसद ने बगावत कर दी है. वह भाजपा के जलगांव से सांसद हैं. पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर एक युवा विधायक को सांसदी का टिकट थमाया है. इस कारण वह नाराज बताए जा रहे थे. इस नाराजगी के बीच उन्होंने मातोश्री में शिवसेना (उद्धव बाला ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वह जल्दी ही भाजपा छोड़ शिवसेना उद्धव गुट में शामिल होंगे.

लोकसभा टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा सांसद उन्मेश पाटिल मंगलवार को सीधे उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि वह उनसे आराम से बात करेंगे. अब बात करने को कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि वह और संजय राउत एक दूसरे को कई वर्षों से जानते हैं. हम संसद में एक साथ थे और हम दोस्त हैं. ठाकरे से पाटिल की मुलाकात के सूत्रधार संजय राउत को बताया जा रहा है.

भाजपा ने मौजूदा सांसद उन्मेश पाटिल को जलगांव लोकसभा क्षेत्र से दोबारा उम्मीदवार नहीं बनाया है. इससे खफा उन्मेश पाटिल ने मंगलवार सुबह ठाकरे गुट के नेता संजय राउत से मुलाकात की. उसके बाद वह पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री पहुंचे. उनके बाद संजय राउत भी मातोश्री में दाखिल हुए. अगर उन्मेश पाटिल की उद्धव ठाकरे से सकारात्मक चर्चा होती है तो संभावना है कि वह आज शिवसेना ठाकरे गुट में शामिल हो जाएंगे.

वो शक्ति पैदा नहीं हुई..', घूँघट हटाकर लोगों के बीच पहुंची कमलनाथ की बहू, दलबदलुओं पर बोला जमकर हमला

लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जोर-शोर से प्रचार अभियान में जुट गई हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी बीच एक उल्लेखनीय कदम में, उनकी पत्नी प्रिय नाथ घूँघट हटाकर लोगों के बीच पहुँच गईं हैं और अपने पति के चुनावी अभियान में शामिल हो गई हैं। उन्होंने कमल नाथ के खेमे से अलग होकर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की कड़ी आलोचना की और अग्निपरीक्षा के वक़्त उन पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया।

अपना संकल्प व्यक्त करते हुए, कमल नाथ की बहू प्रिया ने कहा, "हममें से कोई भी हिम्मत नहीं हारेगा। हर जगह लोग मुझे सलाह देते हैं कि डरो मत, और मैं जवाब देती हूं कि मैं डरती नहीं हूं, बस दुखी हूं। यह देखकर निराशा होती है कि पिताजी कमल नाथ जिन्हे अपना मानते थे, जिन पर हमने विपत्ति के समय में भरोसा किया था, उन लोगों द्वारा हमें धोखा दिया जा रहा है। हालांकि, हमारी ताकत अटूट बनी हुई है।'

अपने स्थायी बंधन पर जोर देते हुए, प्रिया ने पुष्टि की, "हम 44 साल से एक साथ हैं और वो शक्ति पैदा नहीं हुई, जो 44 दिनों में इस रिश्ते को तोड़ सके। हम एक नई क्रांति के साथ आगे बढ़ेंगे।" गौरतलब है कि प्रिया नाथ पहले घूंघट में प्रचार करती थीं, लेकिन अब वह बिना घूंघट के ही लोगों से सीधे जुड़ रही हैं।  

हाल ही में, छिंदवाड़ा के मेयर विक्रम अहाके और विधायक कमलेश शाह सहित कई कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं। कमल नाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। नकुल नाथ ने 2019 के चुनाव में छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के लिए राज्य की एकमात्र सीट जीती थी। कमलनाथ खुद इस सीट से नौ बार सांसद चुने जा चुके हैं। इस बार बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है।

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, बॉक्सर विजेंदर सिंह बीजेपी में शामिल

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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। बॉक्सर विजेंदर सिंह कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं। विजेंदर सिंह कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव भी लड़ चुके हैं। बता दें कि 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले विजेंदर सिंह ने कांग्रेस जॉइन की थी और साउथ दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी के हाथों 6 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। बॉक्सर सिंह के बीजेपी में शाामिल होने से पार्टी को दिल्ली से लेकर हरियाणा तक फायदे की उम्मीद है।

भाजपा में शामिल होने को बताया घर वापसी जैसा

दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में विजेंदर सिंह ने पार्टी की सदस्यता ली। भाजपा नेता विनोद तावड़े ने उन्हें भाजपा सदस्यता ग्रहण कराई और पटका पहनाकर स्वागत किया। भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा कि मैं आज भाजपा में शामिल हो रहा हूं, यह मेरे लिए घर वापसी जैसा है। मैं देश की जनता और विकास के लिए बीजेपी में शामिल हुआ हूं। उन्होंने केंद्र सरकार का खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए भी आभार जताया।

बीजेपी के प्रति जाटों की नाराजगी होगी दूर?

विजेंदर हरियाणा के भिवानी के रहने वाले हैं औैर जाट समुदाय से आते हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जाटों की नाराजगी की जो चर्चाएं चलती हैं, उससे निपटने में पार्टी को मदद मिलने की उम्मीद है। दरअसल, हरियाणा में कुछ दिन पहले भाजपा ने जजपा से गठबंधन तोड़ लिया। मनोहर लाल खट्टर की जगह बीजेपी आलाकमान ने नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया। मनोहर लाल जब यहां के सीएम थे तभी प्रदेश में किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के आंदोलन भी हुए हैं। इसके चलते प्रदेश में यह चर्चा थी कि पार्टी को जाट समाज की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा, लेकिन विजेंदर सिंह जैसे युवा नेता की एंट्री से भाजपा को उस नैरेटिव की काट करने में मदद मिलेगी।

दिल्ली साउथ से मिली थी हार

बॉक्सर विजेंदर सिंह ने 2019 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। पहले ही चुनाव में पार्टी ने उन्हें दक्षिण दिल्ली से चुनावी मैदान में उतारा था। पहले ही चुनाव में उन्हें भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद विजेंदर सिंह राजनीति में उतने एक्टिव नहीं रहे। दिसंबर 2023 में उन्होंने राजनीति से संन्यास के भी संकेत दिए थे। हालांकि कुछ दिन पहले से ही इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह राजनीति में वापसी कर सकते हैं। इससे पहले चर्चा थी कि कांग्रेस मथुरा से बीजेपी की उम्मीदवार हेमा मालिनी के सामने विजेंदर को चुनावी मैदान में उतार सकती है।

राजस्थान की बीजेपी प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के बयान पर मचा बवाल, जानें क्या कहा कि गरमा गई दिल्ली तक की सियासत

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राजस्थान के नागौर से बीजेपी उम्मीदवार ज्योति मिर्धा का भाषण सुर्खियां बटोर रहा है। भाजपा प्रत्याशी डॉ ज्योति मिर्धा के एक बयान ने सियासी पारा गरमा गया है। दरअसल, डॉ मिर्धा ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान एक सभा में दिए भाषण में संविधान बदलने का ज़िक्र किया, जिसके बाद से वे विरोधियों के निशाने पर आ गई हैं। इस बयान को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है। दरअसल, विपक्ष लगातार ये दावा कर रहा है कि अगर इस बार केंद्र में एनडीए की सरकार बनी तो देश के लोकतंत्र और संविधान को खतरा है। विपक्ष के इन दावों के बीच राजस्थान के नागौर से बीजेपी उम्मीदवार ज्योति मिर्धा के बयान ने राजस्थान से लेकर दिल्ली तक का तापमान बढ़ाने का काम किया है।

ज्योति मिर्धा के संविधान बदलने वाले बयान पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने कहा कि अनंत कुमार हेगड़े के बाद बीजेपी के एक और उम्मीदवार ने संविधान बदलने की बात की है। इन दोनों नेताओं के बयान से ये साफ है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी संविधान और लोकतंत्र से नफरत करते हैं।

बीजेपी का लक्ष्य संविधान को बदलना है-थरूर

संविधान में बदलाव को लेकर भाजपा प्रत्याशी डॉ ज्योति मिर्धा के बयान पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'जब अनंत हेगड़े ने संविधान बदलने का राग छेड़ा था, तब भाजपा ने जल्दबाजी में इसे रफा-दफा कर उन्हें उम्मीदवारी से बाहर कर दिया था। अब एक और भाजपा उम्मीदवार कह रही हैं कि भाजपा का लक्ष्य संविधान बदलना है। सच सामने लाने के लिए भाजपा और कितने उम्मीदवारों से मुंह मोड़ेगी?'

ज्योति मिर्धा ने क्या कहा

सांसद शशि थरूर ने ज्योति मिर्धा के वीडियो से जुड़े एक पोस्ट को सोशल मीडिया पर साझा करके ‘एक्स’ पर फिर से पोस्ट किया। इसमें ज्योति मिर्धा यह कहती सुनी जा सकती हैं कि संवैधानिक बदलाव के लिए लोकसभा और राज्यसभा में प्रचंड बहुमत होना चाहिए।

थरूर के बयान पर मिर्धा का पलटवा

वहीं, शशि थरूर वार पर ज्योति मिर्धा ने पलटवार करते हुए लिखा, भाजपा का उद्देश्य राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित की सेवा करना है। अगर उन उद्देश्यों के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता पड़े तो ऐसा होगा। हाल ही में पिछले साल सितंबर में महिला आरक्षण विधेयक के लिए संविधान में संशोधन किया गया। 1950 से पिछले साल तक संविधान में 106 संशोधन हुए हैं। इस ऐतिहासिक संशोधन के कारण महिलाओं के संसद में 33 फीसदी आरक्षण का सपना साकार हो पाया।

अपनी सीट बचाने पर ध्यान दें दिग्विजय सिंह..', मतपत्र से चुनाव की मांग कर रहे कांग्रेस नेता पर विजयवर्गीय का तंज

 मध्य प्रदेश के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता कैलाश विजयवर्गीय ने मतपत्रों के माध्यम से मतदान कराने के अनुभवी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के सुझाव की आलोचना की है और कहा है कि सिंह को आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी राजगढ़ सीट बरकरार रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने हाल ही में मतपत्र के माध्यम से मतदान की सुविधा के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र से 400 लोगों को नामांकन दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करने की अपनी योजना की घोषणा की।

सिंह के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए, विजयवर्गीय ने छिंदवाड़ा में मीडिया से कहा, "दिग्विजय सिंह को अपनी राजगढ़ सीट बचाने को प्राथमिकता देनी चाहिए, उनके पास मजबूत स्थिति का अभाव है और वे पारंपरिक पोशाक पहनकर अपने निर्वाचन क्षेत्र में नंगे पैर चलने जैसी गतिविधियों में शामिल होकर सहानुभूति चाहते हैं।" सिंह ने राजगढ़ के कचनारिया गांव में एक नुक्कड़ सभा के दौरान मतपत्र के माध्यम से चुनाव कराने की प्रक्रिया की रूपरेखा बताते हुए अपनी रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यदि 400 उम्मीदवार एक सीट से चुनाव लड़ते हैं, तो चुनाव मतपत्रों का उपयोग करके आयोजित किया जाएगा, इस परिणाम को प्राप्त करने के उनके प्रयासों को रेखांकित किया गया।

इसके अलावा, सिंह ने उम्मीदवारों के लिए सुरक्षा जमा आवश्यकताओं के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें बताया गया कि आरक्षित श्रेणियों से बाहर के उम्मीदवारों को 25,000 रुपये जमा करने होंगे, जबकि एससी/एसटी उम्मीदवारों को 12,500 रुपये जमा करने होंगे। उन्होंने मौजूदा सरकार के प्रति जनता के असंतोष का हवाला देते हुए चुनाव जीतने का भरोसा जताया। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव पहले चार चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई और 13 मई को होने हैं। राज्य की सात अन्य संसदीय सीटों के साथ राजगढ़ में 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होगा।

*ताइवान में 7.5 तीव्रता वाले भूकंप से भारी तबाही, 4 की मौत, जापान में सुनामी आने की चेतावनी*
#earthquake_in_taiwan_tsunami_alert_in_japan ताइवान में बुधवार (03-04-2024) तड़के एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे पूरा द्वीप हिल गया। ताइवान की भूकंप निगरानी एजेंसी ने तीव्रता 7.2 बताई, जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसे 7.4 बताया. वहीं भूकंप से ताइवान के पूर्वी शहर हुलिएन में इमारतों की नींव हिल गईं। भूकंप का झटका राजधानी ताइपे में महसूस किया गया। भूकंप से अब तक 4 मौतें हो चुकी है, जबकि 50 लोग घायल हुए हैं। ताइवान सरकार की ओर से जारी अपडेट के मुताबिक, बुधवार तड़के ताइवान की राजधानी ताइपे में भूकंप आया, जिसका केंद्र बिंदु ताइवान के ही हुआलिएन शहर से करीब 18 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है। समुद्र में 3 मीटर (9.8 फीट) ऊंची लहरें उठने की संभावना हैं, इसलिए मौसम विभाग ने जापान में सुनामी आने का अलर्ट भी जारी कर दिया। लोगों को समुद्री तटों से दूर जाने की सलाह भी दी गई है। देशभर में बचाव अभियान दलों को अलर्ट कर दिया गया है। ताइवान में आया भूकंप इतना जबरदस्त था कि झटके शंघाई तक महसूस किए गए। चीन की मीडिया का कहना है कि भूकंप के झटके चीन के फुझू, शियामेन, झुआनझू और निंगडे में भी महसूस किए गए। भूकंप के कारण ताइवान में इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे लोग फंसे हुए हैं। भूकंप के केंद्र के करीब ताइवान के पूर्वी तट पर स्थित हुलिएन शहर में नुकसान की खबर है। ताइवान में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद जापान ने दक्षिणी द्वीप समूह ओकिनावा के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। यहां उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। फिलीपींस ने भी सुनामी की चेतावनी दी है और तटीय इलाकों को खाली करने का आदेश दिया है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने भूकंप के बाद 3 मीटर (9.8 फीट) तक की सुनामी की भविष्यवाणी की है। लगभग आधे घंटे बाद, इसने कहा कि सुनामी की पहली लहर पहले से ही मियाको और येयामा द्वीपों के तटों पर आ गई थी। ताइवान में पिछले 25 वर्षों में महसूस किए गए भूकंपो में यह सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है। सितंबर 1999 में ताइवान में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 2400 लोगों की मौत हुई थी। ताइवान में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहते हैं, क्योंकि यह द्वीप दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पत्नी मल्लिका नड्डा और बेटे के साथ बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे उज्जैन

श्री महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने जानकारी दी है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज पत्नी मल्लिका नड्डा और बेटे के साथ बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उज्जैनआए हुए थे। जहां हेलीपैड पर नड्डा का बीजेपी पदाधिकारी द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। दर्शन कर उज्जैन से हुए रवाना वे सीधे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने गर्भग्रह से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन और अभिषेक करते हुए दिखाई दिए। मंदिर में पंडित राम गुरु, पंडित आकाश गुरु, पंडित अर्पित गुरु के द्वारा जेपी नड्डा और परिवारजनों के जरिए बाबा महाकाल का विशेष पूजन दर्शन करवाया गया। नड्डा बाबा महाकाल के दर्शन व उनका आशीर्वाद लेने के उपरांत उज्जैन से रवाना हुए। इस बीच उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, मध्यप्रदेश लोकसभा प्रभारी डॉ महेंद्र सिंह भी मौजूद थे। वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने जबलपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस बीच वे पुराने दिनों को याद करते हुए बहुत भावुक अंदाज में बोले कि बीजेपी ने वो वक़्त भी देखा है जब लोग हार निश्चित होते हुए भी अपनी जमीनें बेचकर जनसंघ की दीप को जलाए रखने के लिए चुनाव लड़ते रहे. वहीं आज बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. आज बीजेपी का कार्यकर्ता सम्मेलन भी अन्य पार्टियों की जनसभाओं से बड़ा होता है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि आज का कार्यकर्ता बहुत भाग्यशाली है. वो उस राजनैतिक दल के कार्यकर्ता हैं, जिसके चेहरे पर चुनाव में उतरने से पहले ही जीत का आत्मविश्वास साफ झलक दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने वो वक़्त भी देखा है, जब नामांकन पत्र भरते वक़्त ही प्रत्याशियों के मन में अपनी जीत को लेकर संदेह भी बना हुआ रहता है. वहीं आज वो समय भी देख रहे हैं, जब जीत की नहीं अपितु वोटों के अंतर की बात कर रहे हैं. जेपी नड्डा ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि आज हर कार्यकर्ता कह रहा है कि ‘फिर एक बार मोदी सरकार और अबकी बार 400 पार’ लेकिन इस कामयाबी के पीछे 4-4 पीढ़ियां खप गई हैं. उनका तप और परिश्रम है, जिसका फल आज के कार्यकर्ताओं को मिल रहा है.
दुनिया की सभी एजेंसियां आज भारत की रेटिंग बढ़ा रही, लेकिन कांग्रेसी चिल्ला रहे..', जबलपुर में बोले जेपी नड्डा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर मध्य प्रदेश आए हुए हैं। जबलपुर के डुमना विमानतल पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उनका स्वागत किया। यहाँ एक रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि, मेरा सौभाग्य है कि मुझे जबलपुर में प्रबुद्धजनों से चर्चा का अवसर मिला है। समाज के विकास में प्रबुद्धजनों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। मैं जबलपुर के प्रबुद्धजनों से निवेदन करने आया हूँ कि आपके माध्यम से जबलपुर के सभी नागरिकों का इस लोकसभा चुनाव में बड़ी मात्रा में आशीर्वाद प्राप्त हो। लोकसभा चुनाव में भाजपा को जनता का आशीर्वाद आज के समय की मांग है। उन्होंने कहा कि, देश में लंबे समय तक काम करने वाली सरकारों ने ऐसी मानसिकता में ला दिया था कि देश में किसी भी तरह का बदलाव नामुमकिन है। लोगों को परिस्थिति से समझौता करना पड़ेगा। लेकिन, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश की जनता की स्थिर मानसिकता में सकारात्मक बदलाव आया है। मोदी सरकार में देश की राजनीति की संस्कृति में परिवर्तन हुआ है। पहले जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति हावी थी, आज मोदी सरकार में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण को समाप्त कर विकासवाद की गंगा बह रही है। नड्डा ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, उनकी पॉलिटिक्स तोड़ने की थी और हमारी राजनीति सबको साथ लेकर चलने की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” का मंत्र दिया है। देश की जनता ने कोविड संकट को देखा है। शताब्दी में सबसे बड़ी त्रासदी आई थी। सारे पाश्चात्य देश किसी तरह का निर्णय नहीं ले पाये थे, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश की जनता के हित में कड़े निर्णय लेकर लॉक डाउन लगाया और कोविड महामारी से लड़ने के लिए देश को तैयार किया। आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी ने “जान है तो जहान है” के मंत्र के साथ कोविड महामारी से देश के नागरिकों को बचाने के लिए दो – दो वैक्सीन तैयार करवाई। ये आत्मनिर्भर भारत का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि, दुनिया की सभी एजेंसियां आज भारत की रेटिंग बढ़ा रही हैं। लेकिन कांग्रेसी चिल्ला रहे हैं - बेरोजगारी, महंगाई। एक बात जरूर कहूंगा कि वो तो बेरोजगार हो ही गए हैं। जिस ब्रिटेन ने हमारे ऊपर 200 साल राज किया, आज उसे पछाड़कर हम दुनिया में 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गए हैं। नड्डा ने कहा कि, एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी जी हैं, जो कहते हैं कि हम भ्रष्टाचार को हटाकर रहेंगे और भ्रष्टाचार के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। वहीं INDI एलायंस भ्रष्टाचार करने वाले लोगों का जमावड़ा बन चुका है। नड्डा ने मोदी सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि, आज प्रधानमंत्री मोदी जी ने 12 करोड़ इज्ज़त घर बनाकर, 12 करोड़ बहनों और बच्चों को इज्जत की जिंदगी देने का काम किया है। 18 हजार गांव में बिजली नहीं थी, लेकिन मोदी जी ने तय किया कि 1000 दिन में सभी गांवों में बिजली पहुंचाई जाएगी और हमने ये लक्ष्य प्राप्त भी किया। आज भारत दुनिया की डिस्पेंसरी बन गया है। सबसे सस्ती और अच्छी दवाएं भारत दुनिया को उपलब्ध करा रहा है। 25 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से ऊपर उठ चुके हैं। IMF की रिपोर्ट बताती है कि भारत में अति गरीबी 1% से भी कम हो गई है।
गुलाम नबी आजाद ने भी ठोकी ताल, जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और पूर्व कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। गुलाम नबी आजाद ने साल 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी। वह अपना खुद का राजनीतिक संगठन डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) बना चुके हैं। 2014 के बाद गुलाम नबी आजाद का ये पहला लोकसभा चुनाव होगा। यानी वह 10 साल बाद लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। 

डीपीएपी नेता ताज मोहिउद्दीन ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा- “आज डीपीएपी की कोर कमेटी की बैठक हुई। इस दौरान हमने फैसला किया है कि पार्टी अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ेंगे।” अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना पर भी मोहिउद्दीन ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर बात आगे नहीं बढ़ी है। उन्होंने कहा- ”हमारे पास समय की थोड़ी कमी है। बातचीत ज्यादा आगे नहीं बढ़ी है। इसलिए यह बेहतर है कि वे अपना और हम अपना काम करें। उन्हें वैसे भी अनंतनाग सीट में कोई दिलचस्पी नहीं थी।” मोहिउद्दीन ने आगे कहा कि कश्मीर में अन्य लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का फैसला जल्द ही लिया जाएगा।

10 साल बाद लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

आपको बता दें कि 2014 के बाद गुलाम नबी आजाद का ये पहला लोकसभा चुनाव होगा। यानी वह 10 साल बाद लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने 2014 में उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा नेता जितेंद्र सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

किससे होगी सीधी टक्कर?

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रत्याशी हसनैन मसूदी को जीत हासिल हुई थी। हसनैन को 40180 वोट हासिल हुए थे। वहीं कांग्रेस इस सीट पर दूसरे नंबर पर थी। वहीं इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अहमद लाहरवी को उतारा है। अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट महबूबा मुफ्ती का गृह निर्वाचन क्षेत्र है।

5 सीटों पर 5 चरणों में होगा चुनाव

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की 5 सीटें हैं। इन सीटों पर 5 चरणों में चुनाव होंगे। यहां पहला चरण 19 अप्रैल को होगा। जबकि दूसरा चरण 26 अप्रैल, तीसरा 7 मई, चौथा 13 मई और पांचवां 20 मई को होगा। परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे।