मिट्ठू लाल महतो ने झारखंड आंदोलन को गतिमान बनाया, 29 मार्च मिट्ठू लाल महतो की पुण्यतिथि पर विशेष ,
डुमरी:अलग राज्य के आंदोलन को गतिमान बनाने में मिट्ठू लाल महतो का योगदान अतुल्य रहा है। आज गिरिडीह जिला में 29 मार्च 2024 को सच्चा झारखंड आंदोलनकारी पुत्र के रूप में मिट्ठू लाल महतो की पुण्यतिथि पर फ्रक के साथ याद किया जाता है। झारखंड के जन जन और कण कण में मिट्ठू लाल महतो आज भी लोगों का अरमान बनकर जिंदा हैं.
16 अगस्त 1934 ई को जन्मे मिट्ठू लाल महतो गिरिडीह जिला में झारखंड आंदोलन के अगुआ विनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को 1972 में दिल्ली से गिरिडीह डुमरी आने के लिए विवश कर दिया था। यह वह वक्त था जब विनोद बिहारी महतो को श्रीमती इंदिरा गांधी ने यह कह दिया था कि किसने झारखंड अलग राज्य मांगने की हिम्मत की है इसी के विरोध स्वरूप गिरिडीह जिला न रेलखंड सहित लगभग हजारों हजारों की संख्या में झारखंड आंदोलनकारियों ने जाम कर दिया था। 72 घंटे जाम के क्रम में ही प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी गिरिडीह आई और विनोद बिहारी महतो शिबू सोरेन मिठू लाल महतो को हर पगड़ी पहनाकर सम्मानित की। अलग राज्य के आंदोलनकारियों के अगुआ लोगों से गंभीर चर्चा के बाद रांची होते दिल्ली वापस लौट गयी। मिट्ठू लाल महतो की गोलबंदी और प्रबंध जबरदस्त देखते ही बनता था। मिट्ठू लाल महतो विनोद बिहारी महतो के सबसे करीबी और विश्वास पत्रों में एक थे विनोद बिहारी महतो की आवाज को चहुंओर अनुगूंज बना देते थे। मिट्ठू लाल महतो के प्रति गिरिडीह जिला के आसपास सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में उनके प्रति जबरदस्त विश्वास था चाहे वह महतो हो, माझी हो या मियां हो। समाज के प्रत्येक वर्ग में मिट्ठू लाल महतो की गहरी पैठ थी। विनोद बिहारी महतो भी उनके ऊपर जबरदस्त विश्वास करते थे जो जिम्मेवारी मिट्ठू लाल महतो को दी जाती वो बखूबी निभाते और अलग राज्य आंदोलन के मुद्दे को गतिमान करते थे। आज उनके आंदोलन के लिए संघर्ष व समर्पण का ही फलाफल झारखंड अलग राज्य है। 29 मार्च 2024 मिट्ठू लाल महतो की 8 वीं पुण्यतिथि है। मिट्ठू लाल महतो को याद कर प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारी गौरवांवित हैं।
Mar 30 2024, 18:50