सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग से बचें : एडीएम

ललितपुर। मुख्य निर्वाचन अधिकारी लखनऊ के पत्र के क्रम में उप जिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी वि./रा. अंकुर श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पुस्तकों/सामग्रियों की छपाई के लिए इन्वायरमेन्ट सस्टेनेबिलिटी (पर्यावरण स्थिरता) और व्यापक मापदंडो के प्रति भारत निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए दिशा निर्देश उपलब्ध कराये गये हैं। आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ-साथ अधिकारियों को पर्यावरण - मुक्त चुनाव की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गयी है। उन्होंने बताया कि सीईओ, डीईओ द्वारा संदर्भ, उपयोग के लिए रूपरेखा तैयार की गयी है, जिसके अंतर्गत आज के विश्व में पर्यावरण संबंधी चिंताएं अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं, निर्वाचन आयोग भी चुनाव में गैर-जैव निम्नीकरणीय सामग्रियों के उपयोग के कारण होने वाले पर्यावरणीय खतरों के मुद्दे पर बहुत चिंतित है। इस संबंध में आयोग राजनीतिक दलों के साथ-साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पर्यावरण अनुकूल चुनाव की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के लिए सलाह जारी की है।

उन्होंने बताया कि हाल ही में उपरोक्त निदेर्शों और न्यायालय के निदेर्शों को संकलित किया गया है, और अनुपालन के लिए दिनांक 18 अगस्त 2023 के परिपत्र द्वारा सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों को प्रसारित किया गया है। ईसीआई द्वारा जारी सभी सलाह और इस मामले में प्रसारित न्यायालय के निदेर्शों का ईमानदारी से पालन करने के लिए कहा गया है। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि पर्यावरण अनुकूल चुनाव दुनिया भर के विभिन्न देशों में लोकतंत्रों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस नेक उद्देश्य के लिए क्या करें और क्या न करें का दायरा बढ़ाया जा रहा है, जिसमें राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव पदाधिकारियों द्वारा चुनाव सामग्री में प्लास्टिक का पहले उपयोग न करने से लेकर विभिन्न चरणों जैसे कि चुनाव पूर्व प्रचार, मतदान, मतगणना आदि शामिल है. के दौरान सामग्री की छपाई और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्य और पुस्तकों की भौतिक छपाई को कम करने और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी सामग्री अनुदेशों की छपाई में पर्यावरण अनुकूल उपायों की बढ़ावा देने के लिए संदर्भ /उपयोग के लिए रूपरेखा जारी की गयी है।

बताया कि बड़े पैमाने पर चुनाव प्रक्रिया पर सामान्य सिद्धांत अपशिष्ट का पृथक्करण में सभी चुनाव प्रक्रियाओं और आयोजनों में केवल पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करें और सिंगल यूज प्लास्टिक से पूरी तरह बचें। विभिन्न प्रकार के कचरे का पृथक्करण सुनिश्चित करना। मतदान केंद्रों और अभियान कार्यक्रमों में स्पष्ट और दृश्यमान संकेतक स्थापित करना ताकि लोगों को विभिन्न प्रकार के कचरे, जैसे कि पुनर्चक्रण योग्य, जैविक अपशिष्ट और गैर-पुनर्चक्रण योग्य अपशिष्ट का निपटान कहां किया जाए, के बारे में मार्गदर्शन किया जा सके। विभिन्न प्रकार के कचरे के लिए अलग-अलग संग्रह डिब्बे प्रदान करना, जिसमें पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं (जैसे कागज, प्लास्टिक, कांच और धातु), जैविक अपशिष्ट (जैसे खाद्य कचरा और जैवनिम्नीकरणीय सामग्री), और गैर-पुनर्चक्रण योग्य कचरे के डिब्बे शामिल हैं । कचरे के प्रबंधन पर कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि एकत्र किए गए प्रत्येक प्रकार के कचरे के लिए पर्याप्त निपटान सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसमें पुनर्चक्रण सुविधाएं और खाद डिब्बे शामिल हैं। यह सुनिश्चित किया जाये  कि इसे सही ढंग से लागू किया जा रहा है।

कचरा संग्रहण और पृथक्करण प्रक्रिया की नियमित रूप से निगरानी करें और संग्रह डिब्बे और सुविधाओं का निरंतर रखरखाव उपलब्ध करायें। बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अपशिष्ट प्रबंधन कंपनियों या पुनर्चक्रण सुविधाओं के साथ साझेदारी करें कि अलग किए गए कचरे को ठीक से एकत्र किया जाए और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार तरीके से संसाधित और पुनर्चक्रित किया जाए या उसका निपटान किया जाए। चुनाव अवधि के दौरान अपशिष्ट पृथक्करण के महत्व को बढ़ावा देने और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय समुदायों और हितधारकों के साथ जोड़ा जाये। बताया कि कागज का अल्पीकरण किया जाये जिसमें मतदान केंद्रों पर मतदाता सूचियों और चुनावी सामग्री के लिए कागज का उपयोग कम से कम करें। दस्तावेजों की अनावश्यक छपाई को कम करने के लिए मुद्रण से पहले दस्तावेज का पूर्वावलोकन, डबल साइड प्रिटिंग, लेआउट का अनुकूलन, मुद्रण का केंद्रीकरण आदि जैसी कुशल प्रथाओं को लागू किया जाय। पारंपरिक कागज-आधारित सामग्रियों की तुलना में ई-पुस्तकों और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के उपयोग पर जोर दिया जाय। संचार और दस्तावेजीकरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीकों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जाय।

उन्होंने यह भी बताया कि कागज के उपयोग को कम करने का प्रयास करते समय यदि कागज के उपयोग की कोई वैधानिक आवश्यकता है तो उसे समाप्त नहीं किया जाएगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने ईंधन का अल्पीकरण के सम्बन्ध में बताया कि परिवहन के लिए पर्यावरण- अनुकूल वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाय, कारपूलिंग और सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित किया जाय, अभियानों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाय। चुनाव अधिकारियों और मतदाताओं द्वारा तय की गई कुल दूरी को कम करने के लिए मतदान स्थानों को समेकित करना होगा। उन्होंने जागरुकता उपाय, सीबी, स्वीप गतिविधियों पर बताया कि कार्यान्वित की जा रही पर्यावरण- अनुकूल पहलों के बारे में मतदाताओं को जानकारी प्रसारित किया जाय। मतदाताओं को चुनाव संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना, चुनाव अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पर्यावरण जागरूकता मॉड्यूल को एकीकृत करना पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं का पालन करने के महत्व पर निर्वाचन कार्मियों को शिक्षित करना है। पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और सामुदायिक समूहों के साथ मिलकर काम किया जाय। सतत इवेंट प्रबंधन में विशेषज्ञता वाले संगठनों के साथ साझेदारी की तलाश किया जाय।

चुनाव अभियानों और मतदाता शिक्षा के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों और सोशल मीडिया के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाय। वर्चुअल टाउन हॉल और आॅनलाइन चर्चा को बढ़ावा देकर भौतिक साइनेज और बैनरों पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाय। उम्मीदवारों को पारंपरिक डाकों के बजाय डिजिटल संवाद पत्र और ईमेल अपडेट का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाय। बताया कि भारत निर्वाचन आयोग में पुस्तकों सामग्रियों की छपाई के लिए उपरोक्त के अलावा व्यापक मापदंड निर्धारित हैं जिसमें आयोग संबंधित सीईओ को पुस्तकों सामग्री की अधिकतम केवल 2 प्रतियां जारी करेगा और सीईओ के पास आर्थिक कारकों और अधिकारियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त प्रतियां मुद्रित करने की छूट होगी। प्रत्येक राज्य की आगे की आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं, इसलिए, यदि सीईओ को अधिक मुद्रित पुस्तकों की आवश्यकता होती है, तो वे ईसीआई द्वारा निर्धारित व्यापक मापदंडों को ध्यान में रखते हुए और इस उद्देश्य के लिए ऐसा कर सकते हैं। सीईओ इसकी छपाई / वितरण की निगरानी के लिए एक समिति का गठन कर सकते हैं। इसके अलावा ईसीआई का आईटी प्रभाग प्रत्येक पुस्तक / निर्देश के लिए ई-पुस्तकें बनाएगा ताकि उन्हें ईसीआई वेबसाइट पर सूचीबद्ध किया जा सके। ई-पुस्तकों के लिए एक समर्पित अनुभाग स्थापित किया जाएगा। संबंधित सीईओ यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे उनकी वेबसाइट पर उचित ढंग से प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपेक्षा की गयी है कि इन दिशा निदेर्शों को लागू करने में सभी संबंधित पक्षों का सक्रिय सहयोग अपेक्षित होना अति आवश्यक है।

वरिष्ठ पत्रकार पं.सुरेन्द्र नारायण शर्मा का निधन,आकस्मिक निधन से दौड़ी शोक लहर

ललितपुर। तीन-चार दशकों तक जिले की पत्रकारिता के मार्फत जिले में विकास की धारा को धरातल पर लाने के लिए अविरल कार्य करने वाले वरिष्ठ पत्रकार पं.सुरेन्द्र नारायण शर्मा जी का शुक्रवार को सुबह आकस्मिक निधन हो गया। प्रेस क्लब (रजि.) के संरक्षक पद पर रहते हुये कई गंभीर मुद्दों पर निर्णय लेकर जिले में पत्रकारिता की दिशा और दशा को तय करने और अपने हंसमुख स्वभाव से सभी के हृदयतल में राज करने वाले महान समाजसेवी पं. सुरेन्द्र नारायण शर्मा के आकस्मिक निधन की खबर सुनकर शोक लहर मानों करंट की तरह पूरे जिले में दौड़ गयी।

उनके चाहने वालों, शुभचिन्तकों, समाजसेवियों, राजनेताओं, व्यापारियों, अधिवक्ताओं, पत्रकारों, अधिकारियों का जमाबड़ा उनके आजादपुरा स्थित आवास पर लग गया। हर कोई पं.सुरेन्द्र नारायण शर्मा जी के आकस्मात निधन की खबर को सुनकर इस पर यकीन नहीं कर पा रहा था। लम्बे समय तक उत्तर प्रदेश शासन से मान्यता प्राप्त पत्रकार रहते हुये उन्होंने सदैव जिले के विकास और उन्नति को लेकर ही कार्य किया। पत्रकारों व प्रशासन के बीच जब भी कोई मतभेद हुये तो ऐसी विषम परिस्थितियों को भी आसानी से संभालते हुये दोनों ओर से पहल करते हुये जिले में सामाजिक समरसता कायम रखने का काम किया। पं.सुरेन्द्र नारायण शर्मा के आकस्मिक निधन पर यही माना जा रहा है कि अब जिले की पत्रकारिता में एक युग का अंत हो गया है। जहां उनके आदर्श सदैव पत्रकारों के मध्य प्रासांगिक रहेंगे तो वहीं उनके जाने से यह कमी अपूर्णीय रहेगी। जिले के प्रेस क्लब (रजि.) के पदाधिकारियों व सदस्यों की ओर से संरक्षक रहे पं. सुरेन्द्र नारायण शर्मा जी को शत-शत नमन करते हुये श्रद्धांजलि अर्पित।

मीठी कलम के अनथके योद्धा : सिद्धार्थ शर्मा

हमारे मार्गदर्शक एवं संरक्षक पूजनीय चाचाजी पं सुरेन्द्र नारायण शर्मा लगातार आधी शती तक प्रदेशीय और राष्ट्रीय स्तर के सर्वप्रिय पत्रकार रहे। प्रारम्भिक समय में जब वे चुस्त-दुरुस्त रहे, उन्होंने पत्रकार जगत के महान पुरोधा के. विक्रम राव से गहरी निकटता और मार्गदर्शन प्राप्त किया। अपनी जीवन में कभी भी अपनी कलम से न तो किसी का दल दुखाया और न ही किसी के स्वाभिमान पर चोट की। वे मनुष्य की परिस्थितिजन्य कमजोरियों से सदैव रूबरू रहते थे और उसके सुख-दुख को अपना ही सुख-दुख समझकर उत्पीड़ितों को गले लगा लेते थे। यद्यपि वे पत्रकारिता धर्म के सच्चे पुजारी थे परन्तु साथ ही नवोदित पत्रकारों की हौसला अफजाई भी बदस्तूर करते रहते थे। ऐसे शब्दसाधक पूज्यनीय चाचाजी जो चाचा से अधिक संरक्षक और मार्गदर्शक रहे। यह उदगार व्यक्त करते हुये उनके भतीजे सिद्धार्थ शर्मा ने उनकी पावन स्मृति में शत-शत नमन अर्पित किया है।

एडीएम ने फीता काटकर किया राखपंचमपुर मेले का शुभारम्भ

ललितपुर। विकास खण्ड जखौरा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम राखपंचमपुर में स्थित श्रीसिद्ध बाबा मन्दिर पर आयोजित मेले का शुभारम्भ अपर जिलाधिकारी अंकुर श्रीवासतव ने फीता काटकर किया। साथ में उपजिलाधिकारी चन्द्रभूषण प्रताप, अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार, क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय, मेला प्रभारी तहसीलदार सदर नरेश चन्द्र, नायब तहसीलदार भानुप्रताप, ग्राम प्रधान राखपंचमपुर राजपाल सिंह यादव, प्रभारी निरीक्षक जखौरा मनोज मिश्रा, पुलिस मेला प्रभारी भारत सिंह यादव, सहायक मेला प्रभारी इन्दपाल सिंह कम्पनी कमान्डर मौजूद रहे। इसके बाद अपर जिलाधिकारी,  उपजिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, मेला प्रभारी तहसीलदार सदर, ग्राम प्रधान राखपंचमपुर सिद्ध बाबा मन्दिर पर पहुंचे, जहां पर पं.पंकज तिवारी, पं.सुशील कुमार शुक्ला ने बड़े ही विधि विधान व मन्त्रोंच्चार के बीच पूजन अर्चन कराया। इसके बाद एडीएम ने श्री सिद्ध बाबा की आरती की एवं सिद्ध बाबा की चमत्कारी मडि?ा के दर्शन किये और माथा टेककर अपने मंगलमय जीवन की कामना की।

मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को मेले की सभी व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिये, क्योंकि यह जिले का ऐतिहासिक मेला है और पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक ने मेले में सुरक्षा के लिये भारी पुलिस बल तैनात किया है। महिला पुलिस बल व सादा वर्दी में भी पुलिस बल को तैनात किया गया है। मेले में चप्पे चप्पे पर रहेगी पुलिस की नजर, जिससे परिन्दा भी नहीं मार सकेगा। मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिये अस्थाई पुलिस चौकी बनाई गई है और खोया पाया काउंटर बनाया गया है। सिद्ध बाबा मन्दिर परिसर व मेला में जगह जगह सीसीटीवी कैमरा लगाये गये है। मेले में अग्निशमन के लिये फायर ब्रिगेड की गाड़ी लगी हुई है और मेले डीपी आरओ की तरफ से सफाई व्यवस्था के लिये पचास सफाई कर्मचारी लगे हुये है जो पच्चीस पच्चीस सफाई कर्मचारी दो सिफ्ट में साफ सफाई का काम करेंगे और श्रद्धालुओ को पानी पीने के लिये साठ मटका, पानी की चार मोटरे व जल संस्थान द्वारा पानी के टैंकर लगे हुये है और पाइप लाइन वाले नल भी लगे हुये है। यह मेला 2 अप्रैल तक चलेगा। राखपंचमपुर मेला में बड़ी दूर दूर से लाखो श्रद्धालु सिद्ध बाबा की चमत्कारी मडि?ा के दर्शन करने के लिये अपने आप खिचे चले आते है।

श्रीसिद्ध बाबा के मन्दिर में आकर माथा टेककर अपनी हाजिरी दर्ज कराकर सीदा, प्रसाद चढ़ाते है। श्री सिद्ध बाबा मन्दिर की ऐसी मान्यता है कि श्री सिद्ध बाबा की पवित्र भभूति राख फोड़ा फुन्सी पर लगाने से ठीक हो जाती है और शरीर को असाध्य चर्म रोगो से भी छुटकारा मिलता है। मेले में विभिन्न प्रकार की दुकाने सज गई हैं इनमें बच्चों के मनोरंजन के लिये झूले भी लगायें गये है और खिलौने की दुकान भी लगी हुई है और सबसे प्रसिद्ध मिट्टी के बर्तनों की भी दुकानें सज गई है। श्री सिद्ध बाबा मन्दिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। सिद्ध बाबा मन्दिर पर श्रद्धालुओं ने सुन्दरकाण्ड पाठ किया मेले में महिलाओं ने मिट्टी के बर्तनों की खूब खरीददारी की मेले में मेला प्रभारी तहसीलदार सदर नरेश चन्द्र, नायब तहसीलदार भानुप्रताप, ग्राम प्रधान राखपंचमपुर राजपाल सिंह यादव,प्रभारी निरीक्षक जखौरा मनोज मिश्रा, पुलिस मेला प्रभारी भारत सिंह यादव, सहायक मेला प्रभारी इंद्रपाल सिंह कंपनी कमांडर, सुशील कुमार शुक्ला सेवा निवृत्त, लेखपाल ब्रजकिशोर गुप्ता, लेखपाल संतोष सेन, लेखपाल राकेश पटेरिया, लेखपाल जिनेंद्र कुमार ,लेखपाल अरविंद कुमार, लेखपाल मोहनलाल, लेखपाल विक्रम सिंह निरंजन, लेखपाल संजीव कुमार मिश्रा, संग्रह अमीन राजेश कुमार तिवारी, राम नारायण साहू, गुलाब सिंह, विश्वनाथ शर्मा, तिलक सिंह, जगदीश सिंह,वीरन यादव मुकददम, वीरनराजपूत,ईदल, राघवेन्द्र, खिलान सिंह, कृपाल सिंह,विक्रमराजपूत,अशोक शर्मा, शिवप्रसाद,सरमन, बलराम, सुरेश,भगत,सुम्मेर बाबा, श्रीलाल विश्वकर्मा, घनश्याम, प्रदीप, केहर, दीपचंद कुशवाहा, सीताराम कुशवाहा, देवेन्द्र राय मेले की व्यवस्थाओं में लगे हुये है।

2025 तक टीवी मुक्त भारत बनाने की दिशा में नये-नये प्रयास जारी : क्षयरोग अधिकारी

ललितपुर। अपर निदेशक (क्षय)/राज्य क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अधिकारी स्वास्थ्य भवन लखनऊ के पत्र द्वारा इस वर्ष विश्व क्षयरोग दिवस के अवसर पर लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत आचार संहिता को देखते स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार होली होने के कारण विश्व क्षयरोग दिवस 28 मार्च 2024 को मनाये जाने के निर्देश प्राप्त थे। जिसके क्रम में ककरूआ स्थित एक विद्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला क्षयरोग अधिकारी डा.रामनरेश सोनी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक भारत को टी.बी. मुक्त बनाने का संकल्प लिया है और देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिये हर दिन नये-नये प्रयास किये जा रहे हैं।

कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा से क्षयरोगियों को गोद लेने की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है यह एक अच्छी पहल है। इससे समाज में बहुत ही धनात्मक ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास है कि क्षयरोगी जल्दी से स्वस्थ हों और स्वस्थ होकर अन्य लोगों की भांति समाज की मुख्य धारा में जीवनयापन कर सकें। तथा इस वर्ष विश्व क्षयरोग दिवस 2024 की थीम पर भी चर्चा की गयी। परामर्शदाता डा.जे.एस. बक्शी ने बताया कि क्षयरोग को तपेदिक या टीबी भी कहा जाता है। यह बीमारी प्राचीन काल से ही चली आ रही है और लाइलाज बीमारियों में शुमार थी किन्तु वर्तमान समय में टी.बी. का पूर्ण इलाज संभव है नियमित दवा खाने से यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। यदि इस बीमारी को प्रारंभिक अवस्था में नहीं रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। समय से इलाज नहीं लेने पर यह बीमारी धीरे-धीरे व्यक्ति को मारती है इसलिये लक्षण महसूस होते ही समय से इलाज शुरू हो जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि विश्व का हर चैथा रोगी भारतीय है और भारत का हर पांचवा क्षयरोगी उत्तर प्रदेश से है।

विश्व के कुल टी.बी. रोगियों का 30 प्रतिशत टी.बी. रोगी भारत में पाया जाता हैं तथा उनमे से लगभग 4 लाख मरीज प्रतिवर्ष मर जाते हैं। प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2018 में भारत को वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त करने की घोषणा की गयी है। जिसके अंतर्गत वर्ष 2015 की तुलना में टी.बी. रोग में 90 प्रतिशत मृत्यु दर को कम करना, 80 प्रतिशत नये टी.बी. रोगियों को कम करना तथा टी.बी. रोग से ग्रसित परिवारों में टी.बी. के कारण होने वाले धन की बबार्दी में शून्य प्रतिशत की कमी लाना है। पी.पी.एम. कॉर्डिनेटर आदेश श्रीवास्तव ने बताया कि 24 मार्च को क्षयरोग दिवस इसलिये मनाया जाता है क्योंकि इस दिन जर्मन के फिजीशियन एवं माइक्रो बॉयोलॉजिस्ट सर राबर्ट कोच ने 24 मार्च 1982 को टीबी के जीवाणु की खोज की थी। यह खोज आगे इसके इलाज में बहुत सहायक बनी इसलिये विश्व भर में टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये विश्व क्षयरोग दिवस के रूप में 24 मार्च को चुना गया। गोष्ठी में यह भी बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा संचालित की जा रही निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत क्षयरोगियों को 01 अप्रैल 2018 से इलाज के दौरान पोषण सहायता प्रदान करने हेतु रूपया पांच सौ का इन्सेंटिव प्रतिमाह प्रति रोगी की सहायता, उपचार के दौरान प्रदान की जाती है। इस दौरान जिला क्षयरोग अधिकारी डा.आर.एन.सोनी, परामर्शदाता टीबी डा.जे.एस. बक्शी, डा.लतिका सुडेले, डा.राजेन्द्र प्रकाश, अध्यापकगण, छात्र-छात्रायें, जिला क्षयरोग नियंत्रण केन्द्र से आदेश श्रीवास्तव उपस्थित रहे। संचालन अध्यापक दीपक जैन ने किया।

मुफ्त के राशन में कोटा संचालक कर रहे घटतौली, नहीं हो रही सुनवाई

ललितपुर। केन्द्र सरकार द्वारा लाभार्थियों को दिए जा रहे मुफ्त राशन में कोटे संचालक घटतौली कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को राशन का वितरण मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। दुकानदारों को शिकायत और कार्रवाई का कोई भय नहीं है।

कार्ड धारक घटतौली का शिकार हो रहे है। सरकार द्वारा दिए जाने वाले नि:शुल्क राशन में लाभार्थियों को कोटेदार पूरा राशन उपलब्ध नहीं कराते हैं। उपभोक्ता इससे परेशान हैं। उनका शोषण हो रहा है। जब भी वह उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कहते है तो कोटेदार पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

अंत्योदय कार्ड धारक ब्रजेन्द्र का कहना है कि जब उन्होंने अपने कोटेसंचालक से पूरा राशन देने की बात कही तो राशन संचालक यह कहकर टाल गया कि उसके यहां कर्मचारियों का खर्चा भी तो इसी से निकालना है। इसलिये हर राशन पर एक से ढेर किलो राशन मुझे चाहिए। लाभार्थी ऐसी स्थिति में उच्चाधिकारियों से शिकायत भी नहीं कर पा रहे है, क्योकि उनको भय है कि कोई न कोई कारण बताकर कोटेदार उसका राशन देना ही बंद न कर दे। गरीबों के हो रहे इस शोषण पर जिम्मेदार आंखे बंद कर बैठें हैं। अंत्योदय योजना की लाभार्थी हूं। सात यूनिट का कार्ड है। डीलर प्रतिमाह 30 किलो ही खाद्यान्न दे रहा है। जबकि प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न मिलना चाहिए।

बृजेन्द्र तनय भगवानदास निवासी ग्राम सिरोंन ने अपर जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौपकर बताया कि  कोटेदार संगीता देवी के पति चरन सिंह के द्वारा खुलेआम 1 किलो 200 ग्राम घटतौली कर रहे है जिसकी विडियो शोसल मीडिया पर खुलेआम वारयल है। जिसमें वह कहते हुये दिख रहे कि पहले भी देते थे 1 किलो कम और वही आज भी दे रहे है क्योंकि हमको सरकारी वेतन थोडी मिलता है हम सभी लोगों को 1-1 किलो कम देते हैं। साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि जनपद के कोटेसंचालक कई राशनकार्ड के एक यूनिट का पांच किलो खाद्यान्न बचाते है, पहले कांटे से लिंक नहीं थी ई-पॉश मशीन तो लाभार्थियों को जानकारी नहीं होती थी, और वह कोटेदार की बात पर विश्वास कर लेता था, लेकिन अब वर्तमान में कोटेसंचालक राशनकार्ड के एक यूनिट का पांच किलो खाद्यान्न डकारने के लिये कांटे से लिंक ई-पॉश मशीन होने के कारण लोहे के बाट का प्रयोग करने लगे है। जिला पूर्ति विभाग व बाट-माप विभाग घटतौली के खेल करने वाले इन कोटेसंचालक पर कोई कठोर कार्यवाही अमल में नहीं ला रहे है इससे इनके हौसले बढ़ते जा रहे है और खुलेआम घटतौली करने लगे है। पीडि़त ने शासन से कोटेसंचालक पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की है।

होली पर्व विशेष:फागोत्सव का संदेश है कि अभी और इसी क्षण मानवमात्र से बिना शर्त प्रेम करें


ललितपुर। होली पर्व पर आयोजित एक परिचर्चा को संबोधित करते हुए नेहरू महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो.भगवत नारायण शर्मा ने कहा कि बुन्देलखण्ड और बृजभूमि में रसेस्वर रंगनाथ श्रीकृष्ण लीला अथवा आज अवध में होरी रे रसिया का निमित्त हो तो फागोत्सव का परमानंद कुछ अजब और गजब सतरंगी छटा और रंग और गुलाल की विलक्षण घटा के साथ मन को इतना हिल्लोलित कर देता है कि यहां के किसान, श्रमिक और शिल्पकार धरती माता के इस मैले आँचल के दुख-दारिद्रय को भूल जाते हैं और यहां के रसीले जनकवि ईसुरी की फागें गाकर मस्त हो जाते हैं। यह सिलसिला विगत संक्रान्ति के पर्व से शुरु होकर होली के बाद रंगपंचमी तक बदस्तूर जारी रहता है।

यथा- दिन ललित बसंती आन लगे, हरे पात पियरान लगे, छिन-छिन घटन लगी है रजनी रवि के रथ ठहरान लगे उडऩ लगे चहुओर पताका आमन बौर दिखान लगे ऐसे में गंगाधर मोहन किन सौतन के कान लगे।रितुराज बसंत के शुभागमन से स्वाभाविक है कि जड़ और चेतन जगत नई करवट ले रहा है और सहसा जाग उठने पर दूने उत्साह से कर्मक्षेत्र में कूद पडऩे का आवाहन कर रहा है। हिन्दी के रसमय रीतिकालीन कवि पद्माकर भट्ट थे तो मूलरूप से मराठी, परंतु नख से शिख तक नीकी-नौनी, गुरीरी बुन्देली की चासनी में पग गये थे-वे कहते है- वनन में, बागन में बगरौ बसंत है। अन्य स्थल पर कही गई उनकी यह फाग समस्त उत्तर भारत में आज तक दोहराई जाती है। होली के मौके पर एक गोपिका भगवान रंगनाथ को ऐसा मजा चखाती है कि जिसे वे जीवन भर कदाचित भूले नहीं होंगे।

फाग की भीर, अभीरन में, गहि गोविंद लै गई भीतर गोरी, भाई करी मन की पदमाकर, सो ऊपर नाय अबीर की झोरी। छीन पितंबर कम्मर तै सो विदा दई मीड़ कपोलन रोरी। नैन नचाय कही मुसकाय, लला फिर अइयो खेलन होरी? भारत के यूं तो सभी उत्सव खेती-किसानी से जुड़े हैं परंतु फागोत्सव का विशेष ही आनंद है। क्योंकि खेतों में नवान्न गेहूं बालों से निवस्याने (बाहर आने) को व्याकुल हो रहा है। दलहनी फसलों पर तो खरर-खरर हंसिया चलता देख किसानों की हंसी -खुशी का पार-सम्हार का तो कहना ही क्या है? किसान संस्कृति अपने इस आनंदोत्सव में सभी को पुरा-पाले और गांववासियों को सहज रूप से साझा कर लेती है और नागर-शहरी संस्कृति अकेले ही कुठिया में दुबककर मंसूमा (अकेले ही ) गुड़ चूसती रहती है। इसीलिए बहुत पहले से ही होली की प्रेम और मस्ती की फागें गूंज रही हैं। जबसे सुनी बांसुरी हर की, नंदनंदन गिरधर की, मैं जमुनाजल भरत जातती, खबर भूल गई घर की, करन देत सखी री कोउ, नांश बांस की जर की।

यानि न रहे बांस और न बजे बांसुरी, हिन्दी के सगुण और निर्गुण भक्तिकालीन भक्तों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे अपने आराध्य देवाधिदेव शंकर, भगवान राम और कृष्ण के साथ राग-रंग में इतने डूब जाते हैं कि भक्त और भगवान का भेद ही मिट जाता है। अत: सभी होली गीत जितने आध्यात्मिक हैं उतने ही लौकिक है। संसार के सभी मनुष्यों के खून का रंग लाल है इसीलिए समस्त मानवजाति जिसे एक ही ईश्वर ने जन्म दिया है वह सहोदर भ्राता है ।

सदगुरु कबीर की अभिव्यक्ति कितनी सटीक है लाली मेरे लाल की, जित देखो तित लाल, लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल। निर्गुनिया संत भी मरघट को भी साधनास्थली बनाते हुए इतने मस्त हो जाते हैं कि मसाने में होरी खेले दिगम्बर। अनादिकाल से जीवात्मा और परमात्मा की एकात्मता की होली के अजब-गजब रंग-ढंग को भी भक्तिकाल के निरंजनी संतों ने चेतावनी के रूप में अनदेखा नहीं होने दिया है। सचमुच होली का आनंदोत्सव मानव एकात्मता और उल्लास का वैश्विक महापर्व है। एक गोपिका अपने प्रिय कान्हा से कहती है। का मिलत हमें रंग डारे सैं मैं तौ सदा रंगी रंग कारे सैं। वस्तुत: जीव और परमात्मा की अद्वैतता ही आज की सभी समस्याओं का तार्किक समाधान है।

वामा सारथी पुलिस फैमिली वेलफेयर एसोसिएशन ने करायी प्रतियोगिता

ललितपुर। वामा सारथी पुलिस फैमिली वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में वामा सारथी स्थानीय अध्यक्षा ललिता दहिया पत्नी मो. मुश्ताक (पुलिस अधीक्षक) की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में पुलिस परिवार के बच्चों की बौद्धिक क्षमता को विकसित करते हुये सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने हेतु वाद विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन, डान्स प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया। उक्त प्रतियोगिता में पुलिस कॉलोनी की महिलाओं एवं बच्चों-बच्चियों के द्वारा बढ़-चढ़कर व हर्षो उल्लास से प्रतिभाग किया गया।

स्थानीय अध्यक्षा द्वारा प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले बच्चों/बच्चियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान अन्विता तिवारी पत्नी (क्षेत्राधिकारी सदर अभय नारायण राय), प्रतिसार निरीक्षक जगदीश चन्द व अन्य अधिकारी/कर्मचारी गण एवं पुलिस परिवार की महिलाएं एवं बच्चे मौजूद रहे।

आजमगढ़ : आयजा शाहिद एवं शिजा शाहिद को किया गया सम्मानित ,हेरा पब्लिक स्कूल में हुआ सम्मान समारोह

सिद्धेश्वर पाण्डेय, आजमगढ़ । फूलपुर तहसील के फदगुदिया स्थित हेरा पब्लिक स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह में वार्षिक परीक्षाफल में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वालों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज निदेशक इंजीनियर मोहम्मद तारिक आज़मी ने बताया कि स्कूल में सर्वाधिक अंक 100 प्रतिशत कक्षा नर्सरी की छात्रा आयजा शाहिद पुत्री शाहिद शादाब ने प्रथम रैंक प्राप्त किए। कक्षा पांच की छात्रा शिजा शाहिद पुत्री शाहिद शादाब ने 97.68 फीसदी अंक प्राप्त कर प्रथम रैंक मिला है।

शाहिद शादाब की दोनों पुत्रियों को गोल्ड मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस क्रम में अन्य कक्षाओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया। मोहम्मद तारिक ने कहा कि शिक्षा ऐसी देनी चाहिए जो सभी को सरलता पूर्वक समझ में आए। शिक्षा में शिक्षक और अभिभावकों की अहम भूमिका होती है ।

प्रतिवर्ष के भांति इस वर्ष भी सौहार्दपूर्ण तरीके से आयोजित होगा उर्स : डीएम

ललितपुर। जनपद में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी हजरत बाबा सदनशाह की दरगाह पर लगने वाले उर्स शरीफ के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा हेतु जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने सम्बंधित अधिकारियों के साथ कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक की।

बैठक में जिलाधिकारी ने आयोजन से सम्बंधित प्रमुख विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि उर्स के दौरान परिसर में लगने वाली दुकानों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था रहे, इसके साथ वैकप्लिक बिजली, जनरेटर, इमरजेंसी लाइट, पानी के टैंकर, पोर्टेबल टॉयलेट आदि पूर्व से ही सुनिश्चित कर लिये जायें। इसके साथ ही फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां, अस्थायी वाहन पार्किंग स्टैण्ड भी बनाये जायें।

उन्होंने कहा कि उर्स में हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है, ऐसे में कुछ अराजक तत्व भी भीड़ में शामिल हो जाते हैं, इस हेतु उर्स परिसर में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे, पुलिस बल, महिला कॉन्सटेबल व वालेन्टियर्स मौजूद रहें। आयोजन परिसर में पानी का छिड़काव कराया जाए, मेडिकल डेस्क, हेल्पडेस्क व खोया-पाया डेस्क स्थापित करायी जाये, साथ ही दुकानों में इस्तेमाल होने वाले सिलिण्डर की भी चैकिंग करायी जाये। उन्होंने आयोजकों से कहा कि वर्तमान में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है, इसलिए उर्स के दौरान होने वाले प्रत्येक इवेन्ट की सूचना जिला प्रशासन को पूर्व में उपलब्ध करा दें, साथ ही मंच पर बोलने वालों को पूर्व में आदर्श आचार संहिता के बारे में अवगत करा दें।

पुलिस अधीक्षक मो. मुश्ताक ने कहा कि उर्स में भीड़ को देखते हुए विभिन्न मार्गों से आने वाले वाहनो को नियंत्रित किए जाने हेतु समुचित प्रबंध किए जाएगें, जिससे कि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो, महिला पुलिस बल की भी व्यवस्था की जायेगी। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से सी.सी.टी.वी. कैमरों से पूरे उर्स की निगरानी की जाएगी और एलआईयू भी सक्रिय रहेगी।

उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि उर्स में घुमंतु व संदिग्ध लोगों की प्रोपर चैकिंग की जाये, साथ ही अभियान चलाकर सदनशाह मैदान के आसपास अवैध मांस व चाय नास्ता की दुकानों को हटवाया जाए।

बैठक में अपर जिलाधिकारी अंकुर श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार, उप जिलाधिकारी सदर चन्द्रभूषण प्रताप, उप जिलाधिकारी राघवेन्द्र शर्मा, क्षेत्राधिकारी सदर अभयनारायण राय, एआरटीओ मो.कय्यूम सहित विद्युत, जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बुंदेलखंड में किसानों की आय बढ़ाने हेतु मल्टी लेयर फार्मिंग सार्थक पहल

ललितपुर। साईं ज्योति संस्था द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड के सहयोग से संचालित कृषि आधारित आजीविका संवर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद झांसी के विकासखंड बड़ा गांव के पांच गांव में मल्टी लेयर फार्मिंग के मॉडल विकसित कर किसानों की आय बढ़ाने हेतु सार्थक प्रयास किया जा रहा है।

यह मल्टी लेयर फार्मिंग मॉडल पूर्णत: ऑर्गेनिक खेती पर आधारित है। इनमें किसी भी तरह की रासायनिक खाद एवं रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया गया है। सब्जी उत्पादन की यह तकनीक बहु परतीय खेती किसने की आय बढ़ाने में सार्थक सिद्ध हो रही है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक भूपेश पाल ने बताया कि नाबार्ड किसने की आय बढ़ाने के लिए खेती के विभिन्न मॉडल विकसित करने का कार्य कर रही है। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से इसे पूर्णता ऑर्गेनिक किया जा रहा है।

श्रीपाल ने कहा कि इस मॉडल के माध्यम से किसानों को कम लागत में काम स्थान में अधिक उत्पादन प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया की बहू प्रत्येक खेती के अंतर्गत एक ही स्थान पर जमीन के अंदर जमीन के ऊपर एवं मचान पर खेती का मॉडल तैयार किया गया है इसमें जमीन के अंदर चुकंदर मूली जमीन के ऊपर पालक मेथी पत्ता गोभी आदि एवं मचान पर लौकी तुरई एवं करेला की फसले लगाई जा रही है। खेती के इस मॉडल से किसानों को अच्छा लाभ हो रहा है। साई ज्योति संस्था के अजय श्रीवास्तव ने बताया बुंदेलखंड में किसानों के लिए सब्जी की खेती उत्तम विकल्प के रूप में सामने आ रही है। उन्होंने बताया कि हमारे क्षेत्र की जमीन कम उपजाऊ है एवं पैदावार भी यह काम होती है, ऐसे में अगर किसान सब्जी की खेती करेगा तो उसे कम लागत में अधिक मुनाफा की संभावना हो जाती है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जिस अनुपात में जनसंख्या बढ़ रही है उसे अनुपात में जमीन नहीं बढ़ रही, इसी के साथ-साथ लोगों की व्यय के अनुपात में आय नहीं बढ़ रही है, ऐसे में जरूरी है कि कृषि के नए मॉडल आए जिनमें लागत कम हो एवं आमदनी ज्यादा हो, मल्टी लेयर फार्मिंग इसका बेहतर विकल्प है।

परियोजना संबंधित श्रीकांत मिश्रा ने बताया कि झांसी के पांच गांव में 200 किसानों के साथ साईं ज्योति संस्था द्वारा मल्टी लेयर फार्मिंग के मॉडल दीक्षित किया जा रहे हैं।