भाजपा ने मेनका गांधी के लिए खड़ा कर दिया एक बड़ा धर्म संकट,मां को टिकट बेटे को बेटिकट
सुल्तानपुर- सांसद मेनका गांधी के सामने बीजेपी ने बड़ा धर्म संकट खड़ा कर दिया। बीजेपी ने मां को टिकट, बेटे को 'बेटिकट' कर बहुत बड़ा सियासी उलटफेर किया है। खास कर ऐसे वक्त में जब मेनका गांधी ने अपने बेटे वरुण गांधी को राजनीति में एक बड़ा कद देने में कामयाबी हासिल कर ली थी,कम उम्र में ही लगातार तीन बार सांसद और भाजपा राष्ट्रीय महासचिव तक का सफर वरुण ने तय कर लिया था।लेकिन वरुण गांधी उस शिखर पर अपने पैर ठीक से टिका नहीं पाए।
ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भी अपनी कामयाबी को ज्यादा दिनों तक सहेज कर नहीं रख पाए,जिसका खामियाजा आज उनके सामने है। ऐसी स्थिति में अब मेनका गांधी को तय करना है कि वे सिर्फ एक मां के पक्ष को चुनती है या फिर खुद को विशुद्ध नेता साबित करती हैं। हालांकि मेनका गांधी को परिस्थितियों से लड़ना बखूबी आता है।
पारिवारिक जीवन और सियासी जीवन दोनों में उन्होंने संघर्ष के जरिये अपने आत्मबल को दिखाया भी है। अगर खुद का टिकट कटता और बेटे को मिलता, तब भी वे धर्मसंकट में न पड़तीं। बेटे का टिकट कट जाने के बाद वे अपना टिकट रिपीट होने की खुशी नहीं मना पा रहीं। अब तक उन्होंने टिकट के लिए शीर्ष नेतृत्व का आभार भी नहीं जताया है,जैसा कि परंपरागत रूप से प्रत्याशी करते रहे हैं। मां और पुत्र काफी समय से खामोश चल रहे हैं। मेनका के सुलतानपुर से टिकट मिलने और पीलीभीत से वरुण के टिकट कटने के बाद भी दोनों में से किसी की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है। यहाँ तक कि कांग्रेस नेता द्वारा उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का आफर देने वाली बात पर भी दोनों खामोश हैं।
हालांकि,मेनका गांधी ने अभी सुलतानपुर को लेकर भले ही कोई जानकारी साझा न की हो,लेकिन उनके करीबियों का कहना है कि वे 1 अप्रैल को सुलतानपुर पहुंचकर चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर सकती हैं। अब इंतजार मेनका गाँधी और वरुण गांधी के अगले कदम की है। सियासी जानकर मानते हैं कि आज रात तक कुछ न कुछ अप्रत्याशित चीजें देखने को मिल सकती हैं। क्योकि पीलीभीत से कल ही नामांकन की आखिरी तारीख है।
Mar 27 2024, 16:58