कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन प्रमुख समस्या - कुलपति
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कुमारगंज अयोध्या।आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान प्रेक्षागृह में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। यह कार्यक्रम कृषि महाविद्यालय एवं उद्यान वानिकी महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। "जलवायु परिवर्तन एवं कृषि में प्रभाव" विषय पर आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ विवि के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह, नाबार्ड के महाप्रबंधक बिनोद कुमार एवं अन्य अतिथियों ने जल भरो के साथ किया।
बतौर मुख्यअतिथि कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण वातावरण में कई तरह के बदलाव होते रहते हैं, जो कृषि क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। फसलों की पैदावार कम हो जाती है साथ ही उपज की पोषण गुणवत्ता भी कम हो जाती है।
जलवायु व्यवस्था को सुदृढ़ रखने के लिए 33 प्रतिशत क्षेत्र को जंगल के रूप में तैयार करना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन को रोकने में कृषि वानिकी अहम भूमिका निभा सकता है। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए फसल के साथ-साथ प्राकृतिक पौधे, प्राकृतिक एवं संरक्षित खेती करने की जरूरत है। कुलपति ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्तमान Activa समय में मनुष्यों में तरह-तरह की बीमारियां उत्पन्न हो रहीं हैं।
नाबार्ड के महाप्रबंधक बिनोद कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन हम सभी के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है। इस समस्या से निपटने के लिए सभी को एक साथ मिलकर आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों के उत्थान की दिशा में सदैव तत्पर है।
भारत सरकार किसानों को कुल परियोजना लागत के एक हिस्से पर सब्सिडी देकर चुनिंदा क्षेत्रों में परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्तम कार्य करने वाले किसानों शबीना खातून, राजित राम वर्मा, बंदना सिंह, राजबहादुर बर्मा को सम्मानित किया गया।
इस दौरान कुलपति व अन्य अतिथियों ने कंपेन्डियम का विमोचन किया । इससे पूर्व छात्राओं ने विवि कुलगीत प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया। डा. उलमन यशमिता नितिन के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्वागत संबोधन उद्यान एवं वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. संजय पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. उलमन यशमिता नितिन ने किया।
कार्यक्रम का संचालन डा. सीताराम मिश्रा ने किया। इस मौके पर विवि के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी एवं स्थानीय किसान मौजूद रहे।
Mar 01 2024, 19:44