मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की गोली मारकर हत्या, परिवार मे मचा कोहराम

मुजफ्फरपुर : जिले अपराधियों का तांडव जारी है। आए दिन अपराधी हत्या और लूट जैसी बड़ी वारदात को अंजाम देकर आराम से चलते बन रहे है।

अपराधियों ने एक बार फिर हत्या की घटना को अंजाम दिया है।जिले के सदर थाना के खबड़ा कृष्णानगर में मंगलवार की रात करीब नौ बजे प्रॉपर्टी डीलर कुमार मुकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शार्प शूटर ने पीछे से सिर में गोली मारी, जो सिर के पार हो गई। 

सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि प्रारंभिक छानबीन में हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। परिजनों के बयान पर एफआईआर दर्ज होगी। 

गोली लगने के बाद परिजन मुकेश को बैरिया स्थित एक अस्पताल ले गये। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

सूचना मिलने के बाद सिटी एसपी अवधेश दीक्षित, एएसपी नगर भानु प्रताप सिंह और सदर थाने की पुलिस भी अस्पताल पहुंची। रात में ही पोस्टमार्टम करा परिजन को शव सौंपने की कवायद की गई। 

मृतक के बड़े भाई चंद्र मोहन ओझा ने पुलिस को बताया कि मुकेश की किसी से दुश्मनी नहीं थी। गांव में घर के पास में ही एक भोज था। सारे लोग भोज में शामिल थे। 

मुकेश दामूचक स्थित अपने मार्केट व लॉज पर गये थे। काफी देर तक लॉज पर रुके। वहां से करीब सवा आठ बजे वह पैदल ही घर जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में हत्या कर दी गई। 

घटना के बाद परिवार मे कोहराम मचा हुआ है। परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

नीतीश के पाला बदलने पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी, बोले-दबाव पड़ते ही यू टर्न ले लेते हैं*

#rahul_gandhi_told_on_uturn_of_nitish_kumar 

इंडिया गठबंधन को नीतीश कुमार से मिले झटके के बाद पहली बार राहुल गांधी ने चुप्पी तोड़ी है। राहुल गांधी ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा है कि दबाव पड़ते ही वो यू टर्न ले लेते हैं।राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत पूर्णिया में रैली करते हुए नीतीश कुमार पर हमला बोला।नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन से हाथ छुड़ाने और आरजेडी के साथ सरकार चलाने के फैसले से अचानक पलटी मारने के बाद भाजपा संग सरकार बनाने को लेकर राहुल गांधी ने आज पहली बार अपनी नाराजगी सार्वजनिक की।

चुटकुला सुनाकर बिहार के सीएम पर कसा तंज

कांग्रेस नेता ने एक चुटकुला सुनाकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसा। राहुल ने अपने संबोधन में अखिलेश के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि अखिलेश जी का भाषण चल रहा था तो बघेल जी ने मुझे एक चुटकुला सुनाया। आपके राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में ये है। आपके सीएम गवर्नर के यहां शपथ ग्रहण के लिए गए। काफी धूमधाम था, वहीं, बीजेपी के नेता , गवर्नर साहब मौजूद थे। मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण करते हैं और फिर वे निकल जाते हैं, गाड़ी में पता चलता है कि वे अपना शॉल गवर्नर हाउस में भूल गए, फिर वे ड्राइवर को वापस चलने के लिए के लिए कहते हैं। जैसे ही गवर्नर अपना दरवाजा खोलते हैं तो गवर्नर कहते हैं, 'अरे इतनी जल्दी आ गए'। ऐसी है बिहार की हालत.. थोड़ा-सा दबाव पड़ता है और (नीतीश कुमार) यू-टर्न ले लेते हैं।

राहुल गांधी ने बताया-नीतीश जी कहां फंसे

भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी ने कहा, हमें नीतीश कुमार की जरूरत नहीं है। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि बिहार में लोगों को सामाजिक न्याय दिलाना हमारे गठबंधन की जिम्मेदारी है। राहुल गांधी ने आगे कहा कि बात समझिए नीतीश जी कहां फंसे। मैंने नीतीश जी से साफ कह दिया कि आपको बिहार में जातीय जनगणना करनी पड़ेगी हम आपको छूट नहीं देंगे। और आरजेडी और हमने ये काम नीतीश जी पर दबाव डालकर काम कराया। अब दूसरे साइड से प्रेशर आ गया। बीजेपी नहीं चाहती कि देश को पता चले कि कितने पिछड़े, कितने दलित हैं? बीजेपी नहीं चाहती की सामाजिक न्याय की बात हो। बीजेपी ने उन्हें भागने के लिए बैक डोर दे दिया। लोगों को सामाजिक न्याय दिलाना हमारी गठबंधन का काम है और इसके लिए हमें नीतीश जी की कोई जरूरत नहीं है।

यह बताया जा रहा है कि 13 जनवरी को इंडिया गठबंधन की बैठक में राहुल गांधी की एक टिप्पणी से नाराज हो गए थे और सप्हांत आते-आते उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया। यह बताया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के लिए एक समन्वयक चुनने के विषय पर जिनपर नीतीश कुमार की नज़र थी को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि वह ममता बनर्जी से परामर्श करेंगे।

राहुल गांधी से नाराज होकर नीतीश कुमार ने 10 मिनट पहले ही बैठक छोड़ दी थी। हालांकि कुछ ही समय बाद नेताओं ने उन्हें संयोजक के रूप में चुना लेकिन नीतीश कुमार ने इसे अस्वीकार कर दिया और खेमा बदलने का मन बना लिया।

मुजफ्फरपुर मे अपराधियों ने जमकर मचाया तांडव, सीसीटीवी मे कैद हुई सारी वारदात

मुजफ्फरपुर : जिले में अपराधियों ने जमकर तांडव मचाया है। बेखौफ बदमाशों ने एक ही थाना क्षेत्र में दो जगह लूट की घटना को अंजाम दिया। वही विरोध करने पर एक को गोली मार दी।

दरअसल बिहार में इन दिनों अपराधियों का तांडव बढ़ता दिख रहा है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर के करजा थाना क्षेत्र का है। जहां बेखौफ अपराधियों ने थाना क्षेत्र के अलग-अलग जगह पर महज कुछ की समय के अंतराल से दो लूटपाट की घटना को अंजाम दिया है।

वहीं लूटपाट करने का विरोध करने पर एक व्यक्ति को गोली मार दी, जिससे स्थानीय पीएचसी में भर्ती करवाया गया है।

पहली घटना करजा थाना क्षेत्र के चैनपुर के समीप की है। जहां एक गैस गोदाम की गाड़ी को अपराधियों ने निशाना बनाते हुए लगभग 40हजार की लूट की है। 

वही करजा थाना क्षेत्र के ही मरवन के समीप एक सीएसपी संचालक को निशाना बनाते हुए लगभग एक लाख चालीस हजार की लूट की। वही लूट का विरोध करने पर अपराधियों ने सीएसपी संचालक को हांथ में गोली मारी है, जिसे इलाज हेतु स्थानीय पीएचसी में भर्ती कराया गया है। 

इधर सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।

मामले में करजा थानाध्यक्ष ने बताया कि दो जगह लूट की घटना की जानकारी प्राप्त हुई है। जहां एक गैस एजेंसी गोदाम के गाड़ी से लगभग 40हजार की लूट। वही एक सीएसपी संचालक से तकरीबन 1लाख 40हजार की लूट की बात सामने आ रही है। 

जिसमे सीएसपी संचालक को विरोध करने पर हांथ में गोली लगने की बात बताई गई है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

नीतीश कुमार संयोजक बनना चाहते थे तो बना देते लेकिन...', बिहार के CM पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कसा तंज

बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं गृह मंत्री अमित शाह को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आड़े हाथों लिया। वे रविवार को इंदौर आए थे। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं की कथनी एवं करनी में अंतर होता है। उन्होंने कहा- हमें कभी उम्मीद नहीं थी कि नीतीश कुमार ऐसा कदम उठाएंगे। वे पहले ही बोल चुके थे कि किसी हालत में मरते दम तक बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। वे संयोजक बनना चाहते थे तो बना देते, इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं थी। उन्हीं के द्वारा विपक्षी गठबंधन का प्रयास किया गया था। 

उन्होंने कहा- सभी ने मिलकर उन्हें संयोजक बनने का आफर भी दिया था जिसे उन्होंने ही मना कर दिया। फिर इस प्रकार का कदम उठाने का क्या मतलब है। वे स्वयं डेढ़ साल से भारतीय जनता पार्टी का सामूहिक विरोध करने की पहल कर रहे थे। यह कैसा नेता जो कहे कुछ और करे कुछ। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अमित शाह ने कहा था कि नीतीश आना भी चाहेंगे तो नहीं लेंगे, लेकिन वे उनके साथ हो लिए। दिग्विजय ने कहा कि इन नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है। 

वहीं दिग्विजय ने राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरे लोकसभा चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि मैं राज्यसभा सदस्य हूं तथा अभी मेरा सवा दो साल का कार्यकाल बचा है। दिग्विजय सिंह इन दिनों राजगढ़ जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जाकर पार्टीजन से बातचीत कर रहे हैं।

श्री सीताराम रथ यात्रा को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने जयश्री राम के नाम का झंडा दिखाकर किया रवाना

मुजफ्फरपुर : नील सेना द्वारा श्री रामकथा के साथ विश्वकल्याणार्थ श्री मिथिला दुल्हा-दुल्हीन श्री सीताराम रथ यात्रा को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने जयश्री राम के नाम का झंडा दिखाकर रवाना किया। 

बिहार के मुजफ्फरपुर से यह रथ रामायण सर्किट के रास्ते से होते हुए बसंतपंचमी को अयोध्या पहुचेंगी पूरे यात्रा के दौरान एक चुटकी सिंदूर दान करें माँ सीता का सम्मान करें कार्यक्रम चलता रहेगा 

दान में मिला यह सिंदूर मां सीता को अर्पित करने के बाद फिर प्रसाद स्वरूप आशीर्वाद में महिलाओं को वितरण कर दिया जाएगा। 

30 जनवरी के दिन ही भारत में शालिग्राम शिला प्रवेश किया था इसलिये आज के दिन ही वार्षिकोत्सव के रूप में इस कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल महोदय ने दीप प्रज्वलित कर किया। 

इस दौरान पूर्व DGP कथावाचक गुप्तेश्वर पांडेय , पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, पूर्व मेयर सुरेश कुमार, बीजेपी नेता हरिमोहन चौधरी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

नील सेना द्वारा श्री रामकथा के साथ विश्वकल्याणार्थ श्री मिथिला दुल्हा-दुल्हीन श्री सीताराम रथ यात्रा में 496 लोग शामिल हैं। 

बताते चले कि 496 लोग इस लिये इस यात्रा में शामिल हुए हैं कि चार सौ छेयांबे साल बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है। जिसके वजह से 496 लोग ही इस यात्रा में शामिल हुए है। 

इस कार्यक्रम के दौरान यह बातें सामने आई कि मुजफ्फरपुर का नाम पहले वैदेह नगर हुआ करता था। जिसके वजह से पूरे कार्यक्रम के दौरान मुजफ्फरपुर के जगह वैदेह नगर बोला गया।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

बिहार मे लोगों को अभी दो दिन ठंड से नही मिलेगी निजात, मौसम विभाग ने इन जिलों मे शीतलहर का जारी किया अलर्ट

डेस्क: बिहार मे लोगों को अभी ठंड से दो दिन और निजात नही मिलने वाली है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों मे शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।

पटना में सोमवार को धूप निकले से दिन में लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली लेकिन शाम होते होते पारा लुढ़ना शुरु हो गया। मौसम विभाग के अनुसार बिहार के  कई जिलो मे आगामी 15 फरवरी, 2024 तक मोतिहारी , बेतिया गोपालगंज, सीवान, सारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुज़फ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, मधेपुरा, अररिया और किशनगंज जिले में भीषण कुहासा और शीतलहर का प्रकोप जारी रह सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार 29 से 31 जनवरी तक कई जिलों में कोल्ड डे से लेकर अति शीत दिवस की स्थिति बनी रहने की संभावना है। 

मौसम विभाग ने भी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 31 जनवरी तक घने कोहरे के साथ शीतलहर की आशंका है। विभाग के अनुसार अगले 30 जनवरी तक राज्य के लोगों को ठंड की मार सहनी पड़ सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य के लगभग सभी जिलों में में बर्फीली उत्तर पछुआ हवा से लोगों की परेशानी बढ़ेगी। 31 जनवरी के बाद हीं ठंड से राहत मिलने का अनुमान है। बिहार के कुछ हिस्सों में शीत दिवस से लेकर गंभीर शीत दिवस की स्थिति उत्पन्न हुई। 31 जनवरी से एक पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।

पटना, गया, औरंगाबाद, भागलपुर, नालंदा, मुंगेर, खगड़िया, बांका, लखीसराय, जमुई, नवादा सहित कई जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार 31 जनवरी तक ठंड और शीतलहर से लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है.पश्चिमी विक्षोभ के बारंबार आने की संभावना के कारण पिछले साल के मुकाबले कोल्ड डे अधिक रहेगा।

मुजफ्फरपुर के ने जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने पदभार ग्रहण किया

मुजफ्फरपुर : जिले के नए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने पदभार ग्रहण किया।निवर्तमान डीएम प्रणव कुमार ने डीएम का प्रभार सौंपा। 

इससे पहले नव जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन का समाहरणालय परिसर में गार्ड आफ ऑनर देकर सम्मानित किया गया।

बता दें पिछले दिनो प्रदेश की महागठबंधन सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया था। जिसमे मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार का नाम भी शामिल था।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

मुजफ्फरपुर:- 800 राउंड जिंदा कारतूस के साथ कुख्यात तस्कर गिरफ्तार- अलग अलग जिलों में करता था सप्लाई

 मुजफ्फरपुर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, गुप्ता सूचना के आधार पर विशेष टीम ने जिंदा कारतूस की एक बड़ी खेप के साथ कुख्यात तस्कर को किया गया गिरफ्तार.

 दरअसल जिले के बेनीबाद ओपी क्षेत्र से करवाई में मिली सफलता. बताया गया की DIU ने तस्कर के पास से तकरीबन 800 गोलियां बरामद किया, 

जो की 20अलग अलग पैकेट में रखा हुआ था, जो की अलग अलग जिलों में तश्करी करता था, वही पकड़ा गया आरोपी मो आशिक अंसारी के पास से 11 अलग अलग कंपनी के मोबाइल फोन बरामद. गुप्त सूचना के आधार पर करवाई करते हुए तस्कर किया गया है गिरफ्तार.

एनडीए सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक खत्म, इन चार एजेंडों पर लगी मुहर

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डेस्क : बिहार में एनडीए की सरकार बनने का बाद आज पहली कैबिनेट की बैठक हुई। इस पहली कैबिनेट की बैठक में चार एजेंडों पर मुहर लगी। 

वहीं, कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश के ऑफिस पहुंचकर बात की। सचिवालय में लगे RJD-कांग्रेस के मंत्रियों के नेम प्लेट उखाड़ दी गई है। जेडीयू के पुराने मंत्रियों के नेम प्लेट को ढंक दिया गया है। तेजस्वी के बंगले के बाहर लगी डिप्टी सीएम की नेम प्लेट को भी ढंका गया है।

बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की जो तारीख थी उसे रद्द कर दिया गया है और अब नए सिरे से इसकी तारीख तय की जाएगी।

बैठक के चार एजेंडों में संसदीय कार्य से दो और वित्त विभाग के दो एजेंडे थे। सदन की कार्यवाही बुलाए जाने के लिए सीएम नीतीश को अधिकृत किया गया है। कोई डेट तय नहीं किया गया है। बजट सत्र 5 फरवरी को आगे बढ़ाया गया है। 

बैठक खत्म होने के बाद नीतीश सीएम हाउस पहुंच गए हैं। जेडीयू सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं। आज मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का बंटवारा हो सकता है।

बार बार पाला बदलने वाले नीतीश 9वीं बार बने सीएम, जानें कब कब मारी पलटी?

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बिहार में पिछले एक दशक की सियासत पर गौर करें तो देखेंगे कि राज्य में हर साल डेढ़ साल में सरकार बदल जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बदलता। सत्ता के केन्द्र में नीतीशे कुमार का ही नाम होता हैं। इसकी वजह है कि नीतीश एक दशक से कम वक्त में अबतक पांच बार पाला बदल चुके हैं। रविवार को नीतीश कुमार ने ‘महागठबंधन’ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और दोबारा एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली।अब तक पांच पर गठबंधन बदल चुके नीतीश नौवीं बार सीएम बने हैं।

1985 में पहली बार विधायक बने

नीतीश ने 1974 के छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में कदम रखा, 1985 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद नीतीश कुमार ने पलटकर नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते चले गए। लालू प्रसाद यादव 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1994 में नीतीश ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नीतीश और लालू एक साथ जनता दल में थे, लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा में दोनों के रिश्ते एक दूसरे से अलग हो गए।साल 1994 में नीतीश ने जनता दल छोड़कर जार्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया। इसके बाद साल 1995 में वामदलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े, लेकिन नतीजे पक्ष में नहीं आए। नीतीश ने लेफ्ट से गठबंधन तोड़ लिया और 1996 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गए। नीतीश कुमार की राजनीतिक प्रसिद्धि तब बढ़ी जब उन्हें एनडीए सरकार में रेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

यहां से नीतीश का 'पलटी' फार्मूला गूंजा

इसके बाद नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ 2013 तक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे और बिहार में सरकार बनाते रहे। इस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था। यह बात साल 2012 की जब बीजेपी में नरेंद्र मोदी का कद बढ़ने लगा था। मोदी के बढ़ते हुए कद को देखकर नीतीश कुमार एनडीए के अंदर असहज महसूस करने लगे। यही वजह रही कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस लोकसभा चुनाव का यह परिणाम हुआ कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। क्योंकि जेडीयू को केवल दो सीट ही हासिल हुई थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया और 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बने। विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई।

करीब ढाई साल बाद 2017 में नीतीश कुमार ने फिर से चौंकाया। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का आईआरसीटीसी घोटाले में नाम आया। इस घटना के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन समाप्त कर दिया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम पद छोड़ने के तुरंत बाद वो भाजपा में शामिल हो गए। साथ ही गठबंधन करके सरकार बना ली। इसके बाद 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इस चुनाव में नीतीश की पार्टी जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें हासिल हुईं। भाजपा को 74 और आरजेडी को 75 सीटें हासिल हुईं, लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री के सिंहासन पर नीतीश कुमार ही विराजमान हुए।

एक बार फिर एनडीए के साथ

इसके दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी। नीतीश को अब बीजेपी से दिक्कत होने लगी थी। नीतीश कुमार ने कई कारण बताते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया साथ ही भाजपा से अपना रिश्ता खत्म कर लिया। इसके साथ नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना ली और राज्य का डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बनाया। डेढ़ साल के बाद नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।