*‘एक ही निवेदन है नशाबंदी होना चाहिए’: पूर्व गृहमंत्री ननकीराम ने CM से की शराबबंदी की मांग…*

रायपुर-    प्रदेश में शराबबंदी को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे को जमकर घेरने का काम किया है. यहां तक की कांग्रेस ने शराबंदी करने का ऐलान भी किया था, लेकिन अपना वादा नहीं निभा पाई. अब एक बार फिर शराबबंदी की मांग उठ रही है. ये मांग कोई और नहीं पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कवर ने मुख्यमंत्री साय से की है.

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कवर ने कहा, आदिवासी समाज के लिए नशाबंदी करना चाहिए. सरकार नहीं मानी तो मैं अकेला तो नहीं कर सकता. 5 कक्षा से दारू छोड़ा हूं. कुछ लोग हैं जो शराबबंदी के पक्ष में होंगे. सर्व सम्मति से नहीं तो सभी के सहमति से होना चाहिए. अगर ये समाज नशाबंदी कर दे तो इस आदिवासी समाज को कोई पीछे नहीं धकेलेगा.

आगे उन्होंने सीएम साय से निवेदन करते हुए कहा, हमारे मुखिया को आदिवासियों के लिए नशाबंदी करना चाहिए. जनजातियों के लिए करना चाहिए. पूर्व सीएम ने नशाबंदी का ऐलान किया था. हम नहीं कर सकते थे. कांग्रेस दारू बेचती थी, अभी पेपर में भी आया है कि कितने लोग जेल जा रहे हैं.

*सीजी आईएजीई का पहला वार्षिक राज्य सम्मेलन का सफलतापूर्वक हुआ समापन*

रायपुर-     27-28 जनवरी को आयोजित हिस्टेरोस्कोपी में प्रगति पर बहुप्रतीक्षित दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन ने देश और विदेश के प्रसिद्ध एंडोस्कोपिस्ट विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों को सफलतापूर्वक एक साथ लाया है। यह सम्मेलन, सीजी आईएजीई के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मनोज चेलानी द्वारा शुरू किया गया एक सहयोगात्मक प्रयास है, जो हिस्टेरोस्कोपी के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होने का वादा करता है।

सम्मेलन के उद्घाटन दिवस पर प्रतिष्ठित पेशेवरों का जमावड़ा हुआ, जिनमें संरक्षक के रूप में कार्यरत डॉ. आभा सिंह और डॉ. देवेन्द्र नायक और आईएजीई के अध्यक्ष डॉ. पंडित पलस्कर शामिल थे। चिकित्सा क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्ती डॉ. हफ़ीज़ रहमान ने भी अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। विशेषज्ञ एंडोस्कोपी के क्षेत्र में अध्ययन और अभ्यास के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हिस्टेरोस्कोपी की प्रगति पर ध्यान केंद्रित करते हुए विचारोत्तेजक चर्चा और विचार-विमर्श में लगे हुए हैं।

सीजी आईएजीई के दूरदर्शी संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मनोज चेलानी ने देश और विदेश के प्रतिनिधियों की जबरदस्त प्रतिक्रिया और भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने सहयोग को बढ़ावा देने, ज्ञान साझा करने और चिकित्सा प्रगति में सबसे आगे रहने में ऐसे सम्मेलनों के महत्व पर जोर दिया।

सम्मेलन का पहला दिन हिस्टेरोस्कोपी में नवीनतम विकास पर व्यापक चर्चा पर केंद्रित था। डॉ. आभा सिंह, डॉ. देवेन्द्र नायक, डॉ. पंडित पलस्कर और डॉ. हफ़ीज़ रहमान जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति ने विचार-विमर्श को बहुत महत्वपूर्ण बना दिया। उनकी अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता ने निस्संदेह आयोजन की समग्र सफलता में योगदान दिया है।

डॉ. चेलानी ने इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हिस्ट्रोस्कोपी में प्रगति पर राज्य स्तरीय सम्मेलन विशेषज्ञों के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने, अनुभव साझा करने और हमारे क्षेत्र में प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। इस सहयोग से निस्संदेह बड़े पैमाने पर चिकित्सा समुदाय को लाभ होगा।"

सम्मेलन का दूसरा दिन भी समान रूप से आकर्षक भी था, जिसमें हिस्टेरोस्कोपी के विभिन्न पहलुओं पर अधिक गहन चर्चा, प्रस्तुतियाँ और कार्यशालाएँ शामिल हुई। आयोजकों का अनुमान है कि इस सम्मेलन के दौरान साझा किए गए ज्ञान और बनाए गए संपर्कों का क्षेत्र पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा, जिससे अंततः रोगियों और चिकित्सा पेशेवरों को समान रूप से लाभ होगा।

*समाज को विकास की नई दिशा देने संगठित प्रयास जरूरी: राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा*

रायपुर-     समाज को एक नई दिशा की ओर ले जाने के लिए सभी को मिलजुलकर कार्य करना होगा। समाज की एकता, तरक्की और भलाई के लिए आपसी समन्वय से काम करना है। समाज की शक्ति संगठन से होती है। समाज के विकास के लिए सभी को संगठित होना आवश्यक है। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने आज अभनपुर विकासखंड के ग्राम क़ुर्रु में मनवा कुर्मी चंदखुरी राज के 78 वें वार्षिक राज अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होनें स्वामी आत्मानंद विद्यापीठ स्कूल को शैक्षणिक एवं अन्य विकास कार्याे के लिए 25 हज़ार रुपए प्रोत्साहन राशि की घोषणा की।

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि राज्य के विकास के कुर्मी समाज का महत्वपुर्ण योगदान है। कुर्मी समाज मुख्यतः कृषि कार्य से जुड़ा हैं। कृषि की उन्नति से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था गतिमान होती है। उन्होंने समाज के लोगों से उन्नत कृषि के साथ-साथ शिक्षा पर भी ध्यान देने की अपील की है। श्री वर्मा ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। हमें प्रभु श्री राम के आदर्श और चरित्र केवल सुनना ही नही अपितु अपने जीवन में उतारना भी हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के लोगों के लिए श्री रामलला दर्शन योजना प्रारंभ किया है। कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद विद्यापीठ के बालिकाओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ कुर्मी समाज के केंद्रीय अध्यक्ष चोवाराम वर्मा, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा, जिला पंचायत सदस्य ललिता वर्मा, तिल्दा जनपद सभापति शिव शंकर वर्मा, भूतपूर्व विधायक लक्ष्मी बघेल, चंदखुरी राज प्रधान चिंता राम वर्मा, समस्त राज के राजप्रधान, सामाजिक पदाधिकारीगण सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

*कंवर समाज को सीएम साय का तोहफा, भवन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये देने का किया ऐलान*

रायपुर-  रविवार को इंडोर स्टेडियम में कंवर गौरव सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया. कंवर गौरव सम्मान समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी पत्नी कोशल्या देवी साय सहित वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा, पूर्व विधायक ननकीराम कंवर, पूर्व विधायक चिंतामणि महाराज कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान सीएम ने समाज के भवन के लिए राशि की घोषणा की.

अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मेरे लिये बड़ी खुशी का दिन है. मुझे कंवर रत्न से सम्मानित किया गया. कंवर समाज के छोटे से कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद. यह पूरे कंवर समाज का सम्मान है. सीएम ने कहा कि समाज के गौरव के साथ-साथ जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. मैं जीवनभर समाज का आभारी रहूंगा. आप लोगों से आशीर्वाद मांगने आया हूं. मुझे विश्वास है कि पद के दायित्व को निभाने के लिए पूरे समाज का साथ मिलेगा.

सीएम ने कहा कि हमारे समाज में गहिरागुरु जैसे संत हुए. राजनीति के क्षेत्र में भी हमारे समाज का इतिहास है. इसके साथ ही सीएम साय ने टाटीबंध स्थित समाज के भवन में निर्माण के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री साय ने पद्मश्री जागेश्वर यादव को छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाने पर किया सम्मानित

रायपुर-  राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के बिरहोर कुछ सालों पहले तक इतने संकोची थे कि जूते-चप्पल पहने हुए किसी को आता देखकर भाग जाते थे। उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने जागेश्वर यादव ने जीवन भर जूते-चप्पल नहीं पहनने का संकल्प किया ताकि वे मिलने से सकुचाये नहीं। धीरे-धीरे वे बड़ा बदलाव लाने में कामयाब हुए और अभी बिरहोरों की पहली पीढ़ी शिक्षित हो गई है। वे शासकीय योजनाओं का लाभ लेने आगे बढ़ रहे हैं। जब जागेश्वर यादव 21 वर्ष के थे तब उन्होंने बिरहोर जनजाति के लोगों की दुर्दशा देखी और उनकी सेवा का संकल्प लिया। आज चार दशक हो गये हैं और उनका सेवा कार्य अनवरत जारी है।

संकल्पित भाव से बिरहोर जनजाति की सेवा करने वाले और पिछड़े वर्ग से आने वाले इस जननायक और सेवाभावी कार्यकर्ता का सम्मान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य अतिथि गृह पहुना में किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किये जाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है। यादव ने भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पूरे रास्ते में आपका भरपूर सहयोग मिला जिसे मैं कभी नहीं भूलूँगा। आपने बिरहोर भाइयों के साथ बैठकर पतरी में चावल खाया। उनकी शिक्षा के लिए जो भी योजनाएं हम आपके पास लेकर गये। आपने कहा कि ये अच्छा काम है इसे आगे बढ़ाइये, मैं इसमें आपकी मदद करूंगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहली ही कैबिनेट में आवासीहीनों को आवास उपलब्ध कराने का जो निर्णय लिया है। उससे सभी बिरहोरों को पक्का मकान मिल पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर यादव को पद्मश्री के लिए सम्मानित किये जाने का केंद्र सरकार का निर्णय सेवा भाव से संकल्पित एक कार्यकर्ता का सम्मान है। जब प्रदेश में कोरोना फैला और मोदी जी ने वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध कराई तब बिरहोर लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर आशंकाएं थीं और प्रशासन के अनेक बार आग्रह करने पर भी उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। फिर जागेश्वर यादव को इसके लिए बिरहोरों को तैयार करने भेजा गया। बिरहोर इनको अपना मसीहा मानते हैं। जब जागेश्वर यादव ने आग्रह किया तो सब तैयार हो गये, ये उनकी बिरहोरों की बीच गहरी पैठ का प्रमाण है। पाली विकासखंड में उन्होंने 3 कार्यक्रम बिरहोरों के लिए कराए और हर बार मैं इन कार्यक्रमों में शामिल हुआ। इनके सम्मान की जब जानकारी मुझे मिली तो मुझे बहुत खुशी हुई।

उल्लेखनीय है कि जागेश्वर यादव के प्रयासों से न केवल बिरहोर लोग शिक्षा से जुड़े हैं। उन्होंने खेती भी करना आरंभ कर दिया है। जो बिरहोर भिक्षावृत्ति से जुड़े थे वे आज धान बेच रहे हैं। धरमजयगढ़ के ग्राम खलबोरा के केंदा राम अब धान बेच रहे हैं। बिरहोरों के लिए जागेश्वर यादव ने धरमजयगढ़ में आश्रम भी आरंभ किया है। उनको पद्मश्री मिलने पर बिरहोरों में भी काफी खुशी का माहौल है।

हेमराज मांझी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की मुलाकात

रायपुर-   आयुर्वेद में एक कहानी बताई जाती है। तक्षशिला विश्वविद्यालय में जब चरक और साथियों की गुरुकुल में शिक्षा पूरी हुई तो उनके गुरु ने अंतिम परीक्षा के लिए उन सभी को बुलाया। उनसे कहा कि ऐसे पौधे लाकर दें जिसमें औषधीय गुण हों और जिसके बारे में अब तक बताया न गया हो। सभी विद्यार्थी कुछ पौधे लेकर आये, केवल चरक कुछ नहीं लाये। जब चरक से गुरू ने पूछा कि पौधे क्यों नहीं लाए। चरक ने कहा कि मुझे सभी पौधों में कुछ न कुछ औषधीय गुण मिले, चूंकि सभी को लाना संभव नहीं था, इसलिए मैं खाली हाथ आया। गुरु जी ने कहा कि परीक्षा में केवल चरक उत्तीर्ण हुए। संसार में हर पौधे में कुछ न कुछ औषधीय गुण मौजूद हैं। यह कहानी बताती है कि जड़ी-बूटी के क्षेत्र में अनुसंधान की बड़ी गुंजाइश होती है।

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में रहने वाले वैद्य हेमराज मांझी ने अपना पूरा जीवन इन्हीं जड़ी-बूटियों की खोज की और लगभग पांच दशकों से हजारों लोगों को ठीक किया है। आम जनता की इस अहर्निश सेवा के चलते केंद्र सरकार ने इन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य अतिथि गृह पहुना में श्री मांझी का सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने छत्तीसगढ़ का गौरव पूरे देश में बढ़ाया है। आपने परंपरागत जड़ी-बूटियों के माध्यम से अनेक बीमारियों में लोगों का उपचार किया है। अमेरिका जैसे देशों से भी पेशेंट आपके पास आये हैं। यह ऐसी विद्या है जिसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है।

उल्लेखनीय है कि श्री मांझी ने छोटे डोंगर में ऐसे समय में लोगों का जड़ी बूटियों से इलाज करने का निर्णय लिया जब यहां स्वास्थ्य सुविधाएं बिल्कुल नहीं थी। परिवार में किसी के वैद्य के पेशे में नहीं होने के बावजूद उन्होंने सेवाभाव के चलते यह निर्णय लिया। उनके अनुभव के चलते उनका ज्ञान बढ़ता गया और नारायणपुर के अलावा दूसरे जिलों के मरीज भी उनके पास आने लगे।

वैद्य श्री मांझी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम तो सेवा का कार्य कर रहे थे। लोगों का उपचार कर रहे थे और खुश थे। जब पता चला कि मोदी जी ने पद्मश्री के लिए चुनने का निर्णय लिया है तो पहले तो आश्चर्य हुआ। हमें लगा कि दिल्ली में भी बैठकर मोदी जी की सरकार पूरे देश में हो रहे अच्छे कामों पर नजर बनाये हुए हैं और सेवा का काम करने वालों को सम्मानित करते जा रही है।

श्री मांझी ने बताया कि बस्तर की वनौषधियों में जादू है। हम जंगल से अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटी इकट्ठी करते हैं। इन्हें उचित अनुपात में मिलाते हैं और अलग-अलग तरह की बीमारियों का इस तरह से उपचार करते हैं। नाड़ी देखकर मर्ज का पता लगाते हैं और इसके मुताबिक इलाज करते हैं। कई बार जब एलोपैथी से लोग कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के संबंध में हतोत्साहित हो जाते हैं तब वे यहां आते हैं और ईश्वर की अनुकंपा से हमारी औषधियों के कमाल से वो ठीक हो जाते हैं।

श्री मांझी के पास हर दिन अमूमन सौ से अधिक मरीज पहुँचते हैं। कल भी असम और आंध्रप्रदेश से कुछ मरीज पहुंचे थे। श्री मांझी यह सब मामूली शुल्क में करते हैं। जो खर्च वे लेते हैं वो दवाइयों के बनाने में लगता है। उन्होंने बताया कि वनौषधियों में उपयुक्त मात्रा में शहद, लौंग एवं अन्य मसाले डालने होते हैं। उनका खर्च हम मरीजों से लेते हैं। उन्होंने बताया कि जब तक साँसों में साँस हैं तब तक यह सेवा का काम करता रहूँगा।

मुख्यमंत्री ने श्री मांझी से कहा कि आप सेवा का काम कर रहे हैं। ये बहुत पुण्य का काम है। आपकी विद्या से बहुत सारे लोग ठीक हो रहे हैं। आपको पद्मश्री मिलने से आपकी ख्याति और भी फैलेगी। आप आने वाली पीढ़ी को इसकी शिक्षा दें। यह बहुत मूल्यवान विद्या है इसे आपकी पीढ़ी में ही समाप्त नहीं होना चाहिए। श्री मांझी ने कहा कि आपसे मिले सम्मान से मेरा उत्साह और बढ़ गया है। अभी नई पीढ़ी को नाड़ी से मर्ज जानना सिखा रहा हूँ अब जड़ी-बूटी के गुणों के बारे में भी बताऊंगा।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार 2 नहीं 4 महिलाओं को करेगी खड़ा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने किया खुलासा

रायपुर-   महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने लोकसभा चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशियों को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि पिछले चुनाव में 2 महिलाएं थीं, इस बार 11 सीटों में से 4 पर महिलाएं खड़ी होंगी. इस बार 2 नहीं 4 महिलाओं को खड़ा किया जाएगा. 

महिला कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के ध्येय से छत्तीसगढ़ पहुंची राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने रायपुर में मीडिया से रू-ब-रू हुईं. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईडी लगातार हमारे नेताओं को टारगेट कर रही है. राहुल गांधी से भी 55 घण्टे पूछताछ हुई थी, लेकिन कांग्रेस डरी नहीं है. ईडी, सीबीआई, आईटी के माध्यम से परेशान करने की कोशिश की. छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले ईडी पहुंची, जहां चुनाव हो रहा है, वहां ईडी पहुंच रही है.

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा कुल 5 दिनों तक छत्तीसगढ़ में चलेगी, जो प्रदेश के 7 जिलों से होकर गुजरेगी. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत अच्छा रही है. लेकिन असम पहुंचते ही विवाद की स्थिति भाजपा ने पैदा करने की कोशिश की. राहुल गांधी को मंदिर जाने से रोका गया, छात्रों से भी मिलने नहीं दिया, फिर छात्र खुद बाहर आकर राहुल गांधी से मिले. असम की जनता के दम पर असम में यात्रा सम्पन्न हुई.

उन्होंने बताया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 5 स्तंभ हैं, इनमें युवा, भागीदारी, नारी, किसान और श्रमिक शामिल हैं. इसके साथ ही महिलाओं से राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने की अपील की.

महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, बलात्कार जैसे मुद्दों पर पीएम चुप रहते हैं. वाराणसी में दुष्कर्म मामले में पीएम जवाब क्यों नहीं देते. इसके साथ ही दुष्कर्म के आरोपी भाजपा नेताओं का पोस्टर दिखाते हुए लांबा ने कहा कि दुष्कर्म के इन आरोपियों पर कुछ कार्रवाई नहीं हो रही. पीएम मोदी चुप्पी साधे हैं. इंडिया अलायंस बनने से भाजपा बौखला गई है. हमारे दो सहयोगी शिवसेना और एनसीपी का दो फाड़ कर दिया. जिन्हें ये भ्रष्ट बता रहे थे, आज वे मंत्री बने बैठे हैं.

आगामी शिक्षा सत्र में योग और प्राणायाम होगा अनिवार्य - बृजमोहन अग्रवाल


रायपुर-   छत्तीसगढ़ के शिक्षा, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्कूली बच्चों और उनके पालकों और उपस्थित शिक्षकगणों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में छुपी प्रतिभा को सामने लाने की जिम्मेदारी परिजनों से ज्यादा शिक्षकों पर होती है क्योंकि एक उम्र के बाद उनका ज्यादा वक्त स्कूल में गुजरता है। यह समझना चाहिए कि बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं और शिक्षक कुम्हार की तरह। जो बच्चों को एक रूप देते हैं जिससे उनके बेहतर चरित्र का निर्माण हो सके।

इसीलिए तो सनातन धर्म में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। उन्होंने यह बात भास्कर पब्लिक स्कूल, चंगोरा भाठा और जागृति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भठागांव के वार्षिक उत्सव के दौरान मुख्य अतिथि की आसंदी से अपनी बात रखते हुए कही। श्री अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिए संकल्पित है। इसके लिए नित नई योजनाओं के साथ कार्य कर रही है। शिक्षा में राष्ट्र प्रेम की भावना प्रबल हो तथा अपनी संस्कृति और श्रेष्ठ परंपराओं के प्रति आकर्षण बढ़े ऐसा हमारा प्रयास है।

 स्कूलों में होगा योग, प्राणायाम अनिवार्य 

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए आगामी शिक्षण सत्र से स्कूलों में योग, प्राणायाम, खेल के साथ ही मौलिक शिक्षा को अनिवार्य किया जायेगा।

लोकसभा चुनाव: फरवरी में पहली सूची जारी कर सकती है बीजेपी

रायपुर- लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी फरवरी में प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है. इस बात का खुलासा करते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि भाजपा नए लोगों को हमेशा से मौका देती रही है. पार्टी जीतने योग्य सक्षम प्रत्याशियों को चुनाव के मैदान में उतारेगी. डिप्टी सीएम अरुण साव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि भाजपा हर चुनाव को गंभीरता से लेती है. विधानसभा चुनाव के लिए जैसे ही मतगणना समाप्त हुई थी, वैसे ही भाजपा की चुनाव की तैयारी में लग गई थी. लोकसभा चुनाव के लिए क्लस्टर बन गया है. लोकसभा के प्रभारी सह प्रभारी की नियुक्ति हो गई है. बैठकें प्रारंभ हो गई है. भाजपा 11 की 11 लोकसभा सीट जीतने की तैयारी में पूरी ताकत से जुटी हुई है.
कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, कोल मामले में आरोपी बनाए गए हैं कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह


बिलासपुर-  कोल मामले में आरोपी बनाए गए कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है। ईडी के अधिवक्ता धीरेंद्र नंदे ने बताया कि कांग्रेस प्रवक्ता के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया था कि आरपी सिंह राज्य के प्रतिष्ठित व्यक्ति होने के साथ ही एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रवक्ता भी हैं। उनका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है।

कोल घोटाले से भी उनका कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत का लाभ दिया जाए। ईडी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि आरपी सिंह ने पूछताछ में खुद कबूल किया था कि उन्हें मीडिया मैनेजमेंट और पार्टी फंड से पैसा दिया गया था। कोल मामले में आरोपी निखिल चंद्राकर ने भी कोल स्कैम का पैसा आरपी सिंह को देना कबूल किया था। दोनों पक्षों की ओर से दलील सुनने के बाद न्यायालय ने अग्रिम जमानत की अर्जी निरस्त कर दिया।