मायावती के 'एकला चलो' की नीति से “इंडिया” या भाजपा किसको होगा फायदा?

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार (14 जनवरी) को अपने 68वें जन्मदिन पर कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मायावती ने किसी भी गठबंधन से इंकार करते हुए कहा, बहुजन समाज पार्टी किसी भी गठबंधन का हिस्सा होने के बजाए आम चुनाव अकेले लड़ेगी।हालांकि, उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि चुनाव के बाद उनकी पार्टी सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है।मायावती ने कहा कि अगर चुनाव के बाद बीएसपी को सत्तारूढ़ दल उचित भागीदारी देते हैं तो पार्टी सरकार में शामिल हो सकती है।

बीएसपी चीफ के ऐलान के बाद तय हो गया है कि उत्तर प्रदेश में 2024 का लोकसभा चुनाव त्रिकोणीय होगा। बीजेपी, बीएसपी और सपा-रालोद-कांग्रेस के गठबंधन के बीच यूपी में फाइनल मुकाबला होगा। मायावती के फैसले से बीजेपी नेताओं ने राहत की सांस ली होगी, क्योंकि 80 लोकसभा सीटों पर वन-टु-वन फाइट की स्थिति भी खत्म हो गई है।दरअसल, 2024 में बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए नीतीश कुमार ने सभी लोकसभा सीटों पर वन-टु-वन फाइट का फॉर्मूला दिया था। इंडिया गठबंधन भी इस फॉर्मूले पर राजी था। विपक्षी दलों को कोशिश है कि 2024 में बीजेपी के सामने विपक्ष की ओर से सिर्फ एक उम्मीदवार हो। 

यूपी में ओबीसी वोटर सबसे ज्यादा 45 फीसदी से ज्यादा हैं। दलित 20-21 प्रतिशत और मुस्लिम वोटर 15-16 प्रतिशत हैं। मायावती की राजनीति मुख्य तौर पर दलित और मुस्लिम वोटरों के इर्द-गिर्द घूमती है। अगर वह कांग्रेस के गठबंधन में शामिल हो जातीं तो न सिर्फ ओबीसी के 10 प्रतिशत यादव बल्कि पूरा दलित वोट विपक्ष के साथ एकजुट दिखाई दे सकता था। 80 लोकसभा सांसद देने वाले राज्य में इससे भाजपा के लिए थोड़ी मुश्किल जरूर होती। सपा और बसपा का एकसाथ होना अपने आप में बड़े वोट बैंक को विपक्ष के साथ कर देता।

दलित वोट पाने के मुकाबले में मायावती के रूप में तीसरा केंद्र उभरने से सीधा नुकसान विपक्ष के गठबंधन को होगा। मायावती का अकेले चुनाव लड़ना एक तरह से भाजपा के लिए राहत भरी खबर है। भाजपा को वोट न देने वाले यानी विरोधी वोटर अब दो विकल्पों में बंटेंगे। हो सकता है कुछ मुस्लिम वोटर सपा के साथ जाएं, कुछ बसपा के। इसी तरह दलित भी भाजपा, बसपा, सपा-कांग्रेस में बंट जाएंगे। ऐसे में बीजेपी खुद को अच्छी पोजीशन में देख रही होगी।

बता दें कि बीजेपी की नरेन्द्र मोदी सरकार के विजय रथ को रोकने के लिए सभी विपक्षी दल एक छतरी के नीचे इकट्ठा हुए। विपक्षी दलों को नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़ी जीत के लिए 80 लोकसभा सीटों वाले में ज्यादा से ज्यादा सहयोगियों की दरकार थी। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच समझौते की राय बनी। दलों ने बीएसपी प्रमुख मायावती को भी गठबंधन में शामिल करने की कोशिश की, मगर वह नहीं मानी। मगर अपने जन्मदिन पर मायावती ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर सपा-कांग्रेस गठबंधन को तगड़ा झटका दे दिया। वहीं, बीजेपी के लिए फील गुड करने का मौका दे दिया है।

उद्धव ठाकरे गुट पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, 'असली शिवसेना' को लेकर स्पीकर के फैसले के खिलाफ डाली याचिका

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कुछ दिनों की खामोशी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आने वाला है। विधायकों को अयोग्य ठहारने की याचिका को खारिज करने के महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले पर उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।याचिका में उद्धव ठाकरे ने कहा है कि स्पीकर का यह फैसला गलत है, जिसमें कहा गया है कि एकनाथ शिंदे गुट के पास विधायकों की संख्या ज्यादा है और पार्टी के संविधान के अनुसार, एकनाथ शिंदे ही असली शिवसेना के नेता हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की शिवसेना का एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बुधवार (10 जनवरी) को खारिज कर दिया था। नार्वेकर ने इस दौरान कहा था कि शिंदे की शिवसेना ही असली शिवसेना है। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव आयोग ने भी ये बात मानी है। ऐसे में विधायकों की सदस्यता बरकरार रहेगी। ये फैसला शिवसेना (यूबीटी) के चीफ उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका था।

बता दें कि स्पीकर के फैसले के बाद ही पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि हम जनता को साथ लेकर लड़ेंगे और जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्पीकर का जो आदेश आया है, वह लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और गलत किया है। अब हम इस लड़ाई को आगे भी लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट जनता और शिवसेना को पूरा न्याय दिए बिना नहीं रुकेगा।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले आम आदमी पार्टी का बड़ा दांव, हर विधानसभा में होगा सुंदर कांड का पाठ

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हमारे देश में धर्म और राजनीति के बीच गहरा संबंध है। भले ही राजनीतिक दल खुद को धर्मनिरपेक्ष बतातीं हो, लेकिन उन्हें भी भली-भांती पता है कि वो इस मुद्दे से कितने प्रभावित होते हैं। तभी तो इन दिनों अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर सियासत खूब हो रही है। इस बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने बड़ा दांव चला है।रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले सोमवार को आम आदमी पार्टी ने बड़ा एलान कर सबको चौंका दिया है। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुंदरकांड का पाठ होगा।

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आप के सभी विधायक, पार्षद सुंदरकांड पाठ का आयोजन करेंगे

दिल्ली की सभी विधानसभाओं में अब हर महीने के पहले मंगलवार को सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के सभी विधायक, पार्षद भव्य सुंदरकांड पाठ का आयोजन करेंगे। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम दिल्ली के सभी निवासियों को सुंदरकांड पाठ में शामिल होने का निमंत्रण देते हैं।

हर महीने होगा सुंदरकांड का पाठ

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पहले भी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा सुंदर कांड पाठ का आयोजन किया जाता रहा है। लेकिन अब इसे हर महीने व्यवस्थित तरीके से करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कल मंगलवार है और कल से दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में इसका आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम आम जनता को भी इसमें आमंत्रित करते हैं। भारद्वाज ने कहा कि जल्द ही करीब 2600 जगहों पर सुंदर कांड पाठ और हनुमान चालीसा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राम के नाम और हनुमान की भक्ति पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।

सचिन तेंदुलकर भी हुए डीपफेक के शिकार, तकनीक के गलत इस्तेमाल पर जताई नाराजगी

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इंटरनेट पर सचिन तेंदुलकर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो एक ऐप का प्रचार करते दिख रहे हैं। वीडियो में सचिन बता रहे हैं कि इन दिनों उनकी बेटी ऐसा गेम खेल रही है, जिसके बारे में हर कोई बात कर रहा है। इस गेम का नाम है स्काईड एविएटर क्वेस्ट ऐप। इससे वो हर दिन 1,80,000 रुपये कमा लेती है।उन्हें आश्चर्य होता है कि अब पैसे कमाना कितना आसान हो गया है।सोशल मीडिया पर उनका ये वीडियो फैलाया जा रहा है जिसकी वजह से यह दिग्गज आहत हुआ है।सचिन ने उस वीडियो को अपने आधिकारिक अकाउंट से शेयर करते हुए बताया कि वायरल हो रहा यह वीडियो फेक है। जी हां, मास्टर ब्लास्टर डीप फेक के शिकार हो गए हैं।

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सचिन ने कहा-तकनीक का दुरुपयोग परेशान करने वाले

सचिन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर तकनीक के दुरुपयोग को परेशान करने वाले बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर फैंस और सोशल मीडिया हैंडल्स से सतर्कता बरतने और गलत सूचना के प्रसार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया है। सचिन ने डीपफेक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- ये वीडियो फर्जी हैं। तकनीक के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग को देखना परेशान करने वाला है। सभी से अनुरोध करता हूं कि वे बड़ी संख्या में इस वीडियो, विज्ञापन और ऐप की रिपोर्ट करें। सोशल मीडिया मंचों को शिकायतों के प्रति सतर्क और उत्तरदायी होने की आवश्यकता है। गलत सूचना और डीपफेक के प्रसार को रोकने के लिए उनकी ओर से त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण है।

सारा भी हो चुकी है डीपफेक की शिकार

हाल ही में डीपफेक का मुद्दा काफी गर्माया था। इस मुद्दे पर काफी बहस छिड़ी थी। बॉलीवुड एक्ट्रेस रश्मिका मंधाना के फेक वीडियो और उनकी तस्वीर के गलत इस्तेमाल के बाद यह मुद्दा छिड़ा था। इससे पहले सचिन की बेटी सारा तेंदुलकर समेत कई दिग्गज अभिनेत्रियां भी इसका शिकार हो चुकी हैं। कुछ दिन पहले ही भारतीय टीम के बल्लेबाज शुभमन गिल के साथ उनकी एक तस्वीर सामने आई थी। इसे भी बनाया गया था और फिर वायरल कर दिया गया। जो तस्वीर सामना आई थी उसमें दोनों साथ दिखाई दे रहे थे जबकि यह तस्वीर फेक थी। कटरीना कैफ, आलिया भट्ट और प्रियंका चोपड़ा जैसी हस्तियां भी इसका शिकार हो चुकी हैं।

चौंका देगी ऑक्सफैम की रिपोर्ट, 3 साल में गरीब और बढ़े, अमीरों की दौलत हो गई दोगुना

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दुनियाभर के देशों में बढ़ती आर्थिक असमानता एक बड़ी समस्या बनी हुई। अमीरी और गरीबी के बीच की खाई बढ़ती ही जा रही है। दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की हुई बैठक में ऑक्सफैम की रिपोर्ट पेश की गई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि एक तरफ गिने-चुने लोगों को बेतहाशा कमाई हो रही है, जबकि उसी के साथ-साथ दूसरी ओर अरबों लोग गरीब होते जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जहां विश्व के पांच सबसे धनवान लोगों की संपत्ति दो गुनी हो गई है तो वहीं 5 अरब लोगों के सामने वित्तीय संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

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ऑक्सफेम की रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक असमानता के लिहाज से पिछले कुछ साल काफी खराब साबित हुए हैं। पिछले चार सालों के दौरान कोरोना महामारी, युद्ध और महंगाई जैसे फैक्टर्स ने अरबों लोगों को गरीब बनाया है। साल 2020 के बाद अब तक दुनिया भर में करीब 5 अरब लोग गरीब हुए हैं। इसके साथ ही दूसरी ओर कुछ गिने-चुने लोगों की दौलत रॉकेट की रफ्तार से बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 5 सबसे अमीर शख्स, जिनमें एलन मस्क, बर्नार्ड अरनॉल्ट, जेफ बेजोस, लैरी एलिसन और मार्क जुकरबर्ग ने 2020 के बाद से इनकी संपत्ति दोगुनी होकर 869 बिलियन डॉलर हो गई है। इसी अवधि के भीतर दुनिया में 5 अरब लोग और गरीब हो गए हैं।

हर अरबपति की संपत्ति औसतन 3.3 अरब डॉलर बढ़ी

रिपोर्ट Inequality Inc. शीर्षक से सोमवार को यह रिपोर्ट फिर से जारी की गई। इसमें बताया गया है कि अमीरों की संपत्ति साल 2020 के बाद से औसतन 3.3 अरब डॉलर तक बढ़ी है। गौर करने वाली बात ये है कि यह बढ़ोतरी ऐसे समय हुई है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात अच्छे नहीं हैं। साथ ही कोरोना महामारी से भी दुनिया प्रभावित रही। रिपोर्ट में दुनियाभर में बढ़ रही आर्थिक असमानता को लेकर चिंता जताई गई है। 

आने वाला दशक अमीरों के नाम

रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर अमीर और गरीबों के बीच यह आर्थिक असमानता और मौजूदा रुझान जारी रहा तो अगले 229 वर्षों तक विश्व से गरीबी खत्म नहीं होगी। ऑक्सफैम की रिपोर्ट में बताया गया है कि आगे भी अमीर और गरीब के बीच अंतर बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही अगले 10 वर्षों दुनिया को पहला खरबपति उद्योगपति मिल जाएगा।

सरकारों पर उठाया सवाल

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में निजी सेक्टर कम टैक्स दरों, व्यवस्था की खामियों और अपारदर्शिता को बढ़ावा दे रहे हैं। टैक्स को लेकर नीति निर्धारण में होने वाली लॉबिंग से टैक्स दरों को कम रखा जा रहा है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है, जबकि यही पैसा गरीबों के कल्याण पर खर्च हो सकता था। ऑक्सफैम ने बताया कि कॉरपोरेट टैक्स OECD देशों में साल 1948 में 48 प्रतिशत थे, जो 2022 में घटकर महज 23.1 प्रतिशत रह गए हैं। रिपोर्ट में अरबपतियों पर संपत्ति टैक्स लगाने का सुझाव दिया है, जिससे हर साल 1.8 खरब डॉलर सरकारों को मिल सकते हैं।

हिंदी और संस्कृत ही नहीं बल्कि उर्दू में भी है वाल्मीकि रामायण और श्रीरामचरित मानस, रसायन लगाकर की जा रही मूल प्रति की सुरक्षा

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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उल्लास के मध्य यह जानना सुखद होगा कि एशिया के सबसे बड़े मदरसे दारुल उलूम के पुस्तकालय में उर्दू में लिखित वालंमीकि रामायण और श्रीरामचरित मानस सुरक्षित रखी हुई है। श्रीरामचरित मानस का उर्दू अनुवाद 1921 में महर्षि स्वामी शिव बरत लाल बर्मन (एमए) ने किया था। 1321 पेज के इस अनुवाद को लाहौर के JS संत सिंह एंड संस ने प्रकाशित किया था। 

इतना ही नहीं महर्षि वाल्मीकि लिखित आदिकाव्य रामायण का 272 पेज में उर्दू अनुवाद 1949 में कीर्तन कलानिधि बानी भूषण नाटिया आचार्य महाकवि शिव नारायण तसकीन के द्वारा किया गया था। इसका प्रकाशन दिल्ली की गेलाराम एंड संस के द्वारा ही किया गया था। पुस्तकालय में इसका द्वितीय संस्करण उपलब्ध है।

 सूत्रों का कहना है कि पुस्तकालय प्रभारी मौलाना शफीक ने कहा है कि अधिक पुरानी होने के कारण दोनों ग्रंथों के पन्ने बेहद कमजोर हो चुके है। इनका रंग भी पूरी तरह से बदल चुका है। इन्हें रसायन लगाकर रखा गया है। दोनों ग्रंथों को शोकेस से बाहर निकालकर देखने के लिए संस्था के बड़े ओहदेदार की लिखित मंजूरी लेना जरूरी है। इसके बिना इन्हें दूर से निहारा ही जा सकता है।

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण बाबा केदार को मिला, धाम में होगा भव्य समारोह

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 भगवान श्रीराम के आराध्य भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक भगवान केदारनाथ को अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण पत्र मिला है। केदारनाथ में मौजूद स्वामी ललित महाराज ने मंदिर परिसर में निमंत्रणपत्र और अयोध्या से आए पूजित अक्षत ग्रहण किए।

इस दौरान आईटीबीपी और पुलिस के जवानों को भी आमंत्रित किया गया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के ऊखीमठ खंड संघ चालक दलवीर सिंह पुजारी ने बताया, शुभ कार्य में सर्वप्रथम आराध्य देवी-देवताओं को आमंत्रित किया जाता है। इसी परंपरा के तहत अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भगवान केदारनाथ को भी आमंत्रित किया गया है।

कहा, शीतकाल में माइनस तापमान में केदारनाथ में मौजूद संत स्वामी ललित महाराज ने बाबा केदार के नाम का निमंत्रणपत्र मंदिर परिसर में ग्रहण करते हुए भगवान को भेंट किया। स्वामी ललित महाराज ने कहा, सदियों के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्रीराम अपने मूल मंदिर में विराजमान हो रहे हैं। 11,750 की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में भी भगवान श्रीरामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का समारोह मनाया जाएगा।

इस दौरान आश्रम में विशेष पूजा-अर्चना के साथ ही दीपोत्सव का आयोजन भी किया जाएगा। वयोवृद्ध तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती का कहना है कि अयोध्या से भगवान केदारनाथ को समारोह का निमंत्रण मिलना पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।

14 वर्ष से धाम में रह रहे ललित महाराज

स्वामी ललित महाराज बीते 14 वर्ष से केदारनाथ में बारामास प्रवास कर रहे हैं। वह, प्रतिदिन घंटों साधना के साथ ही आराध्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं। यात्राकाल में बाबा केदार के भक्तों के लिए निशुल्क भोजन व्यवस्था के साथ ही उनके रात्रि प्रवास का इंतजाम करते हैं। वह पूरे यात्राकाल में 10 से 12 हजार श्रद्धालुओं को भोजन कराते हैं। इसके अलावा धाम में निराश्रित पशुओं का संरक्षण भी करते हैं।

घने कोहरे का कहर, मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेसवे पर दो बसों की आपस में टक्कर, 40 से ज्यादा यात्री घायल, मची चीख पुकार

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यूपी में कड़ाके की ठंड और कोहरे के मध्य यमुना एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा हो गया। जहां आज तड़के 2 बसें आपस में जाकर टकरा गई। इस हादसे में 40 से अधिक लोग जख्मी हो गए। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जख्मियों को हॉस्पिटल पहुंचाया। जैसे ही बसों की टक्कर हुई मौके पर चीख-पुकार का माहौल पैदा हो गया। बहुत देर के लिए हाइवे पर लंबा जाम लगा रहा। सूत्रों का कहना है कि हादसा यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा के पास माइल स्टोन-110 राया कट पर हुआ। जहां सुबह तकरीबन 3 बजे दो बसें आपस में टकरा गईं। हादसे के उपरांत 31 जख्मियों को जिला हॉस्पिटल में और 9 अन्य घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। 

मथुरा के एसएसपी शैलेश पांडे ने जानकारी दी है कि एक बस धौलपुर से नोएडा जा रही थी और दूसरी बस इटावा से नोएडा की ओर जा रही थी। दोनों बसों की टक्कर की वजह से 40 यात्री जख्मी हुए हैं। फिलहाल, जख्मियों को अस्पताल पहुंचाया गया है और जाम को भी खुलवा दिया गया है। यातायात सुचारु रूप से चालू हो चुका है। गौरतलब है कि यूपी सहित उत्तर भारत में कोहरे का कहर जारी है। जिसके चलते सड़क पर वाहनों को आवाजाही में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर घने कोहरे की वजह से दो बसें आपस में टकरा गईं। क्रेन की सहायता से बसों को रास्ते से हटवाया गया। घटना के वक्त कोहरा इतना घना था कि रेस्क्यू करने में भी दिक्कत भी आने लगी है।

मौसम विभाग ने आज उत्तरप्रदेश के 53 जिलों में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया जा चुका है, जिसकी वजह से रोड पर विजिबिलिटी बहुत ही ज्यादा कम है। घने कोहरे और कम विजिबिलिटी की वजह से हाइवे पर हमेशा एक्सीडेंट हो जाते हैं।

मालदीव के साथ बढ़ते विवाद पर विदेश मंत्री जयशंकर ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या कहा?

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भारत और मालदीव के बीच तनाव जारी है।मालदीव की मोहम्मद मुइज़्ज़ू सरकार ने भारतीय सैनिकों से 15 मार्च तक देश छोड़ने के लिए कहा है।मालदीव के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दोनों देश भारतीय सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर तैयार हो गए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में भारतीय सेना की वापसी को लेकर दी डेडलाइन का ज़िक्र नहीं किया गया है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है।उन्होंने तनाव पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती कि हर देश हर समय भारत का समर्थन करेगा या उससे सहमत होगा।

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हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नागपुर में एक बैठक के दौरान विदेश मंत्री से मालदीव संग चल रहे तनाव को लेकर सवाल किया गया। इस पर जयशंकर ने कहा, राजनीति तो राजनीति ही है। मैं इसकी गारंटी नहीं दे सकता कि हर देश में, हर दिन, हर कोई हमारा समर्थन करेगा या हमसे सहमत होगा। उन्होंने कहा, 'हम जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वो है- एक मजबूत संबंध बनाना।

राजनीति में उतार-चढ़ाव चलता रहता है -जयशंकर

एस जयशंकर ने आगे कहा, हमने पिछले 10 वर्षों में बहुत सफलता के साथ मजबूत संबंध बनाने की कोशिश की है। जयशंकर ने कहा, राजनीति में उतार-चढ़ाव चलते रहता है, लेकिन उस देश के लोगों में आम तौर पर भारत के प्रति अच्छी भावनाएं हैं और वे अच्छे संबंधों के महत्व को समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत वहां सड़कों, बिजली पारेषण लाइन, ईंधन की आपूर्ति, व्यापार पहुंच प्रदान करने, निवेश में शामिल रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि ये इस बात को दिखाता है कि कोई रिश्ता कैसे विकसित होता है, हालांकि कभी-कभी चीजें सही रास्ते पर नहीं चलती हैं और इसे वापस वहां लाने के लिए लोगों को समझाना पड़ता है जहां इसे होना चाहिए।

यह है विवाद

भारत और मालदीव के बीच राजनयिक विवाद उस समय पैदा हुआ जब मालदीव के तीन नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उनकी हालिया लक्षद्वीप यात्रा की आलोचना की। भारत ने इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की और विरोध दर्ज कराने के लिए मालदीव के राजदूत को तलब किया। देश के पीएम के बारे में गलत टिप्पणी से भारतीय लोगों में गुस्सा भड़क गया। लोगों ने बॉयकॉट मालदीव नाम से एक अभियान शुरू कर दिया। बढ़ते विवाद को देखते हुए मालदीव सरकार ने अपनी तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया।

उड़ान में देरी के ऐलान से बौखलाया यात्री, पायलट को जड़ दिया मुक्का, अब 'No Fly' लिस्ट में डालने की तैयारी

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इन दिनों कोहरे के कारण सड़क से लेकर आकाश मार्ग तक प्रभावित है। ट्रेनों से लेकर फ्लाइट तक देरी से उड़ान भर रही हैं और देर से अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। जाहिर से इसके कारण यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ रहा है।इस बीच दिल्ली एयरपोर्ट पर इंडिगो की एक फ्लाइट में रविवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। दरअसल, उड़ान में देरी से गुस्साए एक यात्री ने पायलट के साथ मारपीट कर दी।

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इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में शख्स को पायलट को घूंसा मारते देखा जा सकता है। विमानन सुरक्षा एजेंसी ने इस घटना का संज्ञान लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया गया है कि यह घटना तब हुई जब पायलट माइक्रोफोन पर यात्रियों को दिल्ली से गोवा जा रही फ्लाइट के कोहरे के चलते लेट होने की जानकारी दे रहा था। इसी दौरान यात्री ने पायलट को घूंसा मार दिया।

इस मामले की शिकायत आईजीआई पुलिस से की गई है। आईजीआई पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि हम आरोपियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, विमानन सुरक्षा एजेंसी ने वायरल वीडियो के संबंध में जांच शुरू कर दी है।

कोहरे के कारण 110 फ्लाइट्स हुईं लेट

फ्लाइट ट्रैकर वेबसाइट Flightradar24 के मुताबिक, यह घटना दिल्ली हवाई अड्डे पर कई फ्लाइट्स के देरी से उड़ान भरने की बीच हुई है। आज 110 फ्लाइट्स में लेट हुई हैं और 79 फ्लाइट्स रद्द कर दिया गया है। औसत देरी 50 मिनट तक पहुंच गई। लगातार फ्लाइट्स के डिले होने की वजह से यात्रियों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।