*लखनऊ : अफवाहों और आशंका के बीच पेट्रोल को लेकर मारामारी, दिखी लंबी कतार*
लखनऊ । केंद्र सरकार ने हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में चल रहे हड़ताल का असर अब लखनऊ में दिखना शुरू हो गया है। चालकों की हड़ताल के चलते जहां लोगों को सरकारी व प्राइवेट बस नहीं मिल पा रही है। अब इसका असर पेट्रोल पंपों और सब्जी मंडियों में देखने को मिल रहा है। ताजी सब्जियां जहां बाजार से गायब हो गई है वहीं पेट्रोल भरवाने के लिए लोगों को लंबी-लंबी कतारे लग रहे है। जिसकी वजह से यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ को देखते हुए लखनऊ पुलिस भी अलर्ट हो गई है। चूंकि पेट्रोल व डीजल के टैंकर न आने से समस्या गहरा गई है। कई स्थानों पर पुलिस को दखल देना पड़ा। शहर के 139 पेट्रोल पंपों में से 25 पर स्टॉक शाम तक खत्म हो गया।
चालकों की लगातार दूसरे दिन हड़ताल के चलते मंगलवार दोपहर को अचानक लखनऊ के पेट्रोल पंप के बाहर वाहनों की लंबी-लंबी कतारे लगने शुरू हो गई। चूंकि ट्रक चालकों व बसों की हड़ताल के चलते पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल व डीजल नहीं पहुंच पा रहे है। जिसकी वजह से शहर के कई पेट्रोल पंपों ने पेट्रोल देने से हाथ खड़ा दिया। जिसकी वजह से शहर में जो पेट्रोल पंप खुले मिले वहां पर चार पहिया व दो पहिया वाहनों की लंबी कतार लगने लगी।
पॉलीटेनिक, हजरतगंज, गोमतीनगर आदि क्षेत्रों में खुले पेट्रोल पंपों पर वाहनों की भारी भीड़ जमा होने के कारण जाम की समस्या उत्पन्न हो गई।पेट्रोल पंप पर उमड़ी भीड़ के मद्देनजर इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने खुद संभाली कमान। बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ पेट्रोल पंप पर पहुंचकर कराई यातायात व्यवस्था सुचारू। ऐसा ही कुछ हाल शहर के अन्य पेट्रोल पंपों का भी रहा। पेट्रोल के साथ-साथ हरी सब्जियों भी लोगों को खाने के लिए नहीं मिल रही है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि ट्रकों का संचालन बंद होने के कारण मंडी में सब्जी नहीं आ पा रही है। जिसके चलते यह समस्या आ रही है।
हरी सब्जियों और दूध सहित आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी लड़खड़ा गई। 30 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों में कच्चे माल का संकट खड़ा हो गया, जबकि अन्य इकाइयों में तैयार माल पड़ा रह गया। दो दिन में 900 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। ट्रकों की हड़ताल का असर शहर की दूध सप्लाई पर भी पड़ा। हड़ताल के कारण सवेरे शहर के अधिकांश रिटेल ठिकानों पर दूध की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो पाई जिसके कारण लोगों को परेशान और मायूस होना पड़ा।
चकरपुर मंडी और सीपीसी माल गोदाम में मंगलवार को लोडिंग-अनलोडिंग का काम नहीं हुआ। चकरपुर मंडी में 50-60 की जगह सिर्फ 10-12 ट्रक मटर ही आई। टमाटर, करेला, भिंडी, गाजर की आपूर्ति घट गई। सभी के दाम बढ़ गए। 25 से 30 रुपये किलो बिक रही सोया, मेथी व बथुआ के दाम तो 60 रुपये किलो तक पहुंच गए। हालांकि जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि पेट्रोल व डीजल को लेकर कहीं कोई कमी नहीं है। अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
Jan 03 2024, 11:18