*धूमधाम से मनाया गया क्रिसमस का पर्व*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। हर तरफ इस समय क्रिसमस की रौनक देखने को मिल रही है। हर कोई इस त्योहार की तैयारियों में बिजी है। लोग अक्सर क्रिसमस के साथ ही नए साल का जश्न भी शुरू कर देते हैं। हर साल इस त्योहार को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है।क्रिसमस दो शब्दों “क्राइस्ट” और “मास”शब्द से मिलकर बना है. जिसका अर्थ है ईसा मसीह का पवित्र महीना।
हर साल 25 दिसंबर को दुनियाभर में क्रिसमस मनाया जाता है। इस दिन को ईसाई धर्म के संस्थापक यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस की तैयारी लोग एक महीने पहले से ही करने लग जाते हैं। इसके लिए वे अपने घर की सजावट भी करवाते हैं और कुछ लोग तो खुद ही अपना घर अपने हाथों से सजाते हैं।वैसे तो बाइबिल में यीशु मसीह के जन्म की तारीख नहीं दी गई है। इसलिए मान्यताओं के आधार पर ही इसे मनाया जाता है। इस दिन को क्रिसमस के रूप में मनाने को लेकर लोगों में बहुत सारे मतभेद भी हैं, पर ईसाई धर्म की मान्यता के अनुसार 25 दिसंबर को ही प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।वहीं यीशु मसीह, जिन्हें जीसस क्राइस्ट के नाम से भी जाना जाता है, उनके जन्म को लेकर ये भी मान्यता है कि मां मरियम को सपने में प्रभु के पुत्र यीशु रूप में प्राप्त होने की भविष्यवाणी हुई थी।
इसी के बाद वे गर्भवती हुईं और फिर 25 दिसंबर को यीशु मसीह का जन्म हुआ था।कहते हैं कि 336 ईसवी पूर्व में वहां के सबसे पहले ईसाई रोमन सम्राट जो कि ईसा मसीह के अनुयायी थे, जिन्होंने सबसे पहली बार 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाया था। आगे चलकर कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने इस दिन को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा भी कर दी। तभी से 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है। हालांकि, इस विषय पर आगे भी विवाद बना रहा, लेकिन ये भी सच है कि मान्यताओं के आधार पर इसी दिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।क्रिसमस का पर्व जिले में धामधाम से मनाया गया। गोपीगंज के सीएनआई चर्च में प्रभु यीशु का जन्मदिन बडे़ ही उत्साह के साथ मनाया गया और एक दूसरे को बधाई दी गई। सोमवार की रात में प्रभु यीशु मसीह के जन्म दिवस पर गोपीगंज चर्च के सभी सदस्यों और आसपास के लोगों ने सम्मिलित होकर हर्षोल्लास के साथ जन्म दिवस मनाया। इस मौके चर्च के पादरी अजीत ओलिवर फ्रांसिस ने कहा कि बड़ा दिन क्रिसमस प्रभु यीशु मसीह का जन्म दिन आज फिर हमें याद दिलाने आया है कि वह गरीबों दलितों, बेसहारा लोगों को सहारा देने को आया वह सब का प्रभु और उद्धार कर्ता है। हमें कभी दुखी नहीं होना है। हम एक दूसरे को प्रेम, आदर और सम्मान दें। हम सबको मिलकर इस संसार के हर जन जो सुखी बनाना है। प्रभु यीशु मसीह सदा हमारे सहयोग के लिए साथ हैं।
Dec 25 2023, 18:02