अब महाकाल की नगरी उज्जैन से तय होगा दुनिया का समय, एमपी के सीएम मोहन यादव ने कही ये बड़ी बात

मध्य प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है यहाँ उज्जैन से पूरी दुनिया का समय तय होने वाला है? प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव ने विधानसभा में इसे लेकर अपनी योजना बताई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार ग्रीनविच से प्राइम मेरिडियन को उज्जैन शिफ्ट करने के लिए काम करेगी। दरअसल, प्राइम मेरिडियन एक काल्पनिक रेखा है जिसका इस्तेमाल वक़्त के लिए वैश्विक संदर्भ के रूप में किया जाता है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, 'उनकी सरकार यह साबित करेगी कि उज्जैन एक वैश्विक प्राइम मेरिडियन है।' उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार दुनिया के वक़्त को सही करेगी। मुख्यमंत्री मोहन ने कहा, 'यह हमारा (उज्जैन का) समय था जो दुनिया में जाना जाता था... मगर पेरिस ने वक़्त तय करना आरम्भ कर दिया तथा बाद में इसे अंग्रेजों ने अपनाया। अंग्रेज ग्रीनविच को प्राइम मेरिडियन मानते हैं।' मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक प्राचीन हिंदू खगोलीय मान्यता का संदर्भ दिया जिसमें उज्जैन को भारत का प्राइम मेरिडियन माना जाता था। उज्जैन ही पूरे देश के टाइम जोन को निर्धारित करता था। ऐसी मान्यता है कि उज्जैन शहर जीरो मेरिडियन और कर्क रेखा के साथ संपर्क वाले बिंदु पर स्थित है। इस शहर में भारत की सबसे पुरानी वेधशाला भी बनी थी जिसे 18वीं शताब्दी के आरम्भ में जयपुर के सवाई जय सिंह द्वितीय ने बनवाया था।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, 'दुनिया में दो तरह के प्राणी हैं- एक जो दिन में जागते हैं तथा दूसरे जो रात में जागते हैं... फिर आधी रात को दिन बदल देने के पीछे क्या तर्क हुआ?' मुख्यमंत्री मोहन ने कहा, 'हम दुनिया का समय ठीक करने के लिए उज्जैन की वेधशाला में शोध करेंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) एवं भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के शोधकर्ता शोध करेंगे और एक मंच विकसित करेंगे जिससे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जा सकें।' मुख्यमंत्री मोहन ने दावा किया कि इसे लेकर भारत के पड़ोसी मुल्क भी सपोर्ट करेंगे।

दरअसल, वर्ष 1884 के सम्मेलन में ग्रीनविच से गुजरने वाले देशांतर रेखा को शून्य मेरिडियन या प्राइम मेरिडियन के रूप में स्वीकार किया गया था। भारत का वक़्त ग्रीनविच मेरिडियन समय (GMT) से 5.30 घंटे आगे है। यानी इसी जगह से पूरी दुनिया का वक़्त निर्धारित किया जाता है। ऐसे में सीएम मोहन यादव ने कहा है कि उनकी सरकार अब ग्रीनविच से प्राइम मेरिडियन को उज्जैन शहर में शिफ्ट करेगी। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी बिना किसी मुख्यमंत्री फेस के चुनावी मैदान में उतरी और शानदार जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी ने मोहन यादव को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया। मुख्यमंत्री मोहन एक पढ़े-लिखे नेता हैं, उन्होंने पीएचडी की है।

मैं फ्लाइट में था, मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है", सस्पेंशन पर जानें और क्या बोले संजय सिंह


डेस्क: खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ पर कड़ा एक्शन लेते हुए उसकी मान्यता ही रद्द कर दी है, साथ ही बृजभूषण शरण सिंह के खास कहे जा रहे नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह को भी निलंबित कर दिया है। इसके बाद खबरें मिल रही हैं कि संजय सिंह इसके खिलाफ कोर्ट भी जा सकता है। 

खेल मंत्रालय के WFI पर एक्शन के बाद संजय सिंह की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें संजय सिंह ने कहा कि "मैं फ्लाइट में था। मुझे अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है।" पहले मुझे पत्र देखने दीजिए, उसके बाद ही मैं टिप्पणी करूंगा। मैंने सुना है कि कुछ गतिविधि रोक दी गई है।'' 

इस बीच खबर ये भी आ रही है कि कुश्ती संघ को चलाने के लिए जो एडहॉक कमेटी बनाई गई थी, वो अपना काम करती रहेगी। संजय सिंह ने चुनाव जीतने के तुरंत बाद इस कमेटी को सस्पेंड कर दिया था, लेकिन अब खेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इसी कमेटी के संरक्षण में कुश्ती संघ काम करेगा।

 पीटीआई की खबरों के हवाले से खेल मंत्रालय ने कहा है कि हमने डब्ल्यूएफआई को समाप्त नहीं किया है, उन्हें खेल निकाय के रूप में कार्य करते समय उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की आवश्यकता है।

बृजभूषण शरण सिंह के 'दबदबे' पर सरकार का हंटर, नए कुश्ती संघ की मान्यता रद्द, संजय सिंह को किया सस्पेंड

डेस्क: नए पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने WFI की नई बॉडी को सस्पेंड कर दिया है। जिसके बाद भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह और उनकी पूरी टीम सस्पेंड कर दी गई है। खेल मंत्रालय ने यह बड़ा फैसला ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के संन्यास लेने और बजरंग पुनिया का पद्मश्री वापस सम्मान वापस लेने के बाद उठाया है।

मंत्रालय ने कुश्ती संघ के आगामी सभी कार्यकर्मों को भी रद्द किया

इसके साथ ही खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ के आगामी सभी कार्यकर्मों को भी रद्द कर दिया है। खेल मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि नए संघ ने नियमों के खिलाफ जाकर आगामी टूर्नामेंट और कार्यक्रमों का ऐलान किया था। जिसमें अंडर-15 और अंडर-20 के नेशनल नंदिनी नगर गोंडा में कराए जाने का फैसला लिया गया था। साक्षी मलिक समेत कई महिला पहलवानों ने इस पर सवाल खड़े किए थे। खेल मंत्रालय ने आदेश में कहा है कि कुश्ती संघ में अब अगले आदेशों कोई भी फैसला नहीं ले सकेगा।

साक्षी मलिक ने भी उठाए थे सवाल

कुश्ती संघ के कार्यक्रमों के एलान के बाद साक्षी मलिक ने ट्वीट करते हुए कहा था, "मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं। वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फ़ोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख़ से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नई कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फ़ैसला लिया है। गोंडा बृजभूषण का इलाक़ा है। अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहां जाएंगी। क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है? समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं?

वहीं इससे पहले खेल मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि WFI के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं। इसके साथ ही बजरंग के पद्मश्री सम्मान वापस लौटने पर मंत्रालय ने कहा था कि यह उनका निजी फैसला है और हम अब भी बजरंग से पद्मश्री लौटाने के फैसले को बदलने की मांग करेंगे।

2024 के लिए अभी से चुनावी मोड में आई कांग्रेस, गठित की घोषणापत्र समिति, चिदंबरम को सौंपी अहम जिम्मेदारी

कांग्रेस ने अगले साल मई-जून में होने वाले आम चुनाव के लिए अपनी घोषणापत्र समिति का गठन कर दिया है और वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव घोषणापत्र समिति के संयोजक हैं। 16 सदस्यीय पैनल में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं। यह घटनाक्रम कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की महत्वपूर्ण बैठक के एक दिन बाद आया है, जहां पार्टी ने अपनी लोकसभा चुनाव रणनीति पर चर्चा की और कहा कि वह जल्द ही अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, जयराम रमेश और शशि थरूर भी समिति का हिस्सा हैं। ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मणिपुर के पूर्व उपमुख्यमंत्री गइखंगम और लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई भी समिति में हैं। इससे पहले, 21 दिसंबर को कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि CWC ने सर्वसम्मति से आगामी लोकसभा चुनाव एक पार्टी के रूप में और इंडिया समूह के सदस्य के रूप में लड़ने का प्रस्ताव अपनाया है। प्रस्ताव में कहा गया कि, "CWC हमारे महान संगठन के सभी सदस्यों से आशा और विश्वास के साथ एकजुट होने और चुनाव अभियान में समर्पण और अनुशासन के साथ खुद को समर्पित करने का आह्वान करती है।"

प्रस्ताव में उच्च स्तर के ध्रुवीकरण सहित जमीनी हकीकत के विपरीत सरकार के दावों को उजागर करके मोदी सरकार की कमजोरियों को उजागर किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि, "प्रधानमंत्री जो दावा करते हैं और जमीनी हकीकत जो है, उसके बीच बहुत बड़ा अंतर है। सामाजिक ध्रुवीकरण गहरा हो रहा है और इसे चुनावी लाभ के लिए जानबूझकर उत्तेजक तरीके से प्रोत्साहित किया जा रहा है। लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और हमारे नागरिकों को दी गई सभी स्वतंत्रताओं पर हमला हो रहा है। संविधान पर हमला हो रहा है। ये मुद्दे अब दांव पर हैं।''

प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि, "यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इंडिया समूह को भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ एक प्रभावी गढ़ और ताकत बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के दृढ़ संकल्प को दोहराता है। हमने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। पहला है पिछला विधानसभा चुनाव, उसके नतीजे। दूसरा है, 2024 का संसद चुनाव और तीसरा है संसद के मुद्दों सहित देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति।CWC ने सर्वसम्मति से अपना प्रस्ताव अपनाया। वेणुगोपाल ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, CWC को 5 राज्यों के चुनावों के नतीजों का ईमानदारी से मूल्यांकन करना है।

CWC की इस बैठक में इस बात की सराहना की गई कि लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. प्रस्ताव में कहा गया कि, 'अब से एक सप्ताह बाद हमारे स्थापना दिवस पर नागपुर में रैली आयोजित होने वाली हैं, यह इस संबंध में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। कांग्रेस अध्यक्ष राज्यवार समीक्षा कर रहे हैं, जो तैयारियों को दिशा दे रहे हैं। इसके अलावा, CWC व्यापक जन भागीदारी के माध्यम से पार्टी के वित्त को मजबूत करने की नवीनतम पहल का स्वागत करता है। प्रत्येक CWC सदस्य यह सुनिश्चित करेगा कि यह कायम रहे।'

बाढ़ग्रस्त तमिलनाडु को बचाने के लिए भारतीय वायुसेना काम पर जुटी, प्रभावित स्थानों पर पहुंचाई 59 टन राहत सामग्री

 17 दिसंबर और 18 दिसंबर को दो दिनों की भारी बारिश ने तमिलनाडु के चार जिलों को अस्त-व्यस्त कर दिया है, लोगों को अभी भी भोजन और पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में कमी के मद्देनजर, भारतीय वायु सेना ने शनिवार को तमिलनाडु के बारिश से प्रभावित थूथुकुडी जिले में 12 अलग-अलग स्थानों पर 11 टन से अधिक राहत सामग्री गिराई है। अब तक, वायुसेना ने दक्षिणी तमिलनाडु के बारिश प्रभावित इलाकों में 59 टन राहत सामग्री हवाई मार्ग से गिराई है।

राहत सामग्री हवाई मार्ग से गिराए जाने के बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम ने पुलिस के साथ शनिवार को एसआईपीसीओटी औद्योगिक क्षेत्र में फंसे लोगों को बचाया। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिव दास मीना ने शनिवार को जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया। बताया जाता है कि एंटोनियारपुरम क्षेत्र में राहत कार्य पूरे जोरों पर है, जो सबसे अधिक प्रभावित था।

अत्यधिक बारिश के कारण थूथुकुडी-पलायमगोट्टई राष्ट्रीय राजमार्ग पर एंटोनियारपुरम के पास एक पुल टूट गया, जिससे बाढ़ आ गई, जबकि थूथुकुडी-तिरुचेंदूर मार्ग पर एराल और अट्टूर में पुल भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। श्रीवैकुंटम, अट्टूर, एराल, अगरम और कयालपट्टिनम क्षेत्रों में भी बहाली का काम जारी है जो अभी भी बाढ़ में डूबे हुए हैं। जिले में बाढ़ से हुए नुकसान का केंद्रीय टीम पहले ही निरीक्षण कर चुकी है।

उत्तरप्रदेश को मिलने जा रही 2 और वंदे भारत ट्रेनों की सौगात, कनेक्टिविटी होगी और भी बेहतर

 वंदे भारत ट्रेनों की शुरूआत ने देश भर में यात्रा के अनुभव को महत्वपूर्ण रूप से बदल दिया है। ये सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें पारंपरिक ट्रेनों की तुलना में न केवल यात्रियों का काफी समय बचाती हैं, बल्कि हवाई जहाज के समान ट्रेन में सुविधाएं भी प्रदान करती हैं। प्रधान मंत्री मोदी आने वाले दिनों में छह अतिरिक्त वंदे भारत ट्रेनों का उद्घाटन करने के लिए तैयार हैं, जो उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए सकारात्मक खबर लेकर आएंगे। इनमें से दो ट्रेनें प्रदेश की राजधानी लखनऊ से होकर गुजरेंगी।

30 दिसंबर को उद्घाटन के लिए निर्धारित, इन छह वंदे भारत ट्रेनों में अयोध्या से नई दिल्ली तक लखनऊ से गुजरने वाली एक ट्रेन शामिल है। इस रूट से राम मंदिर जाने वाले लाखों यात्रियों को फायदा होने की उम्मीद है. साथ ही, लखनऊ और दिल्ली के बीच यात्रा करने वालों को यह सेवा फायदेमंद लगेगी।

एक और वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली और दरभंगा के बीच शुरू होने वाली है, जो लखनऊ से भी होकर गुजरेगी। यह रणनीतिक मार्ग एकीकरण विभिन्न शहरों की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। विशेष रूप से, लखनऊ और गोरखपुर के बीच पहले से ही वंदे भारत ट्रेन चल रही है, जो अयोध्या से होकर गुजरती है और इसकी शुरूआत के बाद से इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

इन मार्गों से परे, अमृतसर और दिल्ली, कोयंबटूर और बेंगलुरु, जालना और मुंबई के साथ-साथ वैष्णो देवी कटरा और नई दिल्ली को जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेनों की योजना है। वंदे भारत ट्रेनों के देश भर के विभिन्न राज्यों में पहुंचने के साथ, यात्रियों के लिए बढ़ी हुई पहुंच और सुविधा सुनिश्चित करते हुए, उनके मार्गों का विस्तार करने के प्रयास चल रहे हैं।

उत्तराखंड में पहाड़ों की रानी मसूरी में विंटरलाइन कार्निवाल का होगा आगाज, होटल-गेस्ट हाउस फुल

पहाड़ों की रानी मसूरी में वर्ष-2023 के अंतिम दिनों में ट्रिपल जश्न की तैयारी है। क्रिसमस और नववर्ष के जश्न पर बन रहे छुट्टियों के संयोग के साथ ही मसूरी में 27 से 30 दिसंबर तक चलने वाले विंटरलाइन कार्निवाल ने पर्यटकों को घूमने-फिरने का एक और अवसर दे दिया है। इन दिनों के लिए शहर के होटल-गेस्ट हाउस में 85 प्रतिशत बुकिंग अभी से हो चुकी है। साथ ही आसपास के स्थलों के होटल-गेस्ट हाउस भी 75 प्रतिशत से अधिक बुक बताए जा रहे हैं।

धनोल्टी, काणाताल, बुरांशखंडा और कैम्पटी में भी पर्यटकों ने ठहरने के लिए एडवांस बुकिंग करा दी है। ऐसे में दिसंबर के अंतिम सप्ताह में यहां क्षमता से कहीं अधिक पर्यटकों की भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। इसको देखते हुए यातायात, बिजली, पानी जैसी व्यवस्थाओं को सुचारू रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। हालांकि, पुलिस-प्रशासन और होटल एसोसिएशन के अधिकारियों का दावा है कि पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए हर तरह की तैयारी की जा रही है।

मसूरी में हो रहा है विंटर लाइन कार्निवाल

इस बार क्रिसमस से लेकर नववर्ष के जश्न तक मसूरी के पैक रहने की संभावना है। वजह यह कि जिन कार्यालयों में शनिवार-रविवार अवकाश रहता है, उनके कार्मिकों को इस बार क्रिसमस पर तीन दिन का अवकाश मिल रहा है। इसी तरह नववर्ष की पूर्व संध्या यानी थर्टी फर्स्ट नाइट भी रविवार को है। इस बीच मसूरी में चार दिन तक विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन भी है। ऐसे में अगले 10 दिन में यहां दो लाख से अधिक पर्यटकों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। जबकि, मसूरी में करीब 350 होटल हैं, जिनमें लगभग 8500 कमरे हैं। इनमें एक बार में 30 हजार पर्यटक ठहर सकते हैं।

होटलों में 85 प्रतिशत बुकिंग 

जश्न के इस दौर में मसूरी ही नहीं, इसके आसपास के समस्त पर्यटक स्थलों के पैक रहने की संभावना है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि क्रिसमस से लेकर नववर्ष की पूर्व संध्या तक के लिए होटलों में तेजी से बुकिंग चल रही है। शुक्रवार शाम तक बड़े होटलों में 85 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है, जबकि छोटे व मध्यम श्रेणी के होटलों में अभी 40 प्रतिशत कमरे खाली हैं। अग्रवाल ने 30 और 31 दिसंबर को मसूरी में पर्यटकों की बेतहाशा भीड़ उमड़ने की उम्मीद जताई है। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी का मानना है कि जश्न के इस दौर में चार दिन विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन होने से पर्यटकों को छुट्टियां बिताने के लिए लंबा अवसर मिल रहा है।

बिजली-पानी की नहीं कोई समस्या

मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि यमुना पेयजल पंपिंग परियोजना शुरू होने के बाद मसूरी में पेयजल की अब कोई दिक्कत नहीं है। गलोगी जल विद्युत गृह यहीं होने के कारण बिजली की भी कोई परेशानी नहीं रहती। होटल और गेस्ट-हाउस में निर्माण के अनुसार बिजली व पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रहती है।

दुल्हन की तरह सजाया जा रहा शहर

पर्यटकों के स्वागत के लिए मसूरी को इन दिनों दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। पूरा शहर रंग-विरंगी लाइट से जगमगाने लगा है। होटलों में नए साल के जश्न के लिए लाइव बैंड, म्यूजिकल बैंड व गाला डिनर के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। पार्किंग की हो सकती है समस्या मसूरी में पर्यटकों की भीड़ उमड़ने पर सबसे बड़ी समस्या यातायात व्यवस्था और पार्किंग बनते हैं। मसूरी में पार्किंग के लिए अधिकतर होटलों के पास पर्याप्त जगह नहीं है। हालांकि, किंक्रेग में पांच मंजिला पार्किंग बनने के बाद इस समस्या में कुछ राहत जरूर मिली है। यहां एक बार में 500 कार खड़ी की जा सकती

अब छुट्टी में भी छुट्टी नहीं : केके पाठक का नया आदेश , क्रिसमस डे से लेकर अगले आदेश तक अवकाश लेने पर लगाई रोक

क्रिसमस डे के अवसर पर बिहार में 25 दिसंबर को पहले से छुट्टी घोषित है पर राज्य में सबसे ज्यादा चर्चा में बने शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस छुट्टी का लाभ नहीं ले सकेंगे। क्योंकि विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर 25 दिसंबर से अगले आदेश तक सभी तरह की छुट्टियां रद्द कर दी गयी है। इसकी वजह बीपीएससी द्वारा आयोजित दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों का काउंसलिंग बताया जा रहा है।

 

माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने इस आशय का आदेश जारी करते हुए कहा कि 25 दिसंबर से अगले आदेश तक शिक्षा विभाग के सभी कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि दूसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का परिणाम बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्रकाशित कर दिया गया है। 25 दिसंबर 23 से काउंसलिंग की तिथि भी विभाग द्वारा निर्धारित कर सूचना प्रकाशित कर दी गयी है। इस स्थिति में कार्य की महत्ता को देखते हुए राज्य के शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों का अवकाश दिनांक 25 दिसंबर 2023 से अगले आदेश तक रद्द की जाती है। बहुत ही अपरिहार्य स्थिति होने पर मुख्यालय से अनुमति प्राप्त करने के बाद अवकाश दिया जाएगा।

आदेश मे कहा गया है कि प्रथम चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के आधार पर नियुक्त एवं विद्यालयों में पदस्थापित विद्यालय अध्यापकों की संख्या बल की जांच इससे संबंधित डेटा के शुद्धिकरण हेतु सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश दिया जाता है कि 24 दिसंबर 23 को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और प्रधानाध्यापकों की बैठक आहुत कर उक्त कार्य को पूरा करना सुनिश्चित करेंगे।

इससे पहले भी शिक्षा विभाग में छुट्टी की कटौती का फैसला केके पाठक की तरफ से लिया गया था। जिसका विरोध हर स्तर पर हुआ था। अब काउंसलिंग के नाम पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है।

पुलिस को चुस्त दुरुस्त करने के लिए बिहार सरकार ने बनाया प्लान, एक जनवरी से शुरू होगा ये अभियान

एक जनवरी 2024 से, बिहार पुलिस एक नई पहल, 'मिशन दिन' लागू करेगी। जिससे जांचकर्ताओं के लिए एफआईआर दर्ज होने के 75 दिनों के भीतर मामलों की जांच पूरी करना अनिवार्य हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, जांच की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, पुलिस स्टेशनों और जिला पुलिस के प्रदर्शन की मासिक आधार पर नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी। राज्य सरकार का लक्ष्य पुलिस बल को अधिक लोगों के अनुकूल और जवाबदेह बनाना है, मामलों के समाधान में तेजी लाने और आपराधिक न्याय प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के उपाय शुरू करना है।

बिहार पुलिस (मुख्यालय) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जेएस गंगवार के अनुसार, नई पहल विशिष्ट मामलों को छोड़कर सभी मामलों के लिए निर्धारित 75 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने सहित जांच पूरी करने पर जोर देती है। गंगवार ने कानूनी सिद्धांतों के अनुरूप समय पर आरोपपत्र प्रस्तुत करने के महत्व पर प्रकाश डाला। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम की जगह नए कानूनों के संबंध में केंद्र द्वारा हालिया गजट अधिसूचना के बाद बिहार पुलिस भी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव की तैयारी कर रही है।

गंगवार ने कहा कि नए कानूनों के कार्यान्वयन के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार, सॉफ्टवेयर अपडेट और मौजूदा मानव संसाधनों के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है और बिहार पुलिस इन बदलावों के लिए तैयारी कर रही है। संसद द्वारा अनुमोदित तीन विधेयकों में औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को संशोधित करने, आतंकवाद, लिंचिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों जैसे अपराधों के लिए कड़ी सजा देने का प्रावधान है। विधेयकों को राज्यसभा और लोकसभा दोनों में मंजूरी मिल गई, जो अधिक कठोर और आधुनिक आपराधिक कानूनों को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक विधायी बदलाव का प्रतीक है।

अब दूसरे देशों से 'एस्केलेटर' आयात करने की जरुरत नहीं ! 2024 में भारत में निर्माण शुरू कर देगी ये स्वदेशी कंपनी

 कोने एलिवेटर इंडिया (KONE Elevator India Private Limited) के एक अधिकारी ने बताया है कि, कंपनी अपने विस्तार कार्यक्रम के तहत 2024 की पहली छमाही से भारत में एस्केलेटर का निर्माण शुरू कर देगी। कोन एलिवेटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (MD) अमित गोसाईं ने एक बातचीत के दौरान कहा कि, अभी, श्रीपेरंबुदूर संयंत्र में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। यह जनवरी में पूरा हो जाएगा।

बता दें कि, अभी तक कोने इंडिया, चीन और फिनलैंड से एस्केलेटर आयात करता था और फिर उन्हें असेंबल करता था। लेकिन अब मेक इन इंडिया पहल का समर्थन करने के लिए कंपनी घरेलू बाजार के लिए स्थानीय स्तर पर इनका विनिर्माण और संयोजन शुरू करेगी। कोने कॉरपोरेशन की भारतीय सहायक कंपनी शुरुआत में घरेलू बाजार के लिए कुछ हजार लिफ्टों के मुकाबले कुछ सैकड़ों एस्केलेटर का निर्माण करेगी। कंपनी की नज़र हवाई अड्डे, मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन और शॉपिंग मॉल के लिए एस्केलेटर निर्माण करने की हैं।

उल्लेखनीय है कि, एस्केलेटर और लिफ्ट का भारतीय बाजार प्रति वर्ष लगभग 65,000 से 70,000 इकाइयों का है, जिनमें से एस्केलेटर की हिस्सेदारी 5% है। उन्होंने कहा, एलिवेटर सेगमेंट में कोने इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 25% है। उन्होंने कहा कि, 'अभी, अधिकांश घटक स्थानीय स्तर पर खरीदे जाते हैं। हम भारत में एस्केलेटर बनाने वाली एकमात्र कंपनी हैं, जबकि अन्य इसे आयात और असेंबल कर रहे हैं।'

कोने इंडिया के कैलेंडर वर्ष 2023 को CY2022 की तुलना में 15% की वृद्धि के साथ समाप्त करने की संभावना है और CY2024 के लिए समान विकास लक्ष्य को बनाए रखने की संभावना है। इस बीच, अमित गोसाईं ने राज्य सरकारों से लिफ्ट अधिनियम को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह किया क्योंकि यह बेहद महत्वपूर्ण है। अभी, इसे तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और नई दिल्ली सहित केवल 11 राज्यों द्वारा लागू किया गया है। निर्यात के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि यह कुल राजस्व का लगभग 5-7% है और अधिक उत्पादों के लॉन्च के साथ इसमें वृद्धि होना तय है।