खत्म नहीं हो रहा इंतजार 13 हजार को आवास की दरकार,कोरोना काल के बाद नए आवास को शासन से नहीं मिली स्वीकृति
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। शहरी गरीबों को आशियाना मुहैया कराने की मुहिम 32 महीनों से फाइलों में दब हुई है। सात नगर निकायों के 13836 हजार आवेदकों का इंतजार दिन व रात बढ़ता जा रहा है। 2020 के बाद से जिले में आवास स्वीकृति नहीं हो सका , हालांकि चार साल में 27 हजार को पक्का छत मिल चुका है। केंद्र सरकार की ओर से सभी को पक्का छत मुहैया कराने के लिए जून 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई थी। सूबे में मह योजना मई 2017 में शुरू हुई।
शुरुआत के तीन साल में जिले के गोपीगंज, ज्ञानपुर, भदोही, खमरिया, सुरियावां, घोसिया, नई बाजार में 31 हजार 607 लाभार्थी आवास के लिए आवेदन किए हैं। जिसमें से 27 हजार का आवास स्वीकृति हुआ। अब तक करीब 26 हजार आवास पूर्ण हो चुके हैं। लेकिन साल 2020 के बाद करीब 32 महीने से आवास के लिए आवेदन करने वाले लाभार्थियों की उम्मीदें धूमिल होती जा रही है।
ढाई साल से अधिक समय से डूडा कार्यालय में फाइल अब धूल फांकने लगी है। डूडा विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे अधिक भदोही नगर पालिका से करीब छह हजार , गोपीगंज से तीन हजार ज्ञानपुर से 800, खमरिया से 950 घोसिया ,नई बाजार व सुरियावां से 850-850 के करीब आवेदन आए है। परियोजना अधिकारी डूडा दीपक कुमार ने बताया कि सातों नगर निकाय से आए करीब 14 हजार आवेदनों को स्वीकृति नहीं मिली है। आगामी चुनाव से पूर्व स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। जिससे लोगों को लाभ मिल सके।
Dec 09 2023, 15:01