*धनुर्विद्या का केंद्र रहा है अयोध्या यह याद दिलाएगा प्रवेश द्वार*
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अयोध्या।रामपथ के इंट्री प्वाइंट पर अयोध्या की संस्कृति और इतिहास को समेटे भव्य प्रदेश द्वार का निर्माण शुरू करा दिया गया है। अगले कुछ महीने में यह दिखने लगेगा। यह प्रवेश द्वार राजकीय इंटर कालेज में हो रही तीरंदाजी प्रतियोगिता की याद भी दिलाता रहेगा। साथ ही यह भी बताता रहेगा कि अयोध्या दुनिया के श्रेष्ठ धनुर्धरों की धरती रही है।रामपथ राममंदिर को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है। यह लगभग 13 किमी लंबा है। सहादतगंज इसका इंट्री प्वाइंट है। यहां पर अयोध्या विकास प्राधिकरण ने भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण शुरू करा दिया है।
डिजाइन रामायण थीम पर आधारित है। यह अयोध्या की संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है। अयोध्या श्रीराम की नगरी है। त्रेता में यह धनुर्विद्या का केंद्र रहा है। श्रीराम और उनके भाई धनुर्विद्या के महारथी थे।जानकार बताते हैं कि धनुष बाण शस्त्र है। इस पर दिव्य अस्त्रों का संधान किया जाता है।
श्रीराम, परशुराम, अर्जुुन, भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण, शल्य जैसे ढाई दर्जन ऐसे महायोद्धा थे, जो शस्त्र पर अस्त्र (दिव्यास्त्र) प्रकट करने की क्षमता रखते थे। रामायण और महाभारत के अनुशासन पर्व में इसकी व्याख्या मिलती है। यह अयोध्या का इतिहास है।
रक्ष संस्कृति का विनाश अयोध्या की संस्कृति है। यहां के प्रवेश द्वार से इसकी झलक दिखेगी।प्रवेश द्वार की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके निर्माण की लागत दो करोड़ रुपये है। द्वार दो लेन के तीन मोटे खंभे पर बनेगा। इसके ऊपर प्रत्यंचा और धनुष दिखेगी। बीचोबीच में त्रिशूल के आकार का बाण होगा। इसकी नोक पर दिव्यास्त्र का आभा मंडल होगा।
इस पर ऊँ. लिखा दिखेगा।अयोध्या विकास प्राधिकरण के अधिशाषी अभियंता एके राय का कहना है कि यह पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। श्रद्धालु और पर्यटक इस धनुष बाण के नीचे से श्रीराम के दर्शन के लिए जाएंगे। अयोध्या और श्रीराम की धनुर्विद्या की यादें ताजा होंगी।
अयोध्या के अतीत की इस संस्कृति पर शोध को नया आयाम मिल सकता है।सूत्रों की मानें तो तीरंदाजी प्रतियोगिता की रणनीति इस प्रवेश द्वार की थीम फाइनल होने के बाद ही बनी। यहां के इतिहास और संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए श्री राम की धनुर्विद्या के प्रचार प्रसार के लिए ही राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता को अयोध्या में आयोजित किए जाने की घोषणा की गई। अब यह परवान चढ़ रही है।
Nov 28 2023, 18:23