हाथ में बोतल और पैरों के नीचे ट्रॉफी, क्या ये वर्ल्ड कप जीतने का घमंड है?

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भारत को हराकर ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप 2023 ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। टीम ने फाइनल में टीम इंडिया को 6 विकेट से हराकर मुकाबलों को अपने नाम किया। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया छठी बार विश्व विजेता बना है। इतनी बड़ी जीत के बाद अक्सर पैर जमीं पर महसूस नहीं हो सकते हैं। एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो इस कहावत को सच करती दिख रही है। दरअसल, सोशल मीडिया पर सामने आई एक तस्वीर में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को ट्रॉफी पर अपने पैर रखकर बैठे हुए देखा जा रहा है।सोशल मीडिया पर स्टार ऑलराउंडर मिचेल मार्श की एक फोटो खूब वायरल हो रही है, जिसमें वो एक हाथ में बोतल पकड़े हैं और आईसीसी ट्रॉफी के ऊपर अपने पैर रखे हुए हैं। इस हरकत के बाद मार्श सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हो रहे हैं।

फोटो को सबसे पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था। इसके बाद यह तस्वीर जंगल की आग की तरह वायरल हो गई है। लोग मार्श की इस हरकत से को विश्व कप ट्रॉफी का 'अपमानजनक' बता रहे हैं। यह तस्वीर ऑस्ट्रेलिया द्वारा विश्व कप ट्रॉफी जीतने के कुछ घंटों बाद साझा की गई थी।यह तस्वीर होटल के कमरे की प्रतीत होती है, जहां ऑस्ट्रेलियाई टीम आराम से बैठकर एक-दूसरे से बातचीत कर रही थी। अपना पदक दिखाते समय मार्श ने अपने दोनों पैर ट्रॉफी के ऊपर रखे हुए हैं।

ये वहीं ट्रॉफी है, जिसके लिए सभी खिलाड़ियों ने महीनों मेहनत की है। इसी ट्रॉफी से आपकी महानता आंकी जाती है। वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया टीम सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप खिताब जीतने वाली टीम है। किसी भी अन्य टीम ने दो बार से ज्यादा खिताब नहीं जीता है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई खेमे में इतनी बार चैंपियन बनने का घमंड नजर आ रहा है।

बता दें कि, 2011 के बाद से टीम इंडिया वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम नहीं कर पाई है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी हार के साथ ही टीम का ट्रॉफी जीतने का सपना अधूरा रह गया। भारत ने धोनी की कप्तानी में अंतिम बार 2013 में आईसीसी की कोई ट्रॉफी जीती थी। यह टीम का आखिरी आईसीसी खिताब था। इसके बाद से टीम इंडिया आज तक आईसीसी खिताब जीत नहीं सकी है। वहीं, 2011 वर्ल्ड कप भी धोनी ने ही अपनी कप्तान में जिताया था।

बाबर आजम ने भारत के “जख्मों” पर छिड़का नमक, जानें क्या कहा

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भारतीय टीम एक बार फिर वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम नहीं कर पाई। इसके साथ ही करोड़ों प्रशंसकों का दिन एक बार फिर टूट गया। इस वर्ल्ड कप में भारत ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था, सभी उम्मीद लगा बैठे थे की बस कप भारत की झोली में आने ही वाला है। लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का झेलनी पड़ी।इसी बीच बाबर आजम ने सोशल मीडिया पर ऐसा पोस्ट कर दिया है, जो भारत के जले पर नमक छिड़कने से कम नहीं है।

वर्ल्‍ड कप 2023 के खिताबी मुकाबले में भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की जीत को लेकर बाबर आजम ने इंस्टाग्राम पर पोस्‍ट में लिखा... ऑस्ट्रेलिया को बधाई। टूर्नामेंट के फाइनल में क्या शानदार प्रदर्शन किया है।

माना जा रहा है कि बाबर आजम की मंशा सिर्फ ऑस्‍ट्रेलिया को बधाई देने की लग रही है। कुछ फैंस का मानना है कि बाबर ने विराट कोहली से बदला लिया है

फैंस इसे टी20 वर्ल्ड कप 2022 से जोड़ते हुए देख रहे हैं। जहां पाकिस्तान फाइनल में इंग्लैंड से हार गया था और उसके बाद कोहली इंग्लिश टीम को जीत की बधाई दी थी।

दरअसल, 2022 में टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था। इसके फाइनल मैच में पाकिस्तान और इंग्लैंड की टीमें आमने-सामने थीं। इंग्लैंड ने 5 विकेट से पाकिस्तान को धूल चटाकर ट्रॉफी पर अपना कब्जा जमाया। इंग्लैंड की इस जीत पर टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने बधाई दी थी। कोहली ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'बधाई इंग्लैंड टीम, आप यह जीत डिजर्व करते थे।' इसी पोस्ट को लेकर फैंस ने अब वर्ल्ड कप 2023 में किए पोस्ट को जोड़ लिया है और इसे कोहली का बदला बता रहे हैं।

 बता दें कि वर्ल्ड कप 2023 में पाकिस्तान टीम बाबर आजम की कप्तानी में ही खेली। हालांकि, टीम सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी। देश वापस लौटते ही बाबर आजम ने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। अब बाबर आजम ने ऑस्ट्रेलिया की जीत पर इंस्टाग्राम ओर स्टोरी पोस्ट कर उन्हें बधाई दी है।

वहीं, विराट कोहली ने वर्ल्ड कप 2023 में टीम इंडिया के लिए सबसे शानदार प्रदर्शन किया है। वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक 265 रन बनाने वाले बल्‍लेबाज बने हैं। कोहली को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। इस बार वर्ल्‍ड कप में कोहली के बल्‍ले से 3 शतक और सर्वाधिक 6 अर्धशतक आए हैं।

उदयमान सूर्य को अर्ध्य के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ का हुआ समापन, राज्य में तकरीबन 80 लाख से अधिक परिवारों ने किया यह व्रत

डेस्क : लोक आस्था के चार दिवसीय छठ महापर्व का आज उगते हुए सूर्य के अर्ध्य के साथ समापन हो गया। यह महापर्व बीते शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था। शनिवार की शाम को छठव्रतियों ने भगवान सूर्य की पूजा कर तथा उन्हें भोग अर्पित कर खरना का प्रसाद ग्रहण किया था। इसके साथ ही आज सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने तक 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ हो गया था। 

बीते रविवार को अस्तचगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया था और आज सोमवार को उदयगामी सूर्य को अर्ध्य समर्पित करने के बाद व्रर्तियों द्वारा अन्न-जल ग्रहण करने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो गया। 

आपको बताते चलें कि, छठ महापर्व के सफल तथा निर्विघ्न आयोजन के लिए शासन-प्रशासन की और से पुख्ता इतंजाम किये गए थे। सभी छठ घाटों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी। राज्यभर में 4000 से अधिक छठ घाट सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा तैयार किये गये थे। वहीं इससे बड़ी तादाद में समाजिक संगठनों द्वारा भी अर्ध्य के लिए तालाबा और पोखर तैयार किये गये थे। जहां छठ व्रर्तियों ने भगवान भास्कर को अर्ध्य दिया।  

एक बार फिर इस महापर्व में सामूहिकता बोध उदाहरण के रूप में दिखने को मिला। छठ महापर्व में शामिल होने के लिए दूर देश व प्रदेशों से स्वजन भी अपने-अपने गांव आ पहुंचे। जो परदेसी नहीं आ पाये, वे छठ पर्व के बिहार के इस अनमोल संस्कार को वहीं जीवंत बनाया हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने परिवार के साथ मनाया महापर्व छठ, उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर राज्य के लिए तरक्की की कामना की

डेस्क : लोक आस्था के चार दिवसीय छठ महापर्व का आज उगते हुए सूर्य के अर्ध्य के साथ समापन हो गया। यह महापर्व बीते शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था। शनिवार की शाम को छठव्रतियों ने भगवान सूर्य की पूजा कर तथा उन्हें भोग अर्पित कर खरना का प्रसाद ग्रहण किया था। इसके साथ ही आज सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने तक 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ हो गया था। 

बीते रविवार को अस्तचगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया था और आज सोमवार को उदयगामी सूर्य को अर्ध्य समर्पित करने के बाद व्रर्तियों द्वारा अन्न-जल ग्रहण करने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो गया। 

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सोमवार को अपने सरकारी निवास एक अन्ने मार्ग में अपने परिजनों के साथ छठ महापर्व मनाया। इस दौरान उन्होंने उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। ये आयोजन पूरी तरह पारिवारिक था। जिसमें नीतीश के भाई और बहनों का पूरा परिवार शामिल था। 

इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने राज्य की तरक्की की कामना की और कहा कि यह अनुशासन का पर्व है। व्रती साफ मन से डूबते और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। सूर्य देव से राज्य की प्रगति, सुख- समृद्धि की प्रार्थना करता हूं।

आपको बताते चलें कि, छठ महापर्व के सफल तथा निर्विघ्न आयोजन के लिए शासन-प्रशासन की और से पुख्ता इतंजाम किये गए थे। सभी छठ घाटों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी। राज्यभर में 4000 से अधिक छठ घाट सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा तैयार किये गये थे। वहीं इससे बड़ी तादाद में समाजिक संगठनों द्वारा भी अर्ध्य के लिए तालाबा और पोखर तैयार किये गये थे। जहां छठ व्रर्तियों ने भगवान भास्कर को अर्ध्य दिया।

क्रिकेट विश्व कप, आखिरकार ऑस्ट्रेलिया ने रोक दिया भारत का विजय अभियान, 6 विकेट से हरा छठी बार विश्व कप का खिताब जीता

 ऑस्ट्रेलिया ने भारत को वर्ल्ड कप फाइनल में 6 विकेट से हराकर छठी बार विश्व कप का खिताब जीत लिया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से टेविस हेड ने शानदार शतकीय पारी खेली और टीम को जीत दिला दी। हेड के अलावा लाबुशान ने भी भारतीय गेंदबाजों का जमकर सामना किया। इससे पहले अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जा रहे फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने एक मुश्किल पिच पर भारत को सिर्फ 240 रनों पर ही रोक दिया है।

पहले बल्लेबाजी का न्योता पाने के बाद भारत की शुरुआत खराब रही, जब मिचेल स्टॉर्क ने शुभमन गिल (4) को जल्द चलता कर दिया, लेकिन यहां से इसे बाद खासकर कप्तान रोहित शर्मा (47) ने बहुत ही सकारात्मक अंदाज में बल्लेबाजी की। पावर-प्ले में स्कोर अच्छा बन रहा था, लेकिन भारत ने जहां 82 रन बनाए, लेकिन तीन विकेट गिर गए.

 निगाहें जमने के बाद रोहित निकले,

 तो अय्यर (4) बड़ी पारी नहीं खेल सके। यहां से विराट कोहली (54) और केएल राहुल (66) ने टीम को उबारते हुए पटरी पर लाया, लेकिन कोहली क्या आउट हुए कि नियमित अंतराल पर विकेटों का गिरना शुरू हो गया। और एक समय सूर्यकुमार एक छोर पर अकेले पड़ गए. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की बेहतरीन प्लानिगं और शानदार एक्जीक्यूशन शुरू से लेकर आखिर तक दिखाई पड़ी. और नतीजा यह रहा कि भारत कोटे के 50 ओवरों में सभी विकेट खोकर 240 रन ही बना सका। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने तीन, हेजलवुड और पैट कमिंस ने दो-दो, जबकि एडम जंपा ने एक विकेट लिया।

भारत (प्लेइंग इलेवन): रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव, रवींद्र जड़ेजा, मोहम्मद शमी, जसप्रित बुमरा, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज

ऑस्ट्रेलिया (प्लेइंग इलेवन): ट्रैविस हेड, डेविड वार्नर, मिशेल मार्श, स्टीवन स्मिथ, मार्नस लाबुशेन, ग्लेन मैक्सवेल, जोश इंगलिस (विकेटकीपर), मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस (कप्तान), एडम ज़म्पा, जोश हेज़लवुड

माथे पर दउरा लेकर छठ घाट पहुंचे केन्द्री गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्ध्य, प्रदेशवासियों के समृद्धि की कामना की

डेस्क : चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया गया। राजधानी पटना के गंगा घाट से लेकर तालाबों और घरों पर लोगो पूरे श्रद्धा के साथ छठ व्रर्ती अस्तचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया। पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। वहीं कल सुबह उगते हुए सूर्य यानी उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठव्रती और श्रद्धालु दोपहर बाद से ही छठ घाटों पर पहुंचने लगे थे। 

वही इस पावन अवसर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने भी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और छठ मईया से देश और प्रदेशवासियों की सुख शांति और समृद्धि की कामना की। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय खुद माथे पर दउरा लेकर छठ घाट पहुंचे, जहां छठव्रतियों के अर्घ्य देने के बाद उन्होंने भी अर्घ्य दिया। 

नित्यानंद राय ने बिहार समेत देश के लोगों को छठ महापर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस दौरान छठ घाट पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ देखने को मिली। घाट पर मौजूद श्रद्धालु अपने नेता नित्यानंद राय के साथ सेल्फी लेने नजर आए। इस मौके पर लालगंज विधायक संजय सिंह मौजूद थे।

क्रिकेट विश्व कप, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के मैच में भारत की टीम 240 रनों पर सिमट गई, पांच को छोड़कर कोई भी दहाई का आंकड़ा भी नहीं कर सका

 विश्व कप का फाइनल मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आज अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जा रहा है।

 ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। मैच की पहली इनिंग में भारतीय टीम 50 ओवर में 240 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 50 ओवर में 241 रन बनाने हैं।

 बड़ा स्कोर नहीं बना पाई टीम इंडिया

भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के फाइनल में 240 रन पर सिमट गई। कंगारू टीम को जीत के लिए 241 रन का लक्ष्य बना है। भारत के लिए केएल राहुल ने सबसे ज्यादा 66 और विराट कोहली ने 54 रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा ने 47 और सूर्यकुमार यादव ने 18 रन बनाए। कुलदीप यादव ने 10 रनों का योगदान दिया। 

इन पांच खिलाड़ियों के अलावा कोई भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। रवींद्र जडेजा नौ, मोहम्मद शमी छह, श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल चार-चार रन बनाकर आउट हुए। जसप्रीत बुमराह एक रन ही बना पाए। मोहम्मद सिराज नौ रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को दो-दो सफलता मिली।

लोक आस्था का महापर्व छठ : सूर्यनगरी देव में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, तकरीबन दस लाख श्रद्धालुओ ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य

औरंगाबाद : जिले के सूर्य नगरी देव में आज छठ व्रर्त के तीसरे दिन अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्द्धय देने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालु पवित्र सूर्यकुंड में डुबकी लगाकर बड़ी ही आस्था और विश्वास के साथ सूर्यदेव को नमन कर उन्हें अपना अद्धर्य अर्पित किये। 

छोटी सी नगरी देव में इतने भारी तादाद में श्रद्धालुओं के पहुंचने की वजह से जिला प्रशासन को थोड़ी परेशानियां तो जरूर हो रही है। मगर भगवान भाष्कर की कृपा से बगैर किसी बाधा के छठव्रती इस अनुष्ठान को सम्पन्न कर रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि अबतक तकरीबन दस लाख श्रद्धालु यहां पहुंचे है। अर्ध्य देने के बाद सभी व्रती पवित्र सूर्यकुंड से लेकर त्रेतायुगीन सूर्यमंदिर तक दण्डवत करते हुए पहुंच रहे हैं और भगवान भाष्कर का दर्शन पूजन कर खुद को धन्य समझ रहे हैं। 

गौरतलब है कि देव में छठ पूजन का एक अलग ही महत्व है । ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी सच्चे मन और श्रद्धा भाव से यहां छठ पूजा का अनुष्ठान करता है , सूर्यनारायण उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में छठव्रती पहुंचते हैं और भगवान भाष्कर से मन्नतें भी मांगते हैं।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

लोक आस्था का महापर्व छठ : सीएम आवास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डूबते भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया, प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की

 

डेस्क : चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जा रहा है। राजधानी पटना के गंगा घाट से लेकर तालाबों और घरों पर लोगो पूरे श्रद्धा के साथ छठ व्रर्ती अस्तचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध्य दे रहे है। पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। वहीं कल सुबह उगते हुए सूर्य यानी उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठव्रती और श्रद्धालु दोपहर बाद से ही छठ घाटों पर पहुंचने लगे। 

इधर राजधानी पटना के एक अणे मार्ग स्थित सीएम आवास में भी पूरे धूमधाम के साथ छठ पर्व हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सगे संबंधी छठ व्रर्त कर रहे है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर बिहार वासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आत्मानुशासन का पर्व है। लोग शुद्ध अन्तःकरण एवं निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। भगवान भास्कर से राज्य में प्रगति, सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।

Chhath Puja 2023: रातों रात बदल गई थी देव सूर्य मंदिर के मुख्य द्वार की दिशा, छठ पर लगता है यहां बड़ा मेला

डेस्क : छठ पर्व पर बिहार के औरंगाबाद में बना सूर्य मंदिर खूब चर्चा में रहता है। यह भारत का एकमात्र मंदिर है, जिसका प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा में है। सौ फीट ऊंचे इस मंदिर का स्थापत्य और वास्तुैकला वास्तकव में अद्भुत है। कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण एक रात में किया गया था।

भारत में आश्चार्य और रहस्य्मयी मंदिरों की कोई कमी नहीं है। जिस मंदिर में जाएं, उसका अपना इतिहास और अपनी कहानी है। लेकिन कुछ मंदिर वास्तंव में ऐसे हैं, जिनके बारे में सुनने के बाद इन्हें करीब से और जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है। ऐसा ही एक रहस्यमयी मंदिर बिहार के औरंगाबाद जिले में है। इसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर ने खुद ही अपनी दिशा बदल ली थी। कुछ लोग इसे मुरादों का मंदिर भी कहते हैं। 

हम बात कर रहे हैं यहां के सूर्य मंदिर की। इन दिनों इस मंदिर में छठ पूजा की धूम मची हुई है। अभी से मंदिर में भक्तों का यहां तांता लगा हुआ है। यहां भक्तों की भीड को देखकर इसकी मान्य ता का अनुमान लगाया जा सकता है। तो आइए जानते हैं सूर्य मंदिर से जुड़ी कई अनोखी बातों के बारे में।

रातों रात बदल गई थी इस सूर्य मंदिर के मुख्य द्वार की दिशा, एक रात में बना था औरंगाबाद में 3 मंदिर

कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण खुद भगवान विश्वकर्मा ने एक रात में किया था। देव देवकुंड और उमगा ,जो उमगा और देवकुंड मन्दिर अधूरा रह गया था क्योंकि मन्दिर का निर्माण होते होते सुबह हो गया था जो कि देवकुंड में नीलम पत्थर का शिवलिंग आज भी देखने को मिलता है वहीं देव के स्थाोनीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर में दर्शन करने से आपकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। यह अद्भुत मंदिर अपने अंदर न जाने कितने रहस्य समेटे हुए है। किंवदंतियों के अनुसार, इस मंदिर की दिशा खुद ही बदल गई थी। इसका रहस्य भी बड़ा रोचक है।

पश्चिम की ओर है दरवाजा

आमतौर पर मंदिरों का दरवाजा पूरब की ओर होता है। यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसका दरवाजा पश्चिम की ओर है। इस मंदिर में आप सूर्य देवता की मूर्ति को सात रथों पर सवार देख सकते हैं। इसमें उनके तीनों रूप उदयाचल, मध्यां चल और अस्ताचल के रूप में मौजूद हैं। इसी कारण छठ पूजा में इस मंदिर की मान्येता और बढ़ जाती है।

देव् मन्दिर का क्या है रहस्य

मंदिर का दरवाजा पश्चिम की ओर क्योंद है, इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है। कथा के अनुसार, एक बार औरंगजेब मंदिरों को तोड़ने औरंगाबाद पहुंचा। लोगों ने इसे ना तोड़ने की विनती की। उसने कहा कि अगर इस मंदिर में वास्तव में भगवान हैं, तो इस मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम में हो जाए। लोगों ने सूर्य देव से प्रार्थना की और अगली सुबह जब पुजारी पूजा करने पहुंचे तो देखकर दंग रह गए कि मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम दिशा में था। हालांकि उल्टी दिशा में होते हुए भी लोगों को सूर्य देव के दर्शन कैसे होते हैं, यह आज भी रहस्यद है।

डेढ लाख साल पुराना मंदिर

आपको जानकर हैरत होगी कि सह मंदिर डेढ़ लाख साल पुराना है। मंदिर बिना सीमेंट के चूना गारा का इस्तेरमाल कर आयातकार, गोलाकार, त्रिभुजाकार कई रूपों में कटे गए पत्थरों से मिलकर बनाया गया है। मंदिर के बाहर लगे शिलालेख पर लिखे श्लोक के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 12 लाख 16 हजार वर्ष पहले त्रेता युग में हुआ था और आज इस पौराणिक मंदिर के निर्माण को लगभग 1 लाख 59 हजार 20 वर्ष पूरे हो गए हैं।

जगन्ना थ का दूसरा रूप है मंदिर 

यह मंदिर अपनी वास्तुककला और इतिहास के लिए बड़ा प्रसिद्ध है। औरंगाबाद से 18 किमी दूर यह मंदिर 100 फीट ऊंचा है। कुछ लोग इसे ओडिशा में स्थित जगन्नाथ मंदिर का दूसरा रूप कहते हैं।

सूर्य कुंड में प्रतिमा स्ना।न का महत्वश

इस मंदिर में सूर्यकुंड नामक तालाब का विशेष महत्वश है। मान्यथता है कि इस कुंड में स्नामन करने के बाद ही सूर्यदेव की आराधना की जाती है। मंदिर की परंपराओं के अनुसार, हर दिन घंटी बजाकर सुबह 4 बजे भगवान को उठाया जाता है और उनकी प्रतिमा को स्नाान कराया जाता है। फिर ललाट पर चंदन लगाकर नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। हर साल चैत्र मास और कार्तिक मास में होने वाले छठ पर्व पर देश भर के लाखों लोग छठ व्रत के लिए एकत्रित होते हैं।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र