दिल्ली:पाकिस्तान से भारतीय बैंक अकाउंट में 70 लाख आने पर हड़कंप,एक्शन में यूपी ATS, खुफिया एजेंट समेत 3 के खिलाफ केस दर्ज


दिल्ली:- पाकिस्तान से भारतीय बैंक अकाउंट में 70 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है, जिसके बाद यूपी ATS की इस पर नजर गई और इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इनमें से एक यूपी, एक बिहार का रहने वाला है, जबकि तीसरा खुफिया एजेंट है।

इस मामले में बीती 10 नवंबर को लखनऊ के गोमती नगर स्थित एटीएस पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हुई थी. गाजियाबाद के रहने वाले रियाजुद्दीन, बिहार के रहने वाले इजहारुल हुसैन और खुफिया एजेंट के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. एटीएस ने आईपीसी की धारा 121-Aयानी भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के तहत केस दर्ज किया है।

गाजियाबाद ग्रामीण के डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने कहा कि एटीएस अधिकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के साथ रियाजुद्दीन और हुसैन के कनेक्शन की जांच कर रहे हैं, जहां से उन्हें ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से धन मिल रहा था।

एटीएस को अपनी जांच में पता चला कि केनरा बैंक के एक खाते से एक महीने के अंदर करीब 70 लाख रुपये का लेनदेन हुआ है. एटीएस ने एफआईआर में कहा कि खाता रियाजुद्दीन के नाम पर था और इज़हारुल हुसैन द्वारा संचालित किया जाता था।

अमेरिका और भारत के रक्षा संबंध खरीदार और विक्रेता के दायरे से आगे बढ़ा,अमेरिका ने अपने आधुनिक टैंक 'स्ट्राइकर' भारत में बनाने की पेशकश की

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका शीत युद्ध के दौर में ऐसे देश थे, जिनके राष्ट्रीय हित टकरा रहे थे। 1971 के भारत-पाक युद्ध में अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाने के लिए अपना सातवां बेड़ा तक अरब सागर में उतार दिया था।

उस समय इस बात की कल्पना करना मुश्किल था कि भारत और अमेरिका के रिश्ते आगे चल कर रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर पहुंचेंगे और अमेरिका न सिर्फ अपने उन्नत हथियार और प्रणालियां भारत को बेचेगा बल्कि भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए हथियारों के सह उत्पादन की पेशकश भी करेगा। करीब 5 दशक का समय जरूर लगा लेकिन अमेरिका ने अपने आधुनिक टैंक 'स्ट्राइकर' को भारत में बनाने की पेशकश करके रक्षा संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।

अब अमेरिका और भारत के रक्षा संबंध खरीदार और विक्रेता के दायरे से आगे बढ़ चुके हैं। आइये जानते हैं कि वर्ष 2000 के बाद भारत और अमेरिका के रक्षा संबंध किस तरह से विकसित हुए हैं और वे कौन सी वजहें जो दोनों देशों को रक्षा के मोर्चे पर लगातार करीब ला रही हैं।

भारत ने खरीदा पी-8आई और सी 17 ग्लोबमास्टर

2000 के दशक में भारत अमेरिका रक्षा संबंधों में नया अध्याय तब शुरू हुआ जब भारत ने अमेरिका से समुद्र में लंबी दूरी तक निगरानी करने में सक्षम पी-8 आइ विमान खरीदने का सौदा किया। 2.1 अरब डालर में आठ विमानों के लिए यह सौदा 2009 में हुआ।

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी के लिहाज से ये विमान बहुत कारगर साबित हुए हैं और अमेरिका की कंपनी बोइंग के इन विमानों ने भारतीय नौसेना की निगरानी और पनडुब्बी रोधी क्षमताओं को कई गुना बढ़ाया है। अमेरिका ने चीन की चुनौती के खिलाफ भारतीय नौसेना की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए भारत को ये विमान बेचने की मंजूरी दी थी।

साल 2014 में भारत-अमेरिका के रक्षा संबंधों को मिली नई दिशा

आज समुद्र में चीन की नौसेना की बढ़ती गतिविधियों को ध्यान में रख कर भारत और अमेरिका की नौसेनाएं मिल कर काम कर रहीं हैं। भारत ने अमेरिका से 10 भारी परिवहन विमान सी 17 ग्लोबमास्टर खरीदने का सौदा भी 2011 में किया था। अपाचे और चिनूक ने बढ़ाई भारतीय सेना की क्षमता 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों को नई दिशा मिली।

साल 2015 में भारत ने चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदे

साल 2015 में भारत ने अमेरिका से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकाप्टर खरीदने की डील पर हस्ताक्षर किए। ये डील करीब 3 अरब डालर की थी। अपाचे हमलावर हेलीकाप्टर है और चिनूक भारी परिवहन हेलीकाप्टर है। 2020 में लद्दाख में चीन की घुसपैठ के बाद तेजी से सीमा पर सैनिको और युद्धक साजो-सामान की तैनाती में भारी परिवहन विमान सी 17 ग्लोबमास्टर और हेलिकाप्टर चिनूक ने अपनी क्षमता साबित की।

अपाचे हेलीकाप्टर घातक मिसाइलों से लैस हैं और इनको लद्दाख में चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए तैनात किया गया है। एम 77 हावित्जर तोप की तैनाती भारत ने अमेरिका से 145 एम 77 हावित्जर तोपें खरीदी हैं। इन तोपों को खरीदने का सौदा 2016 में किया गया था। भारतीय सेना ने अमेरिका से खरीदी गई तोपों को अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात किया है।

एम 77 तोपों की ये है खासियत

एम 77 तोपें कम वजन वाली हैं और उनको चिनूक हेलिकाप्टर पर ले जाकर कहीं भी तेजी से तैनात किया जा सकता है। भारत की ताकत बढ़ागा अमेरिकी ड्रोन जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत ने अमेरिका से 31 एमक्यू 9 बी ड्रोन खरीदने का समझौता किया है। माना जा रहा है कि ये सौदा करीब 3 अरब डालर का होगा।

ये ड्रोन मुख्यतौर पर निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। साथ इन ड्रोन को कई तरह के हथियारों से भी लैस किया जा सकता है। इसके अलावा भारत और अमेरिका ने भारत में जेट इंजन बनाने के लिए भी समझौता किया है। इससे भारत में लड़ाकू विमान के इंजन सहित सभी जरूरी स्पेयर पार्ट बनाने का इकोसिस्टम तैयार करने में मदद मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 6 हत्याओं के दोषी मदन के मृत्युदंड को उम्रकैद में बदला,

इस केस में और एक दोषी की सजा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मृत्युदंड से उम्र कैद में बदला था


 नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि दोषी का आपराधिक इतिहास अपने आप में मौत की सजा देने का एकमात्र आधार नहीं हो सकता। कोर्ट ने इसके साथ ही दोषी मदन की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने फैसले में कहा है कि दोषी मदन की समय पूर्व रिहाई की अर्जी पर 20 वर्ष का वास्तविक कारावास काट लेने से पहले विचार नहीं किया जाएगा।

छह लोगों की हत्या से जुड़ा है मामला

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का यह मामला छह लोगों की हत्या का था जिसमें सत्र अदालत ने तीन दोषियों को सजा सुनाई गई थी, ईश्वर, मदन और सुदेश पाल। सत्र अदालत ने ईश्वर को उम्रकैद की सजा दी थी और मदन व सुदेश पाल को मृत्युदंड दिया था, जबकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुदेश पाल की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी थी, लेकिन मदन का मृत्युदंड बरकरार रखा था।

सुप्रीम कोर्ट में मदन और सुरेश ने की अपील

मदन और सुदेश पाल दोनों ही सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिस पर न्यायमूर्ति बीआर गवई, बी.वी. नागरत्ना और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने गत नौ नवंबर को यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने मदन की अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए उसकी मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी है, जबकि दूसरे दोषी सुदेश पाल की अपील खारिज करते हुए उसकी उम्रकैद की सजा पर अपनी मुहर लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने दोषी दोनों को माना है।

सुप्रीम कोर्ट ने मदन की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील करते हुए कहा है कि हाई कोर्ट ने समान साक्ष्यों के आधार पर पर विचार करने के बाद मदन को मृत्युदंड दिया, जबकि दोषी सुदेश पाल की अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए मृत्युदंड को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था।

'हाई कोर्ट ने एक आधार पर किया अंतर'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला देखने से पता चलता है कि हाई कोर्ट ने सुदेश पाल और मदन के मामले में सिर्फ एक आधार पर अंतर किया है और वह ये है कि मदन को एक अन्य मामले में पहले ही उम्रकैद की सजा हो चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राजेन्द्र प्रल्हादराओ वासनिक के पूर्व केस में पहले ही कह चुका है कि किसी को मृत्युदंड की सजा देते वक्त उसका पूर्व आचरण यानी पूर्व आपराधिक इतिहास विचार का मुद्दा नहीं होता। स कोर्ट ने कहा कि इस मौजूदा मामले में चश्मदीद के बयानों के आधार पर सभी दोषियों की भूमिका समान थी। इन चीजों के देखते हुए उनका मानना है कि हाई कोर्ट का मदन की मौत की सजा पर मुहर लगाने और सुदेश पाल को उम्रकैद की सजा देने का फैसला न्यायोचित नहीं है।

स्वामी श्रद्धानंद के केस का जिक्र

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हाई कोर्ट के फैसले को बनाए रखा जाएगा तो यह बहुत ही विसंगत स्थितियां पैदा करेगा। जिसमें दोषी सुदेश पाल के पास निश्चित समय तक सजा भुगतने के बाद नियमों के तहत समय पूर्व रिहाई पर विचार का अधिकार होगा, जबकि मदन को मृत्युदंड का सामना करना होगा। शीर्ष अदालत ने मदन के मामले में कहा कि यह मामला बीच का रास्ता अपनाने का है, जैसा कि स्वामी श्रद्धानंद के केस में सुप्रीम कोर्ट कह चुका है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मदन को मिले मृत्युदंड को उम्रकैद में तब्दील करना और 20 साल तक वास्तविक कारावास की सजा देना न्याय के हित में होगा। यह कहते हुए कोर्ट ने मदन की अपील आंशिक रूप से स्वीकार कर लीऔर उसका मृत्युदंड उम्रकैद जिसमें 20 वर्ष का निश्चित कारावास कर दिया है।

14 अक्टूबर 2023 का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मृत्युदंड पर विचार करते हुए अन्य भी कई पहलुओं पर गौर किया है और जेल में मदन के आचरण पर प्रोबेशन आफीसर की रिपोर्ट भी मंगा कर देखी थी। छह लोगों की हत्या का यह मामला 14 अक्टूबर 2003 का है, जिसमें कथित तौर पर राजनीतिक और पारिवारिक दुश्मनी के चलते गोलीबारी हुई थी।

दिल्ली:बीमार पत्नी से मिलने तिहाड़ जेल से घर पहुंचे मनीष सिसोदिया,कोर्ट ने दी है 6 घंटे की मोहलत


दिल्ली:-दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अदालत की अनुमति के बाद अपनी बीमार पत्नी से मिलने तिहाड़ जेल से घर पहुंचे। एक दिन पहले ही दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शनिवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक घर पर अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी थी।

हालांकि मनीष सिसोदिया ने राउज एवेन्यू कोर्ट से अपनी बीमार पत्नी से मिलने के लिए 5 दिनों की इजाजत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग ठुकरा दी थी। राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान AAP नेता सिसोदिया की तरफ से पेश वकील ने कहा कि अगर 5 दिन संभव नहीं है तो 2 दिन की इजाज़त दे दीजिए।

उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया और कहा कि हाईकोर्ट ने भी पहले इस तरह से पत्नी से मिलने की इजाजत दी थी, लेकिन कोर्ट इस दलील से सहमत नहीं हुआ। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की याचिका का तीखा विरोध किया और पत्नी से मिलने के लिए 6 घंटे की मोहलत दी है।

केंद्र सरकार के सालिसिटर जनरल तुषार मेहता का दावा,कोयला तस्करी की सीबीआई जांच रोकने ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची


नई दिल्ली: केंद्र सरकार के सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुरुवार को दावा किया है कि बंगाल सरकार ने कोयला तस्करी मामले की सीबीआइ जांच रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है।

सिब्बल ने क्या कहा?

इसके जवाब में बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ इस संवैधानिक सवाल के साथ पेश हुई है कि सीबीआइ जांच की इजाजत वापस लेने के बाद क्या केंद्रीय जांच एजेंसी के पास किसी मामले की जांच का अधिकार है या नहीं।

जांच शुरू करने के लिए एफआइआर दर्ज कर सकती है या नहीं। इससे संघीय ढांचे और केंद्र-राज्य अधिकारों का सवाल जुड़ा है।

सिब्बल ने कहा कि कानूनी तौर पर अनुमति को वापस लेने के बाद सीबीआइ एफआइआर दर्ज नहीं कर सकती। लेकिन सीबीआइ ने एक के बाद एक मामले में एफआइआर दर्ज की है।

सीबीआइ एक स्वतंत्र एजेंसीः मेहता

वहीं, मेहता ने दलील दी कि इस मामले को रफा-दफा नहीं किया जा सकता, क्योंकि इस मामले में केंद्र-राज्य विवाद का कोई मामला शामिल नहीं है। सीबीआइ एक स्वतंत्र एजेंसी है। केंद्र सरकार सीबीआइ जांच की निगरानी नहीं करती। केंद्रीय सतर्कता आयोग समग्र रूप से सीबीआइ की देखरेख करता है। इसलिए सीबीआइ और केंद्र सरकार एक नहीं है।केंद्र के इस आरोप के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि इस मामले के अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी।

धनतेरस के दिन एक पति ने अपनी पत्नी की कर दी बेरहमी से हत्या,परिजनों ने कमरे में लाश देखकर पुलिस को दिया सूचना, पति फरार

(दिल्ली एनसीआर डेस्क)

आगरा: जिले में धनतेरस पर एक पति ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी. परिजनों ने कमरे में लाश देखकर पुलिस को सूचना दी. पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही आरोपी पति फरार हो गया. पुलिस ने महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं, पुलिस आरोपी पुलिस की तलाश कर रही है.कमला नगर थाना के बल्केश्वर स्थिल इंद्रा नगर निवासी हेमंत का अपनी पत्नी चित्रा से किसी बात पर विवाद हो गया. गुस्से में हेमंत ने बेरहमी से चित्रा की हत्या कर दी और घर से फरार हो गया.

 गुरुवार सुबह जब परिवार के सदस्यों ने कमरे में बहू चित्रा की लाश देखी तो पुलिस को सूचना दी. थाना कमला नगर प्रभारी विपिन गौतम फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए. एसीपी हरीपर्वत मयंक तिवारी भी सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे. एसीपी हरीपर्वत मयंक तिवारी ने बताया कि ऋतिक नाम के व्यक्ति ने पुलिस को कॉल कर जानकारी दी कि उसकी बहन की किसी ने हत्या कर दी है. कमला नगर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो एक कमरे में ताला लगा हुआ था. वीडियोग्राफी के साथ कमरे में लगे ताले को खुलवाया गया. 

कमरे में चित्रा मृत अवस्था में जमीन पर पड़ी थी. उसके चेहरे पर चोट के निशान थे. वहीं, गले में दुपट्टे का फंदा कसा हुआ था.

शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया. मौके से पति हेमंत फरार था. फरार आरोपी पति हेमंत की तलाश में पुलिस टीम लगा दी गई है. परिवार के लोगों और आस-पास के परिचितों से पुलिस पूछताछ में जुटी है. मृतका के मायके पक्ष द्वारा लिखित शिकायत मिलने पर आरोपी पति हेमंत और अन्य के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 2 टीमें लगाई गई थीं. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

चित्रा से की थी दूसरी शादी:जानकारी के मुताबिक कुछ वर्षों पहले हेमंत की पहली पत्नी का देहांत हो गया था. इसके बाद हेमंत ने चित्रा से दूसरा विवाह रचाया था. हेमंत और चित्रा के बीच दो महीने से किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था. बीते 20 अक्टूबर को घर में विवाद इतना बढ़ गया कि थाने की चौखट तक जा पहुंचा. पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझा कर समझौता करा दिया. लेकिन, पुलिस के सामने दोनों के बीच हुआ समझौता घर पर विफल साबित हुआ.

पाकिस्तान में एक और आतंकवादी अमीन कासमी की हत्या,वह भारत के मोस्ट वांटेड सूची में भी था शामिल

नई दिल्ली: पाकिस्‍तान में एक और आतंकवादी की हत्या हो गई। उसे अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी। 

 मारे गए आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के के सदस्य अमीन कासमी थे जिसे अज्ञात लोगों ने गाजा में गोली मारकर हत्‍या कर दी। वह भारत के मोस्‍ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में शामिल था।

पिछले दिन पाकिस्तान में भारत के एक दुश्मन लश्कर ए-तैयबा के पूर्व कमांडर अकरम खान की भी कुछ दिनों पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसे अकरम गाजी भी कहा जाता था।

अकरम ने 2018 से 2020 तक लश्कर में भर्ती का कार्य किया था। भारत के खिलाफ जहर भी उगलता था। उसकी मौत बाजौर में अज्ञात हमलावरों द्वारा कथित तौर पर गोली मारकर की गई है। अकरम लश्कर के टॉप कमांडर्स में से एक था और लंबे समय तक आतंकी गतिविधियों में शामिल भी रहा।

आतंकियों की हत्याओं का यह पहला मामला नहीं है। पहले भी मुफ्ती कैसर फारूक, खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़, एजाज अहमद अहंगर, बशीर अहमद पीर, शाहिद लतीफ, और सैयद खालिद रजा जैसे आतंकियों को अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था। ये हमले आतंकियों की नींद को उड़ा रहे हैं।

ब्रेकिंग्/ दिल्ली-NCR में फिर आया भूकंप के हल्के झटके,रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मात्र 2.6 मापी गई

दिल्ली-NCR में एक बार फिर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं. रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मात्र 2.6 मापी गई है. यह भूकंप आज नॉर्थ दिल्ली के लोगों ने 3.36 बजे भूकंप के झटके महसूस किये.

बीते 10 दिन में ये तीसरी बार झटके महसूस किए गए हैं.

इससे पहले 6.2 और 5.4 की तीव्रता से भूकंप आया था.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार इसका केंद्र उत्तरी दिल्ली में जमीन की सतह से 10 किमी नीचे था. 

पिछले सप्ताह दिल्ली में आया था भूकंप

इससे कुछ दिन पहले पश्चिम नेपाल में 5.6 की तीव्रता से भूकंप आया था, जिसके बाद दिल्ली एनसीआर और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. 

वहीं दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में 3 नवंबर की रात करीब 11.40 बजे भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. तब नेपाल में 6.4 की तीव्रता से धरती हिली थी. उस समय भूकंप का केंद्र नेपाल में 28.84 डिग्री अक्षांश और 82.19 डिग्री देशांतर पर 10 किमी की गहराई पर था. 

नेपाल में भूकंप आना सामान्य बात

राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र जोन IV के अंतर्गत आता है. यह क्षेत्र भूकंप को लेकर ज्यादा जोखिम भरा माना जाता है. वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा, "नेपाल भारतीय और यूरेशिया की टेक्टॉनिक प्लेटों की सीमा पर है. इन प्लेटों में लगातार टकराव होती रहती है, जिससे अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है. इस वजह से नेपाल में भूकंप आता है." 

उन्होंने कहा, "पश्चिमी नेपाल में टेक्टॉनिक हलचल के कारण 520 साल पहले तेज भूकंप नहीं आया. इस वजह से वहां धरती के नीचे बहुत सारी एनर्जी जमा हो गई. इस वजह से इन क्षेत्रों में एनर्जी रिलीज होने के लिए भूकंप आना नॉर्मल बात है."

नेपाल सहित उत्तर भारत के क्षेत्रों में बार-बार भूकंप आने की बड़ी वजह पृथ्‍वी के भीतर मौजूद प्लेटों के आपस में टकराव को माना जाता है.

दिल्ली एनसीआर में गिरा पारा, हुई ठंड का एहसास,आज भी बारिश की संभावना।

दिल्ली:गुरुवार रात से हुई बारिश के कारण मौसम में हुआ बदलाव दिल्ली का मौसम हुआ सर्द,दिल्ली की मानक वेधशाला सफदरजंग में दिन का तापमान सामान्य से सात डिग्री कम दर्ज किया गया। ठंडक का एहसास भी बढ़ गया।

हल्की वर्षा

मौसम विभाग का अनुमान है कि शनिवार सुबह हल्की धुंध रह सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक बृहस्पतिवार रात से मौसम में बदलाव देखने को मिला है। पश्चिमी विक्षोभ और उससे जुड़े साइक्लोनिक सर्कुलेकशन के चलते दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में हल्की वर्षा हुई है। इससे तापमान में खासी गिरावट हुई और प्रदूषण की स्थिति में सुधार देखने को मिला।

दिल्ली का तापमान

दिल्ली की मानक वेधशाला सफदरजंग में अधिकतम तापमान 22.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से सात डिग्री कम है। न्यूनतम तापमान सामान्य से दो ज्यादा 16.2 डिग्री रहा। हवा में नमी का स्तर 100 से 85 प्रतिशत तक दर्ज किया गया। तहां तक वर्षा का सवाल है तो सफदरजंग मौसम केंद्र में बृहस्पतिवार रात से शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे तक कुल 10 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

आज भी बारिश की संभावना*

जाफरपुर में सर्वाधिक 13.5 मिमी वर्षा हुई। मौसम विभाग का अनुमान है कि शनिवार को तापमान 27 से 14 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। इस दौरान हवा की गति चार से 12 किमी प्रतिघंटे तक रह सकती है। हल्की वर्षा भी हो सकती है।

देश की तीन युद्ध में भाग लेने वाले नायक देवराज तिवारी का आज हो रहा अंतिम संस्कार,कल सुबह 4.30 में हुआ था उनका निधन


देश के तीन युद्ध ,1962, 1965 और 1971 में अपना जोहर दिखाने वाले युद्धबीर नायक देवराज तिवारी नही रहे। उनका देहांत हो गया। उनकी अंत्येष्टि आज होगी।

जमशेदपुर के आकाशदीप प्लाजा स्थित क्वार्टर में रहने वाले देवराज तिवारी 10 जुलाई 1961 को भारतीय थल के इंजीनियरिंग कोर में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के बाद ही उन्हें 1962, 1965 एवं 1971 युद्ध में देश की रक्षा में लड़ने का सौभाग्य प्राप्त था। 

सफलतापूर्वक सेना में 20 साल सेवा देने के बाद 1 अगस्त 1981 को भारतीय सेना से सेवानिवृत होने के बाद केवल कंपनी में सेवा दिए। कल सुबह 4:30 बजे उनका टाटा मेन अस्पताल में हृदय गति रुकने से देहांत हो गया। 

परिवार के लोगों के इंतजार में उनका पार्थिव शरीर टाटा मर्चरी में रखा गया था।

 जहां से उनके सभी सगे संबंधी आने के बाद आज सुबह 8:00 बजे उनका पार्थिव शरीर टाटा मेन अस्पताल से आकाशदीप प्लाजा गोलमुरी स्थित उनके आवास पर लाया गया। जहां से पैतृक रीति रिवाज के बाद सैनिक सम्मान पूर्वक भुइयांडीह स्वर्णरेखा घाट के लिए अंतिम सम्मान यात्रा आज 10 बजे निकली जहाँ उनका अंतिम संस्कार हो रहा है।

 देवराज तिवारी की पत्नी का निधन अभी एक महीना पहले ही हुआ था। वह नियमित डायरी में अपनी कविता लिखते थे और दो दिन पूर्व भी अपनी कविता के माध्यम से अपने हृदय का उद्धार व्यक्त किये थे। इस महान योद्धा के सम्मान यात्रा में पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधियों के अलावा लौह नगरी के तमाम देशभक्त शामिल होंगे। 

 अस्पताल में देवशंकर तिवारी को सहयोग पहुँचाने वाले लोगों में सुशील कुमार सिंह राजीव रंजन दिनेश सिंह जावेद हुसैन हरेंदु शर्मा अजय केशरी प्रमोद कुमार राजू रंजन हँसराज सिंह सुरेंद्र मौर्या सतनाम सिंह आदि शामिल थे।

आज अंतिम संस्कार में काफी संख्यां में लोग शामिल हुए जो अश्रुपूरित नयनो से उन्हें अंतिम विदाई दिया।अभी समाचार लिखे जाने समय वैदिक रीति से उनका अंतिम संस्कार भुइयांडीह स्वर्णरेखा घाट पर हो रहा है