सीएम योगी को ज्ञापन देने निकले सपा के जुलूस को रोका गया, विरोद में हुआ जोरदार प्रदर्शन
अयोध्या- जन समस्याओं को लेकर पूर्व मंत्री तेजनारायण पाण्डेय पवन के नेतृत्व में आज समाजवादी पार्टी कार्यालय लोहिया भवन गुलाबबाड़ी से कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के लिए एक जुलूस निकाला। जिसे प्रशासनिक अधिकारियों ने रीडगंज चौराहे पर रोक लिया। जहॉं पर सपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारा लगाया और भाजपा सरकार पर हल्ला बोला। जहां सिटी मजिस्ट्रेट ने जन समस्याओं से सम्बन्धित 08 सूत्रीय ज्ञापन लेकर मुख्यमंत्री तक पहुँचाने की बात कही।
पूर्व मंत्री पाण्डेय ने कहा कि शहर से लेकर गॉंव तक समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है लेकिन प्रदेश सरकार इन तमाम चीजों को जानते हुए शान्त बैठी है। जिससे आमजन को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें मुख्य रूप से -
1-रामपथ एवं चौदह कोसी परिक्रमा के नाम पर जो दुकानें एवं मकान तथा भूमि अधिग्रहण सरकार के द्वारा किया गया है जिसमें भारी अनियमितता है उसको सही जांच कराकर सही मुआवजा दुकानदारों व मकान मालिकों को दिया जाय।
2-श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण का सर्वोच्च न्यायालय से फैसला आने के बाद कितने नेताओं और अधिकारियों ने भूमि खरीद फरोख्त अपने परिजनों एवं रिश्तेदारों के नाम से लिया है उसकी सूची प्रकाशित की जाय।
3-अयोध्या में चारों तरफ प्रदूषण है ऐसा प्रतीत होता है कि देश की राजधानी दिल्ली से भी ज्यादा है उसके निराकरण के लिए सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए।
4-बेरोजगारी चरम पर है परमानेन्ट नौकरी की जगह ठेका प्रथा ने लिया है जहॉं देखों वहीं कमीशनबाजी का शोर मचा हुआ है। परमानेन्ट वैकेंसी निकाली जाय।
5-डेंगू से लोगी की जान जा रही है जांच के नाम पर लोगों को शोषण किया जा रहा है। अस्पताल में दवाइयॉं व बेड उपलब्ध नहीं है जिसके कारण लोगों को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है और दवायें बाहर से डाक्टर लिख रहे हैं।
6-साधु-महात्माओं और अयोध्यावासियों की जमीनें दरियाबुर्ज और नजूल घोषित करके जबरन अधिग्रहण कर संतों को ठगा जा रहा है जो कि निन्दनीय है। उसकी जमीनों को अधिग्रहण से मुक्त कर उनको मालिकाना हक दिया जाय।
7-थाना, तहसील, अस्पताल लूट के अड्डे हो गये है बिना सुविधा शुल्क लिये आम जनता का कोई कार्य नहीं होता है। इस पर रोक लगायी जाय।
8-आदिकाल से नदी के किनारे नाव व मोटरबोट चलाकर व नदी के किनारे छोटी-छोटी गुमटी रखकर जीविकापार्जन करने वाले लोगों की चौड़ीकरण में दुकानें समाप्त हो गयी हैं और जीविकोपार्जन के लिये केवल मोटरबोट व नाव ही उनका सहारा बचा है। प्रशासन ने प्राइवेट कम्पनियों के द्वारा मोटरबोट चलाना शुरू कर दिया है जिसके कारण नाविकों का नाव व मोटरबोट चलने से रोक दिया जा रहा है जिससे निषाद समाज के जीविकोपार्जन का संकट उत्पन्न हो गया है। हमारी मांग है कि निर्बाध रूप से नौका व मोटरबोट के संचालन की अनुमति दी जाय जिससे गरीब परिवारों की जीविका चल सके।
Nov 11 2023, 20:05