आयुर्वेद से प्राप्त किया जा सकता है सुखायु : प्रो. रेड्डी
गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्विद्यालय के अंतर्गत संचालित गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में 'सुखायु' राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन बुधवार को हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह तथा मुख्य वक्ता के रूप में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आचार्य रामचंद्र रेड्डी मौजूद रहे।
अपने संबोधन में मुख्य वक्ता प्रो. रामचन्द्र रेड्डी ने कहा कि सभी लोग सुखी आयु अर्थात सुखायु चाहते हैं। इसे आयुर्वेद से ही प्राप्त किया जा सकता है। इसमें रसायन चिकित्सा के बारे में बताया गया है जो आयुर्वेद के आठ अंगों में से एक है।
इसमें वर्णित औषधियां जरा अर्थात बुढ़ापे को नहीं आने देती हैं। मृत्यु को भी रोकने की क्षमता आयुर्वेद चिकित्सा के पास है। आयुर्वेद के रसायन शास्त्र में भस्म निर्माण करने की विधि को भी बताया गया है। उन्होंने कहा कि नाथ सम्प्रदाय में यह ज्ञान वृहद रूप से मिलता है। नाथ सम्प्रदाय से गोरक्षनाथ पीठ भी जुड़ा है।
प्रो. रेड्डी ने कहा कि आयुर्वेद, योग और ज्योतिष शास्त्र का जो विशिष्ट ज्ञान भारत के पास है, वह विश्व में कहीं नहीं है। ये तीनों मिलकर भारत को विश्वगुरु बनाने अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने यहां के सभी बीएएमएस छात्र भाग्यशाली हैं जिन्हें विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त यह विश्वविद्यालय मिला है। विश्वस्तरीय श्रेष्ठ वैद्य तैयार करने के सारे संसाधन व गुण इस आयुर्वेद महाविद्यालय के पास हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना साकार हो रहा है। ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग होने जा रहा है। उन्होंने सुखायु के लिए आयुर्वेद सम्मत रहन-सहन व खानपान अपनाने पर जोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल कुमार वाजपेयी ने कहा कि आज पूरा विश्व आयुर्वेद के तरफ देख रहा है। आयुर्वेद का इतिहास हजारों वर्षों पुराना होते हुए भी वह जीवंत है।
संगोष्ठी के उद्घाटन के बाद वैज्ञानिक शोध प्रस्तुति के अलग अलग सत्रों में श्री बाबू सिंह जय सिंह आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, फर्रुखाबाद में काय चिकित्सा विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रीतिमयी साहू, बीएचयू में स्वस्थवृत्त एवं योग विभाग, चिकित्सा विज्ञान संस्थान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मंगलागौरी वी. राव, एसडीएम कॉलेज ऑफ आयुर्वेद, उडुपी कर्नाटक के संहिता सिद्धांत विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रसन्ना मोगासले ने अपने अध्ययन निष्कर्ष साझा किए।
परिचय भाषण आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस में दिया जबकि आभार ज्ञापन डॉ. पियूष वर्षा ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव डा. प्रदीप कुमार राव, कृषि विज्ञान अधिष्ठाता डा. विमल दूबे, डीन एलायड हेल्थ साइंस डा. सुनिल सिंह, प्राचार्य नर्सिंग कॉलेज डा. डीएस अजीथा एवं भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित आयुर्वेद महाविद्यालय से प्रतिभागी, आयुर्वेद कालेज के सभी शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Nov 08 2023, 19:20