जन्म से ही हृदय में छेद वाले बच्चों का अब बिहार में ही इलाज होगा, सीएम नीतीश कुमार ने हर सुविधा उपलब्ध कराने का दिया भरोसा
जन्म से ही हृदय में छेद वाले बच्चों का अब बिहार में ही इलाज होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बात का भरोसा दिलाते हुए प्रदेश में इसकी समुचित व्यवस्था किये जाने की बात कही है।
डेस्क : बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। उनके वैसे बच्चे जिनके ह्रदय में जन्म से ही छेद है। उसके इलाज के लिए कही बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। सरकार जल्द ही इसकी व्यवस्था करने जा रही है।
बीते शनिवार को होटल मौर्या में कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की बिहार इकाई के 29 वें वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जन्म से ही हृदय में छेद वाले बच्चों का अब बिहार में ही इलाज होगा। बिहार में ही इसकी समुचित व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसी को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 में बाल हृदय योजना की शुरुआत की गयी। इसके तहत जन्म से हृदय में छेदवाले बच्चों का मुफ्त इलाज करवाया जाता है। अहमदाबाद स्थित सत्य साईं अस्पताल से करार किया गया है, जहां ऐसे बच्चों का इलाज होता है। अब तक 794 बच्चों का इलाज हो चुका है। पटना में भी अब इसके इलाज की व्यवस्था करायी गयी है। आईजीआईसी में 198 बच्चों का जबकि आईजीआईएमएस में 24 बच्चों का इलाज हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मेडिकल कालेज को बेहतर बनाया जा रहा है। इसके विस्तार की योजना पर भी काम हो रहा है। पीएमसीएच को भी बड़ा और अच्छा बनवाया जा रहा है। इसको 5462 बेड का अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल बनाया जा रहा है ताकि मरीजों का इलाज और बेहतर ढंग से हो सके। इसी तरह आईजीआईएमएस, एनएमसीएच, एसकेएमसीएच, एएनएमसीएच और डीएमसीएच 2500-2500 बेड का होगा। पहले राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे, जो अब बढ़कर 13 हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि पहले सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए नाममात्र के लोग आते थे, लेकिन अब प्रखंड स्तर पर भी इलाज की बेहतर व्यवस्था हो जाने से काफी लोग सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं।
Oct 29 2023, 09:42