चंद्रग्रहण के सूतक काल शुरू होने पर बंद हुए मंदिरों के पट
नैमिषारण्य- चंद्र ग्रहण के चलते विभिन्न मंदिरों में शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए । सुबह पावन चक्रतीर्थ और गंगा गोमती के राजघाट तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया । शाम चार बजे से ही चंद्र ग्रहण का सूतक काल लग जाने के कारण कई मंदिरों के पट बंद कर दिए गए और आश्रमों में साधु संतों ने जप अनुष्ठान किया।
सूतक काल से पूर्व मंदिरों में आरती पूजन किया गया और भगवान का शयन कराया गया । चंद्रग्रहण रात्रि में एक बजे शुरू होगा इसके बाद चंदग्रहण के समाप्त होने के बाद मंदिरों की साफ सफाई एवं शुद्धिकरण किया जाएगा । पंडित विवेक शास्त्री ने बताया कि चंद्रग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व दोनों है । चंद्र ग्रहण की घटना तब होती है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में हों, खगोलीय विज्ञान के अनुसार ये केवल पूर्णिमा के दिन ही संभव होता है। इसी वजह से चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा के दिन होते हैं। जबकि धार्मिक ग्रंथों में इसका कारण चंद्रमा को राहु का ग्रास होना बताया जाता है।
Oct 28 2023, 19:26