*मिजोरम के मुख्यमंत्री बीजेपी को क्यों दिखा रहे हैं तेवर, पीएम मोदी के साथ मंच साझा नहीं करने का किया ऐलान*

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मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने जब पीएम मोदी यहां आएंगे तो वे उनके साथ मंच साझा नहीं करेंगे। जोरमथंगा ने कहा कि मणिपुर हिंसा में मैतेई समुदाय के लोगों ने चर्च पर हमला किया। बीजेपी मणिपुर में मैतेई समर्थक मानी जाती है। अगर पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया तो चुनाव में एमएनएफ को नुकसान होगा। बता दें कि पिछले अगस्त में जब विपक्ष संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, तब भी मिजो नेशनल फ्रंट ने बीजेपी का साथ नहीं दिया।

जब जोरमथंगा से पूछा गया कि फिर वह केंद्र में नरेंद्र मोदी के साथ क्यों हैं? इसके जवाब में जोरमथंगा ने कहा कि उनकी पार्टी पिछले 40 साल से कांग्रेस का विरोध कर रही है। यूपीए और इंडिया में कांग्रेस बड़ी साझीदार है, इसलिए वह केंद्र में बीजेपी वाले गठबंधन का समर्थन करते हैं। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने साफ तौर से कहा कि अगर पीएम चुनाव प्रचार के लिए आएंगे तो यह बेहतर होगा कि वह अकेले अपने मंच पर रहे और मैं अपने मंच पर रहूं। उन्होंने मिजोरम में आने वाले शरणार्थियों को मदद करने से उनकी पार्टी को फायदा होगा।

बता दें कि मिजोरम में 7 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।चुनाव से पहले 30 अक्टूबर को पीएम मोदी पश्चिम मिजोरम के मामित गांव में भाजपा कैंडिडेट्स के समर्थन में रैली करने आ सकते हैं।

एमपी विधानसभा चुनाव, इस्तीफा मंजूर होने के बाद बोलीं निशा बांगरे- मैं चुनाव लडूंगी ही, लोगों की इच्छा है कि लोकतंत्र का भाग बनूं

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अगले महीने मतदान होगा जिसमें अब एक माह से कम का वक़्त रह गया है। इसी दौरान प्रशासन ने डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इस्तीफा मंजूर होने के उपरांत पूर्व आईएएस अधिकारी ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। निशा आमला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। कहा जा रहा था कि कांग्रेस उन्हें उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि उनके इस्तीफे को मंजूर करने में देरी होने के उपरांत पार्टी ने मनोज मालवे को चुनावी रण में उतारा है। बांगरे घर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए छुट्टी नहीं मिलने पर इस्तीफा देने के उपरांत चर्चाओं में आ गई थी।

निशा बांगरे ने बुधवार को कहा कि वह लोकतंत्र का भाग बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा, 'मैं चुनाव तो लड़ूंगी ही। मैंने हमेशा से कहा है कि मैं लोकतंत्र का हिस्सा बनना चाहती हूं। विधायिका का हिस्सा बनना भी उसका एक पार्ट है। इसलिए मैं निश्चित तौर पर चुनाव तो लड़ूंगी ही। मैं नामांकन पत्र भरूंगी।' यब पूछे जाने पर की इस्तीफा देते समय कुछ और वजह दी थी। क्या आपने तब ही चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया था, इसपर बांगरे ने कहा, 'मैंने जिस समय इस्तीफा देते समय कारण लिखकर दिए थे। मुझे मेरे मकान के उद्घाटन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। जब मैंने पिछले तीन-चार महीने में कारण पता किए तो पता चला कि यह सब राजनैतिक कारणों से हो रहा है। मैं हमेशा से चाहती हूं कि इस देश में अच्छी व्यवस्था बनी रहे। व्यवस्था बनती है अधिकारियों से, जनप्रतिनिधियों से। अधिकारी बनकर मैंने देख लिया। राजनैतिक मंशा अगर अच्छी हो तो अधिकारी भी अच्छा काम कर सकते हैं। इसलिए मैंने फैसला लिया है कि मैं विधायिका में जाऊंगी। जो अन्याय मेरे साथ हुआ है, उस अन्याय के खिलाफ मैं लड़ाई लड़ूंगी ताकि किसी और के साथ ऐसा अन्याय न हो।'

लोग हमेशा से मुझे जनप्रतिनिधि बनाना चाहते थे

निशा ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि, 'जहां मेरे मकान का उद्घाटन होने वाला था वहां सर्वधर्म प्रार्थना होने वाली थी। चूंकि मैं उस क्षेत्र (आमला) में पिछले पांच साल से हूं, मेरी पोस्टिंग 2018 से 2021 के बीच वहां रही है। मैं लोगों के बीच रही हूं। लोगों का स्नेह मेरे साथ रहा है। वहीं के लोगों ने मुझे तब भी एक ऑप्शन के तौर पर देखा था। इसलिए मेरा ट्रांसफर बार-बार जगह-जगह हो रहा था। क्योंकि वहां के माननीय को परेशानी हो रही थी। लोगों ने उसी समय से मुझे जनप्रतिनिधि के तौर पर चाहा था। मैं उस निर्णय पर नहीं पहुंच पा रही थी क्योंकि मेरा कोई पारिवारिक बैकग्राउंड नहीं है। मैं धीरे-धीरे सीख रही हूं। कभी किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं रही।'

 

कमलनाथ से करेंगी मुलाकात

उनका कहना है कि 'जब मेरा संघर्ष चल रहा था तो कांग्रेस ने मेरे साथ खड़े होने की बात कही। जब मुझे हिरासत में लिया गया तो कांग्रेस नेता मेरे साथ थे। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया था कि वे मेरे इस्तीफे का इंतजार करने वाले है। इसलिए, मैं आज कमल नाथ जी से मिलना चाहूंगी और उनसे उनका रुख पूछना चाहूंगी क्योंकि अब मैंने इस्तीफा दे दिया है और अब मैं लोगों के लिए लड़ने के लिए स्वतंत्र हूं जनता की लड़ाई लड़ने के लिए। लेकिन आपने जो वादा किया था उसके बारे में मैं जानना चाह रही हूं।' जब उनसे पूछा गया कि अगर कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो क्या करेंगी। इसपर पूर्व अधिकारी ने बोला है कि, 'हम तो जनता के लिए काम करेंगे। अगर जनता कहेगी कि आप निर्दलीय लड़िए या इस पार्टी से लड़िए तो मुझे कोई परेशानी नहीं है। जैसा जनता कहेगी, जो जनता का आदेश होगा उसका मैं पालन करूंगी।'

NCERT की किताबों में अब नहीं मिलेगा "INDIA", भारत के बारे में पढ़ेंगे बच्चे, प्रस्ताव को मिली मंजूरी

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राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान संस्थान और प्रशिक्षण परिषद यानी NCERT की किताबों में अब INDIA नाम की जगह भारत लिखा जाएगा। किताबों में जरूरी बदलाव को लेकर बने पैनल के प्रस्ताव को एनसीईआरटी ने मंजूरी दे दी है। एनसीईआरटी पैनल की सिफारिश उस वक्त की गई है जब सियासी हलको में INDIA नाम को बदलकर भारत रखने की सुगबुगाहट जोरों पर हैं। भारत नाम रखे जाने की बातें उस वक्त उठी जब सितंबर में जी20 के आयोजन के दौरान भारत की राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए निमंत्रण पत्र में 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की बजाए 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा गया था।

बता दें कि एनसीईआरटी द्वारा गठित एक समिति ने किताबों में 'INDIA' को बदलकर 'भारत करने की सिफारिश की थी।पैनल द्वारा पुस्तकों के अगले सेट में इंडिया के बजाय 'भारत' प्रिंट करने के प्रस्ताव को सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है। पैनल के सदस्यों में से एक ने इस बात की पुष्टि की है।

पैनल के सदस्यों में से एक सीआई इस्साक के मुताबिक, पैनल के सभी सदस्यों ने 'INDIA' को बदलकर 'Bharat' करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है। यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले रखा गया था और अब, जबकि प्रस्ताव स्वीकार किया जा चुका है तो एनसीईआरटी की नई किताबों में 'इंडिया' की जगह 'भारत' मुद्रित किया जाएगा।

उत्तराखंड में बर्फबारी शुरू होते ही उमड़ने लगी पर्यटकों की भीड़ , नैनीताल, कोसानी और मुनस्यारी हुआ पैक, होटल फुल

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दशहरे के अवकाश होने से पर्यटकों का रुख पहाड़ की ओर होने लगा है। अब दीपावली बाद तक नैनीताल, कौसानी और मुनस्यारी की पहाड़ियां और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर खींच रही है। जबकि कॉर्बेट नेशनल पार्क रामनगर में नवंबर से वन्यजीव प्रेमी पर्यटक बढ़ रहे हैं।

इस समय को पर्यटन की दृष्टि से गुजराती व बंगाली सीजन भी कहा जाता है। होटल और रिसोर्ट में एडवांस बुकिंग लगातार हो रही है। बंगाल व गुजरात के अलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है।

पर्यटकों से गुलजार है कौसानी

मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाने वाला उत्तराखंड का खूबसूरत हिल स्टेशन कौसानी पर्यटकों से गुलजार है। होटल, रिसोर्ट, होम स्टे भर गए हैं। वर्षा के बाद कौसानी के श्रृंगार में भी चार-चांद लगे हैं। ठंडी हवा और सुबह की गुनगुनी धूप के अलावा सूर्योदय के साथ ही यहां से हिमालय दर्शन का शानदार नजारा पर्यटकों को खूब पसंद आ रहा है। यहां दिसंबर अंत तक पर्यटकों की आवाजाही रहेगी।

कौसानी में 50 से अधिक होटल व 10 होम स्टे हैं। अभी 30 अक्टूबर तक होटलों की बुकिंग फुल है। उसके बाद दीपावली पर्व पर भी यहां पर्यटन व्यवसाय बढ़ता है। जिसकी भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। कौसानी में अनाशक्ति आश्रम, लक्ष्मी आश्रम, कौसानी शाल फैक्ट्री, स्टेट गेस्ट हाउस, राधा कृष्ण मंदिर, चाय बागान, पिनाथेश्वर, रूद्राधारी मंदिर, शांति वन के अलावा बैजनाथ धाम और झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

इन जगहों की खूबसूरती देख रहे पर्यटक

जिला पर्यटन अधिकारी पीके गौतम का कहना है कि कौसानी भ्रमण के साथ-साथ पर्यटक बैजनाथ झील में नौकायन का भी आनंद उठा रहे हैं। इधर, नैनीताल का आटम सीजन अंतिम पड़ाव पर जा पहुंचा है और पर्यटन कारोबारी गुजराती सीजन की तैयारी में जुट गए हैं। गुजराती सीजन दीवाली तक चलेगा। इस बार बंगाली सैलानी ग्रुप में अधिक पहुंचे।

वीकेंड पर पर्यटकों की उमड़ी भीड़

नैनीताल व आसपास के करीब पांच सौ छोटे-बड़े होटल, रिसोर्ट व होम स्टे आदि हैं। वीकेंड के आसपास छुट्टियों की वजह से दिल्ली, एनसीआर व उत्तर प्रदेश के सैलानी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। दीपावली के बाद कपल सीजन शुरू हो जाएगा, जो पूरे शीतकाल जारी रहेगा। सैलानियों को आकर्षित करने के लिए नवंबर प्रथम सप्ताह से होटलों मे विशेष छूट मिलने लगेगी।

28 अक्टूबर को लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानिए कब और कहां-कहां दिखाई देगा और इस दौरान क्या करें, क्या न करें

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दशहरे के बाद वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। यह अंतिम चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा। इस प्रकार से अक्टूबर का महीना त्योहारों के साथ ही ग्रहण के नजरिए से बहुत ही विशेष है। पंचांग के मुताबिक, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 28 अक्टूबर को भारत में ग्रहण की शुरुआत मध्य रात्रि 01:05 बजे से होगी। मध्य रात्रि 02:24 बजे तक ग्रहण रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण आरम्भ होने से ठीक 9 घंटे पहले से आरम्भ हो जाता है तथा ग्रहण समाप्त होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है। चंद्र ग्रहण के वक़्त दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। यदि इसके चलते राशि अनुसार दान किए जाए तो कुंडली के कई दोषों का प्रभाव कम हो सकता है। 28 अक्तूबर को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में नजर आएगा जिस वजह से इसका सूतक काल मान्य रहेगा।

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण

 ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण भारत के अतिरिक्त नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में भी देखा जाएगा।

 भारत में चंद्र ग्रहण दिल्‍ली, गुवाहटी, जयपुर, जम्‍मू, कोल्‍हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्‍चर, उदयपुर, उज्‍जैन, बडौदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्‍नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी,अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु भोपाल, भुवनेश्‍वर, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना सहित कई शहरों में दिखाई देगा। 

 

जानिए, कब से कब तक देखा जा सकेगा चंद्रग्रहण

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भारतीय समय के मुताबिक वर्ष के इस अंतिम ग्रहण की शुरुआत शनिवार 28 अक्टूबर को मध्य रात्रि 01:05 मिनट से होगी जो मध्य रात्रि 02:24 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। शनिवार 28 अक्टूबर को सूतक काल दोपहर4:05 मिनट से आरम्भ हो जाएगा।

 

अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है। अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे लोगों के लिए विशेष अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा।

ग्रहण का समय

ग्रहण प्रारम्भ :- मध्य रात्रि 01:05

ग्रहण मध्य :- मध्य रात्रि 01:44

ग्रहण समाप्त :- मध्य रात्रि 02:24

ग्रहण अवधि :- 01घण्टा 19 मिनट

विधानसभा चुनाव, निशा बांगरे का MP चुनाव लड़ने का सपना टूटा! कांग्रेस ने घोषित किया अपना अंतिम प्रत्याशी, पढ़िए, और क्या हुआ फेरबदल


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मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने अंतिम उम्मीदवार का नाम भी घोषित कर दिया। आमला सीट से मनोज मालवे को मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस प्रदेश की सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार तय कर चुकी है। कांग्रेस ने सोमवार की रात को तीसरी सूची के माध्यम से उम्मीदवार के नाम की घोषणा की थी। इससे पहले दो सूचियों के माध्यम से कांग्रेस ने 229 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे। राज्य की आमला सीट होल्ड कर रखी गई थी। 

बैतूल जिले की आमला सीट SC के लिए रिजर्व है। अब तक चर्चा थी कि कांग्रेस यहां से निशा बांगरे को उम्मीदवार बना सकती है। निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे चुकी हैं, लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। सोमवार को मामले में फैसला सामने आने की बात कही जा रही थी, पर शाम तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। 

वही दूसरी तरफ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया के तहत तीसरे दिन सोमवार को मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत 137 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन फार्म जमा किया। बीजेपी से मिश्रा के अतिरिक्त मंत्री राजेंद्र शुक्ला, इंद्र सिंह परमार, भरत सिंह कुशवाह, प्रेम पटेल और मीना सिंह ने भी अपना नामांकन जमा किया। वहीं कांग्रेस की तरफ से पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मी साधो, विधायक कुणाल चौधरी, सुखेंद्र सिंह बना, सतीश सिकरवार और नितेंद्र राठौर आदि ने अपना फॉर्म भरा। इनके साथ AAP की प्रदेश अध्यक्ष और सिंगरोली महापौर रानी अग्रवाल ने भी अपना नामांकन दाखिल किया।

*कांग्रेस ने एमपी में चार प्रत्याशी बदलें, अचानक क्यों बदले उम्मीदवार?*

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कांग्रेस को मध्य प्रदेश में असंतुष्टों की नाराजगी के आगे झुकना पड़ा है।टिकट को लेकर जारी नाराजगी को दूर करने के लिए पार्टी ने चार प्रत्याशियों को बदल दिया है। कांग्रेस ने सुमावली, पपिरिया, बड़नगर और जावरा सीट के उम्मीदवारों में बदलाव किए हैं।टिकट की घोषणा के बाद अंतरकलह का सामना कर रही कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम नहीं हो रही थी लगातार कांग्रेस के विधानसभा चुनाव के दावेदार वरिष्ठ नेताओं से मिलकर टिकट बदलने की मांग कर रहे थे ऐसे में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से जो टिकट जारी किए गए उन सीटों में चार सीटों को लेकर फैसला सामने आया है जहां कांग्रेस प्रत्याशियों को बदल दिया गया है।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बाद बुधवार को अपने चार प्रत्याशियों को बदल दिया। सुमावली से कुलदीप सिकरवार की जगह फिर से विधायक अजब सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है। बड़नगर से राजेन्द्र सिंह सोलंकी की जगह विधायक मुरली मोरवाल पर भरोसा जताया है। इसके अलावा पिपरिया से गुरुचरण की जगह वीरेंद्र बेलवंशी और जावरा में हिम्मत श्रीमाल की जगह वीरेंद्र सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है।

इससे पहले कांग्रेस ने दूसरी सूची में तीन प्रत्याशियों को बदला था। दतिया में अवधेश नायक का टिकट बदलकर राजेंद्र भारती को मैदान में उतारा। यहां भाजपा की तरफ से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा प्रत्याशी है। पिछोर में शैलेंद्र सिंह का टिकट काटकर अरविंद सिंह लोधी और गोटेगांव से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का टिकट काटने के बाद उन्हें दोबारा प्रत्याशी बनाया था। यहां कांग्रेस ने पहले शेखर चौधरी को प्रत्याशी बनाया था।

अचानक कैंडिडेट बदलने की क्या है वजह

मध्य प्रदेश में सभी सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान हो चुका है। बगावत के सुरों को बगावत नहीं बल्कि नेताओं की नाराजगी नाम दिया गया है। सब कुछ ओपन यानी खुले आम हो रहा है फिर भी पार्टी में अंदरखाने सबकुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अंतरकलह का सामना कर रही कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम नहीं हो रही थीं। लगातार कांग्रेस पार्टी से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के दावेदार वरिष्ठ नेताओं से मिलकर टिकट बदलने की मांग कर रहे थे। ऐसे में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से जो टिकट जारी किए गए उन सीटों में इन चार सीटों को लेकर ये बड़ा फैसला हुआ है, जहां कांग्रेस ने अपने चार प्रत्याशियों को बदल दिया गया है।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का महुआ मोइत्रा पर तंज,बोले- चंद पैसों के लिए बेच दिया जमीर

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पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप में घिरीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।इस बीच महुआ और निशिकांत के बीच एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए मोइत्रा पर सिलसिलेवार कई तीखे सवाल दागे। 

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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर कई सवाल दाग दिए। सोशल मीडिया एक्स पर कहा, 'सवाल संसद की गरिमा, राष्ट्रीय सुरक्षा और सांसद के औचित्य, भ्रष्टाचार और अपराध के बारे में है। उन्हें जवाब देना होगा कि क्या एनआईसी के मेल दुबई में एक्सेस किए गए थे? क्या पैसे के बदले सवाल पूछे गए थे? विदेश यात्राओं के लिए खर्च किसने उठाए? दुबे ने कहा कि उन्हें जवाब देना होगा कि क्या उन्होंने अपनी यात्राओं के लिए लोकसभा अध्यक्ष और विदेश मंत्रालय की अनुमति ली थी। उन्होंने कहा कि अब सवाल अदाणी, डिग्री या चोरी का नहीं, देश को गुमराह कर भ्रष्टाचार करने का है। भाजपा सांसद ने अंत में कहा कि डिग्री वाली चंद पैसे के लिए जमीर बेच रही, देश बेच रही। 

इससे पहले मंगलवार को महुआ मोइत्रा मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की चिट्‌ठी पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आरोपों की जांच करने में नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पूरा सहयोग करेगा।इस पर महुआ ने कहा- अश्विनी वैष्णव ने फेक डिग्री वाले को चिट्‌ठी लिखी है कि मेरे खिलाफ जांच में सपोर्ट करेंगे। मैं अब तक इंतजार कर रही हूं कि पिछले साल जब फर्जी दुबे अपने बच्चों के साथ अवैध तरीके से एयरपोर्ट के एटीसी रूम में घुस गए थे। गृह मंत्रालय, नागरिक उड्‌डयन मंत्रालय इसकी जांच कब करेगा। भाजपा के हिट जॉब की परतें खुल रही हैं।

इस पर महुआ ने कहा- अश्विनी वैष्णव ने फेक डिग्री वाले को चिट्‌ठी लिखी है कि मेरे खिलाफ जांच में सपोर्ट करेंगे। मैं अब तक इंतजार कर रही हूं कि पिछले साल जब फर्जी दुबे अपने बच्चों के साथ अवैध तरीके से एयरपोर्ट के ATC रूम में घुस गए थे। गृह मंत्रालय, नागरिक उड्‌डयन मंत्रालय इसकी जांच कब करेगा। भाजपा के हिट जॉब की परतें खुल रही हैं। महुआ ने एक और पोस्ट में लिखा- झूठ कौन बोल रहा है? दो दिन पहले फेक डिग्री वाले ने कहा- NIC ने दुबई से लॉगइन खोले जाने समेत सभी जानकारियां जांच एजेंसी को दे दी हैं।अब अश्विनी वैष्णव कह रहे हैं कि लोकसभा या एथिक्स कमेटी ने जानकारी मांगी तो हम देंगे। भाजपा के मुझ पर हमलों का स्वागत है, लेकिन अडानी+गोड्डा (दुबे) शायद सर्वश्रेष्ठ रणनीतिकार नहीं हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस पर भड़का इजराइल, मांगा इस्तीफा

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इजरायल और हमास के बीच चल रहे जंग की आवाज संयुक्त राष्ट्र तक सुनाई दे रही है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमास के हमले को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिस पर अब इजरायल भड़क गया है। इजरायल के राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से इस्तीफे की मांग कर डाली है।

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि इस युद्ध की वजह से वहां स्थिति समय के साथ और अधिक गंभीर होती जा रही है और गाजा में युद्ध उग्र होने से पूरे क्षेत्र में खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमास ने इजरायल पर हमला बेवजह नहीं किया है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि यह भी मानना महत्वपूर्ण है कि हमास द्वारा किए गए हमले बिना किसी कारण नहीं हुए। फिलिस्तीन के लोगों को 56 सालों से घुटन भरे कब्जे का सामना करना पड़ रहा है।

इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस से तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है। एर्दान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सामूहिक हत्या को लेकर जो समझ दिखाई है, वह संयुक्त राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। मैं उनसे तुरंत इस्तीफा देने की मांग करता हूं। ऐसे लोगों से बात करने का कोई औचित्य नहीं है, जो इस्राइल और यहूदी लोगों के खिलाफ सबसे भयावह अत्याचारों को लेकर संवेदना जताते हैं। मेरे पास शब्द नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने किया इजराइल का समर्थन, फिलिस्तीनियों के लिए भी मानवीय सहायता जारी रखने का जताया भरोसा

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने इजराइल और हमास की जंग पर बड़ा बयान दिया है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीनी सहित मिडिल ईस्ट की स्थिति पर खुली बहस में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रवींद्र ने इजरायल का खुले तौर पर समर्थन किया और फिलिस्तीनियों के प्रति चिंता भी जाहिर की।संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आर. रवींद्र ने बुधवार को कहा कि भारत इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और बड़े पैमाने पर आम लोगों की मौत को लेकर काफी चिंतित हैं।हम इस्राइल पर हुए हमले की निंदा करते हैं।इस दौरान युद्ध के दौरान गाजा पट्टी में नागरिकों को मानवीय सहायता भेजने के नई दिल्ली के प्रयासों को रेखांकित किया। 

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भारत इस्राइल के साथ खड़ा

आर रविंद्र ने आगे बताया कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे, जिन्होंने निर्दोष लोगों के जीवन को लेकर चिंता जाहिर की और संवेदनाएं व्यक्त कीं। भारत संकट के इस काल में इस्राइल के साथ खड़ा है। आतंकियों का सामना करने वाले लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। हम घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं। दोनों पक्षों के नागरिकों के बारे में चिंतित होना चाहिए। हमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के बारे में तो सोचना ही चाहिए। 

फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन जारी रखने का भरोसा

आर रवींद्र ने अपने भाषण में इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच गाजा-पट्टी में नागरिकों को मानवीय सहायता भेजने के भारत के प्रयासों को भी रेखांकित किया और कहा कि इस क्षेत्र में 38 टन भोजन और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण भेजे हैं। भारत ने हमेशा इजरायल-फलस्तीन मुद्दे का बातचीत से समाधान की बात कही है। हम अपनी द्विपक्षीय विकास साझेदारी के माध्यम से फलस्तीनी लोगों का समर्थन करना जारी रख रहे हैं, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, उद्यमिता और सूचना प्रौद्योगिकी शामिल हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा। दोनों देशों के बीच वार्ताओं को फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। भारत इजरायल-फलस्तीन संघर्ष का उचित, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हर तरह के आतंकवाद की निंदा की जाए: अमेरिका

इससे पहले इजराइल हमास संघर्ष पर यूएनएससी में अमेरिका ने भी अपना पक्ष रखा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आंतकवाद को मदद करने वाले देशों की कड़ी निंदा की। ब्लिंकन ने कहा, 'आतंकवाद के सभी कृत्य गैरकानूनी और अनुचित हैं चाहे वे नैरोबी या बाली में, मुंबई, न्यूयॉर्क या किबुत्ज़ बेरी में लोगों को निशाना बनाते हों। सभी तरह का आतंकवाद गैरकानूनी और अनुचित है, चाहे वे आईएसआईएस द्वारा किए गए हों, बोको हराम द्वारा, लश्कर ए तैयबा द्वारा, या हमास द्वारा किए गए हों। चाहे पीड़ितों को उनकी आस्था, जातीयता, राष्ट्रीयता या किसी अन्य कारण से निशाना बनाया गया हो, वे गैरकानूनी और अनुचित हैं। ब्लिंकन ने कहा कि इस परिषद की जिम्मेदारी है कि हमास या ऐसे भयानक कृत्यों को अंजाम देने वाले किसी भी अन्य आतंकवादी समूह को हथियार, धन और प्रशिक्षण देने वाले सदस्य देशों की निंदा करें।