कौन हैं आईएएस वीके पांडियान ? जिसने लिया वीआरएस, तो नवीन पटनायक ने दिया कैबिनेट मंत्री का दर्जा

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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के भरोसेमंद सचिव और आईएएस अधिकारी वीके पांडियन ने सोमवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लिया। वीआरएस लेने के 24 घंटे के अंदर वीके पांडियन को कैबिनेट मंत्री के पद के साथ 5टी (परिवर्तनकारी पहल) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वीके पांडियन को जिस पर पर नियुक्त किया गया, वह सीधे मुख्यमंत्री के अधीन आता है। मतलब ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बाद दूसरे पोजिशन पर वीके पांडियान हो गए हैं।

बता दें कि पांडियन सीएम पटनायक के सबसे करीबी माने जाते हैं। वह करीब 23 सालों से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खास रहे हैं।उन्हें यूं ही सीएम पटनायक का उत्तराधिकारी नहीं कहा जा रहा बल्कि वर्ष 2000 के ओडिशा काडर के ही आईएएस अधिकारी रहे पांडियन अपनी तैनाती के साथ ही मुख्यमंत्री के पसंदीदा बन गए थे। 

पांडियन ओडिशा कैडर के 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 49 वर्षीय पांडियन तमिल हैं और पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। इन्होंने ओडिशा कैडर की आईएएस अधिकारी सुजाता रौत से शादी की है। शादी के बाद उनकी मांग पर उनका कैडर बदलकर ओडिशा कर दिया गया। उन्हें 2002 में कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के सब-कलेक्टर के पद पर तैनात किया गया था। उन्हें 2005 में मयूरभंज का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया था और फिर 2007 में पांडियन को गंजम का जिलाधिकारी बनाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गंजम में तैनाती के दौरान ही वह सीएम के करीब बन गए थे।

मूल रूप से तमिलनाडु के 2000 बैच के आईएएस अधिकारी पांडियन 2011 से मुख्यमंत्री कार्यालय में हैं। पांडियन 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सी. एम. ओ.) में शामिल हुए और तब से वे पटनायक के निजी सचिव रहे हैं। 2019 में पटनायक के पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद, पांडियन को सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने के लिए '5टी सचिव' की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी।

राजनीति में आने की थीं अटकलें

पांडियन के आईएएस छोड़ने और नवीन की पार्टी में शामिल होने की अफवाहें तब से चल रही थीं जब उन्होंने इस साल मार्च में राज्य के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करना शुरू किया था। पांडियान, बीजेडी के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार की 5टी पहल के सचिव के रूप में भी काम करते हैं, ने लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए सभी 147 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। यह एक ऐसा कदम था जिसे व्यापक रूप से उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं के लिए आधार के रूप में देखा गया।

माने जा रहे नवीन के उत्तराधिकारी

नवीन पटनायक 77 वर्ष की आयु में 2024 में मुख्यमंत्री के रूप में संभावित छठे कार्यकाल की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि वीके पांडियान शीर्ष राजनीतिक रणनीतिकार बनेंगे और खुद भी पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। उन्हें नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी भी माना जा रहा है।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव, टिकट कटने से बीजेपी के वरिष्ठ नेता को आया हार्ट अटैक, नाराज कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

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मध्य प्रदेश चुनाव के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता को हार्ट अटैक आ गया है। पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि उन्हें हार्ट अटैक आया है हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है। उमाशंकर गुप्ता भोपाल की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट के टिकट के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन भाजपा ने उनका टिकट काटकर भगवानदास सबनानी को प्रत्याशी बनाया। उमाशंकर गुप्ता का टिकट कटने के बाद भोपाल में एक ओर जहां बीजेपी में टिकट वितरण में असंतोष के कारण कार्यकर्ता नाराजगी जताते हुए विरोध प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं। उमाशंकर गुप्ता साल 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पीसी शर्मा से हार गए थे।

जानकारी के मुताबिक, उमाशंकर गुप्ता को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गुप्ता के हॉस्पिटल में एडमिट हो जाने की खबर मिलते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटना शुरू हो गई। अस्पताल के बाहर बीजेपी के दर्जनों कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई है। हॉस्पिटल से मिली जानकारी के मुताबिक, गुप्ता को माइनर अटैक आया था। फिलहाल उनकी हालत ठीक है। सोमवार को सुबह अचानक उनकी तबियत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

अनंत हार्ट हॉस्पिटल के कार्डियोलोजिस्ट डॉ. आरएस मीणा ने बताया कि सोमवार दोपहर 1.30 बजे उमाशंकर गुप्ता को हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। फिलहाल उनकी एंजियोप्लास्टी हो गई है। अब उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। बता दें कि भाजपा की 5वीं लिस्ट साने आने के बाद प्रत्याशी बनाए गए भगवानदास सबनानी उमाशंकर गुप्ता से मुलाकात के लिए उनके घर गए थे लेकिन गुप्ता ने यह कहते हुए मिलने से मना कर दिया था कि वे आज बात करने की स्थिति में नहीं हैं।

एमपी विधानसभा चुनाव, टिकट वितरण के बाद मचा हंगामा, फूट-फूटकर रोने लगे BJP विधायक, कहा, जिसे टिकट मिला वह अपराधी है

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मध्य प्रदेश के चुनावी मैदान में टिकट वितरण के पश्चात् हलचल मची हुई है। छतरपुर जिले की चंदला सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने MLA राजेश प्रजापति का टिकट काट दिया। इससे भड़के प्रजापति ने अपनी पार्टी के ही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगा दिया। राजेश प्रजापति ने बताया कि जिस नेता को टिकट दिया गया है, वह अपराधी है, जुआ खिलवाता है। गलत काम करता है।

भाजपा MLA राजेश प्रजापति ने कहा, गलत काम करने वाले को विधानसभा का टिकट थमा दिया गया है। ऐसे नेता के लिए कौन खड़ा होगा? सर्वे में मेरा भी नाम था तो फिर टिकट कैसे कटा? और यह बोलते ही राजेश प्रजापति फूट-फूटकर मीडिया के कैमरे पर रोने लगे। MLA प्रजापति ने अपने समर्थकों तथा भाजपा नेताओं के साथ बैठक की। यह बैठक आलम देवी मंदिर में बुलाई गई। जहां चंदला के पूर्व MLA विजय बहादुर सिंह भी सम्मिल्लित हुए। बैठक में विधायक की टिकट कटने पर समर्थकों ने नाराजगी जताई।

बैठक में चंदला के उम्मीदवार का विरोध करने की बात कही। टिकट कटने के पश्चात् MLA राजेश प्रजापति ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा पर गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जुआ, सट्टा खिलाने वाले को टिकट दिया है। दूसरी तरफ, भाजपा ने पांचवी सूची में सीहोर जिले की आष्टा विधानसभा से वर्तमान MLA रघुनाथ मालवीय का टिकट काटते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया। तत्पश्चात, गोपाल सिंह का विरोध आरम्भ हो गया है। रविवार को भाजपा दो गुटों बैठक आयोजित हुई। जिसमें एक जगह वर्तमान विधायक रघुनाथ मालवीय सम्मिल्लित हुए। इस के चलते अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। रघुनाथ मालवीय ने कहा, मैंने हमेशा लोगों की सेवा की है। कार्यकर्ताओं की सुनी है। विधायक के रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पड़ा दिल का दौरा, क्रेमलिन ने जारी किया अलर्ट, जानिए, बेडरूम में इस हालत में मिले

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दिल का दौरा पड़ा है। वह अपने बेडरूम में फर्श पर गिरे हुए मिले। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन के बेडरूम के बाहर उपस्थित सुरक्षाकर्मियों को अंदर से शोर और गिरने की आवाज आई। तत्पश्चात, तुरंत चिकित्सकों को बुलाया गया तथा उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट के लिए पर्सनल चिकित्सागृह में ले जाया गया। क्रेमलिन ने इस घटना पर अलर्ट जारी किया है। अभी उनकी हालत कैसी है, इस पर भी अपडेट आया है।

वही हाल के सालों में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वास्थ्य के बारे में व्यापक तौर पर रिपोर्ट की गई है। कई सार्वजनिक समारोहों के चलते पुतिन को कभी कमजोर और कभी वीडियो में हाथों में कंपन दिखाई दिए हैं। बीते वर्ष यूक्रेन पर आरम्भ हुए हमले के बाद से मीडिया में ऐसी कई रिपोर्ट्स आईं हैं कि 71 वर्षीय रूसी नेता का स्वास्थ्य निरंतर गिर रहा है। टेलीग्राम चैनल ने रिपोर्ट किया है कि व्लादिमीर पुतिन को दिल का दौरा पड़ा। चैनल ने यह खबर क्रेमलिन के एक पूर्व अंदरूनी सूत्र के हवाले से दी है। कहा जा रहा है कि यह घटना रविवार शाम (22 अक्टूबर) की है। वह अपने घर में बेडरूम के फर्श पर गिरे मिले। दावों के अनुसार, घटना के पश्चात् चिकित्सकों को तुरंत बुलाया गया तथा 71 वर्षीय राष्ट्रपति को "अपार्टमेंट में बनी एक विशेष चिकित्सा सुविधा में ले जाया गया, जहां उनकी गहन देखभाल की गई"।

'कट्टरपन के चलते उन्माद पैदा होता है...', दशहरे के अवसर पर नागपुर में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

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दशहरे के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्याल नागपुर में स्थापना दिवस एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम किया गया। नागपुर के रेशिमबाग मैदान में हुए इस समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का एक स्थान दुनिया के अहम देशों में बन गया है। हमारे खिलाड़ियों ने इस बार एशियाई खेलों में 107 मैडल जीते हैं। हमारा देश प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। आर्थिक क्षेत्र में हम 10वें नंबर से उठकर पांचवे नंबर पर आ गए। केवल तकनीक में नहीं, कृषि और दूसरे क्षेत्रों में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।

मोहन भागवत ने आगे कहा कि हमारे देश में बहुत विविधताएं हैं तथा विविधता में एकता कैसे आएगी इसका कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि कट्टरपन के चलते उन्माद पैदा होता है। युद्ध चलते हैं। उसका कोई उपाय नजर नहीं आता। संघ प्रमुख का इशारा इजरायल तथा हमास में जारी जंग को लेकर था। उन्होंने कहा, हमारा देश आगे बढ़ रहा है, आत्मविश्वास बढ़ रहा है। दुनिया को रास्ता दिखाना है तो हमें किसी की नकल नहीं करना है। हमें अपना रास्ता बनाना है। हमें एक यशस्वी प्रयोग दुनिया को देना है। उन्होंने कहा कि भारत में कुछ लोग हैं, जो नहीं चाहते कि भारत खड़ा हो। अलगाव और टकराव कैसे पैदा हो, वह ऐसा वह प्रयास करते हैं।

 कहा कि भारत के उत्थान का उद्देश्य सदैव विश्व का कल्याण रहा है। किन्तु, स्वार्थी, भेदभावपूर्ण और धोखेबाज ताकतें अपने सांप्रदायिक हितों की तलाश में सामाजिक एकता को बाधित करने और संघर्ष को बढ़ावा देने के अपने प्रयास भी कर रही हैं। वे तरह-तरह के लबादे पहनते हैं। सांस्कृतिक मार्क्सवादी अराजकता एवं अविवेक को पुरस्कृत करते हैं, बढ़ावा देते हैं, फैलाते हैं। उनकी कार्यप्रणाली में मीडिया तथा शिक्षा जगत पर नियंत्रण करना और शिक्षा, संस्कृति, राजनीति और सामाजिक वातावरण को भ्रम, अराजकता और भ्रष्टाचार में डुबाना शामिल है।

'देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किन के बलबूते इतने दिन बेरोकटोक चलती रही है?', मणिपुर में हुई हिंसा पर बोले भागवत

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 दशहरे के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय नागपुर में स्थापना दिवस एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम किया गया। नागपुर के रेशिमबाग मैदान में हुए समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं से कहा कि भारत का एक स्थान दुनिया के अहम देशों में बन गया है। हमारे खिलाड़ियों ने इस बार एशियाई खेलों में 107 मैडल जीते हैं। हमारा देश प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। आर्थिक क्षेत्र में हम 10वें नंबर से उठकर पांचवे नंबर पर आ गए। केवल तकनीक में नहीं, कृषि और दूसरे क्षेत्रों में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।

मोहन भागवत ने कहा कि मणिपुर की वर्तमान स्थिति को देखते हैं तो यह बात ध्यान में आती है कि तकरीबन एक दशक से शांत मणिपुर में अचानक यह आपसी फूट की आग कैसे लग गई? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमापार के अतिवादी भी थे? अपने अस्तित्व के भविष्य के प्रति आशंकित मणिपुरी मैतेयी समाज तथा कुकी समाज के इस आपसी संघर्ष को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास क्यों और किसके द्वारा हुआ? सालों से वहां पर सबकी समदृष्टि से सेवा करने में लगे संघ जैसे संगठन को बिना वजह इसमें घसीटने का प्रयास करने में किसका निहित स्वार्थ है? इस सीमा क्षेत्र में नागाभूमि व मिजोरम के बीच स्थित मणिपुर में ऐसी अशांति व अस्थिरता का लाभ प्राप्त करने में किन विदेशी सत्ताओं को रुचि हो सकती है?

उन्होंने कहा कि क्या इन घटनाओं की वजह से परंपराओं में दक्षिण पूर्व एशिया की भू- राजनीति की भी कोई भूमिका है? देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किन के बलबूते इतने दिन बेरोकटोक चलती रही है? गत 9 सालों से चल रही शान्ति की स्थिति को बरकरार रखना चाहने वाली प्रदेश सरकार होकर भी यह हिंसा क्यों भड़की और चलती रही? आज की स्थिति में जब संघर्षरत दोनों पक्षों के लोग शांति चाह रहे हैं, उस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठता हुआ दिखते ही कोई हादसा करवा कर, फिर से विद्वेष व हिंसा भड़काने वाली ताकतें कौन सी हैं?

इस बार समारोह में चीफ गेस्ट के तौर पर लोकप्रिय गायक तथा कंपोजर पद्मश्री शंकर महादेवन को बुलाया। उन्होंने कहा कि हमारी देश की संस्कृति को बचाए रखने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बहुत बड़ा योगदान है। मैं जब भी किसी कंसर्ट में गाना गाता हूं तो इस बात का ध्यान रखता हूं कि नए बच्चों को अपनी संस्कृति और अपनी जड़ो के बारे में बताऊं। उदाहरण के रूप में मैं शिव तांडव स्रोत गाना शुरू कर देता हूं। ये ऐसा मंत्र है कि जो भी सुनता है, इसे फील करता है। जब मैं गाने कंपोज करता हूं तो सोचता हूं कि आगे की पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत का दृश्य दिखना चाहिए।

 बता दें कि RSS प्रत्येक वर्ष विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित करता है। इस के चलते हर बार अलग-अलग लोगों को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया जाता है। इस कड़ी में ही बीते वर्ष दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह करने वालीं पूर्व पर्वतारोही संतोष सिंह को बुलाया गया था। इससे पहले 2021 में RSS ने अपना 96वां स्थापना दिवस मनाया था। दशहरे के दिन नागपुर में आयोजित इस समारोह में बतौर अतिथि मुंबई स्थित तब के इजरायली महावाणिज्य के दूत कोब्बी शोशानी ने कार्यक्रम में शिरकत की थी। बता दें कि हिंदी तिथि के अनुसार, दशहरे के दिन ही 1925 में RSS की स्थापना हुई थी। नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही RSS की अलग-अलग शाखाओं पर स्थापना दिवस मनाया जाता है।

विजयदशमी पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया गुरु गोरखनाथ का विशिष्ट पूजन

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गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी पर्व का शुभारंभ प्रातः काल श्रीनाथ जी (भगवान शिव के अवतार गुरु गोरक्षनाथ) के विशिष्ट पूजन अनुष्ठान से हुआ। गोरक्षपीठाधीश्वर के विशेष परिधान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परंपरा का अनुसरण करते हुए विधि विधान से श्रीनाथ जी की पूजा-आराधना की। ततपश्चात मंदिर में प्रतिष्ठित सभी देव विग्रहों का विशिष्ट पूजन किया। मुख्यमंत्री ने करबद्ध होकर श्रीनाथ और सभी देव विग्रहों की परिक्रमा भी की और प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि की प्रार्थना की। 

इस दौरान नाथपंथ के परंपरागत विशेष वाद्य यंत्र नागफनी, शंख, ढोल, घंट, डमरू की गूंज से पूरा मंदिर परिसर भक्ति भाव में तरंगित रहा।

शाहरुख खान के बेटे को गिरफ्तार करने वाले समीर वानखेड़े को मिल रही है धमकियां, बोले- 'मुझे डर नहीं लगता'

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एंटी ड्रग्स एजेंसी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि वो अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम जैसे क्रिमिनल को अधिक तवज्जो नहीं देते। मेरा मानना है कि देश के खिलाफ काम करने वाले लोगों को महत्व नहीं देना चाहिए। वो क्रिमिनल है तथा उनकी जगह जेल की सलाखों के पीछे होनी चाहिए। आए दिन मिल रही धमकियों पर समीर वानखेड़े का कहना है कि उन्हें एवं उनके बच्चों को कायरों से निरंतर धमकियां मिल रही हैं। इस मामले की शिकायत वो मुंबई पुलिस से भी कर चुके हैं। पुलिस द्वारा मामले की तहकीकात भी की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा, "मैं ऐसी किसी धमकियों से डरने वाला नहीं हूं, जो मुझे धमकी देते हैं, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।"

बीते कुछ दिनों से समीर वानखेड़े के राजनीति में आने की चर्चा भी चल रही है। इस मामले पर उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर वो कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। वो एक छोटे से सरकारी नौकर हैं, तथा पब्लिक की सेवा करना ही उनका मुख्य उद्देश्य होता है। मैं राजनीति में आने के बारे में अधिक कुछ नहीं कहना चाहता हूं। पब्लिस सर्विस करनी है तथा वो किसी भी रूप में हो सकती है। राजनीति में आने पर किस पार्टी में सम्मिल्लित होना चाहेंगे, इस पर भी समीर वानखेड़े ने कुछ नहीं कहा। शाहरुख खान की फिल्म जवान के एक चर्चित डायलॉग के बारे में उन्होंने कहा कि वो ऐसी बातों को अधिक अहमियत नहीं देते। 

 

वानखेड़े को वर्ष 2019 में NCB का जोनल डायरेक्टर बनाया गया था। बाद में उन पर घूंस लेने का आरोप भी लगा। ऐसा आरोप है कि समीर वानखेड़े ने 4 अपराधियों के साथ मिलकर आर्यन खान को जेल से बाहर निकालने के बदले में 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। आपको बता दें कि कार्डेलिया क्रूज ड्रग मामले में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन को गिरफ्तार किया गया था। तब ऐसा बताया गया था कि उसके पास से ड्रग्स जब्त हुई थी। समीर वानखेड़े के खिलाफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ही डिप्टी लीगल एडवाइजर जापान बाबू ने मानहानि की शिकायत दर्ज करवा राखी है। दिल्ली की कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में जापान बाबू ने समीर वानखेड़े के उस दावे को खारिज किया है जो उन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में दी अपनी रिट याचिका में किया है। इस पर समीन वानखेड़े ने कहा, "मामला उच्च न्यायालय में है, मैं अभी उस पर कुछ भी नहीं कहूंगा। मगर उसका न्यायिक रूप से जवाब दिया जाएगा।"

बराक ओबामा ने इजराइल को दी चेतावनी, बोले-गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई का हो सकता है उलटा असर

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इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के बीच जंग तेज हो गई है।हमास-इजरायल युद्ध के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इजरायल को चेतावनी दी है।ओबामा ने सोमवार को कहा कि हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल की कुछ कार्रवाइयां, जैसे गाजा के लिए भोजन और पानी में कटौती फिलिस्तीनी रवैये को बदल सकती है और इसे सख्त कर सकती है। 

ओबामा का बड़ा बयान

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, ओबामा ने कहा कि इजरायली सरकार गाजा में लोगों के लिए भोजन, पानी और बिजली काटने के इजरायली सरकार के फैसले से न केवल बढ़ते मानवीय संकट का खतरा है, बल्कि यह पीढ़ियों के लिए फिलिस्तीनी रवैये को और अधिक सख्त कर सकता है, इजरायल के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन को खत्म कर सकता है, इजरायल के दुश्मन इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और इलाकों में शांति और स्थिरता हासिल करने के कोशिशों को कमजोर कर सकता है।

युद्ध हमेशा दुखद होता है-ओबामा

एक बयान में उन्होंने कहा, गाजा पर बमबारी की वजह से पहले ही हजारों फलस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिसमें कई बच्चे भी शामिल हैं। सैकड़ों हजारों को अपने घरों से बेघर होना पड़ा है।उन्होंने कहा, युद्ध हमेशा दुखद होता है।यहां तक की सैन्य अभियान भी नागरिकों को जोखिम में डालते हैं, चाहे अभियान को कितने ही नियोजित या सावधानी से क्यों किया जाए।

बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति रहते हुए गाजा में हमास के खिलाफ संघर्ष में इजरायल के अधिकारों का हिमायत करते रहे हैं।हालांकि, उन्होंने गाजा पट्टी में मरने वालों की संख्या को बढ़ते हुए देखकर इजरायल से संयम बरतने की अपील की।

खड़गे का पीएम मोदी को खत, ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ में नौकरशाहों की तैनाती पर उठाया सवाल, जानें क्या है पूरा मामला

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मोदी सरकार की पिछले 9 साल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए 20 नवंबर से 25 जनवरी तक देश भर में 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' निकाली जाएगी। यात्रा से पहले विवाद शुरू हो गया है।दरअसल, इस यात्रा में सीनियर ब्यूरोक्रेट्स को भी शामिल किया जा रहा है।कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बाबत प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में नौकरशाही का राजनीतिकरण का आरोप लगाया है औऱ इस आदेश को वापस लेने की गुजारिश की है।

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खड़गे ने अपने पत्र में 18 अक्टूबर को जारी सरकारी आदेश पर आपत्ति जताई और दावा किया कि आदेश में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे उच्च रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को देश के सभी 765 जिलों में ‘रथ प्रभारी’ के रूप में तैनात किया जाना है, जो ‘भारत सरकार की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों का प्रचार करेंगे।

केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का उल्लंघन-खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष ने 9 अक्टूबर, 2023 के रक्षा मंत्रालय के एक अन्य आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें वार्षिक छुट्टी पर गए जवानों को ‘सैनिक राजदूत’ बनाते हुए सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में समय बिताने का निर्देश दिया गया है। खड़गे ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारियों को मौजूदा सरकार की ‘प्रचार गतिविधि’ में लगाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया, ‘यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का स्पष्ट उल्लंघन है, जो निर्देश देता है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा।

सेना को राजनीति से रखें दूर-खड़गे

खरगे ने आगे कहा कि लोकतंत्र में यह बेहद जरूरी है कि सशस्त्र बलों को राजनीति से दूर रखा जाए। हर जवान की निष्ठा देश और संविधान के प्रति है। हमारे सैनिकों को सरकारी योजनाओं का मार्केटिंग एजेंट बनने के लिए मजबूर करना सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण की दिशा में एक खतरनाक कदम है।

क्या है केंद्र का फरमान

बता दें कि कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के द्वारा एक दिशानिर्देश जारी किया गया है। इसमें देश में 2.69 लाख ग्राम पंचायतों को कवर करने वाले प्रत्येक 765 जिलों में जिला रथ प्रभारियों (विशेष अधिकारियों) के रूप में तैनाती के लिए विभिन्न सेवाओं से संबंधित संयुक्त सचिव/निदेशक/उप सचिव स्तर के अधिकारियों का नाम मांगा गया है।

क्या करेंगे अधिकारी

भारत सरकार द्वारा पिछले 9 वर्षों की उपलब्धियों के प्रदर्शन/उत्सव के बारे में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव का पत्र संख्या 15-9/2023-एनएमएनएफ दिनांक 14 अक्टूबर 2023 (तत्काल संदर्भ के लिए प्रतिलिपि संलग्न)। “विकसित भारत संकल्प यात्रा” के माध्यम से 20 नवंबर 2023 से 25 जनवरी 2024 तक ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना के प्रसार, जागरूकता और सेवाओं के विस्तार के लिए पूरे देश में आयोजित करने का प्रस्ताव है।