महुआ मोइत्रा के साथ तस्वीरें वायरल होने पर शशि थरूर ने तोड़ी चुप्पी, बोले-यह घटिया राजनीति, मेरे लिए वह बच्ची जैसी

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के साथ अपनी तस्वीर वायरल होने पर चुप्पी तोड़ी है। थरूर ने इसकी आलोचना की और इसे 'घटिया राजनीति का कृत्य' करार दिया।उन्होंने कहा कि यह कोई सीरियस मुद्दा नहीं है। इतना ही नहीं, उन्होंने इस फोटो के पीछे की हकीकत को भी बताया है और कहा कि यह उस दिन की तस्वीर है, जब उनकी जन्मदिन की पार्टी में हमलोग मिले थे।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, टीएमसी सांसद महुआ मित्रा के साथ अपनी वायरल तस्वीरों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मेरा जीवन लोगों को समर्पित है। इस तरह के ट्रोल सस्ती राजनीति का हिस्सा हैं। मेरी राय में यह कोई गंभीर मुद्दा नहीं है। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने स्पष्ट किया कि वह महुआ मोइत्रा की जन्मदिन की पार्टी में मौजूद थे, जिसमें उनकी बहन सहित लगभग 15 लोग शामिल थे।

थरूर ने केरल के कोट्टायम में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मेरे लिए वह बच्ची जैसी ही हैं। वह मुझसे 20 साल छोटी हैं।शशि थरूर ने कहा, यह उनकी जन्मदिन की पार्टी थी, जिसमें मेरी बहन सहित लगभग 15 लोगों ने भाग लिया था। पूरी तस्वीर दिखाने के बजाय, इसे काट-छांट और एडिट कर फैलाया जा रहा है।शशि थरूर ने आगे कहा कि वह ऐसे ट्रोल्स को महत्व नहीं देते और लोगों के लिए काम करने में व्यस्त हैं. ट्रोल्स को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वे इसे एक सीक्रेट मीटिंग के रूप में फैला रहे हैं, मगर फिर सवाल उठता है कि आखिर तस्वीर किसने क्लिक की?

मोइत्रा ने इससे पहले कहा था कि वह भाजपा की ट्रोल आर्मी द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही उनकी कुछ निजी तस्वीरों को देखकर 'बहुत खुश' हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने पोस्ट किया, मुझे सफेद ब्लाउज की तुलना में हरे रंग की पोशाक ज्यादा पसंद है। और क्रॉपिंग की जहमत क्यों उठाई। डिनर पर बाकी लोगों को भी दिखाएं कि बंगाल की महिलाएं एक जीवन को जीती हैं।

रुमर्ड गर्लफ्रेंड के साथ रोमांटिक अंदाज में स्पॉट हुए ईशान खट्टर, हाथ थामे आए नजर

डेस्क: शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर पिछले कुछ महीनों से अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। ईशान को इसके पहले भी कई बार मलेशियाई मॉडल चांदनी बेंज के साथ स्पॉट किया जा चुका है। तभी से ईशान खट्टर की लव लाइफ को लेकर कई तरह अटकलें लगाई गईं। हालांकि दोनों इन अटकलों पर अभी तक कोई रिएक्शन नहीं दिया है, लेकिन दोनों को आए दिन एक-साथ देखा जाता है। हाल ही में ईशान और चांदनी डिनर डेट के बाद नजर आए थे। दोनों रेस्टोरेंट के बाहर हाथों में हाथ डाले दिखाई दिए, जिससे उनके रिश्ते के बारे में चल रही अफवाहों को और हवा मिल गई।

ईशान खट्टर-चांदनी बेंज हुए स्पॉट 

रविवार, 22 अक्टूबर की रात को 'धड़क' फेम ईशान खट्टर को उनकी रुमर्ड गर्लफ्रेंड चांदनी बेंज के साथ कार से बाहर निकलते देखा गया। ईशान सफेद शर्ट और ग्रे पैंट के साथ और चांदनी ने सफेद टॉप और डेनिम स्कर्ट, सफेद स्नीकर्स के साथ सफेद पर्स कैरी किया हुआ था। दोनों काफी स्टाइल लुक में नजर आए। अफवाह के बीच दोनों के जोड़े को हाथों में हाथ डाले मुंबई के रेस्टोरेंट के अंदर जाते हुए देखा गया। कुछ समय पहले दोनों को एक सगाई के फंक्शन में भी साथ देखा गया था। 

ईशान-चांदनी के बारे में

ईशान खट्टर के बारे में पहले अफवाह थी कि वह फिल्म 'खाली पीली' में अपनी को-स्टार अनन्या पांडे के साथ रिलेशन में हैं। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल दोनों अलग हो गए थे। बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर के छोटे भाई ईशान खट्टर-चांदनी के साथ अपेन रिलेशनशिप को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। चांदनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है। वह एक फैशन मॉडल हैं। इन अफवाहों के बावजूद ईशान और चांदनी ने अपने रिश्ते को लेकर अभी तक कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी है। 

ईशान खट्टर का वर्कफ्रंट

ईशान खट्टर के वर्कफ्रंट की बात करे तो उन्होंने 'बियॉन्ड द क्लाउड्स' से अपने अभिनय की शुरुआत की थी। हालांकि 2018 में रिलीज हुई रोमांटिक ड्रामा 'धड़क' से उन्हें पहचान मिली। इसके अलावा वो 'ए सूटेबल बॉय', 'खाली पीली' और 'फोन भूत' जैसी फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं। वहीं वो जल्द ही 'वॉर ड्रामा पिप्पा' में भी नजर आने वाले हैं। इसके अलावा अभिनेता आगामी नेटफ्लिक्स सीरीज़ 'द परफेक्ट कपल' में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते नजर आएंगे।

पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी का निधन, 77 की उम्र में ली आखिरी सांस

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भारत की मेजबानी में खेले जा रहे वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बीच एक बुरी खबर सामने आई है।भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है। बिशन सिंह बेदी 77 साल के साथ के थे।बेदी काफी वक्त से बीमार चल रहे थे और सोमवार 23 अक्टूबर को उन्होंने अंतिम सांस ली।

बिशन सिंह का जन्म 25 सितंबर 1946 को अमृतसर पंजाब में हुआ था। बिशन सिंह बेदी ने भारत के लिए 1966 में टेस्ट डेब्यू किया और वह अगले 13 साल तक टीम इंडिया के लिए सबसे बड़े मैच विनर साबित हुए। 1979 में संन्यास लेने से पहले तक बिशन सिंह बेदी ने 67 टेस्ट मैच खेले और 28.71 के शानदार औसत से 266 विकेट हासिल किए। इस दौरान वो भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।

बेदी की गिनती भारत के सर्वश्रेष्ठ स्पिन गेंदबाजों में होती थी। उन्हें खेलने से वेस्टइंडीज के बल्लेबाज भी कतराते थे। उन्होंने भारत के लिए 1966 से 1979 तक टेस्ट क्रिकेट खेला है और वे प्रसिद्ध भारतीय स्पिन चौकड़ी (बेदी, प्रसन्ना, चंद्रशेखर, राघवन) का हिस्सा भी थे। उन्होंने 67 टेस्ट मैचों में 266 विकेट चटकाए, जिसमें 14 बार पांच विकेट हॉल हासिल किए थे। इसके अलावा उन्होंने 10 वनडे मैचों में 7 विकेट चटकाए थे। उन्होंने 1560 विकेटों के साथ अपना फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर खत्म किया। 

अपने सरल लेकिन खूबसूरत एक्शन और फ्लाइट के कारण खास पहचान बनाने वाले बिशन सिंह बेदी लंबे वक्त तक भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उन्होंने 31 दिसंबर 1966 को वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में अपना टेस्ट डेब्यू किया था और 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला था।बिशन सिंह बेदी ने भारत के अलावा विदेशी धरती पर भी अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 22 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी, जिसमें भारत ने 6 जीते थे और 11 में हार सामना करना पड़ा था। वहीं 5 मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुआ थे। जिन 22 टेस्ट मैचों में उन्होंने कप्तानी की। उसमें 106 विकेट हासिल किए थे।

वाघ बकरी चाय के डायरेक्टर पराग देसाई का निधन, स्ट्रीट डॉग ने कर दिया था अटैक

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वाघ बकरी चाय समूह के कार्यकारी निदेशक पराग देसाई का आज सोमवार को 49 साल की उम्र में निधन हो गया। कंपनी ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी शेयर की है।जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पहले वो मॉर्निंग वॉक के दौरान कुत्तों के दौड़ाने से घायल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया गया, जहां उनका इलाज के दौरान ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पराग देसाई देसाई 15 अक्टूबर को उस समय दुर्घटना का शिकार हो गए थे जब वह अपने घर के पास सुबह सैर पर निकले थे। इस दौरान उन्हें आवारा कुत्तों ने दौड़ा लिया था, जिसके बाद सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां ब्रेन हैमरेज से रविवार देर शाम को उनकी मौत हो गई।

रिपोर्ट के मुताबिक पराग देसाई इस्कॉन अम्बली रोड पर वॉक के दौरान डॉग अटैक में घायल हुए थे। उन्हें तत्काल शेल्बी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।इसके बाद उन्हें सर्जरी के लिए जायडस हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।22 अक्टूबर यानी रविवार को उनका निधन हो गया। कहा जा रहा है कि ब्रेन हेमरेज की वजह से उनका निधन हुआ ।

पराग देसाई वाघ बकरी चाय कंपनी के 6 ग्रुप ऑफ डायरेक्टर्स में से एक थे। वह कंपनी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की पोस्ट पर थे। उन्होंने अमेरिका की लॉन्ग आइडैंड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था। वह वाघ बकरी के लिए मार्केटिंग, सेल्स और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट का काम देखते थे।इसके साथ ही पराग देसाई एक टी टेस्टर एक्सपर्ट भी थे।

देसाई वाघ बकरी चाय समूह के प्रबंध निदेशक रसेश देसाई के पुत्र थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी विदिशा और बेटी परीशा हैं।

डिजिटल क्रांति और प्रौद्योगिकी विकास के बावजूद भारत में सुरक्षित नहीं है डेटा, सिंगापुर ने जताई ये आशंका

डेस्क: पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार डिजिटल क्रांति से दुनिया में अपना डंका बजा रहा है। प्रौद्योगिकी विकास में भी पिछले 9 वर्षों में भारत ने ऊंचाइयों के नए आयाम को छुआ है, मगर इन सबके बावजूद यहां डेटा सुरक्षित नहीं है। यह कहना है सिंगापुर के विशेषज्ञों का। भारत में डिजिटल बदलाव और उन्नत प्रौद्योगिकियों का विकास पूरी गति से हो रहा है, लेकिन साइबर विशेषज्ञों ने डेटा की सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की है, जिसे देश को अपने पड़ोस के विरोधियों और बढ़ते घोटालों को देखते हुए प्रबंधित करना होगा। सिंगापुर साइबर वीक- 2023 के मौके पर विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकीविदों और व्यावसायिक अधिकारियों को प्रौद्योगिकी-संचालित खतरों से निपटने के लिए सहयोग करते हुए एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना चाहिए।

सिंगापुर साइबर वीक- 2023, 17 से 19 अक्टूबर तक यहां आयोजित किया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले छह महीनों में ऐसे हमलों के से तीन सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा/अनुसंधान और यूटिलिटी रहे। खुदरा, आतिथ्य, विनिर्माण और परिवहन क्षेत्रों को भी तेजी से साइबर सुरक्षा को लेकर कदम उठाना चाहिए। चेक पॉइंट की हालिया ‘थ्रेट इंटेलिजेंस रिपोर्ट’ के अनुसार, पिछले छह महीनों में भारत में प्रत्येक संगठन पर औसतन प्रति सप्ताह 2,157 बार हमले हुए, जबकि वैश्विक स्तर पर प्रति संगठन 1,139 बार हमले हुए।

क्वॉड देशों के साथ भारत कर रहा साइबर सुरक्षा को मजबूत

अगस्त में सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम, 2023 पारित किया था। एनटीटी लिमिटेड में एपीएसी के उपाध्यक्ष एवं साइबर सुरक्षा प्रमुख आशीष थापर ने कहा कि इससे बहुराष्ट्रीय निगमों (एमएनसी) में अधिक विश्वास उत्पन्न हुआ है, हालांकि वे भारत में सुरक्षा को लेकर अब भी चिंतित हैं। चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) और जी20 मंचों में भारत की भागीदारी साइबर सुरक्षा के निर्माण के लिए अच्छी है लेकिन फिर भी यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि क्वाड में कथित तौर पर एक नए सूचना-साझाकरण समझौते पर काम चल रहा है और इसके चार सदस्यों ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका को साइबर-मजबूती के साथ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा जोखिमों पर प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी।

नवरात्र पर विशेष, मां सिद्धिदात्री के कारण ही महादेव कहलाये थे अर्द्धनारीश्वर, जानिए मां सिद्धिदात्री की उत्पत्ति की कथा...

23 अक्टूबर, सोमवार को शारदीय नवरात्रि का नौवा दिन है। शारदीय नवरात्रि के नौवे दिन मां के नौवे स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के चलते मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौवे दिन का महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन मां दुर्गा के नौवीं शक्ति देवी सिद्धिदात्री की की पूजा होती है. मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष प्रदान करने वाली देवी माना गया है। देवी के यह स्वरूप बहुत शक्तिशाली है। देवी-देवता, गंधर्व, मनुष्य सभी को इन्हीं के आशीर्वाद से सिद्धियां मिलती हैं। जिस पर मां सिद्धिदात्रि प्रसन्न हो जाएं उसके पास ब्रह्मांड को प्राप्त करने की शक्ति आ जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि मां सिद्धिदात्री से ही सभी देवी देवताओं ने सिद्धियां प्राप्त की है। 

कैसे हुई थी मां सिद्धिदात्री की उत्पत्ति

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान महादेव ने मां सिद्धिदात्री की तपस्या करके उनसे सिद्धियां हासिल कीं। माता की कृपा से उनका आधा शरीर नारी का तथा आधा पुरुष का हो गया, जिससे वे अर्द्धनारीश्वर कहलाए। मां दुर्गा का ये अत्यंत शक्तिशाली स्वरूप है। शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा का यह स्वरूप सभी देवी-देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। माता की पूजा करने वाले को अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व एवं वशित्व नामक सिद्धियों की प्राप्ति हो सकती है। गंन्धर्व, देवता, यक्ष और असुर सभी मां की आराधना करते हैं। इन सिद्धियों को प्राप्त करने वाले में पूरे ब्रह्मांड पर विजय प्राप्त करने की शक्ति आ जाती है। सृष्टि में उसके लिए कुछ भी शेष नहीं रह जाता।

मां सिद्धिदात्री का रूप

कमल पर विराजमान चार भुजाओं वाली मां सिद्धिदात्री लाल साड़ी में विराजित हैं। इनके चारों हाथों में सुदर्शन चक्र, शंख, गदा एवं कमल रहता है। सिर पर ऊंचा सा मुकूट एवं चेहरे पर मंद मुस्कान ही मां सिद्धिदात्री की पहचान है।

राजनीति में कब एंट्री लेंगे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य के बेटे आर्यमान सिंधिया, खुद किया खुलासा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे आर्यमन सिंधिया ने कहा कि उनके राजनीति में आने के लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। वह कभी भी किसी वक़्त राजनीति में इंट्री कर सकते हैं। एक इंटरव्यू में आर्यमन सिंधिया ने कहा कि यदि वह भविष्य में राजनीति में कदम रखते हैं, तो वह देश की राजनीति में ‘युवा पीढ़ी की झलक’ पेश करना चाहेंगे तथा युवाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। पहले राजनीति में सम्मिलित होने की अनिच्छा व्यक्त करने वाले आर्यमन ने कहा कि युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाली राजनीति से आर्थिक सशक्तीकरण भी होता है। उद्यमिता को करियर विकल्प के तौर पर चुनने वाले 27 वर्षीय आर्यमन सिंधिया ने कहा कि उनकी राजनीति बहुत हद तक शैक्षिक विकास ततः युवाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी।

आर्यमन सिंधिया ने कहा कि उनकी राजनीति बहुत हद तक शैक्षिक विकास तथा युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगी। यह सिंधिया के लिए एक पूरी तरह से अलग पाठ्यक्रम तैयार करने जैसा था। अपने परिवार की राजनीतिक वंशावली से अलग होकर, स्टार्टअप में हाथ आजमाया, जिनकी 3 पीढ़ियाँ सक्रिय राजनीति में रही हैं। उद्यमिता आर्यमन के लिए एक पूरी तरह से अलग मार्ग तैयार करने जैसा था क्योंकि उन्होंने अपने परिवार की राजनीतिक परंपरा से अलग होकर स्टार्टअप में हाथ आजमाया। उनकी 3 पीढ़ियां सक्रिय राजनीति में रही हैं।

आर्यमन के पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हैं। वहीं उनके दादा स्वर्गीय माधवराव सिंधिया कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, उनकी परदादी, विजयाराजे सिंधिया बीजेपी की दिग्गज नेता थीं। आर्यमन ने कहा, ‘यदि मैं भविष्य में राजनीति में सम्मिलित होता हूं, तो इसमें युवा पीढ़ी की झलक और एक युवा दृष्टिकोण होगा। मैंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है तथा मुझे पढ़कर जो समझ आया उसके मुताबिक, भारत को अपनी उत्पादकता को मूर्त रूप देने के लिए वास्तव में देश के युवाओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में राजनीति में सम्मिलित होने के बारे में कोई विचार है, उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं किए हैं। हमने (परिवार में) इस बारे में बात की है तथा हमेशा मैंने इस बात को समझा है कि आपको कोई भी दरवाजा बंद नहीं करना चाहिए। भविष्य में मैं राजनीति में आ सकता हूं लेकिन निश्चित तौर पर अभी ऐसा कुछ नहीं है।’

सिंधिया इस वक़्त दो स्टार्टअप चला रहे हैं- ‘माईमंडी’ और ‘प्रवास’। उन्होंने कहा कि मेन फोकस अपने बिजनेस की जड़ें जमाने पर है। सिंधिया ने कहा, ‘अभी मेरे पास बहुत काम है। मैं अपने देश के बारे में बहुत कुछ जानना चाहता हूं।' राजनीतिक परिवेश और परिवार होने के बाद भी उद्यमशीलता को चुनने के लिए किस वजह ने उन्हें प्रेरित किया? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए आर्यमन ने कि वह हमेशा किसी और के लिए काम करने की जगह अपना स्वयं का व्यवसाय स्वयं करना चाहते थे। सिंधिया ने कहा कि उन्हें अपने माता-पिता से समर्थन मिला, मगर उन्हें अपना स्वयं का सेटअप आरम्भ करने के फैसले पर संदेह भी था। आर्यमन ने कहा, 'शुरुआत में, मेरे माता-पिता इस विचार से बहुत सहज नहीं थे। सुरक्षा की भी बात थी। वे चाहते थे कि मैं उसी कंपनी में आगे बढूं जहां मैं काम कर रहा था। लेकिन मैंने उनसे बात की तथा उन्हें समझाया कि मैं क्या मॉडल खड़ा करना चाहता हूं।'

आज प्रभु श्री राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने पर उनको जेल भेजता, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के बयान पर हिंदू समाज में आक्रोश

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि यदि आज प्रभु श्री राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा-302 के तहत जेल भेजता। उन्होंने कृष्ण को भी जेल भेजने की बात कही। इस अमयार्दित टिप्पणी करने के आरोप में विहिप ने कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। रविवार को मुकदमा दर्ज करने के बाद कर्नलगंज पुलिस ने जांच शुरू कर दी। आईटी एक्ट के मामले में पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करेगी।

विहिप के जिला संयोजक शुभम ने इविवि के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए व 295ए और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत कर्नलगंज थाने में रविवार शाम एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर के मुताबिक, डॉ. विक्रम कुमार ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) एकाउंट पर देवी देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। डॉ. विक्रम ने देवता को जेल भेजने की बात लिखी है।

आरोप है कि इस टिप्पणी से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। समाज में रोष बढ़ रहा है। शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनके एक्स पर लिखे मैसेज का स्क्रीन शॉट भी पुलिस को सौंपा गया है। इस दौरान विहिप से जुड़े अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने तत्काल आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है।

कुलपति एवं विजिटर नॉमिनी को लिखा पत्र

इविवि के छात्र नेता हरिओम त्रिपाठी ने असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ कार्रवाई के लिए कुलपति संगीता श्रीवास्तव तथा विजिटर नामिनी डॉ. दीपाली पंत जोशी को पत्र लिखा है। कहा कि कार्यपरिषद की बैठक में शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इनके आचरण से परिसर में तनाव है।

असिस्टेंट प्रोफेसर इलाहाबाद विश्वविद्यालय डॉ. विक्रम ने बताया कि मैंने बच्चों में विज्ञान की तार्किकता बढ़ाने के लिए यह बात कही। इससे यदि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचा हो तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।

टी. राजा का निलंबन वापस लेकर बीजेपी ने दिया विधानसभा का टिकट, जानें बीजेपी के इस फैसले के पीछे की वजह

#bjpdecisionontrajasinghticket 

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने बड़ा फैसला लिया है।बीजेपी विधायक टी राजा सिंह का निलंबन पार्टी ने रद्द कर दिया है और उन्हें तेलंगाना चुनाव के लिए गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र से ही उम्मीदवार बनाया है।तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। 119 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 52 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। बीजेपी की पहली लिस्ट में टी राजा सिंह का नाम भी है। 

खास बात यह है कि टिकट जारी करने के कुछ घंटों पहले ही बीजेपी ने टी राजा सिंह का निलंबन वापस लिया था। उन्हें एक बार फिर से बीजेपी ने हैदराबाद की गोशमहल सीट से प्रत्याशी बनाया है।टी. राजा सिंह को टिकट मिलना हर किसी को हैरान इसलिए कर रहा है क्योंकि लिस्ट जारी होने से कुछ घंटे पहले ही उनका पार्टी से निलंबन वापस लिया गया था। निलंबन के बाद भी टी. राजा सिंह को टिकट मिलने के पीछे कई फैक्टर हैं, लेकिन इनमें से कुछ अहम है।

टी राजा को टिकट देने की क्या है वजह?

राजा सिंह तेलंगाना में बीजेपी के इकलौते विधायक हैं। वह उस हैदराबाद से आते हैं जहां ओवैसी का दबदबा है। ऐसे में पार्टी उन्हें बैठाकर अपना नुकसान नहीं कराना चाहती। राजा सिंह की छवि हिंदू नेता की है। वह लगातार अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। पार्टी में एक धड़ा उनके समर्थन में रहता है। निलंबन के बाद भी राजा सिंह ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा नहीं छोड़ी। निलंबन के दौरान उन्होंने बीआरएस में जाने और चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इस वजह से भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन 2018 चुनाव में पार्टी के 5 विधायकों में से सिर्फ टी राजा ही जीत बरकरार रखने में कामयाब हुए थे, जबकि किशन रेड्डी जैसे दिग्गज नेता को भी हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में पार्टी कम से कम इस सीट को गंवाना नहीं चाहती होगी।

पार्टी ने दिखाया था बाहर का रास्ता

बता दें कि टी. राजा सिंह ने अगस्त 2022 में मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली कुछ टिप्पणियां की थीं। टी राजा सिंह ने कथित तौर पर हैदराबाद में स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी के शो के जवाब में एक वीडियो जारी करते हुए पैगंबर पर टिप्पणी कर दी थी। विधायक को मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणियां करने के आरोप में पिछले साल अगस्त में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्हें 25 अगस्त को जेल भेज दिया गया था। तेलंगाना हाई कोर्ट ने पुलिस आयुक्त के आदेश को रद्द करने और उन्हें जमानत देने के बाद राजा सिंह को 9 नवंबर को जेल से रिहा कर दिया गया। हालांकि, अदालत ने उन्हें ऐसा कोई भाषण या टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया जिससे समुदायों के बीच नफरत पैदा हो।

चंद्रबाबू नायडू ने जेल से पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखी चिट्ठी, बोले-मैं जेल में नहीं हूं… लोगों के दिलों में हूं

#tdp_chief_chandrababu_naidu_write_letter_to_party_workers 

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और इस वक्त विपक्ष में बैठी तेलुगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू राजमुंदरी जेल में बंद हैं। नायडू पिछले एक महीने से अधिक समय से ज्यादा समय से कौशल विकास घोटाले में जेल में हैं। नायडू ने जेल से पार्टी कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में चंद्रबाबू नायडू ने अपनी प्रतिबद्धताएं दोहराईं और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी का घोषणा पत्र दशहरा पर ही जारी किया जाएगा, जैसा कि उन्होंने वादा किया था।

नायडू ने अपने पत्र में लिखा है, मैं जेल में नहीं हूं… लोगों के दिलों में हूं। कोई भी मुझे एक पल के लिए भी तेलुगु लोगों से दूर नहीं रख सकता। चंद्रबाबू ने कहा कि जिन मूल्यों और विश्वसनीयता की वह 45 साल से रक्षा कर रहे हैं, उन्हें मिटाया नहीं जा सकता… भले ही देर हो जाए, न्याय की जीत होगी…’। उन्होंने लिखा कि वह जल्द ही सामने आएंगे। यह चिट्ठी मिलनी के दौरान नायडू ने अपने परिवार वालों को दी है। अब यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है, ‘वे हार के डर से मुझे जेल की दीवारों में बंद करके लोगों से दूर रखना चाहते हैं’। हो सकता है कि मैं अभी लोगों के बीच न रहूं। मैं विकास के रूप में सर्वत्र प्रकट होता हूं। जब भी कल्याण का नाम सुना जाता है तो मेरा नाम लिया जाता है। वे मुझे लोगों से दूर नहीं रख सकते, एक दिन के लिए भी नहीं, एक पल के लिए भी नहीं। मैं जेल में नहीं हूं, मैं लोगों के दिलों में हूं’। नारा चंद्रबाबू ने पत्र में लोगों के साथ अपने संबंध के बारे में बताया। उन्होंने मुलाक़ात के हिस्से के रूप में उनसे मिलने आए परिवार के सदस्यों को तेलुगु लोगों के नाम लिखा एक पत्र सौंपा।

पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखी चिट्ठी में नायडू ने लिखा कि उनकी गैरमौजूदगी में उनकी पत्नी नारा भुवनेश्वरी पार्टी का नेतृत्व करेंगी और निजम गेलावाली अभियान के तहत लोगों से मिलेंगी। नायडू के बेटे नारा लोकेश ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए वाईएसआरसीपी चीफ और राज्य के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी की आलोचना की। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आंध्र प्रदेश पुलिस पूर्व सीएम को तब तक फाइबर नेट मामले में गिरफ्तार ना करे, जब तक वह कौशल विकास घोटाले के मामले में अपना फैसला ना सुना दें।