हम हिंदू सबका सम्मान करते हैं, लेकिन हमारे मंदिर..', छत्तीसगढ़ में बोले सीएम सरमा- हमें धर्मनिरपेक्षता मत सिखाइए

असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार (18 अक्टूबर) को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सबसे पुरानी पार्टी भाजपा को धर्मनिरपेक्षता नहीं सिखानी चाहिए। चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ के कवर्धा विधानसभा में रैली को संबोधित करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि राम मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बाबर के लिए मस्जिद बनाना धर्मनिरपेक्षता नहीं है। उन्होंने कहा कि, 'हिंदू सभी का सम्मान करते हैं, लेकिन हम धर्मनिरपेक्षता के नाम पर किसी बाबर को हमारे मंदिर पर कब्जा नहीं करने देंगे। भारत हिंदू राष्ट्र था और हिंदू राष्ट्र रहेगा।'

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में लव जिहाद और धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। असम के सीएम ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की आड़ में लव जिहाद, धर्मांतरण और हिंदुओं की हत्या को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने आगे चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापस लाया गया तो ऐसे मुद्दे आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि, 'देश में लव जिहाद की शुरुआत कांग्रेस शासन के दौरान हुई। असम और छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को प्रतिदिन धर्म परिवर्तन (ईसाई धर्म अपनाने) के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जब लोग (छत्तीसगढ़ में) अधिनियम के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो भूपेश बघेल कहते हैं कि वह धर्मनिरपेक्ष हैं।'

सीएम सरमा ने सवालिया लहजे में कहा कि, 'क्या हिंदुओं को मारना आपकी धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा है? यह देश हिंदुओं का है और हिंदुओं का ही रहेगा। हमें धर्मनिरपेक्षता की भाषा मत सिखाइये. राम मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बाबर के लिए मस्जिद बनाने को धर्मनिरपेक्षता नहीं कहा जाता है।' उन्होंने कहा कि, धर्म परिवर्तन को धर्मनिरपेक्षता नहीं कहा जाता है। माता कौशल्या की भूमि अकबर को सौंपना धर्मनिरपेक्षता नहीं है। हमारी धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा बाबा साहेब अम्बेडकर और हमारी हिंदू संस्कृति द्वारा दी गई है। हम इसकी अवधारणा जानते हैं। धर्मनिरपेक्षता का मतलब लव जिहाद नहीं है।''

सरमा ने कहा कि, वह असम में मुसलमानों को अपने ही समुदाय के लोगों से शादी करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, क्योंकि अगर वे हिंदू महिलाओं से शादी करेंगे तो मुस्लिम महिलाओं का क्या होगा? कांग्रेस के सांप्रदायिक पूर्वाग्रह पर जोर देते हुए, असम के सीएम ने कहा कि उन्होंने हाल ही में राजस्थान में कहा था कि अशोक गहलोत सरकार ने उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के बाद कुछ नहीं किया और यदि पूर्वी राज्य (असम) में ऐसा कुछ हुआ होता, तो "पांच मिनट के भीतर जवाबी कार्रवाई" हो गई होती।

हिमंता सरमा ने कहा कि, 'अगर इसी तरह की घटना भाजपा शासित किसी भी राज्य में हुई होती, तो संबंधित सरकार पांच मिनट के भीतर कार्रवाई करती। लेकिन कांग्रेस कुछ नहीं करती और धर्मनिरपेक्षता का राग अलापती रहती है। क्या धर्मनिरपेक्षता केवल हिंदुओं को लूटने के लिए है?'' बाबर की पूजा (मुस्लिम आक्रमणकारियों का संदर्भ) और अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए, हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, “हमने कहा था कि हम सत्ता में आने के बाद (केंद्र में) राम मंदिर का निर्माण करेंगे और जनवरी में मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा। कांग्रेस 60 साल तक सत्ता में रही, लेकिन उन्होंने राम मंदिर बनाने के लिए कुछ नहीं किया क्योंकि वे हमेशा बाबर की पूजा करते थे।'

असम के सीएम ने कहा कि, 'ये लोग बाबर के हैं, भगवान श्री राम के नहीं। जो प्रभु श्री राम के होते हैं, वे वचन निभाते हैं। मोदी ने जनता से किए सभी वादे पूरे किये।' सरमा ने लोगों से भाजपा उम्मीदवार विजय शर्मा को वोट देने और छत्तीसगढ़ को लव जिहाद और धर्मांतरण से बचाने के लिए अकबर को अलविदा कहने का आग्रह किया। गौरतलब है कि यह रैली कवर्धा में बीजेपी उम्मीदवार विजय शर्मा के नामांकन दाखिल करने से पहले आयोजित की गई थी । कांग्रेस ने कवर्धा सीट से अपने वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री मोहम्मद अकबर को फिर से उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

आपको तेलंगाना की चिंता करने की जरूरत नहीं..', कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सीएम केसीआर की बेटी कविता ने साधा निशाना

भारत राष्ट्र समिति (BRS) की विधायक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी कविता ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए दावा किया कि राज्य देश में प्रति व्यक्ति आय के मामले में शीर्ष स्थान पर है। नसीहत देते हुए कहा कि, "राहुल गांधी को तेलंगाना के लोगों की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।"

कविता ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुमराह किया जा रहा है। "राहुल ने तेलंगाना सरकार पर कुछ परियोजनाओं में 1 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। पटकथा लेखक उन्हें (राहुल को) गुमराह कर रहे हैं। हम जानते हैं कि अपना राज्य कैसे चलाना है। हम प्रति व्यक्ति आय, धान उत्पादन और सिंचाई परियोजना के मामले में देश में नंबर एक राज्य हैं।" इस बीच, तेलंगाना के भूपालपल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने KCR के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार पर "भ्रष्टाचार" का आरोप लगाया। 

राहुल ने कहा कि, "आपने एक ऐसे तेलंगाना का सपना देखा था, जहां के लोग शासन करेंगे, लेकिन पिछले दस वर्षों में, आपके सीएम केसीआर ने खुद को लोगों से दूर कर लिया और केवल उनका परिवार राज्य पर शासन कर रहा है, जिससे आपका सपना चकनाचूर हो गया। तेलंगाना में भारत में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है, जो तेलंगाना के युवाओं और महिलाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।" राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चाहती है कि BRS राज्य चुनाव जीते। राहुल ने कहा कि, "भाजपा, BRS और AIMIM सहयोग कर रहे हैं, ये सभी पार्टियां कांग्रेस पर हमला कर रही हैं। भाजपा विपक्षी दलों की आवाज दबाने के लिए उनके खिलाफ मामले दर्ज कर रही है, फिर भी KCR के खिलाफ कोई मामला नहीं है। सीएम केसीआर के खिलाफ CBI और ED का मामला न होना सवाल उठाता है।'

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने 9 अक्टूबर को ऐलान किया कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव 30 नवंबर को होंगे। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा, सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है। 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में, BRS 119 में से 88 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और उसका वोट शेयर 47.4 प्रतिशत था। कांग्रेस 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। उसका वोट शेयर 28.7 फीसदी था।

चुनावों से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन में लगातार बढ़ रही दरार, अब अखिलेश यादव ने कांग्रेस को दिखाई आंख

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस पार्टी के रवैये पर आपत्ति जताई है। उन्होंने दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर चिंता जताई और इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन राष्ट्रीय स्तर (लोकसभा चुनाव) तक ही सीमित है और इसका विस्तार राज्य स्तर तक नहीं है। शुरुआत में इसकी जानकारी समाजवादी पार्टी को नहीं दी गई थी।

 अखिलेश यादव ने कहा कि, 'अगर मुझे शुरू से पता होता कि गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए है और इसमें राज्य विधानसभा स्तर के लोग शामिल नहीं हैं, तो हमारी पार्टी के सदस्य कांग्रेस के साथ चर्चा में शामिल नहीं होते, न ही अपने उम्मीदवारों की सूची साझा करते। यदि गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के लिए है, तो हम विचार कर सकते हैं।'

अखिलेश ने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी को पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, तो वे कांग्रेस नेताओं के साथ बैठकों में शामिल नहीं होते और न ही उनके कॉल का जवाब देते। उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में उनके प्रदर्शन के बारे में समाजवादी पार्टी से विवरण मांगा था, जिसमें यह जानकारी भी शामिल थी कि उनके विधायकों ने कहां जीत हासिल की और वे कहां दूसरे स्थान पर रहे। अखिलेश ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि, "उन्होंने हमें रात भर कांग्रेस नेताओं के साथ चर्चा में बैठाया, लेकिन जब अंततः उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, तो समाजवादी पार्टी का एक भी उम्मीदवार शामिल नहीं था।"

गठबंधन के भविष्य के बारे में अखिलेश ने कहा कि, "हम स्वीकार करते हैं कि राज्य विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है। अगर गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए है, तो हम इस पर विचार करने के लिए तैयार हैं।" समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की, जिसमें 22 उम्मीदवार शामिल हैं। उम्मीदवारों में रामनारायण सकवार को मुरैना की दिमनी सीट से मैदान में उतारा गया है, जहां से भाजपा की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी चुनाव लड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी की सूची में अन्य उम्मीदवारों में भोपाल की नरेला सीट से शमसुल हसन, भोपाल मध्य से शमा तनवीर, भोपाल की हुजूर सीट से राहुल मारन (रावत), छिंदवाड़ा की चौरई से विपिन वर्मा, कटनी की बड़वारा से कुंती कौल, ओमप्रकाश शामिल हैं।

इशारों-इशारों में अशोक गहलोत ने सीएम पद के लिए ठोक दिया दावा, बोले- सीएम पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन पद मुझे नहीं छोड़ रहा

#ashok_gehlot_says_i_want_to_leave_cm_post_but_post_not_leaving_me

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है।टिकट बंटवारे पर मचे घमासान के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सीएम पद पर अपना दावा ठोक दिया है।उन्होंने कहा है कि वो सीएम का पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन पद उनको नहीं छोड़ता।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वह चौथी बार सीएम बनेंगे, तो गहलोत ने कहा, " मैंने पहले भी कहा था....मैं सीएम पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे छोड़ नहीं रहा है।हालांकि, बाद में वो अपनी बात को संभालते हुए सफाई देते दिखे कि उनका मतलब गांधी परिवार के भरोसे से था। यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अलाकामन का जो भी फैसला होगा वह सबको स्वीकार होगा। गहलोत ने आगे कहा कि मुझे सोनिया गांधी ने सीएम बनाया था। कांग्रेस में जो सीएम पद का उम्मीदवार बनता है, वो कभी सीएम नहीं बनता।सोनिया गांधी ने मुझे सीएम पद के लिए चुना था। उसके बाद अगले चुनाव में सोनिया गांधी ने खूब कैम्पन किया, लेकिन हम चुनाव हार गए, इसके कई कारण थे।

टिकट बंटवारे और मौजूदा विधायकों के टिकट काटने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि विधायकों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी नहीं है। मतलब गहलोत अपने समर्थक ज्यादातर विधायकों के टिकट नहीं काटने देना चाहते। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाब देते हुए विपक्ष पर महौल बनाने की बात कही। उनहोंने कहा 'पहली बात तो टिकट तब कटता है जब वहां विकल्प हो। विपक्ष का काम है, करप्शन हुआ है, एंटी इनकमबेंसी बताता है। लेकिन यहां तो चुनी हुई सरकार को होर्स टेडिंग कर गिराने का काम हुआ। मेरे विधायकों को 10 करोड़ का ऑफर था लेकिन फिर भी उन्होंने साथ निभाया। जनता ने फोन कर विधायकों को, मुझे फोन कर कहा चाहे होटल में 40 दिन रुके रहो लेकिन सरकार गिरनी नहीं चाहिए। यदि विधायक करप्ट होते तो 10 करोड़ रुपए बहुत होते हैं, सरकार गिर जाती हमारी।

गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। लेकिन, कांग्रेस में टिकटों का मसला उलझ गया है। हालांकि पार्टी ने एक सप्ताह पहले ही तय कर लिया था कि 18 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद टिकटों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी। लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से भेजी गई करीब 100 सीटों पर सिंगल नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। करीब एक दर्जन सीटों पर केंद्रीय चुनाव समिति ने आपत्ति जताई है।

215 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से कार दौड़ाते पाए गए रोहित शर्मा, पुलिस ने काटे 3 चालान


भारतीय क्रिकेट कप्तान रोहित शर्मा को ICC क्रिकेट विश्व कप के लिए अपनी टीम में शामिल होने के लिए गाड़ी चलाते समय मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर तीन तेज गति के टिकट मिले। रिपोर्ट के अनुसार, 36 वर्षीय भारतीय क्रिकेट कप्तान ने अपनी लेम्बोर्गिनी में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर 200 किमी/घंटा से अधिक की गति तक पहुंच गए और यहां तक कि एक बिंदु पर उनकी गाड़ी 215 किमी/घंटा की रफ़्तार से दौड़ती पाई गई। जिसके बाद पुलिस ने अधिक रफ़्तार के लिए उनके 3 चालान काटे हैं, दरअसल, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा है।

बता दें कि, टीम इंडिया के कप्तान को एक बार 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से और दो बार 215 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाने के लिए जुर्माना लगाया गया है, हालाँकि जुर्माना कितना है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। यातायात पुलिस अधिकारी, रोहित शर्मा के राजमार्ग पर तेज गति से गाड़ी चलाने से चिंतित थे और उन्होंने उन्हें (शर्मा को) पुलिस एस्कॉर्ट के साथ टीम बस में यात्रा करने का सुझाव दिया था। बता दें कि, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, शर्मा ने ताबड़तोड़ शैली में वापसी की है, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के खिलाफ अगले दो मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक बनाया, जिससे भारत को क्रमशः 273 और 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में मदद मिली। 

रोहित शर्मा टूर्नामेंट में तीन मैचों में 72.33 की औसत से 217 रन के साथ चौथे शीर्ष रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में दो रिकॉर्ड तोड़े: तीनों प्रारूपों में एक खिलाड़ी द्वारा लगाए सर्वाधिक छक्के और एकदिवसीय विश्व कप इतिहास में किसी एक खिलाड़ी द्वारा बनाए गए सर्वाधिक शतक। मौजूदा विश्व कप में टीम इंडिया आज अपना चौथा मैच पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ खेलेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश की जनता के नाम लिखा पत्र, पढ़िए, उन्होंने लिखी ये खास बातें

पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की जनता के नाम चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होने भाजपा शासनकाल में हुए विकास तथा जनकल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए जनता से समर्थन मांगा है। पीएम मोदी ने लिखा है कि मुझे पूरा भरोसा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आप मुझ तक अपना समर्थन पहुंचाएंगे एवं इस बार डबल इंजन की सरकार बनाएंगे। ये चिट्ठी आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा वीडी शर्मा ने कई नेताओं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में जारी किया।

अपने पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है- “मेरे प्यारे मध्य प्रदेश वासियों,नर्मदा की इस पावन धरा को मेरा प्रणाम। मैं जब भी मध्य प्रदेश आता हूं, मेरे प्रति इतना प्रेम और मुझे अपार ऊर्जा प्राप्त होती है। आज मध्य प्रदेश वीरगति से आगे बढ़ रहा है वह हमारे लिए अत्यंत हर्ष की बात है। पिछले 20 वर्षों में मध्य प्रदेश बीमारू राज्य के अपने अतीत से निकल कर सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी बना है। कौन भूल सकता है 2003 से पहले के मध्य प्रदेश को, जहाँ सुविधाओं का अभाव था। पिछले 20 वर्ष से जो भरोसा आपने हम पर दिखाया है उसके मध्यप्रदेश देश की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में सम्मिलित हो चुका है। इन 20 वर्षों में मुख्यमंत्री चौहान एवं भारी परिणाम आज मध्यप्रदेश में हुए लाख किमी से अधिक सड़कों के निर्माण, 16 प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास दर लाख से अधिक घरों में नल से जल, 28 हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पादनको मुझे की हो रही है।

पिछले 20 वर्षों में मध्य प्रदेश बीमारू राज्य के अपने अतीत से निकल कर सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी बना है। कौन भूल सकता है 2003 से पहले के मध्य प्रदेश को, जहाँ सुविधाओं का अभाव था। पिछले 20 वर्ष से जो भरोसा आपने हम पर दिखाया है उसके मध्यप्रदेश देश की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में सम्मिलित हो चुका है। इन 20 वर्षों में मुख्यमंत्री चौहान एवं भारी परिणाम आज मध्यप्रदेश में हुए लाख किमी से अधिक सड़कों के निर्माण, 16 प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास दर लाख से अधिक घरों में नल से जल, 28 हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पादनको मुझे की हो रही है।

20 वर्ष मध्य प्रदेश के विकास के लिये आपके हम पर भरोसे के भी रहे हैं। आज मध्य प्रदेश का विकास मॉडल पूरे देश के लिए गरीब कल्याण, महिला उत्थान एवं समग्र पीलाइन का मॉडल बन गया है। भाजपा सरकार ने अपने गरी केकी सिद्धि के लिए मध्य प्रदेश के हर के लिए योजनाएं है, जिनके चलते बाजमध्य प्रदेश में 1.36 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर आए है। महिला के प्रति समर्पण बहनों और लाटली लक्ष्यों की उति के लिए काम किया है। मध्यप्रदेश के किसानों एवं युवाओं का वर्तमान विभित कल्याणकारी योजनाओं के चलते हुआ है और उनके सामने एकविरा देख रहा है। वर्ष 2014 से पहले केंद्र की कांग्रेस सरकार के मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार करण एवं प्रदेश के विकास में अनेक कठिनाइयां आती थी। आज पूरा देश साक्षी है कि 2014 के बाद केंद्रकार बनने के बाद मध्य प्रदेश के भीतर एक नयी क्षमता का विस्तार हुआ और हमने मिलकर जहाँ मध्य प्रदेश को एक उज्जवल भविष्य दिया है वही अपने गौरवशाली इतिहास को भी सहेजा है। यह आपके और डबल इंजन सरकार के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि मध्य प्रदेश भारत के टॉप 3 अर्थव्यवस्था वाले प्रदेशों में सम्मिलित होने की राह पर तेजी से बढ़ रहा है।

मेरा सदा से मध्य प्रदेश के साथ एक खास जुड़ाव रहा है जिसके चलते आपने 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में मुझे असीम स्नेह देते हुए भारतीय जनता पार्टी को अभूतपूर्व विजय दिलाई थी, मुझे पूरा भरोसा है कि उसी प्रकार आने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी आप मुझ तक अपना सौधा समर्थन पहुंचाएंगे एवं बीजेपी पर अपने अटूट विश्वास के चलते फिर इस बार डबल इंजन की सरकार बनाएंगे। आपके सुखद भविष्य की कामना के साथ..आपका अपना नरेंद्र मोदी।” इस प्रकार पीएम मोदी ने विधानसभा चुनाव के लिए जनता से समर्थन मांगा है तथा एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाने का आह्वान किया है।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मैदान में उतरे BJP के हाईटेक प्रचार रथ, मुख्यमंत्री शिवराज ने दिखाई हरी झंडी

भाजपा ने प्रदेश कार्यालय भोपाल से आज गुरुवार को राज्य की 230 विधानसभाओं के लिए हाईटेक प्रचार रथ रवाना किये, प्रचार रथ के ऊपर लिखा है “MP के मन में मोदी”, इस अवसर पर उपस्थित प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि हम एक बार फिर स्वर्णिम मध्य प्रदेश बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं, वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिस कांग्रेस ने मध्य प्रदेश को पिछड़ा तथा बीमारू प्रदेश बना दिया था हमने जनता के सहयोग से प्रधानमंत्री मोदी के आशीर्वाद से उसे बदल दिया है अब सब प्रकार केवल विकास और प्रगति है, हम इसी आधार पर फिर जनता से आशीर्वाद मांगने जा रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा एवं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर प्रचार रथों को रवाना किया, रथों में एक गाड़ी सी LED लगी है, जिसपर बीजेपी सरकार की उपलब्धियां वीडियो फोर्मेट में दिखाई जाएँगी, एक QR कोड है जिसे स्कैन करते ही जनता बीजेपी से जुड़ जाएगी तथा उसकी कामयाबियों के बारे में जान सकेगी, इसके अतिरिक्त और भी कई विशेषताएं प्रचार रथ में हैं। भोपाल के साथ साथ ये कार्यक्रम ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और रीवा में भी सीधा प्रसारित हुआ और प्रचार रथ रवाना किये गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज से कहा कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश को बीमारू और पिछड़ा राज्य बना दिया था मगर जनता ने 2003 में कांग्रेस के कुशासन वाली सरकार को उखाड़ फेंका तथा बीजेपी को अवसर दिया, तब से सिर्फ सवा वर्ष छोड़कर बीजेपी राज्य की जनता की सेवा कर रही है, 2003 से 2014 तक हमें केंद्र की मनमोहन सरकार से सहयोग नहीं मिला फिर 2014 में जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब से प्रदेश डबल इंजन की सरकार की सहायता से मध्य प्रदेश प्रगति और विकास के रास्ते पर है।

उन्होंने कहा कि आज मध्य प्रदेश में 5 लाख किलोमीटर सड़कों का जाल है, 47 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा है, 29 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन है, कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसमें प्रगति नहीं हुई हो, मैं यहाँ इसे गिना नहीं सकता, जन कल्याण की योजनायें हमारी सरकार ने बनाई हैं क्योंकि हम सरकार नहीं परिवार चलते हैं, शिवराज ने कहा कि मोदी जी दुनिया के मन में हैं, देश के मन में मोदी, मध्य प्रदेश के मन में मोदी, जन जन के मन में मोदी हैं, वे अपने काम की वजह से जनता के दिलों में है।

शिवराज ने कमलनाथ और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि हम जनता को अपने काम बता रहे हैं मगर कुछ लोग श्मशान में तांत्रिक क्रिया करा रहे हैं, ये लोकतंत्र है इसमें साधना किसी की होती है तो जनता की होती है, जनता की सेवा करो, कल्याण करो, हमने किया है तो हम उस आधार पर वोट मांगने जा रहा हैं, श्मशान घाट में पूजा कराने वालों से कैसे देश प्रदेश का भला होगा? उन्होंने कहा कि तांत्रिक क्रिया करानी थी तो तब कराते जब पानी नहीं गिरा, मैं तो महाकाल की शरण में गया था राज्य को आशीर्वाद मिला बारिश हुई, उन्होंने कहा , मुझे परेशानी होती है कि चुनाव जीतने के लिए कमलनाथ तांत्रिक क्रिया करा रहे हैं यानि अपने ऊपर विश्वास ही नहीं है, अरे योजनायें बंद करने का पाप कांग्रेस ने किया है, जिसकी सजा उसे मिलेगी, हम जनता की सेवा के लिए फिर जा रहे है अभी और जाना है, हमें अभी पांच साल और आगे जाना है, मप्र की चर्चा पूरी दुनिया में होगी इसी संकल्प के साथ रथ जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले जारी हुआ कांग्रेस का घोषणा पत्र, डिटेल में जानिए वचन पत्र की खास बातें

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अपना वचन पत्र मंगलवार दोपहर जारी किया। इसमें युवा, महिला एवं किसानों पर ध्यान दिया गया। महिलाओं के लिए प्रियदर्शिनी नाम से अलग से प्रविधान हैं। पार्टी की तरफ से घोषित गारंटियों को सम्मिलित करते हुए वचन पत्र को अंतिम रूप दिया गया है। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम कमल नाथ, महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा वचन पत्र समिति के अध्यक्ष डा. राजेंद्र कुमार सिंह, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, विवेक तन्खा सहित अनेक नेता पीसीसी दफ्तर में उपस्थित हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने पार्टी के वचन पत्र विमोचन के अवसर पर कहा कि कांग्रेस का चुनाव में नारा रहेगा 'कांग्रेस आएगी खुशहाली लाएगी'। कांग्रेस सरकार ढाई हजार रुपए प्रति क्विंटल धान तथा गेहूं ₹2600 क्विंटल की दर पर खरीदेंगे। उपज का 3000 की क्विंटल देने का मिशन। 2 रुपये किलो की दर से गोबर खरीदा जाएगा। नंदिनी योजना शुरू होगी। 2 लाख पदों पर भर्ती की जाएगी। युवा स्वाभिमान योजना प्रारंभ होगी 1500 से 3000 रुपये तक दिए जाएंगे। 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा तथा 10 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा देंगे स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनाया जाएगा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना 1200 रुपये प्रतिमाह की जाएगी। मेरी बेटी योजना में 251000 रुपये दिए जाएंगे। IPL में मध्य प्रदेश की टीम बने, इसकी कोशिश की जाएगी। आउटसोर्सिंग कर्मचारी के साथ न्याय होगा।

वही इससे पहले प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव सिंह ने बताया कि वचन पत्र में महिलाओं के लिए जो प्रविधान किए गए हैं, उन्हें अलग से प्रियदर्शिनी नाम से प्रदर्शित किया गया है। पार्टी ने महिलाओं को डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह तथा 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया है। 1 करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली निशुल्क तथा 200 यूनिट आधी दर पर देने, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने, किसानों को कर्ज माफी देने, 5 हार्सपावर तक के कृषि पंप के लिए मुफ्त बिजली, पुराने बिजली बिल की माफी, सिंचाई के लिए 12 घंटे बिजली देने, पुराने प्रकरणों की वापसी, स्कूली बच्चों को प्रतिमाह 500 से 1,500 रुपये देने के लिए पढ़ो पढ़ाओ योजना, आदिवासियों के ऊपर दर्ज प्रकरणों की वापसी, 50 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या वाली आदिवासी बहुल क्षेत्रों को छठवीं अनुसूची में सम्मिलित करने, OBC को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिलवाने तथा सरकार में आने पर जाति आधारित गणना कराने की गारंटी भी दी गई है।

क्या है हिजबुल्लाह? जिसने हमास के खिलाफ इजराइल की बढ़ा रखी है टेंशन

#who_is_this_hezbollah_in_the_war_between_israel_and_hamas 

इजरायल और हमास के बीच युद्ध बढ़ता ही जा रहा है। आने वाले दिनों में जंग के और तेज होने की आशंका है।दरअसल, हमास के बाद हिजबुल्लाह ने भी इजरायल पर हमला कर दिया है।बता दें कि हमास फिलिस्तीन तो हिजबुल्लाह लेबनान का आतंकी संगठन है।

हमास, इजराइल पर हुए हालिया हमले के लिए जिम्मेदार उग्रवादी संगठन है। यह गाजा पट्टी को नियंत्रित करता है और इज़राइल के स्थान पर फ़िलिस्तीनी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमास एक सुन्नी फिलिस्तीनी संगठन है, जबकि ईरान समर्थित हिजबुल्लाह एक शिया लेबनानी पार्टी है।हाल के वर्षों में, हमास और हिजबुल्लाह के बीच सीरियाई गृहयुद्ध को लेकर मतभेद रहा है, हिजबुल्लाह सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का समर्थन कर रहा है और हमास उन्हें सत्ता से बेदखल करने का समर्थन कर रहा है। भले ही सीरिया को लेकर दोनों संगठनों के विचार अलग-अलग हैं लेकिन इजरायल को दोनों ही अपना दुश्मन नंबर एक मानते हैं। इज़राइल के अस्तित्व के प्रति उनके साझा विरोध ने ही उन्हें सामरिक सहयोगी बना दिया है।

2020 और 2023 के बीच, दोनों समूहों के नेताओं ने इज़राइल के साथ संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन जैसे अरब देशों के बीच हुए समझौतों का विरोध किया था।दोनों ही संगठनों के नेताओं ने इन समझोतों के बाद उठे बवंडर पर चर्चा करने के लिए कम से कम दो बैठकें कीं थी। हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने हाल ही में अप्रैल में लेबनान में हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह से मुलाकात की थी। 2020 में अपनी यात्रा के दौरान, जब हनियेह ने देश के सबसे बड़े फ़िलिस्तीनी शरणार्थी शिविर, ऐन अल-हेलवे का दौरा किया, तो उन्हें एक नायक के स्वागत से सम्मानित किया गय था। 

हिज़बुल्ला का उदय कब हुआ, इसकी सटीक तारीख बताना मुश्किल है। लेकिन वर्ष 1982 में फ़लस्तीनी चरमपंथियों के हमले के जवाब में दक्षिणी लेबनान में इजराइल की घुसपैठ के बाद हिज़बुल्ला के पहले रहे संगठन का उदय हुआ था। उस समय चरमपंथी हमले का समर्थन कर रहे शिया नेताओं ने अमाल आंदोलन से खुद को अलग कर लिया था। इन नेताओं ने एक नया संगठन 'इस्लामिक अमाल' का गठन किया। इस संगठन को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से अच्छी-खासी सैन्य और संगठनात्मक मदद मिली। ये संगठन सबसे प्रभावी और बड़े शिया मिलिशिया के तौर पर उभरा और आगे चलकर यही हिज़बुल्लाह बना। इस संगठन ने इजराइल सेना और उसके सहयोगी साउथ लेबनान आर्मी के साथ ही लेबनान में मौजूद विदेशी बलों पर हमले शुरू किए। 

ऐसा माना जाता है कि वर्ष 1983 में अमेरिकी दूतावास और यूएस मरीन बैरक्स पर बमबारी की। इन हमलों में कुल 258 अमेरिकियों और 58 फ़्रेंच नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद लेबनान से पश्चिमी देशों की शांति सेना पीछे हट गई। वर्ष 1985 में हिज़बुल्लाह ने औपचारिक तौर एक 'खुली चिट्ठी' प्रकाशित करते हुए स्थापना का ऐलान किया। इस पत्र में अमेरिका और सोवियत संघ को इस्लाम के सिद्धांतों का दुश्मन बताया गया और इसराइल को 'ख़त्म' करने का आह्वान किया। हिज़बुल्लाह का कहना था कि इजराइल मुसलमानों की ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर रहा है। हिज़बुल्लाह ने ये भी आह्वान किया कि "लोगों के मुक्त और सीधे चयन के आधार पर इस्लामी व्यवस्था को अपनाया जाए, न कि इसे ज़बरदस्ती थोपा जाए।"

4 साल बाद पाकिस्तान लौट रहे नवाज शरीफ, क्या वापसी का देश की राजनीति पर होगा असर?

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ वतन वापसी कर रहे हैं।वह अगले शनिवार को पाकिस्तान वापस आ सकते हैं। इस बीच पाकिस्तान की एक अदालत ने गुरुवार को नवाज शरीफ की घर वापसी से पहले एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में सुरक्षात्मक जमानत दे दी है।दरअसल, नवाज शरीफ की शनिवार को स्वदेश वापसी से पहले उनके वकीलों ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में संरक्षण जमानत याचिका दायर कर अधिकारियों को उनके यहां पहुंचने पर गिरफ्तार करने से रोकने का अनुरोध किया था। 

बता दें कि, शरीफ (73) को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया गया था और तोशाखाना वाहन मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था।कई मामलों में दोषी और आरोपी नवाज शरीफ इलाज कराने के लिए ब्रिटेन गए थे लेकिन फिर 4 साल तक वापस ही नहीं लौटे।नवाज शरीफ जब 2019 में इलाज के लिए ब्रिटेन गए थे तो इन मामलों में उन्हें जमानत मिली हुई थी।

अदालत द्वारा उन्हें भ्रष्टाचार का दोषी ठहराए जाने के बाद साल 2017 में उन्होंने प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया था। दो साल बाद भ्रष्टाचार के और आरोपों का सामना करते हुए, उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की और उनके उत्तराधिकारी इमरान खान ने उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए लंदन जाने की अनुमति दे दी। साल 2019 में एक बार लंदन में शरीफ ने यह कहते हुए अपना प्रवास बढ़ा लिया कि उनके डॉक्टर उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।

नवाज़ शरीफ़ एक बार फिर आम चुनावों से पहले देश में वापसी कर रहे हैं। इससे पहले वो जुलाई 2018 में अपनी बेटी मरियम नवाज़ शरीफ़ के साथ चुनावों से एक महीना पहले देश लौटे थे। तब वो गिरफ़्तार होने के लिए वापस आए थे और पाकिस्तान में उतरते ही उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था। इस बार भी वो ऐसी ही स्थिति में होंगे और उन्हें अदालत के सामने आत्मसमर्पण करना होगा।हालांकि नवाज़ शरीफ़ के सामने परिस्थितियां ऐसी ही लग रही हैं जैसी की साल 2018 में थीं। हालांकि वास्तविकता में बहुत कुछ बदल चुका है।