नवरात्रि पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन



रायपुर-  रायपुर जिला प्रशासन ने नवरात्रि को लेकर गाइडलाइन जारी की है। जिसके मुताबिक गरबा और डांडिया नाइट जैसे आयोजन में सिर्फ परिवार के साथ जाने वाले लोगों और कपल को ही एंट्री दी जाएगी। गरबा कार्यक्रम और पंडाल में केवल धार्मिक गाने बजाने की अपील की गई। आयोजन के दौरान गाड़ियों में डीजे और धुमाल बजाने की अनुमति नहीं है।

गुरुवार को जिला प्रशासन ने दुर्गा उत्सव समिति, गरबा आयोजकों की बैठक ली। बैठक में आचार संहिता के नियमों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम आयोजित करने को कहा। यह बैठक ADM एन आर साहू, एडिशनल एसपी सिटी लखन पटेल ने ली। जिसमें बड़ी संख्या में आयोजक और समिति के सदस्य मौजूद रहे।

गाइड लाइन

1. जिला प्रशासन की ओर से समितियो को कहा गया है कि आचार संहिता को देखते हुए पंडाल में किसी भी प्रकार का चुनावी प्रचार प्रसार नहीं किया जाएगा।

2. गाड़ियों में डीजे और धुमाल बजाने पर प्रतिबंध रहेगा।

3. पंडाल का निर्माण सड़क को घेरकर नहीं किया जाए।

4. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग करने पर प्रतिबंध। इस्तेमाल किए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

5. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की अनुमति दशहरा और इसके अगले दिन तक होगी।

6. रास गरबा, डांडिया आयोजन में वॉलिंटियर की व्यवस्था करनी होगी, ताकि किसी भी प्रकार के विवाद जैसी स्थिति ना हो।

7. दुर्गा प्रतिमा के आगमन, स्थापना और विसर्जन के दौरान केवल ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी।

8. नवरात्रि के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले असामाजिक तत्वों पर प्रशासन की ओर से कारवाई की जाएगी ।

9. प्रशासन ने असामाजिक तत्वों से बचने के लिए पंडाल में CCTV कैमरा लगाने को कहा है।

10. अस्त्र शस्त्र का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की जानकारी संबंधित थाने में देने के लिए जिला प्रशासन ने अपील की है।

दिल्‍ली रवाना हुए छत्‍तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, बोले- 15 अक्टूबर को आएगी कांग्रेस प्रत्‍याशियों की पहली सूची

रायपुर-  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में रवाना होने से पहले कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा में बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची 15 अक्टूबर को आएगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा में एक और खुलासा किया। उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारी के घर चोरी हुई है। रकम भी अच्छी खासी है, लेकिन चोरी की रिपोर्ट नहीं लिखा पा रहे हैं। कितने की चोरी हुई है, यह भी अधिकारी नहीं बता पा रहे हैं।

सीएम बघेल ने भाजपा के शीर्ष नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा, बीजेपी कहती है कि वह कैडर आधारित पार्टी है। वे कैडर का सिर्फ दुरुपयोग करते हैं। अगर उन्होंने अपने कैडर की बात सुनी होती तो 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद उन्हें 15 सीटें नहीं मिलतीं।

65 वर्षीय बुजुर्ग ने फैमिली कोर्ट में लगाई गुजारा-भत्ते की गुहार, पत्नी से 50 हजार मांगे, जानिए पूरा मामला

रायपुर- आमतौर पर दंपती के बीच होने वाले वैवाहिक विवाद के ज्यादातर मामलों में पत्नी भरण-पोषण की मांग करती है लेकिन रायपुर के एक 65 साल के बुजुर्ग ने अपनी पत्नी के खिलाफ भरण पोषण की याचिका कोर्ट में लगाकर पत्नी से गुजारा भत्ता और भरण-पोषण देने के लिए 50 हजार रूपये दिलाने की गुहार लगाई है।

दरअसल रायपुर के फैमिली कोर्ट रायपुर निवासी फतेहचंद(65) ने भरण-पोषण की अपनी याचिका अधिवक्ता अनुराग गुप्ता और आयुष सरकार के माध्यम से दायर की है। आवेदन में बताया है कि उनकी पत्नी सालों से अलग रह रही है। बढ़ती उम्र के कारण उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती। वह अपने खाने, रहने और दवाइयों का भी खर्च उठाने में असमर्थ हैं और उधार लेकर खर्च चलाते हैं, जबकि पत्नी हर महीने तीन लाख रुपए महीना कमाती है। इसके बाद भी वह पत्नी धर्म नहीं निभा रही।उसका पत्नी के अलावा कोई नहीं है।वह पूरी तरह से अपनी पत्नी पर ही निर्भर है। ऐसे में 50 हजार रुपए मासिक भरण पोषण दिलाया जाए।

कोर्ट ने स्वीकार किया आवेदन

याचिकाकर्ता के वकील अनुराग गुप्ता ने बताया कि फैमिली कोर्ट में भरण पोषण के लिए याचिका दायर की गई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस केस की सुनवाई 28 नवंबर को होगी। कोर्ट ने फतेहचंद की पत्नी को नोटिस जारी कर सुनवाई में हाजिर होने को कहा है।

मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा ने दिया त्यागपत्र

रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ओएसडी आशीष वर्मा ने ओएसडी पद से मंगलवार को त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अपना त्याग पत्र सचिव छग शासन सामान्य प्रशासन विभाग को लिखित भेजा है। मुख्यमंत्री की अनुशंसा से ग्राम देमार (पाटन) निवासी आशीष वर्मा को ओएसडी के रूप में 20 दिसंबर 2018 को नियुक्त किया गया था।

बता दें कि ईडी ने मुख्यमंत्री बघेल के ओएसडी आशीष वर्मा के घर पर भी छापेमारी की थी. जिस दिन भूपेश बघेल अपना जन्मदिन मना रहे हैं.

सूचना देने में लापरवाही पर 85 लाख रुपये का जुर्माना लगा जनसूचना अधिकारियों पर राज्य सूचना आयुक्त की कार्यवाही

रायपुर-   छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने आवेदकों को समय पर सूचना देने में लापरवाही बरतने और सूचना का अधिकार अधिनियम का समुचित क्रियान्वयन नहीं किए जाने पर पिछले ढाई साल में 3 हजार 836 प्रकरणों में कुल 85 लाख 37 हजार रुपये से अधिक का अर्थदण्ड सम्बंधित जनसूचना अधिकारियों पर लगाया है। राज्य सूचना आयुक्त के कोर्ट ने मार्च 2021 से लेकर इस साल के सितम्बर माह के दौरान पारित आदेश में यह जुर्माना लगाया है।

 इन जनसूचना अधिकारियों में संयुक्त कलेक्टर, तहसीलदार, सीईओ जनपद पंचायत, खंड शिक्षा अधिकारी, खनिज अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, मेडिकल कॉलेज के जनसूचना अधिकारी एवं ग्राम पंचायतों के सचिव सहित अन्य शामिल है। इसी तरह प्रथम अपीलीय अधिकारियों के विरुद्ध आयोग के द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा भी की जा रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में ऑनलाइन सुनवाई की व्यवस्था

नया रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपील और शिकायतों की सुनवाई के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की है। अपीलार्थी ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। सभी जिलों के कलेक्टर कार्यालय स्थित एनआईसी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम से सुनवाई की जाती है। इससे आवेदकों को रायपुर तक आने की जरूरत नहीं होती है। राज्य सूचना आयोग ने जून 2023 में मोबाइल से भी सुनवाई की शुरुआत की है। इसके माध्यम से अपीलार्थी, जनसूचना अधिकारी अपने मोबाइल से जुड़कर द्वितीय अपील की सुनवाई में शामिल हो रहे हैं।

सरकारी और निजी भवनों से हटाए गए 1.47 लाख रुपये के बैनर-पोस्टर

रायपुर- आदर्श आचार संहिता प्रभावी होते ही निर्वाचन कार्यालय ने प्रदेशभर में कार्रवाई शुरू कर दी है। दो दिन के भीतर बड़ी संख्या में संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत सार्वजनिक और निजी संपत्तियों से वाल राइटिंग और बैनर-पोस्टर हटाया जा चुका है।

अलग-अलग जिलों में जिला प्रशासन ने विभिन्न स्थानों से 10 अक्टूबर तक की स्थिति में कुल एक लाख 47 हजार 447 प्रचार सामग्रियों जब्त किया गया। सार्वजनिक संपत्तियों से संबंधित एक लाख 14 हजार 320 और निजी संपत्तियों से संबंधित 33 हजार 127 प्रकरणों पर कार्रवाई की गई है।

राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि सभी कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को आचार संहिता के नियमों का पालन करवाने को कहा गया है। संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कुल एक लाख 91 हजार 700 प्रकरण चिन्हांकित किए गए हैं। इनमें सार्वजनिक संपत्ति से संबंधित एक लाख 39 हजार 740 और निजी संपत्ति से संबंधित 51 हजार 960 प्रकरण शामिल हैं।

बालोद, रायपुर व दुर्ग में सबसे ज्यादा कार्रवाई:

कार्रवाई के अंतर्गत बालोद, रायपुर व दुर्ग में सबसे ज्यादा कार्रवाई की गई। बालोद में 13,578, रायपुर में 12,038 और दुर्ग में 11,039 प्रकरण दर्ज किए गए। सबसे कम मनेंद्रगढ़-चिरमिरी भरतपुर में 373, कोरिया में 615 और नारायणपुर में 634 मामले दर्ज किए गए। अन्य जिलों में प्रकरण: सुकमा 1,478, गरियाबंद 5,200 बेमेतरा 2,913, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई 1,223, बालोद 13,578, जशपुर 2,461,मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर 373, सरगुजा में 9,881, बलौदाबाजार-भाटापारा 7,977, रायगढ़ 6,052, सूरजपुर 2,172, कांकेर 2016, बिलासपुर 4,305, दंतेवाड़ा 491, महासमुंद 6,336, जांजगीर-चांपा 4,634, बस्तर 488, कोरबा 9,106, कोंडागांव 9,262, कबीरधाम 1,468, बीजापुर 642, सारंगढ़-बिलाईगढ़ 1,401, राजनांदगांव 1350, बलरामपुर-रामानुजगंज 7,432, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 2,384 कोरिया 615, नारायणपुर 634, मुंगेली 7,789, सक्ती 5,245, धमतरी 5,464 और रायपुर 12,038 संपत्तियों से वाल राइटिंग, पोस्टर और बैनर हटाने की कार्रवाई की गई।

आदर्श आचार संहिता के ये हैं नियम

सार्वजनिक व निजी संपत्तियों से राजनीतिक पार्टियों के झंडे-बैनर-पोस्टर हटाएं जाएंगे। l सार्वजनिक सुविधाओं का लाभ राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं होगा। l सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा। l सरकारी लोकार्पण, शिलान्यास आदि कार्यक्रम नहीं होगा। l राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनिवार्य होगीl किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट या भड़काऊ भाषण प्रतिबंधित रहेगी। विजिल एप पर इसकी शिकायत की जा सकती है।

छत्तीसगढ़ियावाद से लेकर मतांतरण तक, इन 11 मुद्दों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी चुनावी जंग

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य रूप से 11 मुद्दों पर ही असली जंग होगी। इनमें छत्तीसगढ़ियावाद, धान-किसान, हिंदुत्व- मतांतरण, बेरोजगारी, भर्ती में गड़बड़ियां, भ्रष्टाचार, शराबबंदी, जातिगत आरक्षण, सांप्रदायिक हिंसा व कानून व्यवस्था, नियमितीकरण और केंद्रीय योजनाओं में देरी शामिल हैं। वहीं जनता की बात करें तो उसके सामने बेरोजगारी और महंगाई ही दो प्रमुख मुद्दे हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल अपने शासनकाल की उपलब्धियों को लेकर भी जनता के बीच पहुंच रहे हैं।

कांग्रेस-भाजपा का विकास एजेंडा

कांग्रेस की भूपेश सरकार किसानों की कर्ज माफी, गोधन न्याय योजना से गोबर-गोमूत्र की खरीदी, वनोपज खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, पुरानी पेंशन योजना, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल, बेरोजगारी भत्ता, बिजली बिल हाफ, राजीव युवा मितान क्लब, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक, हमर लैब, सुराजी गांव योजना, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी, मिलेट मिशन जैसी योजनाओं के साथ चुनाव मैदान में है तो भाजपा मोदी सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाकर समर्थन मांग रही है। इनमें प्रमुख रूप से महिलाओं को 33 आरक्षण देने, किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सीधे भेजने, उज्ज्वला गैस योजना के माध्यम से महिलाओं की जिंदगी धुआंमुक्त बनाने, आयुष्मान भारत योजना से निश्शुल्क इलाज समेत अन्य मोदी गारंटी माडल की सफलताओं का उल्लेख कर भाजपा इसे ताकत बना रही है।

इस चुनाव में उभरे ये प्रमुख मुद्दे

1: छत्तीसगढ़ियावाद: कांग्रेस छत्तीसढ़ियावाद से जीत का रास्ता खोज रही है। उसने जगह-जगह छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापित की, राज्यगीत अरपा पैरी की धार... को मान्यता दी, तीजा, पोरा, गोवर्धन पूजा को तरजीह दी। मुख्यमंत्री स्वयं गेंड़ी चढ़ने से नहीं चूकते। अब भाजपा भी इस प्रतिस्पर्धा में कदमताल कर रही है।

2: धान-किसान: भूपेश सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ की धान उगाने वाले 23 लाख किसानों को 21,912 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी है। अब धान का मूल्य 3600 रुपये देने का दावा किया जा रहा है। भाजपा भी इस मुद्दे को छीनती नजर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं कि धान खरीदी केंद्र करती है, किसानों का दाना-दाना खरीदेंगे।

3- हिंदुत्व-मतांतरण: प्रदेश में हिंदुत्व व आदिवासी क्षेत्रों में मतांतरण बड़ा मुद्दा है। भाजपा हिंदुत्व, मतांतरण, लव जेहाद जैसे मुद़्दों को लेकर सरकार पर हमलावर है। भूपेश सरकार ने भी राम वनगमन पथ निर्माण , रामायण महोत्सव, कौशल्या माता मंदिर निर्माण कर यहां कांग्रेस की साफ्ट हिंदुत्व की छवि को पीछे धकेल दिया है।

4: बेरोजगारी: भूपेश सरकार ने 10 लाख बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। चुनावी वर्ष में बेरोजगारी भत्ता देना शुरू किया तो भाजपा ने इसे मुद्दा बना लिया।

5: भर्ती में गड़बड़ी: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की भर्ती में कथित घोटाले को लेकर भी कांग्रेस-भाजपा के बीच टकराहट जारी है।

6: भ्रष्टाचार: भाजपा भूपेश सरकार पर कोयला खनन, शराब कारोबार, डीएमएफ, गोबर खरीदी व गोठान योजना में भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर है। जबकि कांग्रेस पूर्ववर्ती डा. रमन सिंह सरकार में घोटाला का आरोप लगाकर चुनावी मैदान में है।

7: शराबबंदी: शराबबंदी को लेकर दोनों पार्टियों के बीच टकराहट जारी है।

8: जातिगत आरक्षण: भूपेश सरकार जातिगत आरक्षण और 76 प्रतिशत आरक्षण के प्रविधान वाले विधेयक के राजभवन में अटकने पर इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रही है।

9: सांप्रदायिक हिंसा-कानून व्यवस्था: अक्टूबर 2021 में कबीरधाम और अप्रैल 2022 में बेमेतरा में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को भाजपा ने सरकार पर एक विशेष समुदाय के प्रति पक्षपात करने का आरोप लगाया। कांग्रेस भी भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगा रही है।

10: नियमितीकरण: प्रदेश में करीब दो लाख अनियमित व संविदाकर्मियों का नियमितीकरण बड़ा चुनावी मुद्दा है।

11: केंद्रीय योजनाओं में देरी: भाजपा ने भूपेश सरकार पर केंद्र की प्रधानमंत्री आवास योजना में विफल रहने, जल जीवन मिशन योजना में देरी का आरोप लगाया। कांग्रेस भी प्रदेश की उपेक्षा का आरोप लगा रही है।

हरिशंकर यूनिवर्सिटी के पास चाकू लेकर घूमते युवक गिरफ्तार

रायपुर-  घटना समय स्थान को जारी सूचना मिल की हरिशंकर विश्वविद्यालय के आगे कचना रोड आम जगह पर आरोपी बटन दार चाकू रखकर घूम रहा है। जिससे लोगों में भाई का माहौल बना हुआ है की सूचना तस्वीर हेतु हमारा पेट्रोलियम स्टाफ एवं गवाहन के घटनास्थल पहुंचकर तलाश पर संदेह ही मिला जिस नाम पता पूछने पर अपना नाम हरित कुरेशी पिता मोहम्मद वसीम उम्र 19 साल पता बीएसपी कॉलोनी कचना रायपुर का रहने रहना बताया तलाशी लिए जाने पर कर कमर में एक धारदार बटन दार चाकू छुपा कर रखना पाया गया आरोपी का कृत्य अपराध धारा 25 साल से एक का घटित होना पकरुक्त बटन दार चाकू को मुताबिक जाती पत्र के जप्त कर कब्जा पुलिस लिया गया जाकर अपराध पंजीकरण विवेचना में लिया गया।

विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस के घोषणा पत्र के इंतजार में हैं पेंशनर

रायपुर-  छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही सियासी दल सक्रिय हो गए हैं। उम्‍मीदवारों के चयन और घोषणा को लेकर राजनीतिक दलों का मंथन जारी है। इसी बीच छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन को राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र का इंतजार कर रहे हैं।

दरअसल, विगत 23 सालों से केंद्र के समान पेंशनरों को महंगाई भत्ते राहत की राशि की किस्तों के भुगतान में दोनों राज्यों के बीच 74.26 के अनुपात में बजट वहन करने की आपसी सहमति की बाध्यता बनी हुई है। राज्य विभाजन के समय बनाए गए मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 (6) को विलोपित करने की मांग प्रदेश सभी पेंशनर संगठन कर रहे हैं।

पिछले पांच वर्षों से लगातार पेंशनर आंदोलन, पत्राचार, चर्चा आदि के माध्यम से मांग करते आ रहे हैं। परंतु छत्तीसगढ़ सरकार बजट विभाजन से लगातार हो रही आर्थिक हानि के बावजूद धारा 49 को हटाने के मामले में गंभीर नहीं है।

इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन ने घोषणा पत्र में इस मामले को शामिल करने घोषणा पत्र कमेटी कांग्रेस के अध्यक्ष मो. अकबर और भारतीय जनता पार्टी में घोषणा-पत्र कमेटी के प्रमुख विजय बघेल के साथ दोनों पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य प्रमुख नेताओं को ज्ञापन दिया गया था।

घोषणा पत्र से उम्मीदें

ये हैं प्रमुख मांगें

राज्य पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र नामदेव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के दोनों प्रमुख राजनैतिक दलों से मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) को विलोपित करने, केंद्र द्वारा देय दर और तिथि से महंगाई राहत की किस्त देने, 65 वर्ष की आयु के बाद 10 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन की वृद्धि करने, बस किराया में 50 प्रतिशत की छूट देने, भारत भ्रमण के लिए आर्थिक सहायता देने, रिटायर कर्मचारी के हितों के संरक्षण करने पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन करने, 20 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन की पात्रता देने, 2,000 रुपये मासिक मेडिकल भत्ता और केशलेस इलाज की सुविधा देने, पेंशनर की मृत्यु पर स्वजन को 50 हजार रुपये की अग्रेसिया राशि देने, 31 दिसंबर 1988 के पूर्व नियुक्त सेवानिवृत कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी के समान अवकाश नगदीकरण, सेवा को अहर्तदायी सेवामान्य कर समस्त लाभ देने के साथ जबरिया सेवानिवृत किए गए कर्मचारियों को पुन:सेवा में बहाल करने की मांग को घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग की गई है।

चुनाव आयोग ने दो कलेक्टर व तीन एसपी को हटाया, प्रभार से मुक्त होने का दिया आदेश, तीन नामों का पैनल मंगाया

रायपुर-  आचार संहिता लगने के तीन दिन के भीतर केंद्रीय चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई की है। चुनाव प्रक्रिया में सहयोग नहीं करने और पारदर्शिता को प्रभावित करने की शिकायतों पर प्रथम दृष्टया रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने कुल आठ अधिकारियों को हटा दिया है। इनमें दो कलेक्टर, तीन एसपी, दो एडिशनल एसपी और एक अन्य अधिकारी है।

जिन अधिकारियों को हटाया गया है उनमें बिलासपुर कलेक्टर संजय झा (बैच 2011), रायगढ़ कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ( बैच 2012), राजनांदगांव एसपी अभिषेक मीणा (बैच 2010), दुर्ग एसपी शलभ कुमार सिन्हा(2014) और कोरबा एसपी उदय किरण (बैच 2015) शामिल है। इसी तरह एडिशनल एसपी में बिलासपुर के एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी व दुर्ग एडिशनल एसपी संजय ध्रुव के नाम शामिल हैं।

नान के विशेष सचिव व मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी का नाम भी कार्रवाई की सूची में शामिल हैं। हटाए गए अधिकारियों के स्थान पर तत्काल इनके कनिष्ठ अधिकारियों को प्रभार सौंपने को कहा गया है। साथ ही केंद्रीय चुनाव आयोग ने इन पदों के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से तीन-तीन नामों का पैनल मंगाया है।

शिकायतों के आधार पर चुनाव आयोग ने की कार्रवाई

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग से कार्रवाई के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसियों की गोपनीय रिपोर्ट और शिकायतों के आधार पर चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई की है।