छत्तीसगढ़ियावाद से लेकर मतांतरण तक, इन 11 मुद्दों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी चुनावी जंग
रायपुर- छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य रूप से 11 मुद्दों पर ही असली जंग होगी। इनमें छत्तीसगढ़ियावाद, धान-किसान, हिंदुत्व- मतांतरण, बेरोजगारी, भर्ती में गड़बड़ियां, भ्रष्टाचार, शराबबंदी, जातिगत आरक्षण, सांप्रदायिक हिंसा व कानून व्यवस्था, नियमितीकरण और केंद्रीय योजनाओं में देरी शामिल हैं। वहीं जनता की बात करें तो उसके सामने बेरोजगारी और महंगाई ही दो प्रमुख मुद्दे हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल अपने शासनकाल की उपलब्धियों को लेकर भी जनता के बीच पहुंच रहे हैं।
कांग्रेस-भाजपा का विकास एजेंडा
कांग्रेस की भूपेश सरकार किसानों की कर्ज माफी, गोधन न्याय योजना से गोबर-गोमूत्र की खरीदी, वनोपज खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, पुरानी पेंशन योजना, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल, बेरोजगारी भत्ता, बिजली बिल हाफ, राजीव युवा मितान क्लब, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक, हमर लैब, सुराजी गांव योजना, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी, मिलेट मिशन जैसी योजनाओं के साथ चुनाव मैदान में है तो भाजपा मोदी सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाकर समर्थन मांग रही है। इनमें प्रमुख रूप से महिलाओं को 33 आरक्षण देने, किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सीधे भेजने, उज्ज्वला गैस योजना के माध्यम से महिलाओं की जिंदगी धुआंमुक्त बनाने, आयुष्मान भारत योजना से निश्शुल्क इलाज समेत अन्य मोदी गारंटी माडल की सफलताओं का उल्लेख कर भाजपा इसे ताकत बना रही है।
इस चुनाव में उभरे ये प्रमुख मुद्दे
1: छत्तीसगढ़ियावाद: कांग्रेस छत्तीसढ़ियावाद से जीत का रास्ता खोज रही है। उसने जगह-जगह छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापित की, राज्यगीत अरपा पैरी की धार... को मान्यता दी, तीजा, पोरा, गोवर्धन पूजा को तरजीह दी। मुख्यमंत्री स्वयं गेंड़ी चढ़ने से नहीं चूकते। अब भाजपा भी इस प्रतिस्पर्धा में कदमताल कर रही है।
2: धान-किसान: भूपेश सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ की धान उगाने वाले 23 लाख किसानों को 21,912 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी है। अब धान का मूल्य 3600 रुपये देने का दावा किया जा रहा है। भाजपा भी इस मुद्दे को छीनती नजर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं कि धान खरीदी केंद्र करती है, किसानों का दाना-दाना खरीदेंगे।
3- हिंदुत्व-मतांतरण: प्रदेश में हिंदुत्व व आदिवासी क्षेत्रों में मतांतरण बड़ा मुद्दा है। भाजपा हिंदुत्व, मतांतरण, लव जेहाद जैसे मुद़्दों को लेकर सरकार पर हमलावर है। भूपेश सरकार ने भी राम वनगमन पथ निर्माण , रामायण महोत्सव, कौशल्या माता मंदिर निर्माण कर यहां कांग्रेस की साफ्ट हिंदुत्व की छवि को पीछे धकेल दिया है।
4: बेरोजगारी: भूपेश सरकार ने 10 लाख बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। चुनावी वर्ष में बेरोजगारी भत्ता देना शुरू किया तो भाजपा ने इसे मुद्दा बना लिया।
5: भर्ती में गड़बड़ी: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की भर्ती में कथित घोटाले को लेकर भी कांग्रेस-भाजपा के बीच टकराहट जारी है।
6: भ्रष्टाचार: भाजपा भूपेश सरकार पर कोयला खनन, शराब कारोबार, डीएमएफ, गोबर खरीदी व गोठान योजना में भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर है। जबकि कांग्रेस पूर्ववर्ती डा. रमन सिंह सरकार में घोटाला का आरोप लगाकर चुनावी मैदान में है।
7: शराबबंदी: शराबबंदी को लेकर दोनों पार्टियों के बीच टकराहट जारी है।
8: जातिगत आरक्षण: भूपेश सरकार जातिगत आरक्षण और 76 प्रतिशत आरक्षण के प्रविधान वाले विधेयक के राजभवन में अटकने पर इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रही है।
9: सांप्रदायिक हिंसा-कानून व्यवस्था: अक्टूबर 2021 में कबीरधाम और अप्रैल 2022 में बेमेतरा में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को भाजपा ने सरकार पर एक विशेष समुदाय के प्रति पक्षपात करने का आरोप लगाया। कांग्रेस भी भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगा रही है।
10: नियमितीकरण: प्रदेश में करीब दो लाख अनियमित व संविदाकर्मियों का नियमितीकरण बड़ा चुनावी मुद्दा है।
11: केंद्रीय योजनाओं में देरी: भाजपा ने भूपेश सरकार पर केंद्र की प्रधानमंत्री आवास योजना में विफल रहने, जल जीवन मिशन योजना में देरी का आरोप लगाया। कांग्रेस भी प्रदेश की उपेक्षा का आरोप लगा रही है।
Oct 12 2023, 19:02