*हरित क्रांति के जनक का निधन पर एक श्रद्धांजलि सभा का किया गया आयोजन*
गोला गोकरन नाथ खीरी / लखीमपुर खीरी। भारत में हरित क्रांति के जनक प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एवं अनुवांशिकीविद डॉ एम एस स्वामीनाथन की याद में कृषक समाज इंटर कॉलेज गोला में प्रधानाचार्य डॉ एल आर वर्मा की अध्यक्षता में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि प्रवक्ता अरविंद कुमार यादव ने कहा डॉ स्वामीनाथन ने अपने पूरे जीवन में एक ऐसी दुनिया की कल्पना के लिए लगातार काम किया।
जिसमें कोई भूखा या गरीब ना रहे उन्होंने सतत विकास की अवधारणा विशेष रूप से कृषि की पर्यावरण अनुकूल तकनीक खाद्य उपलब्धता और जैव विविधता संरक्षण के साथ महान कार्य किया। भारत में गेहूं तथा धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों के विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें हरित क्रांति की जनक के रूप में जाना जाता है ।
जीव विज्ञान प्रवक्ता डॉ अनिल कुमार ने बताया डॉ स्वामीनाथन 1972 से 1979 के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक रहे वहां रहते हुए उन्होंने भारत के राष्ट्रीय पादप पशु और मछली आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो का गठन किया उन्होंने भारतीय वन सर्वेक्षण के परिवर्तन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।1979 में उन्हें भारत सरकार के कृषि मंत्रालय का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया । उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए उन्हें जैविक विज्ञान के लिए 1961 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार तथा 1971 में सामुदायिक नेतृत्व के लिए रमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला 1989 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया तथा 1999 में यूनेस्को द्वारा उन्हें महात्मा गांधी स्वर्ण पदक भी प्रदान किया गया।
2004 में आपकी अध्यक्षता में भारत में किसानों की आत्महत्या के गंभीर मुद्दे के समाधान के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष नारायण लाल वर्मा उप मंत्री विनोद चंद्र मिश्रा उपप्रधानाचार्य लेफ्टिनेंट ए पी सरोज लखपत भारती ओम प्रकाश रामनरेश अशोक वर्मा एसके वर्मा देवेंद्र सिंह आदि शिक्षक उपस्थित रहे।
Sep 29 2023, 16:52