एशियन गेम्स 2023: शूटिंग में भारत को गोल्ड, अर्जुन, सरबजोत और शिव की तिकड़ी ने किया कमाल

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एशियन गेम्स 2023 में भारतीय शूटर्स लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।एशियन गेम्स के पांचवें दिन पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल टीम ने गोल्ड मेडल जीता।पुरुषों की शूटिंग टीम ने चीनी खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया। अर्जुन चीमा, सरबजोत सिंह और शिव नरवाल ने भारत को यह गोल्ड दिलाया है। भारत की तिकड़ी ने 1734 पॉइंट स्कोर किए। 1733 पॉइंट के साथ चीन को सिल्वर मेडल मिला।

10 मीटर एयर पिस्टल टीम में सरबजोत सिंह, शिवा नरवाल और अर्जुन सिंह चीमा ने फाइनल राउंड में कमाल का खेल दिखाया और सोने तमगे पर निशाना साध दिया। भारतीय शूटिंग टीम ने 1734-50X का स्कोर किया। दूसरे नंबर पर चीन की टीम रही और उसने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। चीन ने 1733-62x का स्कोर किया। ब्रॉन्ज मेडल वियतनाम के खाते में गया। वियतनाम की टीम ने 1730-59x का स्कोर किया। भारतीय प्लेयर्स ने शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखी और चीनी खिलाड़ियों को आगे निकलने का मौका नहीं दिया

भारत को पांचवें दिन पहला पदक वूशु में मिला है। रोशिबिना देवी ने महिलाओं की 60 किग्रा वूशु सांडा में रजत पदक जीता है। वुशु में नाओरेम रोशिबीना देवी ने महिलाओं के 60 किग्रा के फाइनल में स्थानीय दावेदार वू शियाओवेई के खिलाफ 0-2 से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन वह रजत पदक जीतने में कामयाब रही। उन्होंने चीन की खिलाड़ी को अच्छी शुरुआत करने का मौका दिया। जजों ने दो दौर के बाद शियाओवेई को विजेता घोषित किया। चीन की खिलाड़ी पहले दौर से ही आक्रामक दिखी और उन्होंने रोशिबिना को गिराकर अंक बनाए। रोशिबीना ने 2018 में जकार्ता खेलों में कांस्य पदक जीता था। 

चीन में जारी एशियन गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने अभी तक अच्छा खेल दिखाया है। प्रतियोगिता के पहले दिन भारत को पांच, दूसरे दिन छह, तीसरे दिन तीन और चौथे दिन आठ पदक मिले।पांचवें दिन भी भारत को ज्यादा से ज्यादा पदक की उम्मीदें रहेंगी, जिसकी शानदार शुरूआत हो चुकी है।

भारत के पास कितने पदक

स्वर्णः 6

रजतः 8

कांस्यः 10

कुलः 24

*बढ़ सकती हैं अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें? सीबीआई करेगी दिल्ली सीएम हाउस रेनोवेशन मामले की जांच, केस दर्ज*

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, सीबीआई मुख्यमंत्री के आवास के रेनोवेशन मामले की जांच करेगी।सीबीआई ने प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली है। इससे पहले उपराज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री आवास सौंदर्यीकरण में हुए खर्च को संज्ञान में लिया था। इस मामले में केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली सरकार से फाइल मांगी है।

दिल्ली सीएम आवास में कथित घोटाले की सीबीआई जांच के गृह मंत्रालय ने आदेश दिए हैं। मई महीने में दिल्ली के एलजी ने सीबीआई डायरेक्ट को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। इसके आधार पर गृह मंत्रालय ने सीबीआई जांच की अनुमति दे दी है। दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा की गई जांच के बाद सामने में आईं कथित अनियमितताओं के सभी पहलुओं की जांच अब सीबीआई करेगी। इस मामले में गृह मंत्रालय द्वारा पहले ही सीएजी द्वारा एक विशेष ऑडिट का आदेश दिया जा चुका है।

अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली बीजेपी ने घर के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया था। वहीं कुछ महीने पहले ही एक स्टिंग ऑपरेशन में केजरीवाल के बंगले के अंदर का फोटो सामने बाहर आ गया था। इसमें बताया गया था कि यह रेनेवोशन उस समय हो रहा था जब दिल्ली कोरोना की भीषण महामारी से जूझ रहा था। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है, केजरीवाल के अवैध बंगले के मामलें में सीबीआई ने केस दर्ज किया कोरोना के काल में दिल्ली की जनता के पैसों से ग़ैर क़ानूनी शीशमहल बनाने का पाप केजरीवाल ने किया है, इस अपराध की सजा से केजरीवाल बच नहीं सकते।

दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के निर्माण और 'नवीनीकरण' में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई की ओर से दर्ज की गई प्रारंभिक जांच पर आम आदमी पार्टी ने कहा, भाजपा ने आम आदमी पार्टी को खत्म करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की घेराबंदी के लिए सभी जांच एजेंसियों को लगा दिया गया है, लेकिन दिल्ली की 2 करोड़ जनता का आशीर्वाद अरविंद केजरीवाल के साथ है, इस जांच से कुछ नहीं निकलेगा। भाजपा चाहे जितनी भी जांच कराए, अरविंद केजरीवाल आम आदमी के हितों के लिए लड़ते रहेंगे।'

न्याय इतना महंगा न हो की आम आदमी से दूर हो जाए', मध्यप्रदेश के जबलपुर में नए कोर्ट भवन का शिलान्यास कर बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

बुधवार को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। द्रौपदी मुर्मू प्रातः इंदौर में आयोजित समारोह के पश्चात् जबलपुर में नए हाईकोर्ट भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में सम्मिलित होने आई हैं। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बुधवार को शाम 4 बजे स्वागत किया गया। मुर्मू भारतीय वायुसेना के विमान से इंदौर से डुमना हवाईअड्डे पर पहुंची थीं। हवाईअड्डे पर राष्ट्रपति की आगवानी राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की। पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया।

मुर्मू ने कहा कि यह भवन समय की मांग है। मुझे बताया गया है कि नया भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा, इसमें न्यायाधीशों तथा मुख्य न्यायाधीशों के कोर्ट रूम, कांफ्रेंस रूम, वकीलों के लिए, महिला अधिवक्ताओं के लिए भी एक अलग रूम प्रस्तावित है। महिला का सशक्तिकरण भारत के लिए महत्वपूर्ण है। न्याया पालिका भी समाज का ही हिस्सा है, इसीलिए मुझे लगता है कि यहां भी महिलाओं की समुचित भागीदारी होना चाहिए। महिला में न्याया करने का नैसर्सिंग भाव होता है। इसलिए कहा जाता है कि एक मां अपने बच्चों के बीच पक्षपात नहीं करती। न्याय देने की प्रक्रिया किसी गणीतीय सूत्र के अनुसार नहीं है। इसलिए न्याय व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी भी न्यायपालिका में हितकारी होगी। मूर्मू ने जबलपुर न्यायालय के एक केस का जिक्र भी किया, जो आज भी याद किया जाता है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि न्याय पालिका का न्याय इतना महंगा न हो जाए कि यह आम आदमी से दूर हो जाए। इसके लिए संस्थागत प्रयासों को मजबूती देने की आवश्यकता है। इस विश्वास के साथ जो न्याय भवन बनकर तैयार हो जाए तो न्यायाधीश, वकील और कर्मचारी मिलकर अपने कर्तव्यों के निर्वाहन करने की नई ऊर्जा देगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि ऐसे जो छोटे-मोटे अपराध में जेल में बंद है, उनके लिए न्याय पालिका एवं पुलिस के लोगों को सोचना चाहिए एवं समाधान का रास्ता निकालना चाहिए। यह पंच परमेश्वर का देश है। मेरा मानना है कि विवादों के समाधान की व्यवस्था को और मजबूत करना चाहिए। इससे न्यायपालिका का बोझ भी कम होगा। मुर्मू ने कहा कि आज का शिलान्यास एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उच्च न्यायालय के पदाधिकारियों को बधाई देती हूं। आज न्याय पालिका के सामने लंबित मामले, अंडर ट्रायल जैसे मामले हैं। एक अनुमान के मुताबिक, देश की निचली अदालतों में साढ़े 4 करोड़ केस लंबित है। इनमें से कई तो 20 से 30 वर्षों से लंबित है। मुझे बताया गया है कि लंबित प्रकरणों को निपटाने के लिए मध्यप्रदेश में विशेष अभियान शुरू किया गया है।

गुजरात में बोले पीएम मोदी- मेरे नाम पर कोई घर नहीं है, क्या आप जानतें है प्रधानमंत्री में पास कितनी है संपत्ति

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज छोटा उदयपुर पहुंचे। छोटा उदयपुर के बोडेली में प्रधानमंत्री ने लोगों के लिए 5,206 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्‍यास किया। पीएम ने इस दौरान लोगों को संबोधित भी किया।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, मैंने लंबा समय आपके साथ बिताया है इसलिए मुझे गरीबों की दिक्कतों के बारे में पता है और मैंने हमेशा उन मुद्दों को हल करने की कोशिश की है। मैं आज संतुष्ट हूं कि मेरी सरकार ने देश भर में चार करोड़ घर बनाए। पिछली सरकारों की तरह घर हमारे लिए महज एक संख्या नहीं है। हम घर बनाकर गरीबों को सम्मान दिलाने के लिए काम करते हैं।

मेरे नाम पर कोई घर नहीं

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, हम गरीबों की जरूरतों के अनुसार घर बना रहे हैं, वह भी बिना किसी बिचौलिये के। लाखों घर बनाए गए और हमारी महिलाओं के नाम पर पंजीकृत किए गए। हालांकि मेरे नाम पर घर नहीं है, लेकिन मेरी सरकार ने लाखों बेटियों को घर का मालिक बना दिया।

पीएम मोदी के पास सिर्फ 2.23 करोड़ की संपत्ति

प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनके पास कोई घर नहीं है। ऐसे में बहुत से लोग ये सोच रहे हैं कि देश का पीएम होते हुए उनके पास घर नहीं होया क्या? तो जानते है हमारे देश के पीएम के पास कितनी संपत्ति है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सिर्फ 2.23 करोड़ की संपत्ति है। उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है क्योंकि उन्होंने गांधीनगर में जमीन के एक टुकड़े को दान कर दिया था। 31 मार्च, 2022 को पीएम मोदी के पास नकदी 35 हजार 250 रुपये थी और डाकघर में उनके राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र की कीमत 9,05,105 रुपये थी और उनकी जीवन बीमा पॉलिसियां 1,89,305 रुपये की थीं।

पीएम मोदी के पास नहीं है कोई भी वाहन

मोदी की चल संपत्ति एक साल पहले की तुलना में 26.13 लाख रुपये बढ़ गई। किसी भी बांड, शेयर या म्यूचुअल फंड में कोई निवेश नहीं है, न ही उनके पास कोई संपत्ति है। कोई भी वाहन नहीं है लेकिन उनके पास चार सोने की अंगूठियां हैं जिनकी कीमत 1.73 लाख रुपये है।

संसद में अभद्र टिप्पणी करने वाले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को पार्टी ने दी बड़ी जिम्मेदारी, उन्हें सचिन पायलट के जिले टोंक का प्रभारी बनाया गया

संसद में अभद्र टिप्पणी करने वाले भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्हें सचिन पायलट के जिले टोंक का प्रभारी बनाया गया है। बिधूड़ी दिल्ली की दक्षिण दिल्ली सीट से लोकसभा सदस्य हैं। संसद के विशेष सत्र के दौरान उन्होंने सदन में बीएसपी सांसद दानिश अली पर अभद्र टिप्पणी की थी। जिसकी विपक्षी दलों ने खूब निंदा की थी। बाद में भाजपा ने भी बिधूडी को नोटिस दिया। बिधूड़ी को 15 दिन में इस नोटिस का जवाब देना है उससे पहले ही पार्टी ने उन्हें टोंक का प्रभारी बना दिया है।

 भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने क्या बयान दिया था

लोकसभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने अमर्यादित टिप्पणी की थी। रमेश बिधूड़ी ने असंसदीय भाषा का प्रयोग किया। बिधूड़ी संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर बोल रहे थे। इस दौरान बसपा सांसद दानिश अली ने कुछ सवाल उठाए। जिस पर भाजपा सांसद ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। दानिश अली ने कहा है कि बिधूड़ी ने ये अमर्यादित बातें उन्हें बोली हैं। इसे लेकर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र भी लिखा है। 

बयान के बाद क्या हुआ

बिधूड़ी के विवादित बयान के बाद लोकसभा के रिकॉर्ड से विवादित हिस्से को हटा दिया गया। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बिधूड़ी से बात की। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए नाराजगी जताई और रमेश बिधूड़ी को भाषा का ध्यान रखने की चेतावनी दी। वहीं, भाजपा ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। 

टोंक जिले की शहरी सीट से सचिन पायलट हैं विधायक

वर्तमान में टोंक जिले की टोंक विधानसभा से कांग्रेस नेता सचिन पायलट विधायक हैं। 2018 के चुनाव में भाजपा ने यहां से यूनुस खान को चुनाव लड़ाया था। उस वक्त यूनुस खान वसुंधरा सरकार में मंत्री भी थे। गौरतलब है कि टोंक एक मुस्लिम बाहुल्य सीट है।

बिधूड़ी ने की है वकालत की पढ़ाई

भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी का जन्म दिल्ली में हुआ था। उन्होंने बीकॉम और एलएलबी की डिग्री ली है। उन्होंने अपने प्रोफेशन में वकील, किसान और सोशल वर्कर लिख रखा है। उन्होंने 2003 से 2008 तक भाजपा दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में काम किया। इसके बाद 2008 में वह दिल्ली के भाजपा दिल्ली प्रदेश महासचिव बनाए गए। वह 2003 से मई 2014 तक दिल्ली के विधायक भी रहे। 2014-2019 में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। विधूड़ी शहरी विकास संबंधी स्थायी समिति और पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समित के सदस्य भी रहे हैं। 

अक्सर विवादित बयान को लेकर चर्चा में रहते हैं रमेश बिधूड़ी

भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी अपने विवादित बयानों के चलते अक्सर चर्चा में रहते हैं। कुछ समय पहले एक माता-पिता स्कूल की समस्या लेकर उनके पास पहुंचे थे तो बिधूड़ी ने कहा कि कि बच्चे पैदा क्यों किए फिर? बिधूड़ी का यह बयान काफी चर्चा में रहा था। इससे पहले बिधूड़ी ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जहां भी मुसलमान अल्पसंख्यक होते हैं, वहां मानवाधिकार की बात होती है और जहां बहुमत में आ जाते हैं वहां खूनखराबा शुरू हो जाता है।

तो क्या वर्ल्ड कप के बाद वनडे और टी20 से संन्यास लेंगे विराट कोहली! पढ़िए, उनके है करीबी दोस्त ने किया हैरतंअगेज खुलासा

भारत के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली जल्द ही ICC वनडे वर्ल्ड कप 2023 में धमाल मचाते हुए दिखाई देंगे, जिसका आगाज 5 अक्टूबर से होने जा रहा है। हालांकि, वर्ल्ड कप आरम्भ होने से पहले कोहली के दोस्त और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने एक बेहद चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है। ABD का कहना है कि यदि भारत वर्ल्ड कप जीत गया तो कोहली वनडे फॉर्मेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर सकते हैं।

डिविलियर्स को लगता कि कोहली का वर्ष 2027 में साउथ अफ्रीका में होने वाले वनडे में खेलना मुश्किल है। ऐसे में 34 वर्षीय कोहली वनडे से संन्यास लेकर टेस्ट पर फोकस कर सकते हैं। अपने यूट्यूब चैनल पर डिविलियर्स ने कहा, ''मुझे मालूम है कि कोहली को (2027 वर्ल्ड कप के लिए) साउथ अफ्रीका की यात्रा करना पसंद है, मगर यह कहना बहुत मुश्किल है। इसमें बहुत वक़्त बाकी है। मुझे लगता है कि विराट कोहली आपको यही बताएंगे। मुझे लगता है यदि वे यह विश्व कप जीतते हैं तो यह वनडे से संन्यास का बुरा वक़्त नहीं होगा। मुझे लगता है कि वह बोलेंगे, 'मैं शायद अगले कुछ सालों तक टेस्ट क्रिकेट और थोड़ा-बहुत IPL खेलूंगा।' करियर के आखिरी पड़ाव का आनंद लें तथा परिवार के साथ पर्याप्त समय गुजारें और अलविदा कहें।''

कोहली महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के अब तक कई रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। वह हाल ही में सचिन को पछाड़कर वनडे में सबसे तेज 13 हजार रन पुरे करने वाले खिलाड़ी बने हैं। कोहली के निशाने पर सचिन का वनडे में सर्वाधिक 49 शतक का रिकॉर्ड भी है। कोहली अभी तक 47 वनडे सेंचुरी जमा चुके हैं। हालांकि, डिविलियर्स का कहना है कि कोहली कभी रिकॉर्ड पर फोकस नहीं करते। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि कोहली का फोकस उसपर है। वह कभी अपने बारे में सोचने वाले शख्स नहीं रहे। वह अपनी टीम के लिए विश्व कप जीतना चाहते हैं तथा खेल के सभी प्रारूपों में एक सफल टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं। वह एक टीम प्लेयर हैं तथा यही भावनाएं आपको मैदान पर पर दिखती हैं। विशेष तौर पर, जब वह फील्डिंग कर रहे होते हैं। वो इमोशन आपको बताते हैं कि उनके लिए जीतना कितना मायने रखता है।''

काम की खबर, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने कई भर्ती परीक्षाओं की तिथियां बदलीं, संशोधित कैलेंडर जारी, नई भर्तियां कीं शामिल

 उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने कई भर्तियों की परीक्षा तिथियां बदल दी हैं। इसके साथ ही कई नई भर्तियां शामिल करते हुए संशोधित परीक्षा कैलेंडर जारी किया है। आयोग सचिव गिरधारी सिंह रावत की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, सहायक कृषि अधिकारी, उद्यान पर्यवेक्षक आदि पदों पर समूह-ग परीक्षा अगले साल 10 फरवरी के बजाए 07 जनवरी को होगी।

आईटीआई में अनुदेशक समूह-ग भर्ती की परीक्षा चार फरवरी को, राज्य संपत्ति विभाग में व्यवस्थाधिकारी परीक्षा दो के बजाए तीन मार्च, व्यवस्थापक-व्यवस्थाधिकारी परीक्षा अब 16 मार्च के बजाए 17 मार्च को, अन्वेषक कम संगणक, सहायक सांख्यिकी अधिकारी परीक्षा छह के बजाए सात अप्रैल को होगी। इसके अलावा कार्यदेशक सर्वेयर शिशिक्षु परीक्षा 12 मई को, औषधि निरीक्षक ग्रेड-2 परीक्षा 19 मई को, प्रधानाचार्य श्रेणी-2 परीक्षा दो जून को होगी। ये तीनों नई भर्तियां हैं।

उत्तरप्रदेश के मथुरा में बीती आधी रात को अचानक पटरी से उतरकर प्लेटफॉर्म पर चढ़ गई ट्रेन, गनीमत रही कि कोई नहीं हुआ हताहत

 उत्तर प्रदेश के मथुरा में पिछली रात रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन पर प्लेटफॉर्म पर चढ़ गई। हालांकि गनीमत रही कि इस के चलते कोई चपेट में नहीं आया। जब ये घटना हुई, उस वक़्त सभी सवारियां ट्रेन से उतर चुकी थीं तथा ट्रेन को बंद कर तय जगह पर खड़ा किया जाना था। उस समय ट्रेन की ब्रेक की जगह एक्सीलेटर दब गया तथा ट्रेन प्लेटफॉर्म पर जा चढ़ी। प्राप्त खबर के मुताबिक, लगभग 10 बजे शटल (लोकल) ट्रेन नई दिल्ली से मथुरा पहुंची थी। यहां सवारियां ट्रेन से उतर चुकी थीं। तत्पश्चात, ट्रेन की शटरिंग (बंद) कर खड़ा करना था। कहा जा रहा है कि चालक को ट्रेन रोकने के लिए ब्रेक लगाने थे, किन्तु एक्सीलेटर दब गया। तत्पश्चात, ट्रेन अवरोधक को तोड़कर स्टेशन के ऊपर चढ़ गई।

वही यह मानवीय भूल थी या टेक्निकल मिस्टेक, अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। इस घटना में किसी के नुकसान होने की खबर नहीं है। इस घटना को लेकर रेलवे प्रशासन का कोई भी अफसर कैमरे के सामने कुछ भी बोलने का तैयार नहीं है। हालांकि, इंजन के हटने के पश्चात् ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मथुरा रेलवे स्टेशन के निदेशक एसके श्रीवास्तव ने कहा कि 'ट्रेन शकूर बस्ती से आ रही थी। सभी यात्री ट्रेन से उतर गए थे। कुछ बैग इंजन के नीचे नजर आ रहे हैं। स्टेशन निदेशक ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर ट्रेन कैसे चढ़ गई, घटना की तहकीकात की जा रही है। घटना के कारण अप-लाइन पर कुछ ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। ट्रेन को प्लेटफॉर्म से हटाने का काम चल रहा है। ट्रेन को हटाने के पश्चात् अप लाइन की गाड़ियों को फिर से आरम्भ किया जाएगा।

वही यह घटना प्लेटफार्म नंबर 2 की है। रेलवे की टीम AMU ट्रेन को प्लेटफार्म से हटाने में जुट गई है। घटना के पश्चात् स्टेशन पर लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। घटना की खबर प्राप्त होते ही रेलवे के अफसर मौके पर पहुंचे तथा जायजा लिया। रेलवे कर्मचारी व पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इस मामले को लेकर लोगों का कहना है कि गनीमत रही कि कोई ट्रेन की चपेट में नहीं आया, अन्यथा जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।

मणिपुर में फिर बिगड़े हालात! पूरा राज्य घोषित हुआ 'अशांत क्षेत्र', इंटरनेट भी बैन, राज्यपाल के अनुसार अभी और सुरक्षाबलों की है जरूरत

पूर्वोत्तर प्रदेश मणिपुर में एक बार स्थिति बिगड़ गई हैं। सरकार ने पूरे प्रदेश को 'अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया है। वहीं तनावपूर्ण हालात को देखते हुए इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। हिंसा की घटनाओं में कमी आने के पश्चात् हाल ही में सरकार ने 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी थीं। मणिपुर गृह विभाग की तरफ से आज जारी हुई अधिसूचना के मुताबिक, राज्यपाल की राय है कि विभिन्न चरमपंथी समूहों की हिंसक गतिविधियों के कारण पूरे मणिपुर में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों की आवश्यकता है। इनमें इम्फाल, लाम्फेल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लामासांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइंगांग, लामलाई, इरिलबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, काकचिंग एवं जिरीबाम भी सम्मिलित हैं। हालांकि प्रदेश के 19 पुलिस स्टेशन में शांति है, जिन्हें अशांत क्षेत्र से बाहर रखा गया है।

दरअसल, प्रदेश में दो लापता छात्रों की मौत के पश्चात् हालात फिर तनाव पूर्ण होने लगे हैं। इंफाल शहर और घाटी के दूसरे क्षेत्रों में छात्र उग्र प्रदर्शन पर उतर आए हैं। हिंसा की बड़ी घटनाएं नहीं हुई हैं, मगर स्थिति फिर भी मणिपुर में निरंतर तनावपूर्ण बनी हुई हैं। बुधवार की रात भी इंफाल की सड़कों पर जमकर हंगामा तथा प्रदर्शन हुआ। इंटरनेट सेवाएं बहाल होते ही सोशल मीडिया पर हिंसा की कई वीडियो और ऐसी जानकारियां वायरल होने लगीं, जिनमें सरकार के अनुसार, काफी सारी भ्रामक थीं तथा अफवाहें फैलाने का प्रयास किया जा रहा था। 

मणिपुर से दो लापता छात्रों की तस्वीर तथा उनके मरने की खबर जब सोशल मीडिया पर सामने आई उसके पश्चात् घाटी में स्थिति एक बार फिर खराब हुई। हालात की नजाकत को समझते हुए मणिपुर के विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस मामले की भी CBI जांच करने की मांग की है। पत्र के तुरंत पश्चात केंद्र सरकार हरकत में आई तथा बृहस्पतिवार की सुबह CBI के बड़े अफसरों के नेतृत्व में पूरी टीम इंफाल की तरफ रवाना हो गई। मणिपुर में हिंसा और यौन हिंसा के कई मामलों की जांच CBI को सौंपी गई है।

गोवा और केरल की तर्ज पर जल्द ही उत्तराखंड पर्यटन पुलिस का होगा गठन, फिलहाल 100 पुलिसकर्मियों को मिलेगी ट्रेनिंग, राज्य के इतिहास भूगोल की रखेगी

 उत्तराखंड में जल्द ही गोवा और केरल की तर्ज पर पर्यटन पुलिस का गठन किया जाएगा। इसके अलावा कुछ और प्रदेशों के पर्यटन पुलिस के ढांचे का अध्ययन भी उत्तराखंड पुलिस कर रही है। इसके बाद शासन को स्थायी पर्यटन पुलिस गठन का प्रस्ताव भेजा जाएगा।

पर्यटन पुलिस को उन शहरों में स्थायी पोस्टिंग दी जाएगी, जहां वर्षभर पर्यटकों का आना-जाना रहता है। उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है। यहां पर बहुत से शहर ऐसे हैं जहां पर सालभर पर्यटन और तीर्थाटन के लिए लोग आते हैं। इनसे संवाद स्थापित करने और परेशानियों को दूर करने के लिए पर्यटन पुलिस की जरूरत पर बल दिया जा रहा है।

उत्तराखंड पुलिस कर रही अध्ययन

पिछले साल पर्यटन मंत्रालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी हुए थे। इसमें सभी राज्यों को अपने यहां सशक्त पर्यटन पुलिस का गठन करने को कहा गया था। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस केरल और गोवा पुलिस के ढांचे का अध्ययन कर रही है।

इसी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी पर्यटन पुलिस का गठन किया जाना है। जल्द ही शासन को पर्यटन पुलिस के ढांचे के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। शासन से मंत्रणा के बाद ही यह तय होगा कि ढांचा कितना बड़ा होगा। पर्यटन पुलिस के लिए अलग से सिलेबस भी तैयार किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रेनिंग मोड्यूल भी इसी तरह से तय किया जाएगा कि उससे उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

फिलहाल 100 पुलिसकर्मियों को किया जाता है तैनात

हर साल चारधाम यात्रा में अस्थायी पर्यटन पुलिस चौकियों को स्थापित किया जाता है। इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत में 100 पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन में ट्रेनिंग दी गई थी। पुलिस के इन जवानों को विभिन्न राज्यों की भाषा भी पढ़ाई गई थी। ताकि, दूसरे राज्य के लोगों से संवाद आसानी से स्थापित किया जा सके।

राज्य के इतिहास, भूगोल की जानकारी रखेगी पुलिस

पुलिस केवल पर्यटकों की कानून व्यवस्था के तहत ही मदद नहीं करेगी बल्कि उनकी गाइड की तरह मदद की जाएगी। इसके लिए पुलिसकर्मियों को राज्य के इतिहास, भूगोल की जानकारी भी दी जाएगी। उन्हें यहां के महत्वपूर्ण स्थलों, मंदिरों आदि के बारे में बारीकी से बताया जाएगा।

पुलिस इस वक्त विभिन्न राज्यों की पर्यटन पुलिस ढांचे का अध्ययन कर रही है। ताकि, प्रदेश में एक सशक्त पर्यटन पुलिस बनाई जा सके। फिलहाल पुलिस की ओर से हर साल 100 पुलिसकर्मियों को पर्यटन पुलिस की ट्रेनिंग देकर चारधाम व अन्य महत्वपूर्ण यात्राओं और मेलों में तैनात किया जाता है।