*बाघ व तेंदुए की निगरानी को कम पड़ गए कैमरे*
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रितेश गुप्ता
पलिया कलां,खीरी/ लखीमपुर खीरी: दक्षिण खीरी हो या दुधवा बफर जोन का इलाका। कहीं बाघ तो कहीं तेंदुए हमलावर हो रहे हैं। वन विभाग एक जगह कैमरे और पिंजरे लगाता है तो दूसरी तरफ घटना हो जाती है। हालत यह है कि बाघ और तेंदुओं की मौजूदगी ने वन विभाग को चकरघिन्नी बना दिया है। उनकी निगरानी के लिए स्टाफ और कैमरे कम पड़ रहे हैं।
अगर बीते 24 दिनों का लेखाजोखा देखें तो तेंदुओं ने दो लोगों की जान ली है। जान गंवाने वालों में शारदानगर में एक सात साल की बच्ची और महेवागंज में किशोर शामिल है। वन विभाग ने दोनों जगह कैमरे लगाए हैं। महेवागंज में तेंदुए की तस्वीर कैमरे में कैद हो चुकी है लेकिन ठिकाने का पक्का पता नहीं है। शारदानगर से लेकर नकहा इलाके तक तेंदुआ मवेशियों को मार रहा है।
वन विभाग के पास न इतना स्टाफ है और न ही कैमरे कि हर गांव के बाहर इसे बांधा जा सके। उधर, बाघों ने भी हमला तेज कर दिया है और बीते तीन दिनों में बाघों ने दो को घायल किया है। दोनों हमले दक्षिण खीरी के क्षेत्र में हुए हैं। हालांकि वन विभाग एक हमले को जंगल के अंदर और दूसरे को संदिग्ध बता रहा है। वहीं, बफर जोन के धौरहरा रेंज में भी तेंदुए हमलावर हैं। यहां एक तेंदुए को पकड़कर जंगल में छोड़ा भी जा चुका है। बावजूद इसके तेंदुओं के हमले कम नहीं हुए हैं। इस इलाके के छह अलग-अलग जगहों पर तेंदुओं की मौजूदगी के निशान मिल रहे हैं।
दक्षिण खीरी के डीएफओ संजय विश्वाल का कहना है कि हमने उन जगहों पर कैमरे लगाए हैं, जहां तेंदुओं ने हमला किया है। सभी जगहों पर कैमरे लगाना आसान नहीं है। विभाग के पास सीमित संसाधन हैं। जरूरत पड़ेगी तो और कैमरे मांगकर लगाए जाएंगे। फिलहाल शारदानगर रेंज में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जा चुके हैं। जल्द ही कामयाबी मिलने की उम्मीद है।




Sep 25 2023, 16:01
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