अयोध्या में दीपोत्सव : 21 लाख दीये प्रज्ज्वलित करने का लक्ष्य, दीया जलाने के लिए लगाए जाएंगे 25 हजार वालंटियर

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अयोध्या में सरयू तट पर इस वर्ष आयोजित होने वाले दीपोत्सव में 21 लाख दीये प्रज्जवलित किए जाएंगे। इस कार्य के लिए करीब 25 हजार वालंटियर्स को लगाए जाएंगे। मुख्य विकास अधिकारी अनिता यादव ने दीपोत्सव की तैयारी को लेकर बैठक किया। इसमें सभी विभागों को जिम्मेदारी दी गई। जिलाधिकारी के आवासीय सभागार में बैठक में निदेशक पर्यटन सह नोडल अधिकारी दीपोत्सव प्रखर मिश्रा व एडीएम सिटी सह मेलाधिकारी सलिल कुमार पटेल मौजूद थे। एडीएम ने बैठक में बताया कि नौ नवंबर को गोवस्त द्वादशी , 10 नवंबर को धन त्रयोदशी , 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली अर्थात दीपोत्सव और 12 नवंबर को दीपोत्सव का पर्व मनाया जाएगा। इस दीपोत्सव पर 21 लाख दीयों को प्रज्ज्वलित कर नया कीर्तिमान स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए 25 हजार वालंटियर लगाए जाएंगे।

बैठक में दीपोत्सव में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों से संबंधित संस्कृति, सूचना, पर्यटन, नगर निगम, परिवहन, उद्यान, विद्युत, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग , चिकित्सा आदि विभागों के पदाधिकारियों ने अपने - अपने विभाग से संबंधित तैयारियों के बारे में जानकारी दी। मुख्य विकास अधिकारी ने अधिकारियों को सप्ताह भर में इस पर कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया। बैठक में दीपोत्सव पर अयोध्या के प्रमुख धार्मिक स्थलों , प्रमुख स्थानों पर दीप प्रज्जवलन , चौदह कोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा एवं कार्तिक पूर्णिमा मेला को सकुशल संपन्न कराए जाने के संबंध में भी चर्चा की गई।

एडीएम सलिल पटेल ने बताया कि चौदह कोसी परिक्रमा अक्षय नवमी 20 नवंबर को प्रात: 02 : 09 बजे से प्रारंभ होकर 21 नवंबर को रात्रि 11: 38 बजे समाप्त होगी। पंचकोसी परिक्रमा 22 नवंबर को रात्रि 09 : 25 बजे से प्रारंभ होकर 23 नवंबर को रात्रि 07 : 21 बजे समाप्त होगा।

कार्तिक पूर्णिमा स्नान 26 नवंबर को अपराह्न 03 : 11 बजे से प्रारंभ होकर 27 नवंबर को अपराह्न 02 : 36 बजे समाप्त होगा। एसपी सिटी मधुबन कुमार सिंह ने इस अवसर पर दीपोत्सव , परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा मेला के दौरान पुलिस विभाग से श्रद्धालुओं की सुरक्षा , सुगम यातायात आदि के संबंध में तैयारियों की जानकारी दी।

 

उधर दीपोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में अभी से उमंग और उत्साह देखा जाने लगा है। भक्तजन अयोध्या दीपोत्सव में अयोध्या जाने की तैयारी करने लगे हैं।

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का बड़ा बयान, कहा-हम भी न्यूक्लियर बम बना लेंगे, अगर...

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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को अमेरिका में फॉक्स न्यूज को एक इंटरव्यू दिया।इंटरव्यू में मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि अगर उनका प्रतिद्वंद्वी ईरान पहले न्यूक्लियर बम बना लेता है तो, वो भी न्यूक्लियर बम बना लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर ईरान के पास एक न्यूक्लियर बम होगा तो हमारे पास भी एक होना चाहिए।

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'दुनिया दूसरा हिरोशिमा नहीं देखना चाहती'

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब परमाणु हथियार हासिल कर लेगा यदि उसका प्रतिद्वंद्वी ईरान पहले ऐसा करता है। उन्होंने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में यह टिप्पणी की। संबंधित खतरों के बारे में बोलते हुए, प्रिंस सलमान ने कहा कि जब भी कोई देश परमाणु हथियार हासिल करता है तो सऊदी अरब 'चिंतित' होता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी परमाणु हथियार का उपयोग नहीं करेगा क्योंकि इसका मतलब बाकी दुनिया के साथ युद्ध शुरू करना होगा। सऊदी प्रिंस ने आगे कहा, 'दुनिया दूसरा हिरोशिमा नहीं देखना चाहती'। अगर दुनिया 1 लाख लोगों को मरते हुए देखेगी तो इसका मतलब है कि आप बाकी दुनिया के साथ युद्ध में हैं।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम में तेजी आई

डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 की ईरान न्यूक्लियर डील को तोड़ दिया। बाद में जो बाइडेन ने भी इसे फिर शुरू करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम में तेजी आई है। यह इस क्षेत्र के लिए अस्थिरता पैदा करने वाला है। साल 2016 में सऊदी अरब ने घोषणा की थी कि वह अगले दो दशक में 16 न्यूक्लियर रिएक्टर बनाएगा, जिसकी लागत 80 अरब डॉलर होगी। इसके दो साल बाद किंगडम ने अपनी राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा नीति को मंजूरी दी, जो शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल को सीमित करता है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर सऊदी की नजर

सऊदी अरब और ईरान की दोस्ती नई नई है। साल की शुरुआत में चीन ने अपने देश मे ईरान और सऊदी अरब के बीच दोस्ती कराई थी। ईरान जो शिया बहुल देश है, उसकी सुन्नी देश सऊदी अरब से दोस्ती की दुनियाभर में चर्चा हुई। ईरान पूरी ताकत के साथ परमाणु बम बनाने की जुगत में है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम की प्रगति देखकर भला सऊदी अरब कहां पीछे रहने वाला था। यही कारण है कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ये ऐलान किया है। 

सऊदी अरब की तरफ से पहले भी आया है ऐसा बयान

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ईरान के संभावित खतरे को देखते हुए परमाणु बम संबंधित कोई बयान सऊदी अरब की तरफ से आया हो। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने पिछले साल बयान दिया था, कि अगर तेहरान को 'ऑपरेशनल परमाणु हथियार' मिलता है तो राज्य अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाएगा।

CM शिवराज ने मध्यप्रदेश की तीर्थनगरी ओम्कारेश्वर में किया आदि शंकराचार्य की 108 फीट की प्रतिमा का अनावरण, अद्वैतलोक की रखी आधारशिला

आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीर्थनगरी ओम्कारेश्वर में जगतगुरु आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची मूर्ति "स्टेच्यू ऑफ़ वननेस" का अनावरण किया। यह पूरी दुनिया में शंकराचार्य की सबसे ऊची प्रतिमा हैं। नर्मदा किनारे देश का चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है जहां वे अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले तथा यहीं 4 वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया। 

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प्रतिमा का अनावरण करने से पहले शिवराज सिंह ने अपनी पत्नी के साथ पूजा-अर्चना कर हवन में हिस्सा लिया तथा फिर प्रतिमा का अनावरण करने के पश्चात् संतों के साथ प्रतिमा की परिक्रमा भी की। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'आचार्य शंकर के विराट स्वरूप में समर्पण ! श्री शंकर भगवत्पाद सनातन वैदिक संस्कृति के सर्वोच्च प्रतिमान हैं। धर्म-संस्कृति के रक्षणार्थ उन्होंने जो श्रेष्ठ कार्य संपादित किए,वह अद्वितीय हैं। ज्ञानभूमि ओंकारेश्वर से उनके विचारों का लोकव्यापीकरण हो तथा समस्त विश्व एकात्मता के सार्वभौमिक संदेश को आत्मसात करे। आध्यात्मिक ऊर्जा से अनुप्राणित आचार्य शंकर के श्रीचरणों में ही शुभता तथा शुभत्व है।संपूर्ण जगत के कल्याण का सूर्य अद्वैत के मंगलकारी विचारों में ही निहित है।'

12 साल की उम्र में ओंकारेश्वर से ही अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए प्रस्थान किया। इसलिए ओम्कारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर 12 साल के आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना की गई। इस योजना के प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची मूर्ति बनाई गई है जबकि शेष कार्यो का भूमिपूजन होना है। हिन्दू धर्म के पुनरुद्धारक, सांस्कृतिक एकता के देवदूत व अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता 'आचार्य शंकर' के जीवन एवं दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य के साथ मध्य प्रदेश शासन द्वारा ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

इसरो: 23 सितंबर को फिर से एक्टिव हो सकते हैं चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर! जानिए क्या बोले अंतरिक्ष विज्ञानी

इसरो का चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, लेकिन खबर आ रही है कि यह मिशन अब फिर से शुरू हो सकता है। दरअसल इसरो के अंतरिक्ष विज्ञानियों का कहना है कि 23 सितंबर को चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर फिर से एक्टिव हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है कि चंद्रयान का रोवर चांद की सतह पर और प्रयोगात्मक डाटा इसरो को भेज सकता है।

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सोलर पैनल्स की मदद से फिर से एक्टिव हो सकते हैं लैंडर और रोवर

इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक निलेश देसाई ने बताया कि ‘बीती तीन सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रात ढलने के चलते चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को स्लीप मोड में डाल दिया गया था। निलेश देसाई ने बताया कि लैंडर और रोवर पर सोलर पैनल लगाए गए हैं और चांद के दक्षिणी ध्रुव पर दिन निकलने पर रिचार्ज हो सकते हैं।’ निलेश देसाई ने बताया कि ‘हमारी योजना के मुताबिक 23 सितंबर को लैंडर विक्रम और रोवर रिवाइव हो सकते हैं। चांद पर अब दिन निकलना शुरू हो गया है। हालांकि ये देखने वाली बात होगी कि रात के दौरान जब चांद की सतह पर तापमान माइनस 120 से माइनस 200 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है तो क्या सोलर पैनल फिर से ठीक काम कर पाएंगे या नहीं।’

देसाई ने कहा कि ‘हम इसकी उम्मीद कर रहे हैं कि लैंडर पर मौजूद चार सेंसर्स और रोवर पर मौजूद दो सेंसर्स में से कुछ फिर से काम करना शुरू कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो हम आगे भी चांद पर नए प्रयोग कर पाएंगे।’ बता दें कि चांद पर धरती के 14 दिनों के बराबर दिन और रात होते हैं। मतलब वहां 14 दिनों तक दिन होता है और उतने ही दिनों तक रात। जब चंद्रयान 3 का लैंडर चांद पर उतरा था तो उस वक्त चांद पर दिन निकल रहा था। यही वजह रही कि 14 दिनों तक काम करने के बाद लैंडर और रोवर स्लीप मोड में चले गए थे।

इसरो के पास पहले से ही काफी डाटा मौजूद

अंतरिक्ष विज्ञानी डॉ. आरसी कपूर से जब लैंडर और रोवर के फिर से एक्टिव होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘लैंडर और रोवर अपना काम कर चुके हैं। जब दोनों को स्लीप मोड में डाला गया तो दोनों के सभी उपकरण सही तरीके से काम कर रहे थे। इसरो को पास पहले से ही काफी डाटा इकट्ठा हो गया है। हो सकता है कि उपकरण पहले जैसी कंडीशन में फिर से काम ना कर सकें लेकिन फिर भी कुछ उम्मीद बाकी है। हो सकता है कि हमें अच्छी खबर मिल जाए। चांद पर दिन निकलना शुरू हो गया है। रोवर को पहले से ही इस तरह से रखा गया है कि जब सूरज निकले तो उसकी रोशनी सीधे रोवर के सोलर पैनल्स पर पड़े।’

त्रिशूल, डमरू के साथ और भी बहुत कुछ.., 'शिवमय' होगा वाराणसी का क्रिकेट स्टेडियम, पीएम मोदी रखेंगे आधारशीला, 16 स्कूलों का भी करेंगे उद्घाटन

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 पीएम नरेंद्र मोदी 23 सितंबर को अपने वाराणसी दौरे के दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में 16 'अटल आवासीय विद्यालय' (आवासीय विद्यालय) का उद्घाटन करेंगे और एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखेंगे। प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) के एक बयान में कहा गया है कि, 'दोपहर लगभग 1:30 बजे, पीएम मोदी वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखेंगे। लगभग 3:15 बजे, प्रधान मंत्री रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर पहुंचेंगे और काशी संसद सांस्कृतिक महोत्सव 2023 के समापन समारोह में भाग लेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान वह पूरे उत्तर प्रदेश में बने 16 अटल आवासीय विद्यालय का भी उद्घाटन करेंगे।"

बयान में आगे कहा गया है कि वाराणसी के गांजरी, राजातालाब में बनने वाला क्रिकेट स्टेडियम लगभग 450 करोड़ की लागत से 30 एकड़ में विकसित किया जाएगा। बयान के मुताबिक, प्रधान मंत्री मोदी के निर्वाचन क्षेत्र में स्टेडियम में 30,000 लोगों के बैठने की क्षमता होगी, विषयगत वास्तुकला भगवान 'भगवान शिव' से प्रेरित होगी। बयान में कहा गया है कि राज्य भर में स्थापित किए जाने वाले 16 आवासीय विद्यालय लगभग 1,115 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाएंगे, यह विशेष रूप से मजदूरों, निर्माण श्रमिकों और कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ बच्चों के लिए शुरू किए गए हैं। जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और बच्चों के समग्र विकास में मदद करना है।

इसमें कहा गया है कि, "प्रत्येक स्कूल का निर्माण 10-15 एकड़ के क्षेत्र में किया गया है, जिसमें कक्षाएं, खेल मैदान, मनोरंजक क्षेत्र, एक मिनी ऑडिटोरियम, छात्रावास परिसर, मेस और कर्मचारियों के लिए आवासीय फ्लैट हैं। इन आवासीय स्कूलों का इरादा अंततः 1000 छात्रों को समायोजित करने का है।" पीएम मोदी काशी संसद सांस्कृतिक महोत्सव 2023 के समापन समारोह में भी भाग लेंगे। बयान में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में 17 विधाओं में 37,000 से अधिक लोगों की भागीदारी होगी, जो गायन, वाद्ययंत्र वादन, नुक्कड़ नाटक, नृत्य में अपने अन्य कौशल का प्रदर्शन करेंगे। इसमें कहा गया कि, "मेधावी प्रतिभागियों को रुद्राक्ष इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर में कार्यक्रम के दौरान अपने सांस्कृतिक कौशल का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।" उद्घाटन और शिलान्यास समारोहों का महत्व बढ़ जाता है, क्योंकि देश भर में राजनीतिक दल अगले साल होने वाले आम चुनावों के लिए तैयारी कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर घोटाले का आरोप लगाकर बुरे फंसे राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, दिल्ली की अदालत से याचिका ख़ारिज

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 राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है। जिसकी सुनवाई कर रही एक अदालत ने इस मामले में सीएम गहलोत को बरी करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। 

बता दें कि, केंद्रीय मंत्री शेखावत पर सीएम गहलोत ने संजीवनी घोटाले के आरोप लगाए थे। जिसके बाद शेखावत ने गहलोत को अपने आरोप साबित करने की चुनौती देते हुए कोर्ट में घसीट लिया और आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया। कोर्ट ने पहले इस मामले में गहलोत को समन जारी किया था। लेकिन, सीएम गहलोत ने इस आधार पर अदालत में खुद को बरी करने की याचिका दायर की थी कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 256 (शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति या मृत्यु) के तहत कानून यह वारंट करता है कि किसी भी तारीख पर प्रतिवादी की अनुपस्थिति में, उचित कारण, जिसे अदालत ने शिकायतकर्ता के छूट आवेदन पर आदेश के रूप में स्वीकार किया है, आरोपी (गहलोत) को शिकायत मामले में बरी कर दिया जाना चाहिए।

 अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) हरजीत सिंह जसपाल ने गहलोत द्वारा किए गए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। जज के इनकार करने का कारण यह था कि एक मजिस्ट्रेट या एक शिकायत मामले को संभालने वाली आपराधिक अदालत को मामले की योग्यताओं की पूरी तरह से जांच किए बिना आरोपी को जल्दबाजी में बरी नहीं करना चाहिए। जज ने कहा कि, 'इस तरह के तकनीकी निपटान से केवल न्याय का गर्भपात होता है। ACMM जसपाल ने आदेश में कहा कि, माननीय उच्च न्यायालयों द्वारा बार-बार दबाव डाला जाता है कि वादी कानूनी अदालतों से तथ्यों के आधार पर विवादों का निपटारा करने की मांग करते हैं, न कि केवल तकनीकी आधार पर निपटान की मांग करते हैं।

कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 256 का उद्देश्य किसी परेशान करने वाले शिकायतकर्ता के हाथों मुकदमे को दुर्भावनापूर्ण तरीके से लंबा खींचने के खिलाफ आरोपी के हितों की रक्षा करना है और इसका उद्देश्य अदालत में शिकायतकर्ता की उपस्थिति सुनिश्चित करना है। शिकायत की कार्यवाही में, ऐसे अवसरों पर जहां मामले को आगे बढ़ाने के लिए शिकायतकर्ता की उपस्थिति आवश्यक है। कोर्ट ने कहा कि, 'यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि सीआरपीसी की धारा 256 द्वारा प्रदान किए गए विवेक का प्रयोग केवल उन स्थितियों में किया जा सकता है जहां अदालत का मानना ​​है कि शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति जानबूझकर की गई है और लगातार मुकदमे के कारण आरोपी की पीड़ा को बढ़ाया जा रहा है। लेकिन मौजूदा मामले में ऐसा प्रतीत नहीं होता है।'

कोर्ट ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता (शेखावत) का आचरण बहुत महत्वपूर्ण है और केवल दो तारीखों पर अनुपस्थिति, और वह भी तब जब शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व उसके वकीलों द्वारा किया गया था और जब शिकायतकर्ता की उपस्थिति उस दिन की कार्यवाही के लिए आवश्यक नहीं थी, तो ऐसा नहीं किया जा सकता। इसे अभियुक्त को बरी करने के लिए सीआरपीसी की धारा 256 के तहत विवेक का प्रयोग करने का उचित आधार कहा जा सकता है। 

कोर्ट में जहाँ, सीएम गहलोत का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने 7 और 21 अगस्त को शिकायतकर्ता शेखावत की अनुपस्थिति के कारण गहलोत को बरी करने की मांग की, वहीं शेखावत का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने तर्क दिया कि सीआरपीसी की धारा 256 का चरण नोटिस तैयार होने के बाद ही शुरू होता है। और पहले नहीं और चूंकि इस मामले में अभी तक कोई नोटिस तैयार नहीं किया गया है, इसलिए सीआरपीसी की धारा 256 को लागू करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। माथुर ने आगे तर्क दिया कि 'सुनवाई' शब्द हर कार्यवाही और हर तारीख को संदर्भित करता है जहां मामला अदालत के समक्ष सूचीबद्ध होता है और शिकायतकर्ता केवल इसलिए अनुपस्थिति या छूट की मांग नहीं कर सकता क्योंकि नोटिस अभी तक तैयार नहीं किया गया है।

हालाँकि, अदालत ने, सीएम गहलोत के वकील माथुर के तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि मामला उक्त तारीखों पर दस्तावेजों की आपूर्ति और जांच के लिए सूचीबद्ध किया गया था और यह स्पष्ट रूप से शिकायतकर्ता के लिए सबूत पेश करने का अवसर नहीं था। अदालत ने कहा कि उक्त दोनों तारीखों पर शिकायतकर्ता के वकील मौजूद थे और इसलिए, यह कहा जा सकता है कि मामले को आगे बढ़ाने के लिए उक्त तारीखों पर शिकायतकर्ता की व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक नहीं थी।

बता दें कि, इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप एक बार आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने भी नितिन गडकरी और अरुण जेटली पर लगाए थे। हालाँकि, जेटली और गडकरी दोनों ने कोर्ट में केजरीवाल को अपने आरोप साबित करने की चुनौती दे दी। केजरीवाल के पास अपने आरोप साबित करने के लिए कुछ था ही नहीं, तो उन्होंने लिखित में गडकरी और जेटली दोनों से माफ़ी मांग ली। हालाँकि, इस तरह के निराधार आरोपों से जनता भ्रमित होती है, जनता चाहती है भ्रष्टाचार मुक्त शासन, किन्तु इस तरह के हवा-हवाई आरोप केवल उसे गुमराह ही करते हैं। यदि कोई तथ्य है, कोई नेता भ्रष्टाचारी है, तो बाकायदा उसके खिलाफ अदालत में जाकर मुकदमा करना चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो, तथा जनता को भी अपना नेता चुनने में ग़लतफ़हमी न हो।

*जी 20 समिट में जस्टिन ट्रूडो ने खूब किया था ड्रामा, प्रेसिडेंशियल सुइट में नहीं नॉर्मल रूम में रुके थे*

#justintrudeaudeniedtostayinpresidentialsuiteinindiaduringg20summit

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खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत पर सनसनीखेज आरोप लगाने वाले अनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।जस्टिन ट्रूडो ने इस महीने की शुरुआत में होटल ललित में खूब ड्रामा किया था। जी 20 समिट के लिए भारत आए ट्रूडो के लिए भारत ने प्रेसिडेंशियल सुइट बुक कर रखा था। हालांकि, ट्रूडो की सिक्योरिटी टीम ने पीएम के सुइट में रुकने से साफ मना कर दिया।

दरअसल, केंद्र और दिल्ली सरकार की तरफ से विदेशी नेताओं की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उनके लिए इन कमरों को बुक कराया गया था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार इन नेताओं को यही रुकना था, लेकिन जस्टिन ट्रूडो ने साफ मना कर दिया. ट्रूडो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ललित होटल के रेगुलर रूम में रुके थे।

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सेंट्रल दिल्‍ली के होटल ललित में जहां ट्रूडो रुके थे, वहां अडवांस्ड सिक्‍योरिटी शील्‍ड लगाई गई थी। इस शील्‍ड में बुलेटप्रूफ ग्लास था जिसमें पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक की मोटी परत थी और यह स्‍नाइपर की गोलियों का सामना कर सकती थी। फूलप्रूफ इंतजाम के लिए कई अन्‍य सुरक्षा उपकरण भी लगाए गए थे। हालांकि, ट्रूडो के प्रतिनिधिमंडल ने सुइट में न रुकने का फैसला किया और नॉर्मल रूम चुने। इससे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई।

रेगुलर रूम में रुकने का बताया ये कारण

कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के डेलीगेशन की तरफ से भारत की सुरक्षा एजेंसी को ये बताया गया कि खर्चे की वजह से ट्रूडो ने ये कदम उठाया है। हालांकि, भारत की सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि नार्मल रूम में रुकने की यही वजह थी या कुछ और इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है। 

जी20 शिखर सम्मेलन के बाद हुआ था काफी ड्रामा

यही नहीं, जी20 शिखर सम्मेलन के बाद काफी ड्रामा हुआ, क्योंकि ट्रूडो 36 घंटे की देरी के बाद ही कनाडा के लिए रवाना हो सके। उनके विमान में खराबी की सूचना मिली थी। उन्हें 10 सितंबर (रविवार) की रात को कनाडा निकलना था, लेकिन विमान में तकनीकी खराबी के कारण वह दिल्ली में ही फंस गए। विमान के उड़ान-पूर्व निरीक्षण के दौरान इस समस्या का पता चला, जिसके बाद अधिकारियों ने एयरबस विमान को उड़ान भरने से रोक दिया।भारतीय पक्ष ने कनाडाई पीएम ट्रूडो और उनके प्रतिनिधिमंडल को वापस उड़ान भरने के लिए विमान ‘एयर इंडिया वन’ की सेवाओं की पेशकश की थी, लेकिन कनाडाई पक्ष ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. इसके बदले उन्होंने अपने बैकअप एयरक्राफ्ट का इंतजार किया

भारत-कनाडा विवाद पर बयान के बहाने चीन ने पश्चिमी देशों पर निकाली भड़ास, ग्लोबल टाइम्स ने कहा-'भारत के लिए अमेरिका का पाखंड उजागर'

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भारत-कनाडा के बीच विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी अलगावादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या में संभावित तौर पर भारतीय एजेंट के शामिल होने के आरोप के बाद दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में और तनाव पैदा हो गया है।आज भारत सरकार ने इस मामलसे में सख्ती दिखाते हुए कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।इस बीच चीन ने भी भारत-कनाडा विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने आर्टिकिल के हेडलाइंस में लिखा है, कि भारत और कनाडा के बीच का बढ़ता विवाद अमेरिका के मूल्य आधारित गठबंधन के पाखंड को उजागर करता है।

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वेबसाइट ने लिखा है, "भारत में सिख अल्पसंख्यक समुदाय है जिसकी आबादी 2 करोड़ से अधिक है. दुनिया भर में प्रवासी के रूप में रह रहे सिखों में कनाडा में सबसे ज्यादा सिख रहते हैं। कनाडा में सिख समुदाय महत्वपूर्ण राजनीतिक, वाणिज्यिक और आर्थिक प्रभाव रखता है।हाल के वर्षों में कनाडा में अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन का फिर से जोर पकड़ना भारत और कनाडा के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण बन गया है, जिससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।वहीं, ट्रूडो के इन आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच तनातनी ने भारत-कनाडा संबंधों को और खतरे में डाल दिया है।

चीन के ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत और कनाडा के बीच मुख्य विवाद कनाडा में सिख समुदाय के आसपास केंद्रित रहा है। जिन्हें भारत खालिस्तानी कहता है और जो मोदी सरकार का विरोध करते हैं और सिख अधिकारों की वकालत करते है। इन्हें कनाडा में प्राश्रय मिल रहा है। हाल के वर्षों में अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन का पुनरुत्थान भारत और कनाडा के बीच विवाद का एक प्रमुख मुद्दा बन गया है, जिससे उनके द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी ने भारत-कनाडा संबंधों को और खतरे में डाल दिया है। पर्यवेक्षकों के अनुसार भारत में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात का नहीं होना ही दोनों देशों के रिश्तों में खतरे का संकेत था। अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडों के आरोपों के बाद यह मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। 

आर्टिकिल में आगे लिखा गया है, कि पश्चिमी देश मानवाधिकारों के रक्षक होने का दावा करते हैं और अक्सर मानवाधिकार संबंधी मुद्दों पर दूसरे देशों की आलोचना करते हैं। भारत की तथाकथित "लोकतंत्र" के लिए उनकी प्रशंसा मुख्य रूप से भूराजनीतिक हितों और भारत को उनके चीन विरोधी गठबंधन में शामिल करने की इच्छा से प्रेरित है। ग्लोबल टाइम्स ने आगे सिंघुआ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग के हवाले से लिखा है, कि अमेरिका, हाल के वर्षों में लोकतंत्र और स्वतंत्रता के सामान्य मूल्यों का झंडा लहरा रहा है, व्यापक सहयोग विकसित करने का प्रयास कर रहा है। चीन को रोकने के लिए भारत के साथ गठबंधन कर रहा है। लिहाजा, वे भारत में मानवाधिकारों के हनन और घरेलू जातीय अल्पसंख्यकों पर उल्लंघन के बारे में जो सोचते हैं, उस पर आंखें मूंदने को तैयार हैं, जो उनके तथाकथित सामान्य मूल्यों के आधार पर भारत के साथ पश्चिमी गठबंधन के पाखंड को उजागर करता है।

बता दें कि 18 जून 2023 को कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने संसद में बयान देकर भारत पर हत्या में शामिल होने का बेहद संगीन आरोप लगाया है। हालांकि भारत ने कनाडा के इन आरोपों को बेतुका, प्रेरित और आधारहीन बताकर तत्काल ही खारिज कर दिया था।

इंसान के दिमाग में माइक्रो चिप लगाएंगे मस्क, न्यूरालिंक को मिली क्लिनिकल ट्रॉयल की मंजूरी

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एलन मस्क आए दिन चर्चा में बने रहते हैं। ट्विटर को खरीदने से लकर उनका नाम बदलने तक मस्क हमेशा सुर्खियों में रहे हैं।अब एलन मस्क जल्द इंसानी दिमाग में कंप्यूटर चिप लगाने वाले हैं। मस्क की कम्पनी न्‍यूरालिंक को इंसानी दिमाग में चिप लगाने की अनुमति मिल चुकी है और कंपनी अब पहले व्यक्ति की खोज में है।

न्यूरालिंक ने बताया है कि उसने अपने डिवाइस के पहले ह्यूमन ट्रायल के लिए मरीजों की भर्ती शुरू कर दी है। एक स्वतंत्र समीक्षा बोर्ड ने न्यूरालिंक को डिवाइस की जांच के नाम पर क्लिनिकल ट्रायल की हरी झंडी दी है। कंपनी छह साल के अध्ययन में अपने एक्सपेरिमेंटल डिवाइस का परीक्षण करने के लिए लकवाग्रस्त से पीड़ित लोगों की तलाश कर रही है। एलन मस्क ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर खुशी का इजहार किया है। उन्होंने लिखा कि पहले मानव मरीज को जल्द ही न्यूरालिंक डिवाइस मिलेगी। इसमें पूरे शरीर की गति को बहाल करने की क्षमता होती है। मस्क ने दो कदम आगे बढ़ते हुए दावा किया कि कल्पना कीजिए अगर स्टीफन हॉकिंग के पास यह होता।

स्टडी को पूरा होने में करीब 6 साल लगेंगे

न्यूरालिंक ने कहा कि जिन लोगों को सर्वाइकल स्पाइनल कॉर्ड की चोट या एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) के कारण क्वाड्रिप्लेजिया है, वे इस ट्रायल में हिस्सा ले सकते हैं। उनकी उम्र मिनिमम 22 साल होनी चाहिए। स्टडी को पूरा होने में करीब 6 साल लगेंगे। इस दौरान पार्टिसिपेंट को स्टडी रिलेटेड कॉस्ट, जैसे साइट तक आने-जाने का ट्रैवल एक्सपेंस मिलेगा।

दिमाग में ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस इम्प्लांट किया जाएगा

एलन मस्क की कंपनी ह्यूमन ट्रायल के तहत एक रोबोट के जरिए इंसानी दिमाग में ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस को इम्प्लांट करेगी। इसकी मदद से विचारों को एक्शन में कन्वर्ट किया जाएगा। शुरुआत में कंपनी का गोल चिप की मदद से एक्सटर्नल डिवाइसेस जैसे कीबोर्ड और माउस को कंट्रोल करना है। यानि विचारों के आधार पर ये डिवाइसेस अपने आप काम करेंगे।

सिक्के जैसा है आकार

न्यूरोलिंक की ओर से बनाए गए डिवाइस का आकार दिखने में सिक्के जैसा होगा। इस चिप को लिंक का नाम दिया जाएगा। ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इंपल्स) से सीधे नियंत्रण करने में सक्षम होगा।

बता दें कि एलन मस्क ने 2016 में न्यूरोलिंक की शुरूआत की था, जो एक न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी है। मस्क की ये कंपनी इम्प्लांटेबल ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस विकसित करने पर आधारित है।बता दें कि न्यूरालिंक अभी भी विकास के शुरुआता स्तर पर है । कंपनी फिलहाल BCI पर काम कर रही है, जिसे इंसानों में इंप्लान्ट किया जा सकता है।

कनाडा के खिलाफ भारत का बड़ा एक्शन, कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं पर लगाई अनिश्चित काल के लिए रोक निलंबित

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इन दिनों भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव बढ़ता ही जा रहा है।इस बीच मोदी सरकार बेहद एक्शन मोड में आ गई है। भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। भारत की तरफ से अबतक का यह बड़ा एक्शन है। केंद्र सरकार ने कहा है कि अगली सूचना तक कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सर्विस पर रोक रहेगी। इससे पहले भारत की ओर से कनाडा न जाने और वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए विशेष एडवाइजरी भी जारी की जा चुकी है। बता दें कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की मौत पर विवाद लगातार बढ़ रहा है।

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कनाडा में भारतीय वीजा सेवाओं के पोर्टल पर एक नोटिस प्रकाशित किया गया है। इसमें भारतीय मिशन्स को संबोधित करते हुए कहा गया कि परिचालन संबंधी कारणों से भारत का वीजा जारी करने की प्रक्रिया को अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है। लोगों को अपडेट्स के लिए वेबसाइट पर नजर रखने के लिए कहा गया है। 

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो द्वारा खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत पर आरोप लगाए जाने के साथ ही एक शीर्ष भारतीय राजनियक को देश से निकाल दिया गया था। इसके बाद भारत ने भी कनाडा को उसी के लहजे में जवाब देते हुए उसके भी शीर्ष राजनयिक को देश छोड़ने का आदेश दे दिया था। तब से दोनों देशों के संबंध बेहद नाजुक होते गए हैं। अब भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवा को निलंबित कर दिया है।

एक दिन पहले ही खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की धमकी के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा में रहने वाले भारतीयों और वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए ट्रैवल अडवाइजरी जारी की थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में बढ़ रही भारत विरोधी गतिविधियों और हेट क्राइम को देखते हुए यह एडवाइजरी जारी की गई है।विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से क्षमा किए जाने वाले घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए, वहां मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और यात्रा पर विचार करने वाले लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया जाता है। कनाडा में हाल ही में भारत विरोधी एजेंडे के खिलाफ आवाज उठाने वाले भारतीय राजनयिकों और भारतीय समुदाय के लोगों को निशाना बनाने वाले खतरे सामने आए हैं। ऐसे में भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वो कनाडा के ऐसे इलाकों में जाने से बचें, जहां इस तरह की घटनाएं हुई हैं। 

इससे पहले, भारत में आतंकवादी घोषित गुरपतवंत पन्नू ने एक वीडियो जारी कर वहां रहने वाले भारतीयों को धमकी दी। उसने वीडियो में वहां रहने वाले हिंदुओं से कनाडा छोड़ने को कहा। वीडियो में पन्नू को यह कहते सुना जा सकता है कि इंडो-हिंदू कनाडा छोड़ो, भारत जाओ। उसने कहा कि जो लोग न केवल भारत का समर्थन करते हैं, बल्कि खालिस्तान समर्थक सिखों के भाषण और अभिव्यक्ति के दमन का भी समर्थन कर रहे हैं। उन्हें तुरंत कनाडा छोड़ देना चाहिए। 

बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि पश्चिमी कनाडा में इस साल जून में हुई एक खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ है। उनके इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।