जैन धर्म के पर्वराज पर्युषण आज मंगलवार से शुरू, दस दिनों तक चलनेवाले इस पर्व को लेकर मंदिरों को सजाया गया


रांची. जैन धर्म के पर्वराज पर्युषण आज मंगलवार से शुरू हो गया है. दस दिनों तक चलनेवाले इस पर्व के लिए मंदिर को सजाया गया है. पर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा, दूसरे दिन मार्दव, तीसरे दिन आर्जव, चौथे दिन शौंच,पांचवें दिन सत्य, छठे दिन संयम , सातवें दिन तप, आठवें दिन त्याग , नौवें दिन आकिंचन व दसवें दिन ब्रह्मचर्य की पूजा की जायेगी. 

इस वर्ष यह महापर्व आर्यिका गणिनी 105 श्री विभाश्री माताजी ससंघ के सान्निध्य में कई कार्यक्रमों के साथ संपन्न होगा. दोनों जैन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जायेगी. 

वासुपूज्य जिनालय में निर्मित पंडाल में प्रातः सामूहिक पूजन संगीतमय तरीके से वाद्य यंत्रों द्वारा माताजी के सानिध्य में होगी .पूजनोपरांत दैनिक प्रवचन ,शास्त्र वाचन,मंडल पूजन इत्यादि क्रिया होगी.वहीं सन्ध्या के समय आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति जैन युवा जागृति व जैन महिला जागृति के द्वारा की जाएगी.

चाईबासा:कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को पीपल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने किसानों की समस्याओं को लेकर सौंपा मांग पत्र

 चाईबासा में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को पीपल्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव सह समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई ने किसानों के समस्या को लेकर एक मांग पत्र सौंपा. मांग पत्र में किसानों को समय पर कृषि ऋण देने, कृषि बीमा का भुगतान करने एवं नकटी डैम के कैनाल का पक्कीकरण तथा आहार बांध का जीणोद्धार का मांग किया.

 गागराई ने कहा कि नकटी डैम का कैनाल जगह-जगह कच्चा होने के कारण टूट गया है. जिससे किसानों को सालों भर सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता है. अगर यह कैनाल का पक्कीकरण हो जाता है तो किसानों को बेहतर ढंग से सिंचाई का पानी मिलेगा. जिससे किसान सालों भर खेती कर पाएंगे. 

उन्होंने कहा भारत आजादी के पूर्व से ही आहारबांध सरकारी तालाब का निर्माण किया गया है. मगर अब तक उसका एक बार भी जीणोद्धार नहीं किया गया. यह तालाब काफी बड़ा एवं विशाल है. इस तालाब का जीणोद्धार कर देने से तीन पंचायत कराईकेला, हुडंगदा एवं लाडूपौदा पंचायत के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल पाएगी. उन्होंने कहा के सभी मांग जनहित के लिए काफी जरूरी है. किसानों को कृषि बीमा का लाभ और समय पर सरकारी सहायता प्रदान किया जाए. जिससे यहां के किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सके और खेती से ही अपनी आय का साधन बन सके.

अंतर्राष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन : 33% से अधिक झारखंड में दिख रहा जलवायु परिवर्तन का असर - संजय श्रीवास्तव


दिल्ली के विज्ञान भवन में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ।

जलवायु शिखर सम्मेलन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) संजय श्रीवास्तव ने कहा कि झारखंड के 33% से अधिक हरा-भरा होने के बाद भी यहां जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा है। उत्तरी-पश्चिमी जिलों गढ़वा, लातेहार व पलामू में औसत तापमान का बढ़ना, बारिश घटना, जंगलों में आग को इसके परिणाम के तौर पर देखा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।

 जलवायु उत्तरदायी कार्यों, नीतियों व विधानों पर झारखंड में हो रहे कार्यों पर विचार साझा करने के लिए देश में भारतीय वन सेवा के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में पीसीसीएफ संजय श्रीवास्तव को आमंत्रित किया गया था। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों - ग्रीन हाउस प्रभाव, कृषि जीवाश्म ईंधन का प्रयोग, जंगलों की कटाई, कारखाने और अन्य प्रकार के प्रदूषण को मद्देनजर रखते हुए झारखंड में हरित हाइड्रोजन, जैव इंधन व नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में सराहनीय पहल की गई है।

 हरित हाईड्रोजन की दिशा में पहल करते हुए झारखंड के उद्योग विभाग ने टाटा समूह की कंपनी के साथ जमशेदपूर में हाइड्रोजन इंजन निर्माण की यूनिट स्थापित करने के लिए एमओयू किया है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में योगदान के लिए नई सौर ऊर्जा नीति लागू की गई है।

अंतर्राष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन : 33% से अधिक झारखंड में दिख रहा जलवायु परिवर्तन का असर - संजय श्रीवास्तव


दिल्ली के विज्ञान भवन में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ।

जलवायु शिखर सम्मेलन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) संजय श्रीवास्तव ने कहा कि झारखंड के 33% से अधिक हरा-भरा होने के बाद भी यहां जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा है। उत्तरी-पश्चिमी जिलों गढ़वा, लातेहार व पलामू में औसत तापमान का बढ़ना, बारिश घटना, जंगलों में आग को इसके परिणाम के तौर पर देखा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।

 जलवायु उत्तरदायी कार्यों, नीतियों व विधानों पर झारखंड में हो रहे कार्यों पर विचार साझा करने के लिए देश में भारतीय वन सेवा के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में पीसीसीएफ संजय श्रीवास्तव को आमंत्रित किया गया था। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों - ग्रीन हाउस प्रभाव, कृषि जीवाश्म ईंधन का प्रयोग, जंगलों की कटाई, कारखाने और अन्य प्रकार के प्रदूषण को मद्देनजर रखते हुए झारखंड में हरित हाइड्रोजन, जैव इंधन व नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में सराहनीय पहल की गई है।

 हरित हाईड्रोजन की दिशा में पहल करते हुए झारखंड के उद्योग विभाग ने टाटा समूह की कंपनी के साथ जमशेदपूर में हाइड्रोजन इंजन निर्माण की यूनिट स्थापित करने के लिए एमओयू किया है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में योगदान के लिए नई सौर ऊर्जा नीति लागू की गई है।

पाँच दिन का विशेष सत्र में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल : झारखंड में मिली जुली प्रतिक्रिया


सोमवार शाम केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सरकार ने महिला आरक्षण बिल को मंज़ूरी दे दी थी। आज नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में सरकार ने पहला बिल महिला आरक्षण से जुड़ा हुआ पेश किया। 

यह बिल पिछले 27 साल से लटका हुआ है। महिला आरक्षण बिल का नाम 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' दिया गया है।कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश। उन्होंने बताया कि इसकी अवधि 15 साल रहेगी। हालांकि ये अवधि बढ़ाने के लिए संसद के पास अधिकार होगा। 

महिला आरक्षण बिल पेश होने के बाद रांची में बीजेपी की नेत्री सीमा शर्मा ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, उस बिल को लाने का प्रयास किया है जो वर्षों से लंबित था। जिसकी प्रतीक्षा महिलाएं वर्षों से कर रही थी। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के बावजूद लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए था वो अब तक नहीं मिल पाया है। 

वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने महिला आरक्षण पर कहा कि आप जानते हैं सोनिया गांधी जी की भी इच्छा थी कि 33% आरक्षण मिले। अपनी सरकार में हम लोगों ने भी प्रयास किया था। हमने तो देश में दो-दो अध्यक्ष दिया है राष्ट्रपति दिया प्रधानमंत्री दिया महिलाओं के लिए इतना कुछ किया है। हम चाहते हैं कि जो महिलाओं का आरक्षण है वो मिले, सिर्फ बतौला बाजी से नहीं चलेगा।

अगर ये बिल कानून बन भी गया तो भी अभी इसे लागू होने में समय लगेगा। बताया जा रहा है कि परिसीमन के बाद ये कानून लागू होगा। 2026 के बाद देश में लोकसभा सीटों का परिसीमन होना है

पाँच दिन का विशेष सत्र में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल : झारखंड में मिली जुली प्रतिक्रिया

सोमवार शाम केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सरकार ने महिला आरक्षण बिल को मंज़ूरी दे दी थी। आज नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में सरकार ने पहला बिल महिला आरक्षण से जुड़ा हुआ पेश किया। 

यह बिल पिछले 27 साल से लटका हुआ है। महिला आरक्षण बिल का नाम 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' दिया गया है।कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश। उन्होंने बताया कि इसकी अवधि 15 साल रहेगी। हालांकि ये अवधि बढ़ाने के लिए संसद के पास अधिकार होगा। 

महिला आरक्षण बिल पेश होने के बाद रांची में बीजेपी की नेत्री सीमा शर्मा ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, उस बिल को लाने का प्रयास किया है जो वर्षों से लंबित था। जिसकी प्रतीक्षा महिलाएं वर्षों से कर रही थी। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के बावजूद लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए था वो अब तक नहीं मिल पाया है। 

वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने महिला आरक्षण पर कहा कि आप जानते हैं सोनिया गांधी जी की भी इच्छा थी कि 33% आरक्षण मिले। अपनी सरकार में हम लोगों ने भी प्रयास किया था। हमने तो देश में दो-दो अध्यक्ष दिया है राष्ट्रपति दिया प्रधानमंत्री दिया महिलाओं के लिए इतना कुछ किया है। हम चाहते हैं कि जो महिलाओं का आरक्षण है वो मिले, सिर्फ बतौला बाजी से नहीं चलेगा।

अगर ये बिल कानून बन भी गया तो भी अभी इसे लागू होने में समय लगेगा। बताया जा रहा है कि परिसीमन के बाद ये कानून लागू होगा। 2026 के बाद देश में लोकसभा सीटों का परिसीमन होना है

पिछले 19 माह से बकाया वेतन और अन्य मांगों को लेकर HEC कर्मी, 21 सितंबर को देंगे दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना

राँची,(डेस्क ): चन्द्रयान 3 के सफलता को लेकर इसरो के साथ राँची स्थित HEC एचईसी भी काफी चर्चा में रहा।इसी प्रतिष्ठान द्वारा चन्द्रयान के लॉन्चिंग पैड बनाने तथा अन्य इंजीनियरिंग कार्यों में इस संस्थान की भी भूमिका रही।अब इस संस्थान को लेकर जो बातें सामने आई है वह है कि यहां कार्यरत

कर्मी को पिछले 19 महीने से बेतन नही मिला है। अब इसी बकाये वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर HEC कर्मी 21 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर के समक्ष धरना देंगे। इसको लेकर एचइसी के आठ श्रमिक संगठनों के 16 प्रतिनिधि मंगलवार को स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

इस बाबत एचइसी बचाओ मजदूर जन संघर्ष समिति के लालदेव सिंह ने बताया कि धरना में इंडिया गठबंधन के कई नेता और कार्यकर्ता भी शामिल होंगे। आंदोलन का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय कर रहे हैं।

 लालदेव सिंह ने कहा कि एचइसी बचाने की लड़ाई अब व्यापक स्तर पर होगी. इसके लिए सभी संगठनों से सहयोग मांगा गया है।

आज है गणेश चतुर्थी,जानिए उनके व्रत के विधि और गणेश चतुर्थी के पौराणिक महामात्य


आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है आज गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी व्रत का विशेष फल तभी प्राप्त होता है, लेकिन यदि किसी वजह से आपको यह व्रत छोड़ना पड़ा है तो इसके लिए उद्यापन करना जरूरी है.

 पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक किसी भी व्रत का विशेष फल तभी प्राप्त होता है, जब उसका विधि पूर्वक उद्यापन किया जाता है. यदि आप उद्यापन किए बिना गणेश चतुर्थी का व्रत छोड़ते हैं तो आपके सभी व्रत निष्फल हो जाते हैं. 

गणेश चतुर्थी व्रत उद्यापन विधि,एवं पारण

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान कर साफ कपड़ें पहनें. इसके बाद घर के ईशान कोण में गणेजी जी की एक चौकी स्थापित करें. इस पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा रखें और साथ में कलश भी रखें. इसके बाद सफेद तिल और गुड़ का तिलकुट चढ़ाएं और कलश पर स्वास्तिक बनाएं. उस कलश पर रोली से टीका लगाएं और विघ्नहर्ता भगवान गणेश के मंत्रो का जाप कर धूप दीप करें. भगवान गणेश की आरती करने के बाद उन्हें मोदक और लड्डू का भोग लगाएं.

गणेश चतुर्थी का शुभ मुहुर्त

इस बार गणेश चतुर्थी 19 सिंतबर को है. गणेश चतुर्थी का शुभ मुहुर्त 18 सिंतबर दोपहर 2 बजे से अगले दिन 3 बजे दोपहर तक है. 

इसके बाद पूरे दिन व्रत रखें और शाम के समय अपने व्रत का पारण करें. ध्यान रहे व्रत का पारण कलश पर चढ़े तिलकुट से करें और किसी पंडित को प्रसाद के साथ कुछ पैसे दान करें. ऐसा करने से आपको अपने सभी व्रतों का फल प्राप्त होता है.

गणेश जी को सर्व अग्रणी देवता क्यूँ कहा जाता हैं

गणेश चतुर्थी कथा के मुताबिक ''एक बार माता पार्वती स्नान के लिए जाती हैं. तब वह एक पुतला बनाती हैं और उसमे जान डालकर एक बालक को जन्म देती हैं. स्नान के लिए जाने से पूर्व माता पार्वती बालक को कार्य सौंपती हैं कि वे कुंड के भीतर नहाने जा रही हैं अतः वे किसी को भी भीतर ना आने दे. उनके जाते ही बालक पहरेदारी के लिए खड़ा हो जाता हैं. कुछ देर बार भगवान शिव वहाँ आते हैं और अंदर जाने लगते हैं तब वह बालक उन्हें रोक देता हैं. जिससे भगवान शिव क्रोधित हो उठते हैं और अपने त्रिशूल से बालक का सिर काट देते हैं. 

जैसे ही माता पार्वती कुंड से बाहर निकलती हैं अपने पुत्र के कटे सिर को देख विलाप करने लगती हैं. क्रोधित होकर पुरे ब्रह्मांड को हिला देती हैं. सभी देवता एवम नारायण सहित ब्रह्मा जी वहाँ आकर माता पार्वती को समझाने का प्रयास करते हैं पर वे एक नहीं सुनती. तब ब्रह्मा जी शिव वाहक को आदेश देते हैं कि पृथ्वी लोक में जाकर एक सबसे पहले दिखने वाले किसी भी जीव बच्चे का मस्तक काट कर लाओं जिसकी माता उसकी तरफ पीठ करके सोई हो. 

नंदी खोज में निकलते हैं तब उन्हें एक हाथी दिखाई देता हैं जिसकी माता उसकी तरफ पीठ करके सोई होती हैं. नंदी उसका सिर काटकर लाते हैं और वही सिर बालक पर जोड़कर उसे पुन: जीवित किया जाता हैं. इसके बाद भगवान शिव उन्हें अपने सभी गणों के स्वामी होने का आशीर्वाद देकर उनका नाम गणपति रखते हैं. अन्य सभी भगवान एवं देवता गणेश जी को अग्रणी देवता अर्थात देवताओं में श्रेष्ठ होने का आशीर्वाद देते हैं. तब से ही किसी भी पूजा के पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती हैं.''

कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर 20 सितंबर से रेल चक्का जाम करेगी


रांची: कुर्मी विकास मोर्चा की ओर से राजधानी रांची में एक प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी दे की आगामी 20 सितंबर को कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन रेल चक्का जाम करने की बात कही।  

इस समाज के मुताबिक आजादी से पूर्व कुर्मी जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त था, लेकिन 1950 के बाद इस जाति को अनुसूचित जनजाति से अलग कर दिया गया है। पुनः कुर्मी समाज अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग कर रही है। यह समाज आदिवासी में शामिल करने की मांग को लेकर लगातार संघर्षरत रहा है।

 लोकसभा के विशेष सत्र में कुर्मी जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव पारित करने की मांग केंद्र सरकार से की गई है साथ ही कुरमाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग कर रहे है।

हेमंत सोरेन को ईडी के समन मामले में सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत : हाईकोर्ट जाने को कहा

राँची; सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मनी लांड्रिंग मामले में ईडी के समन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित याचिका के मामले में हाईकोर्ट जाने को कहा।

ED के दूसरे समन के बाद ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि हम इस पर अभी विचार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मुकदमे की शुरुआत पहले हाईकोर्ट से होनी चाहिए थी। लिहाजा आप पहले झारखंड हाईकोर्ट जाइए। 

हेमंत सोरेन के अनुसार, ये समन 'अपमानजनक, अनुचित और अवैध' होने के अलावा, किसी राज्य के मुख्यमंत्री के उच्च पद को कमजोर करने के लिए हैं। समन में कथित तौर पर उन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित किया गया है, न कि व्यक्तिगत क्षमता में।