विश्व ओजोन दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा किया गया वृक्षारोपण।
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पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम से ही ओजोन परत का संरक्षण संभव। छात्र-छात्राओं ने लिया स्वच्छता,पर्यावरण संरक्षण ,जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं ओजोन परत के संरक्षण का संकल्प । विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन।
आज दिनांक 16 सितंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर छात्र छात्राओं ने स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं ओजोन परत संरक्षण का संकल्प लिया । इस अवसर पर वृक्षारोपण भी किया गया।इस अवसर पर स्वच्छता चैंपियन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली अमित कुमार लोहिया वरिष्ठ पत्रकार सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ अमानुल हक, डॉ महबूब उर रहमान,सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से कहा कि दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं राष्ट्र के प्रयासों के बाद मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने के बाद 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व ओजोन दिवस घोषित किया गया था ।ओजोन परत को कम करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर 1987 में लगभग सभी देश द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
ओजोन परत के क्षरण के कारण यह दिन महत्वपूर्ण है। ओजोन गैस की नाजुक परत है जो लोगों को हानिकारक किरणों से बचाती है। लेकिन मानव गतिविधियाँ पेड़ पौधों की अंधाधुन कटाई , जहरीली गैसों को हवा में छोड़े जाने पर पृथ्वी के प्राकृतिक प्रतिमान के लिए खतरा बन उत्पन्न हो गई है । आम लोगों में जागृति लाने के लिए ओजोन-क्षयकारी पदार्थों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। ओजोन परत के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी 197 सदस्यों द्वारा अनुसमर्थित होने वाला पहला प्रोटोकॉल है ।
भारत सरकार द्वारा इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए गए।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2019 में “India Cooling Action Plan (ICAP)” लांच किया। इस कार्य योजना का उद्देश्य रेफ्रिजरेंट ट्रांजिशन को कम करने, कूलिंग डिमांड को कम करने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक एकीकृत दृष्टि प्रदान करना है।
यह देशों के लिए सभी ओजोन-क्षयकारी पदार्थों जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन एरोसोल, हैलोन आदि के अस्तित्व पर अंकुश लगाने के लिए एक समझौता था, जिनका व्यापक रूप से शीतलन और प्रशीतन उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। इन हानिकारक पदार्थों के उपयोग से अंटार्कटिका में ओजोन परत में छेद हो गया था। यह छेद 1970 में खोजा गया था और पिछले 20 वर्षों में तीव्र ग्लोबल वार्मिंग का कारण बना है। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ,मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा संयुक्त रुप से स्वच्छ बेतिया, पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन रोकथाम के लिए पेड़ पौधे लगाने , पॉलिथीन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक बर्तनों के लिए जन जागरण अभियान चला रहा। इसके लिए शहर में नीम, पीपल, चंपा , तुलसी, रुद्राक्ष ,चंदन एवं विभिन्न औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके लिए विद्यालयों महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र छात्राओं को पौधारोपण प्लास्टिक के बर्तनों के बहिष्कार पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं ओजोन परत के संरक्षण के लिए जागरूक किया जा रहा है ।
Sep 18 2023, 10:12