जी20 सम्मेलन से विश्व को भारतीय संस्कृति एवं आदर्शों को देखने एवं नजदीक से समझने का मिलेगा मौका
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बेतिया: जी20 सम्मेलन के थीम द्वारा भारत ने दुनिया को दिया वसुधैव कुटुंबकम (Vasudhaiva Kutumbakam) का संदेश। भारत को विगत एक वर्ष से 18वी जी 20 सम्मेलन का मेजबानी करने का अवसर मिला ।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक, डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ,स्वतंत्रता सेनानियों एवं जी20 देशों के महान विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत को 18वी जी 20 सम्मेलन को आयोजित करने का अवसर मिला इस के हम सभी ईश्वर का आभार व्यक्त करते हैं।
इस सम्मेलन से विश्व को भारतीय संस्कृति एवं आदर्शों को देखने एवं समझने का अवसर मिला है। भारत का हजारों वर्षों से यह परम्परा रही है।एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य है। वहीं जी20 के चिन्ह (लोगो) को तिरंगे के रंग से दर्शाया गया है। इसमें केसरिया, सफेद और हरा रंग देखने को मिलता है, वहीं लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में 'भारत' लिखा हुआ है. इसका सीधा और स्पष्ट मतलब है कि जी20 समिट इस साल भारत में होने का संकेत चिह्न दे रहा है।
1997 में विश्व वित्तीय संकट के बाद जी20 की शुरुआत की गई थी. इस बैठक में पहले आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होती थी, लेकिन बाद में और भी कई मुद्दों को शामिल किये गये।
1 दिसंबर 2022 से देशभर में इससे जुड़े कार्यक्रम शुरू किए गए, जो 30 नवंबर 2023 तक जारी रहेंगे ।यानी 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में होने वाले जी20 सम्मेलन के बाद भी भारत में इससे जुड़े कार्यक्रम चलते रहेंगे।
जी20 में 19 देश- भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं. हर साल अध्यक्ष देश कुछ देशों और संगठनों को मेहमान के तौर पर भी आमंत्रित है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि इस बार भारत ने बांग्लादेश, ईजिप्ट, मॉरीशिस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को मेहमान के तौर पर बुलाया है.
वहीं नियमित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) की पीठों के अलावा जी20 के अध्यक्ष के रूप में भारत की ओर से आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया गया है।
जी20 के सदस्य देश, दुनिया की 60% आबादी की नुमाइंदगी करते हैं. इन देशों का पूरी दुनिया की GDP में 85% और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 75% हिस्सेदारी है।
भारत अपनी पूरी ताकत के साथ दुनिया के प्रमुख 20 देशों का नेतृत्व कर रहा है. भारत को मौका मिला है कि वह प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर आम सहमति बनाने, सामूहिक कार्रवाई के लिए जोर डालने की अगुवाई करे और साथ ही विकासशील देशों के एजेंडों का चैंपियन बनकर उभरे. सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह वैश्विक मंच भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाने की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस सम्मेलन में चर्चा के दौरान कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां भारत की अपनी कोशिशों पर ध्यान फोकस करने की उम्मीद है.
भारत को आजाद हुए 76 साल हो चुके हैं. इस दौरान देश ने कई उपलब्धियां हासिल की है. हम आज कई क्षेत्रों में टॉप-5 में हैं, कई में टॉप-3 तो कुछ जगहों पर टॉप पर हैं. इसके बावजूद भारत को विकासशील देशों में गिना जाता है. इसलिए जी20 एक ऐसा फोरम हैं जहां भारत अपनी श्रेष्ठता को और बेहतर ढंग से बता सकता है।
भारत सरकार का लक्ष्य है कि जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र होगा. दुनिया को बताने की जरूरत है कि भारत दुनिया का वैश्विक नेता बनने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत ने समय-समय पर दिखाया है कि विकसित देश उन्नत संसाधनों के बावजूद वो मुकाम हासिल नहीं कर पाते, जो भारत अपने सीमित संसाधनों के साथ कर लेता है।
चाहे मंगलयान हो या कोविड जैसी महामारी में 140 करोड़ देशवासियों की रक्षा करना या फिर चंद्रयान-3 हर मामले में भारत औरों से बेहतर है। यह सब के सहयोग से ही सम्भव हो पाया है। इस के लिए हम सभी ईश्वर का धन्यवाद देते हैं।
दुनिया के बाकी देश भी अगर भारत के साथ मिलकर एक साथ काम करेंगे तो मानव समाज की उन्नति और पर्यावरण ,पृथ्वी संरक्षण के प्रयास में तेजी लाई जा सकती है. जी20 में भी भारत का उद्देश्य यही है. भारत का G20 अध्यक्षता थीम भी- ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य’ है।
Sep 09 2023, 22:10