*एससी एसपी योजना अंतर्गत वितरित किए गए कृषकों को खरपतवार नाशी*
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित दिलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आज एससी एसपी परियोजना अंतर्गत कृषकों को खरपतवारनाशी वितरित किए गए । इस अवसर पर प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने बताया कि धान की खेती में रोग एवं कीट के अलावा खरपतवार भी बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते है। ये धान की पैदावार पर भी असर डालती है। अगर खरपतवार को समय पर नियंत्रण नहीं किया तब धान की ग्रोथ को प्रभावित करता है। इसके साथ ही खरपतवार की वजह से विभिन्न कीट भी आकर्षित होते है जो धान की फसल के लिए नुकसान दायक है।
धान की फसल में यदि सही समय पर खरपतवार नियंत्रण के इंतजाम नहीं किए गए तो किसान को 30 से 35 प्रतिशत तक नुकसान होने की संभावना बन जाती है। लापरवाही बरतने पर तो यह नुकसान 90 प्रतिशत तक हो जाता है। कृषकों को इसी नुकसान से बचाने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र, दलीप नगर, कानपुर देहात ने अनुसूचित जाति उपयोजन अंतर्गत विकास खंड मैथा के तीन गांव क्रमश: औरंगाबाद, सहतावानपुरवा व मझियार देरी से बोई गयी धान व लंबी अवधि की धान में खरपतवार नियंत्रण हेतु "बिस्पायरीबैक" दवा का वितरण डॉ अजय कुमार सिंह प्रभारी ने अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन अंतर्गत 60 कृषको को किया गया ।
इस दवा का प्रयोग स्रङ्म२३ ीेी१ॅील्लूी मतलब खरपतवार दिखने के बाद 100 मिली/ एकड़ की दर से किया जाता है। यह नर्सरी और मुख्य खेत दोनों में धान की फसल को संक्रमित करने वाली घास, सेज और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है। दवा के प्रयोग हेतु छिड़काव से पहले धान के खेत से पानी हटा दें, समान स्प्रे के लिए फ्लैट पंखे/फ्लड जेट नोजल का उपयोग करें, आवेदन के 2-3 दिनों के भीतर खेत को पानी से भर दें और कम से कम 10 दिनों तक 3-4 सेमी पानी जमा रखें। उक्त कार्यक्रम में डॉ राजेश राय, डॉ निमिषा अवस्थी व शुभम यादव ने प्रतिभाग किया।
Aug 30 2023, 18:10