*एससी एसपी योजना के अंतर्गत तीन दिवसीय गोभी वर्गीय सब्जियों की उत्पादन तकनीकी एवं विपणन पर कृषक प्रशिक्षण का समापन*
कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा ग्राम अरशदपुर विकासखंड मैथा में तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने किसानों को गोभी वर्गी सब्जियों के उत्पादन तकनीक एवं उसका विपणन विषय पर प्रशिक्षण दिया। उन्होने बताया कि गोभी वर्गीय सब्जी में विशेष कर फूलगोभी एवं पत्ता गोभी का विशिष्ट स्थान है।
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन ए एवं सी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं अन्य खनिज पदार्थ की पूर्ति फूलगोभी एवं पत्ता गोभी से हो जाती है।जो संतुलित आहार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। डॉक्टर सिंह ने बताया कि किसान भाई इस फसल की उत्पादन तकनीक को अपनाकर अपनी आमदनी कम लागत में बढ़ा सकते हैं।
इस मौके पर पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने किसानों को संबोधित किया कि फूलगोभी के फूल को काटकर बेचने के बाद बचा हुआ पत्ता एवं डंठल पशुओं के लिए सस्ता एवं पौष्टिक चारा के रूप में प्रयोग कर सकते है।
जिसमें विटामिन एवं मिनरल भरपूर मात्रा में पाया जाता है।जिससे दुधारू पशुओं का दूध बढ़ जाता है।
कार्यक्रम में मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने बताया कि किसान फूल गोभी फसलों की खेती के लिए खेत में दो माह पहले फलीदार हरी खाद वाली फसलें उगाए।इसके बाद 30 टन गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट, नीम की खाली के साथ प्रयोग किया जाए तो गोभी वर्गी फसलों की खेती की पैदावार भरपूर मात्रा में होती है।यदि गोभी की फसल को किसान भाई अगेती फसल के रूप में लें तो अधिक मुनाफा होगा।
यह बात डॉ राजेश राय ने प्रशिक्षण के दौरान कहीं।गृह वैज्ञानिक डॉ निमिषा अवस्थी ने किसानों को बताया कि गोभी के विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार किया जाते है। यदि समूह की महिलाएं अचार को तैयार कर बाजार में समूह के माध्यम से विक्रय करें तो महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं।इस मौके पर प्रशिक्षण के दौरान लगभग 40 किसानों ने प्रशिक्षण में भाग लिया। गांव के प्रगतिशील किसान देशराज भारती और राजेश कुमार कठेरिया ने और किसानों को प्रशिक्षण लेने के लिए आग्रह किया
Aug 28 2023, 18:03