चांद के साउथ पोल की जमीन के तापमान को लेकर चंद्रयान-3 की पहली खोज आई सामने, इसरो ने किया शेयर

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डेस्क: भारत के चंद्रयान- 3 मिशन के जरिए चांद के साउथ पोल पर भेजे गए विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह को लेकर जानकारी शेयर की है। चंद्रयान-3 मिशन के जरिए एक रोवर भी भेजा गया है, जिसका नाम प्रज्ञान रोवर दिया गया है, जो चांद की सतह से सैंपल्स इकट्ठा करने में जुटा है। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के चार दिन बाद इसरो ने रविवार को चंद्रयान-3 की ओर से भेजी गई पहली जानकारी शेयर की। यह इतिहास में पहली बार है जब चंद्रमा के साउथ पोल के आस-पास की मिट्टी की जांच की जा रही है।

तापमान में भिन्नता पर ग्राफ

इसरो ने विभिन्न गहराईयों पर चंद्रमा की मिट्टी के तापमान में भिन्नता पर एक ग्राफ शेयर किया है। इसमें बताया है कि चंद्रमा की सतह पर तापमान किस प्रकार बदलता है। दरअसल, विक्रम लैंडर में लगे चंद्र सर्फेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) के जरिए किए गए पहले ऑब्जर्वेशन को जारी किया गया है। ChaSTE ने चंद्रमा के साउथ पोल की ऊपरी सतह के तापमान की प्रोफाइल तैयारी की है।

तापमान की जांच करने वाले लगे हैं उपकरण

ChaSTE के जरिए जिन साइंटिफिक जानकारियों को जुटाया गया है उससे वैज्ञानिकों को चांद की सतह के बदलते व्यवहार के बारे में ज्यादा बेहतर तरीके से जानकारी मिल जाएगी। चंद्रयान- 3 के तहत चांद पर भेजे गए ChaSTE में तापमान की जांच करने वाले उपकरण लगे हुए हैं। इनके जरिए चांद की जमीन को 10 सेंटीमीटर तक खोदा जा सकता है। ChaSTE में न सिर्फ जमीन में गड्ढा करने वाले मैकेनिज्म लगे हुए हैं, बल्कि इसमें 10 तापमान सेंसर भी लगे हुए हैं।

तापमान में होने वाले बदलाव रिकॉर्ड 

इसरो की ओर से जारी ग्राफ में बताया गया है कि किस तरह गहराई में तापमान बदलता जा रहा है। चांद की सतह के सबसे ज्यादा गहरे प्वॉइंट पर तापमान 10 डिग्री तक है। ChaSTE से माध्यम चांद के साउथ पोल पर ऊपरी सतह से लेकर निचली सतह के तापमान में होने वाले बदलाव को रिकॉर्ड किया गया। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के साउथ पोल की पहली तापमान में बदलाव की प्रोफाइल तैयार की है।

साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश

इससे पहले इसरो ने शनिवार को बताया था कि चंद्रयान-3 मिशन के तीन में से दो उद्देश्य हासिल कर लिए गए हैं, जबकि तीसरे उद्देश्य के तहत वैज्ञानिक प्रयोग जारी है। चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इसके साथ भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करने वाला पहला देश बन गया। इसके अलावा भारत अमेरिका, चीन, रूस के बाद चांद पर लैंड करने वाला चौथा देश बन गया।

'450 रुपए में सिलेंडर, राखी के लिए अतिरिक्त रुपए..', मध्य प्रदेश की बहनों को सीएम शिवराज ने दी बड़ी सौगातें

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लाड़ली बहना सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश की बहनों को बड़ी सौगात दी है। योजना लॉन्च होने के बाद प्रतिमाह बहनों को एक हजार रुपए की राशि प्रदान की जा रही थी। अभी तक बहनों को तीन किस्त दी जा चुकी है। सितंबर में चौथी किस्त जारी होगी। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह ने बड़ा ऐलान कर दिया है। सीएम शिवराज ने भोपाल में ऐलान किया है कि अक्टूबर से राज्य की बहनों को 1250 रुपए प्रति माह दिए जाएंगे। 250 रुपए बढ़ने से राज्य के सरकारी खजाने पर 400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा।

वहीं, 1250 रुपए के ऐलान से पहले सीएम शिवराज सिंह ने राखी के लिए बहनों को 250-250 रुपए अलग से उनके खाते में डाले हैं। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि इसके अलावा 10 सितंबर को 1000 रुपए और आएंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसके बाद जैसे-जैसे पैसे की व्यवस्था होते जाएगी, इसे बढ़ाकर 1250 कर दिया जाएगा। फिर 1,500, फिर 1,750, फिर 2,000, फिर 2,250, उसके बाद 2,500 फिर 2,750और फिर 3,000 रुपए कर दिए जाएंगे। बता दें कि राज्य में 10 जून को लाडली बहना योजना की शुरुआत हुई है। इसके तहत 21 से 60 वर्ष के उम्र की पात्र बहनों को प्रति माह ने 1 हजार रुपए की मदद दी जाती है।

अभी तक राज्य की सवा करोड़ पात्र महिलाओं के खाते में 3 किस्तों में कुल 3 हजार 628 करोड़ 85 लाख से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई है। पहली किस्त जबलपुर से 1209 करोड़, इंदौर से दूसरी किस्त में 1209 करोड़ और रीवा से तीसरी किस्त में 1209 करोड़ रुपए जारी की गई थी। 250 रुपए बढ़ने के बाद 400 करोड़ रुपए की राशि और बढ़ जाएगी। बता दें कि राखी के पहले सीएम शिवराज ने बहनों को अन्य सौगातें भी दी हैं। उन्होंने बहनों को सावन के माह में 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा किया है। साथ ही 250 रुपए राखी मनाने के लिए भी उनके खाते में डाले हैं। इसके साथ ही, सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया है। साथ ही 100 रुपए से अधिक बिजली बिल नहीं आने का भी वादा किया है।

तमिलनाडु: मदुरै ट्रेन हादसे में UP की ट्रैवल एजेंसी पर केस, फॉरेंसिक टीम ने शुरू की जांच

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रेलवे का दावा- लखनऊ के आगे ट्रेन में रखा गया अवैध सिलेंडर, कोच में कोयला-लकड़ी भी मिली

तमिलनाडु के मदुरै जंक्शन के पास ट्रेन के निजी कोच में आग लगने के मामले में राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने यूपी की ट्रैवल एजेंसी के खिलाफ केस दर्ज किया है। जीआरपी द्वारा सीतापुर स्थित भसिन ट्रैवल एजेंसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

दरअसल, ट्रैवल एजेंसी संचालक ने आईआरसीटीसी के माध्‍यम से कोच बुक किया था। इस कोच में यूपी के 63 लोग सफर कर रहे थे, जो दक्षिणी राज्यों की यात्रा पर निकले थे। 26 अगस्त की तड़के सुबह हुए हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्‍यादा लोग झुलस गए। इन घायलों में आठ लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

फॉरेंसिक टीम ने घटनास्‍थल पर शुरू की जांच

हादसे के बाद दक्षिण रेलवे ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच में पाया गया कि आग ट्रेन में रखे घरेलू गैस सिलेंडर के कारण लगी थी। इस गैस सिलेंडर को अवैध तरीके से ट्रेन में रखा गया था। कोच में कोयला और लकड़ी भी मिला है। इसके अलावा रविवार सुबह फॉरेंसिक टीम भी घटनास्‍थल पर पहुंची और साक्ष्‍य जुटाने में जुट गई है।

ट्रेन रुकने पर यात्रियों के लिए जलावन पर बनता था खाना

इस हादसे में जीवित बचे अशोक कुमार प्रजापति ने बताया कि ट्रैवल एजेंसी के अटेंडेंट्स कोच में टॉयलेट एरिया की ओर खाना बनाते थे। ट्रेन रुकने पर जलावन का इस्तेमाल होता था। सफर के दौरान गैस चूल्हे पर खाना बनता था। ये प्राइवेट कोच 25 अगस्त को नागरकोल जंक्शन पर पुनालूर-मदुरै एक्सप्रेस (16730) से जुड़ा था। 26 अगस्त को ट्रेन तड़के 03:47 बजे मदुरै रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां इस कोच को ट्रेन से अलग कर दिया गया। मदुरै में कोल्लम-चेन्नई एग्मोर अनंतपुरी एक्सप्रेस से जुड़कर कोच को चेन्नई जाना था और वहां से तीर्थ यात्री रविवार को लखनऊ लौटने वाले थे।

G-20 की तैयारियों के बीच खालिस्तानी समर्थकों ने दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों पर लिखे देश विरोधी नारे

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डेस्क: देश की राजधानी दिल्ली में खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की एक और देशविरोधी गतिविधि का मामला साममे आया है. आतंकी संगठन SFJ से जुड़े कुछ लोगों ने दिल्ली के करीब पांच मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे हैं. इस घटना के बाद SFJ के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी किया है.

मेट्रो स्टेशनों पर भारत विरोधी बातें

G-20 समिट से करीब 12 दिन पहले कई मेट्रो स्टेशनों पर 'दिल्ली बनेगा खालिस्तान और खालिस्तान जिंदाबाद' जैसे भारत विरोधी नारे लिख दिए गए हैं. दिल्ली पुलिसइसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है. सिख फॉर जस्टिस से जुड़े लोगों ने मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर खालिस्तान जिंदाबाद के साथ-साथ पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है भी लिखा है.

इन स्टेशनों पर दिखी गतिविधियां

खालिस्तान समर्थकों ने शिवाजी पार्क, मादीपुर; पश्चिम विहार; उद्योग नगर; महाराजा सूरजमल स्टेडियम, गवर्नमेंट सर्वोदय बाल विद्यालय नांगलोई, पंजाबी बाग और नांगलोई मेट्रो स्टेशन पर यह नारे लिखे हैं. खबर मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने इन नारों को मिटाए जाने का काम शुरू करा दिया है. मेट्रो पुलिस का कहना है कि इस मामले में केस दर्ज किया जाएगा. घटना के बाद सिख फॉर जस्टिस के भगोड़े आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें कई मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर नारे लिखे नजर आ रहे हैं.

क्या है सिख फॉर जस्टिस संगठन?

सिख फॉर जस्टिस संगठन की शुरूआत अमेरिका में साल 2007 में हुई थी. इस संगठन का एक बेस कनाडा में भी है. ब्रिटेन समेत कुछ अन्य जगहों पर भी इस संगठ के लोगों की मौजूदगी है. इस अलगाववादी और आतंकवादी संगठन का एजेंडा पंजाब में अलग खालिस्तान बनाने का है. अमेरिका में वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू SFJ का प्रमुख चेहरा है जो लगातार भारत विरोधी गतिविधियों के चलते सुर्खियों में रहता है.

सीएम नीतीश कुमार अचानक पहुंचे लोहिया चक्र पथ का किया निरीक्षण, कहा-यहां की पुरानी बिल्डिंग को तोड़ बनाया जायेगा नया भवन

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डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज रविवार को अचानक राजधानी पटना स्थित हड़ताली मोड़ पहुंच वहां निर्माणाधीन लोहिया चक्र पथ का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के साथ साथ विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान सीएम नीतीश ने सड़क से ही फोन लगा दिया और खूब हड़काया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्माण के सभी पहलूओं को बारिकी से समझा और संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी हाल में लोहिया चक्र पथ का निर्माण इसी साल दुर्गापूजा से पहले पूरा कर लेना है। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों से फोन पर बात भी की।

लोहिया चक्र पथ के निरीक्षण के दौरान मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह काम इसी साल दुर्गापूजा के पहले हो जाना है, इसलिये आये हैं और इसके बगल में जो ये सब बिल्डिंग है वो अस्सी साल पहले की है, इसको भी तोड़कर बनना है। नया बहुमंजिला बिल्डिंग बनेगा तो अधिक से अधिक लोग रहे सकेंगे।

*भारत के बढ़ते दबदबे को एलन मस्क ने भी माना, कही ये गर्व की बातें*

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डेस्क: दुनियाभर में भारत का तेजी से बढ़ते दबदबे को अब एलन मस्क भी मान रहे हैं। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि अपनी मेहनत के दम पर आज भारतीय मूल के लोग दुनिया की अधिकांश शीर्ष टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ-साथ कुछ गैर-तकनीकी संगठनों के सीईओ बनकर बेहतरीन काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सबसे मेहनती लोगों में से हैं। मस्क ने कहा कि शीर्ष पदों पर रहकर, भारतीय मूल के लोग लाखों डॉलर कमा रहे हैं जो उन्हें अमेरिका में सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ में रखता है।

भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का भी सीईओ 

देश के चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन के सफलतापूर्वक उतरने के बाद मस्क के अपने एक फॉलोअर को रिप्लाई देते हुए कहा, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का भी सीईओ है। जब वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शीर्ष कंपनियों में भारतीय मूल के लोगों की सूची पोस्ट की, तो मस्क ने शनिवार देर रात प्रतिक्रिया व्यक्त की: "प्रभावशाली"।

इन कंपनियों में भारतीय मूल के सीईओ 

वर्तमान में, संजय मेहरोत्रा माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ, शांतनु नारायण एडोब के सीईओ, सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष और सीईओ, सुंदर पिचाई अल्फाबेट और गूगल के सीईओ; जय चौधरी ज़स्केलर के सीईओ, अरविंद कृष्णा आईबीएम के सीईओ, नील मोहन यूट्यूब के सीईओ और जॉर्ज कुरियन शीर्ष तकनीकी दिग्गजों में से एक नेटएप के सीईओ हैं। लीना नायर ने फ्रांसीसी लक्जरी फैशन हाउस, चैनल की पहली भारतीय मूल की वैश्विक सीईओ बनकर सभी बाधाओं को तोड़ दिया। 

जबकि लक्ष्मण नरसिम्हन स्टारबक्स के सीईओ हैं, आम्रपाली 'अमी' गण वयस्क मनोरंजन मंच ओनलीफैन्स के सीईओ बनीं (इस साल जुलाई में पद छोड़ने से पहले)। अंजलि सूद ऑनलाइन वीडियो प्लेटफॉर्म वीमिओ की सीईओ हैं और रंगराजन रघुराम वीएमवेयर के सीईओ हैं।

*रक्षा क्षेत्र की नवरत्न पीएयसू कंपनी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को मिला ₹3289 करोड़ का नया ऑर्डर_*

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बेंगलुरु (कर्नाटक) : रक्षा क्षेत्र की नवरत्न पीएयसू कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को लगभग 3,289 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिले हैं. जो जुलाई और अगस्त 2023 के दौरान प्राप्त हुए हैं. ये ऑर्डर रक्षा व गैर-रक्षा से जुड़ा हुआ है.

ये ऑर्डर विभिन्न इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति के लिए हैं. इनमें लो लेवल लाइट वेट रडार, सोनार्स, आईएफएफ सिस्टम, सैटकॉम सिस्टम, ईओ/आईआर पेलोड, टीआरएम/डीटीआरएम, जैमर, एनक्रिप्टर, डेटा लिंक सिस्टम, फायर कंट्रोल सिस्टम, डायरेक्टेड एनर्जी सिस्टम के लिए रडार, सेमी रग्ड टेलीफोन एक्सचेंज शामिल हैं. कंपनी के प्रतिनिधियों ने आगे कहा, इसके अलावा सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो और अलग तरह के रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, एएमसी और स्पेयर्स आदि भी शामिल है.

Bharat Electronics Limited (बीईएल) के बेंगलुरु हेडक्वाटर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इन आडर्स में शुक्रवार को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) की तरफ से 1,075 करोड़ रुपये का एलओआई (Letter of Intent)/ ऑर्डर भी शामिल है. जिसमें बेड़े समर्थन जहाजों के लिए सीएमएस, संचार प्रणाली, ईडब्ल्यू सिस्टम और अन्य सेंसर की आपूर्ति शामिल है. इस ऑर्डर का मकसद पब्लिक सेक्टर की रक्षा कंपनियों को मजबूत करना है.बता दें, इस ऑर्डर से पहले भी BEL को 8,091 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला हुआ है.

 इस नए ऑर्डर के साथ बीईएल को वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 11,380 करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं.

पिछले नौ सालों में प्रधानमंत्रीजनधन योजना के तहत 50.09 करोड़ से अधिक खाते खोले गए,जमा राशि बढ़कर 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक*

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नई दिल्ली :पिछले नौ सालों में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 50.09 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं. इन खातों में जमा राशि बढ़कर 2.03 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. वित्त मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी.

 वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने कहा कि अगस्त, 2023 तक पीएमजेडीवाई खाताधारकों को 33.98 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए. यह आंकड़ा मार्च 2015 के अंत में 13 करोड़ था.जोशी ने कहा कि जनधन योजना के तहत अगस्त 2023 तक शून्य राशि वाले खाते, कुल खातों के मुकाबले 8 फीसदी थे. 

यह आंकड़ा मार्च 2015 में 58 प्रतिशत था. जनधन योजना के नौ साल पूरे होने से पहले जोशी ने कहा कि हमने अगस्त में 50 करोड़ खाता खोलने का आंकड़ा सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है. हर साल औसतन 2.5-3 करोड़ जेडीवाई खाते खोले गए हैं.

जनधन खातों में औसत जमा राशि मार्च 2015 के 1,065 रुपये से बढ़कर अगस्त 2023 में 4,063 रुपये हो गई है, जो 3.8 गुना की वृद्धि है. जनधन खाताधारकों में 56 प्रतिशत महिलाएं हैं और कुल खातों में 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं. बता दें, प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य उन परिवारों के लिए शून्य रुपये की न्यूनतम जमा राशि वाले बैंक खाते खोलना था, जो अभी तक बैंकिंग सेवाओं से वंचित थे.

अंतरराष्ट्रीय स्पेसटेक में फंडिंग के मामले में भारत ने लगाई लंबी छलांग,देश में स्पेसटेक क्षेत्र को इस साल अब तक 62 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली

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नई दिल्ली: देश में स्पेसटेक क्षेत्र को इस साल अब तक 62 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है, जो पिछले साल की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है. 

मार्केट इंटेलिजेंस फर्म ट्रैक्सन की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्पेसटेक परिदृश्य में फंडिंग के मामले में सातवें स्थान पर है और इस क्षेत्र में अपना प्रभाव मजबूती से स्थापित कर रहा है. 

यह असाधारण विकास प्रवृत्ति आगामी महीनों में भी जारी रहने की उम्मीद है. भारतीय स्पेसटेक क्षेत्र की यात्रा परिवर्तन में से एक रही है, जो 2020 में क्षेत्र के निजीकरण से प्रेरित है.

2010 और 2019 के बीच जुटाए गए 35 मिलियन डॉलर के मामूली फंड से, इस क्षेत्र ने 2020 में जबरदस्त छलांग लगाई और 28 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की. 

यह प्रवृत्ति तेजी से वृद्धि के साथ जारी रही, 2021 में 96 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई और 2022 में प्रभावशाली 112 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है. "रिपोर्ट में कहा गया है, "पहले सरकारी भागीदारों का वर्चस्व था. इस क्षेत्र में निजीकरण के बाद निजी क्षेत्र की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. निजी संस्थाएं अब रॉकेट और उपग्रहों के अनुसंधान, विनिर्माण और निर्माण के महत्वपूर्ण पहलुओं में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जो नवाचार के एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे रही हैं."

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक शक्तिशाली देश के रूप में भारत का उद्भव इसके प्रभावशाली उपग्रह परिनियोजन द्वारा और अधिक उजागर होता है. 381 उपग्रहों को निचली कक्षा में स्थापित करने के साथ, भारत ने खुद को इस क्षेत्र में एक प्रमुख देश के रूप में स्थापित किया है. विशेष रूप से, यूके स्थित वनवेब के लिए इसरो द्वारा कक्षा में 36 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण वैश्विक उपग्रह स्वामित्व में भारत के योगदान को दर्शाता है.

सेटेलाइट निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की योजना भी पाइपलाइन में है. सेटेलाइट-आधारित इमेजिंग सॉल्यूशंस को भी पर्याप्त समर्थन मिला है, पिछले दो वर्षों में 84.2 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की गई है. पिक्‍सेल जैसी कंपनियों ने पृथ्वी अवलोकन के लिए अग्रणी तकनीकें पेश की हैं, जबकि ध्रुव स्पेस और बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस अपनी अनूठी पेशकशों के माध्यम से इस क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं.

रेलवे सुरक्षा आयुक्त करेंगे रेलयात्री कोच में आग लगने की वैधानिक जांच

मदुरै : तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर खड़े रेलयात्री कोच में शनिवार तड़के आग लग गई, जिसमें रामेश्वरम जाने वाले कम से कम नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. अब रेलवे ने इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं. 

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बेंगलुरु स्थित रेल संरक्षण भवन दक्षिणी सर्कल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी की ओर से जारी पत्र में यह जानकारी दी गई है. पत्र में कहा गया है कि एएम चौधरी, रेलवे सुरक्षा आयुक्त, दक्षिणी सर्कल, बेंगलुरु, 26 अगस्त को सुबह लगभग 5.15 बजे मदुरै के रेलवे स्टेशन यार्ड में आईआरसीटीसी पर्यटक कोच (एनई रेलवे - एनई - सीएन 113210) में आग लगने की घटना की वैधानिक जांच करेंगे.

पत्र के माध्यम से बताया गया है कि जांच आज सुबह 09.30 बजे से मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय परिसर, मदुरै में शुरू होगी. 

इस संबंध में पूछताछ के लिए संबंधित अधिकारियों और जिम्मेदार कर्मचारियों को डीआरएम के कॉन्फ्रेंस हॉल में बुलाया जायेगा. पत्र में यह भी कहा गया है कि कोई भी आम आदमी जिसे इस घटना के बारे में कोई जानकारी हो यह किसी के पास घटना से जुड़ा साक्ष्य हो तो वह डीआरएम के कॉन्फ्रेंस हॉल, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय परिसर, मदुरै में आकर बता सकता है या रेलवे सुरक्षा आयुक्त को पत्र या ईमेल के माध्यम से भी जानकारी दे सकता है.

दूसरी ओर, दक्षिणी रेलवे, पुलिस और मदुरै जिला प्रशासन के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि घटना में मारे गये नौ लोगों की पहचान करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें एक से अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा. सबसे बड़ी बात यह थी कि सभी नौ शव इतने जले हुए थे कि उन्हें पहचाना नहीं जा सका. इसके अलावा, यहां अधिकारियों को जीवित बचे लोगों के साथ बातचीत करने में कठिनाई हुई क्योंकि भाषा एक बड़ी बाधा बनी हुई थी.

हालांकि, कलेक्टर एमएस संगीता ने यह कार्य निगमायुक्त वीजे प्रवीण कुमार को सौंपा. प्रवीण कुमार को हिंदी आती थी. इसके साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पलानीवेल थियागा राजन ने पीड़ितों को भोजन और कपड़े सहित सभी सहायता प्रदान करने में त्वरित कार्रवाई के लिए मदुरै की मेयर इंद्राणी पोनवसंत और निगम अधिकारियों की सराहना की. जीवित बचे लोगों की जांच के लिए स्टेशन पर एक चिकित्सा शिविर भी आयोजित किया गया था.