*रक्षाबंधन त्यौहार के पूर्व महिलाओं को दिया गया राखी बनाने का प्रशिक्षण*
कानपुर।रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं।
बहनें बाजार से राखी खरीद कर बांधती हैं जो 10 रुपये से शुरू होकर 200-500 रुपये तक की होती हैं। अगर एक घर में 2 राखी भी खरीदा जाए तो कम से कम 25-30 रुपये का खर्च होता है जबकि अगर हम 25-30 रुपये का समान लगाएं तो कम से कम 20 राखी घर पर ही बना लेंगे।
इसी विचार पर गांव का पैसा गांव में और घर का पैसा घर में को सार्थक करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, दलीप नगर, कानपुर देहात द्वारा ग्राम रुदापुर विकासखंड मैथा में गृह वैज्ञानिक डॉ तीन दिवसीय निमिषा अवस्थी ने राखी बनाने का प्रशिक्षण का आयोजन किया डॉ अवस्थी ने रेशम, कलावा मैक्रम के धागो से राखी बनाना सिखाया।
डॉ अवस्थी ने राखी में मोती मूंगा लगाने के साथ सब्जी के बीजो का प्रयोग कर राखी बनवाई। डॉ निमिषा ने कहा की राखी सिर्फ एक दिन बंधती है और फिर इधर उधर पड़ जाती है जिससे उसमें लगे प्लास्टिक के मूंगा मोती नालियों में जाकर प्रदूषण बढ़ाते है, और सब्जियों के बीज भी रंगीन और सुंदर होते है तो अगर हम मूंगा मोती की जगह बीजों का प्रयोग करते हैं तो यह हरियाली बढ़ाने का कार्य करेंगे।
प्रशिक्षण में चन्द्रकांती, उषा, शिवकन्या समेत कुल 35 महिलाओं ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र में संचालित निकरा परियोजना के शोध सहायक श्री शुभम यादव भी उपस्थित रहे ।
Aug 26 2023, 19:40