60 ग्राम ब्राउन समेत कई आपत्तिजनक सामान के साथ 4 स्मैक तस्कर को पुलिस ने दबोचा

पूर्णिया : जिले की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने 60 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ 4 स्मैक तस्कर को गिरफ्तार किया है। शातिर तस्कर बंगाल के दालकोला से स्मैक की खरीद करते थे, इसके बाद इसे पूर्णिया में लाकर बेचा करते थे। 

पकड़े गए तस्कर शहर के सहायक खजांची थाना क्षेत्र स्थित विवेकानंद कॉलोनी स्थित एक किराए के मकान से ब्राउन शुगर की खरीद फरोख्त का नेक्सेस रेगुलेट करते थे। तस्करों के पास से पुलिस ने बेचे गए स्मैक के 30 हजार कैश भी बरामद किए हैं। फिलहाल सभी 4 तस्करों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है। 

इस बात की जानकारी देते हुए सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि हौंडा शोरूम के पास स्मैक तस्कर किसी व्यक्ति को स्मैक सप्लाई करने के लिए इंतजार कर रहा है।

उक्त सूचना के बाद मरंगा थाना की पुलिस होंडा शोरूम के पास पहुंचकर अभिषेक आनंद नामक युवक को पकड़कर उसकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान उसके पास से 15 ग्राम स्मैक बरामद हुआ। 

वहीं उसकी निशानदेही पर पूर्णिया के सहायक थाना क्षेत्र के विवेकानंद कॉलोनी के समीप एक मकान में छापेमारी कर संजय मोहित और मासूम नामक युवक को गिरफ्तार किया। जिसके पास से 45 ग्राम स्मैक बरामद किया गया। 

पूछताछ में तस्कर ने बताया कि वे बंगाल के दालकोला से स्मैक लाकर पूर्णिया के अलग-अलग क्षेत्र में बेचते थे। तस्करों के पास से 59.90 ग्राम स्मैक के अलावा इलेक्ट्रॉनिक तराजू, 30 हजार कैश, 1 मोबाइल और 3 बाइक भी बरामद की है।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

आकाश कुमार सिंह को मिला 13वां विनय तरूण पुरस्कार

पूर्णिया : स्थानीय श्रीनायक होटल परिसर में मिथिला पत्रकार मंच (अन्तरराष्ट्रिय मैथिली परिषद् की ईकाई) ने तेरहवें विनय तरूण पुरस्कार दैनिक भास्कर के डिजिटल रिपोर्टर आकाश कुमार पिता को प्रदान किया। 

कार्यक्रमक कि अध्यक्षता आकाशवाणी के सत्येन्द्र कुमार सिन्हा ने की। मुख्य अतिथि एबीपी न्यूज के पंकज नायक ने प्रमाणपत्र प्रदान किया और अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद के संस्थापक डॉ. धनाकर ठाकुर प्रोफेसर मेडिसिन वाराणसी ने मिथिला का पाग पहना सम्मानित करते हुए आशा कि आकाश भी विनय तरूण की तरह जुझारू पत्रकार बनेगे और समाजसेवा भी करेगे।

यह सुखद संयोग है कि पूर्णिया के ही विनय तरूण थे जिसने कुशहा कोशी त्रासदी 2008 और भुज साइक्लोन 2001 में भी सेवाकार्य किया था। 

अन्तरराष्ट्रीय मैथिली परिषद हर वर्ष सांकेतिक ही सही पर 35 के नीचे युवा एक पत्रकार को सम्मानित करती है।

मुख्य अतिथि ने सही चयन के लिए अन्तरराष्ट्रीय मैथिली परिषद को धन्यवाद दिया। संयोजक कुमार प्रवीण ने सबों को धन्यवाद दिया।

महाकवि विद्यापति के जय जय भैरवी से प्रारम्भ और नागार्जुन यात्री के भगवान हमर मिथिला से समापन हुआ ‌

कार्यक्रम में अंकित झा,न्यूज फोर, नागेश्वर कर्ण, दैनिक भास्कर, जयप्रकाश मिश्र,डीडी वन,मनोहर कुमार दैनिक भास्कर आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

पुर्णिया में बस और ऑटो की टक्कर में ऑटो सवार चार लोगों की हुई मौत, कई घायल

 पुर्णिया में बस और ऑटो की टक्कर में ऑटो सवार चार लोग की मौत हो गई है ,वहीं छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गया है , 

सभी घायलों का इलाज पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में चल रहा है । घटना कृत्यानंद नगर थानाक्षेत्र के एथनॉल फेक्ट्री के समीप की है । सभी मृतक धमदाहा बिशनपुर के रहनेवाले है 

इस बाबत परिजनों ने बताया कि सभी लोग धमदाहा थानाक्षेत्र के बिशनपुर गांव के रहनेवाले है और ये लोग जमीन विवाद के सिलसिले में पुर्णिया कोर्ट आ रहे थे इस बाबत सीएस ने बताया कि सभी घायल का ईलाज किया जा रहा है । 

वही टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि घटना स्थल पर ही तीन लोग की मौत हो गई जबकि एक की मौत इलाज के दौरान अस्पताल में हो गई ।

चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, सफल रही विक्रम लैंडर की डिबूस्टिंग, कैमरे ने कैद की चांद की खूबसूरत तस्वीर

#chandrayaan3vikramlanderdeboosting

भारत का मिशन मून यानी चंद्रयान-3 अपने आखिरी लेकिन अहम पड़ाव पर है।चंद्रयान-3 धीरे-धीरे चंद्रमा के करीब पहुंचता जा रहा है।इस बीच लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक शुक्रवार को डिबूस्टिंग ऑपरेशन किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने ट्वीट करके ये जानकारी दी।पहली सफल डीबूस्टिंग के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान वाला पूरा मॉड्यूल अब चांद से अधिकतम 157 किमी की दूरी वाली कक्षा पर है। दूसरी डीबूस्टिंग 19-20 अगस्त की दरम्यानी रात में होगी। 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी।

इसरो ने शुक्रवार को बताया कि लैंडर मॉड्यूल पूरी तरह सामान्य तरीके से काम कर रहा है।इसरो ने बताया है, लैंडर की स्पीड उन्होंने कम कर ली है और अब वह चांद की तरफ ले जाने वाली कक्षा की तरफ मुड़ गया है। अभी तक सभी हालात सामान्य हैं।एलएम ने सफलतापूर्वक एक डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा किया जिससे अब इसकी कक्षा घटकर 113 किलोमीटर x 157 किलोमीटर रह गई है। दूसरी डिबूस्टिंग प्रक्रिया 20 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात दो बजे की जानी है।

इसरो ने बताया था कि 23 अगस्त को होने वाली सॉफ्ट लैंडिंग से पहले यह एक अहम चरण है, क्योंकि यही डिबूस्टिंग विक्रम लैंडर को चांद के और भी करीब लाएगी। गुरुवार को चंद्रयान-3 का प्रॉपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अलग हुआ था, जिसके बाद से ही विक्रम लैंडर अकेले ही चांद की ओर कदम बढ़ा रहा है।

क्या है डिबूस्टिंग ?

आसान भाषा में समझें तो इस प्रक्रिया का मतलब विक्रम लैंडर की स्पीड कम करना है। अभी विक्रम लैंडर चांद से 150 किमी। की दूरी पर है, डिबूस्टिंग के वक्त इसके थ्रस्टर्स ऑन होते हैं और इसे आगे धकेलते हैं। यही प्रक्रिया स्पीड कम करने और इसकी कक्षा बदलने की होती है। अब क्योंकि लैंडिंग की तरफ बढ़ना है, इस वजह से विक्रम लैंडर को निचले स्तर पर लाया जाएगा। पहले विक्रम लैंडर को 100 किमी. की दूरी पर लाया जाएगा और उसके बाद इसे 30 किमी. की दूरी पर लाया जाएगा। जब लैंडर 30 किमी पर लाया जाएगा, तब इसे लैंडिंग की पॉजिशन में लाया जाएगा और फिर सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर प्रज्ञान विक्रम से बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस (धरती के 14 दिन) की अवधि तक सतह पर प्रयोग करेगा।

चंद्रयान-3 ने चांद की तस्वीरें भेजी

गुरुवार को लैंडर मॉड्यूल के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के ठीक बाद चंद्रयान-3 ने चांद की पहली तस्वीर भेजी है, जो बेहद खूबसूरत है। चंद्रयान-3 के लैंडर इमेजर लगे कैमरा-1 से 17/18 अगस्त को ये तस्वीर ली गई थी। भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने इसका वीडियो बनाकर ट्विटर पर शेयर किया है। इन तस्वीरों में चांद की सतह पर मौजूद खड्ड साफ दिख रहे हैं। इसरो ने इन क्रेटर्स को ‘फैब्री’, ‘जियोर्डानो ब्रूनो’ व ‘हारखेबी जे’ के रूप में दिखाया है।

*देश के अधिकांश राज्यों में फिर एक्टिव हुआ मॉनसून, झमाझम बारिश से मौसम सुहाना, आईएमडी ने हिमाचल समेत इन राज्यों के लिए जारी किया अलर्ट

#imdalertforallindiarainforecas

देश में मानसून फिर से एक्टिव हो गया है। कई राज्यों में बारिश की वजह से मौसम सुहावना बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों में शनिवार की शुरूआत बारिश के साथ हुई। हालांकि, हिमाचल प्रदेश में जोरदार बारिश से चारों ओर तबाही का मंजर पसरा हुआ है। इस बीच मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान लगाया है कि पूर्वी और मध्य भारत में 19-20 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा 20 अगस्त से नॉर्थईस्ट इंडिया में भी बारिश का दौर तेज हो सकता है।

आईएमडी ने किया अलर्ट

मौसम विभाग ने पूर्वी भारत के लिए अनुमान लगाते हुए कहा है कि ओडिशा में आज 19 अगस्त को बहुत भारी बारिश होगी. इसके अलावा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम में 19 अगस्त, बिहार और सब सिक्किम में 22 अगस्त तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा. बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पटना,समस्तीपुर, खगरिया जिलों में ज्यादा बारिश हो सकती है। वहीं, मध्य भारत की बात करें तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में 19 और 20 अगस्त को तेज बारिश के लेकर अलर्ट जरी किया गया है। पूर्वोतर भारत की बात करें तो असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश में 19 से 22 अगस्त के बीच भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग ने बताया है कि पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में 23 अगस्त तक भारी बारिश होगी, जबकि यूपी में 19 और 22 अगस्त, हिमाचल प्रदेश में 22 अगस्त तक तेज बरसात होने वाली है। दक्षिण भारत की बात करें तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कल 19 अगस्त को भारी बरसात देखने को मिल सकती है।

हिमाचल प्रदेश में 21-22 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बारिश ने तबाही मचाकर रखी है। पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार बारिश हो रही है, जिससे लैंडस्लाइड की घटनाए काफी बढ़ गई हैं। वहीं इस बीच मौसम विभाग ने 21-22 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने 10 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बता दें कि हिमाचल में शुक्रवार को 65 मकान ढह गए और 271 क्षतिग्रस्त हुए। 875 सड़कें बंद हैं. कई गांवों में बिजली गुल है।

उत्तराखंड में भी भारी बारिश से तबाही मची हुई है। उधमसिंह नगर में कल तीन मकान भरभराकर गिर पड़े। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति है। भूस्खलन की भी कई खबरें सामने आ रहे हैं।

राजस्थान में आज से 21 अगस्त तक अलग अलग इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है। कोटा, उदयपुर, भरतपुर, जयपुर और अजमेर के कुछ-कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। 21 अगस्त को धौलपुर, भरतपुर और जयपुर हल्की बारिश हो सकती है।

वहीं, अगर देश में पिछले 24 घंटों के मौसम की बात की जाए तो ओडिशा, छत्तीसगढ़, विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी स्तर की बारिश हुई। वहीं झारखंड, बिहार, सिक्किम और उत्तराखंड में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की बरसात हुई। पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, दक्षिण और मध्य उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के उत्तरी तट पर हुई मानसूनी बारिश ने भी लोगों को खूब भिगोया।

8 वर्षीय मासूम की दफन शव को लगभग डेढ़ महीने बाद मजिस्ट्रेट की निगरानी में उखाड़ा, पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया पूर्णिया

एक 8 वर्षीय मासूम की डेढ़ महीने बाद अनुमंडल पदाधिकारी बनमनखी निदेश पर जानकीनगर पुलिस मजिस्ट्रेट की निगरानी में वीडियोग्राफी की निगरानी में शव को उखाड़ कर पोस्टमार्टम में पूर्णिया- सदर अस्पताल भेजा.मृतक के पिता बीरबल कुमार यादव पिता दीपनारायण यादव ग्राम जानकीनगर आजाद चौक वार्ड नंबर -03 पंचायत अभयराम चकला थाना जानकीनगर जिला पूर्णिया ने बताया कि पिछले 4 जुलाई अहले-सुबह में बजरंगबली मंदिर गया था.

मंदीर से वापस आने के बाद पता चला कि मेरा लड़का 8 वर्षीय मासूम पुत्र अभिषेक कुमार को अचानक पेट दर्द करने लगा.तभी उसको हम नजदीकी अस्पताल लेकर गया.वहां के चिकित्सकों ने अचानक इंजेक्शन दिया.तभी वह बेहोश हो गया.इसके बाद सूचना दिया कि आक्सीजन की जरूरत है

.तभी हम एम्बुलेंस को फोन किए.इसके बाद एम्बुलेंस भी आया.मेरे गैर मौजूदगी में मेरे ही परिवार के लोग एम्बुलेंस को भगा दिया.मेरे जानकारी के अनुसार पता चला कि मेरे बेटे को परिवार के सदस्य ही रोजाना बच्चे को स्कूल जाते वक्त खाने पीने कि चीज दी.जिसे खाते ही मेरे पेट में दर्द होना शुरू हो गया.रास्ते से वह घर चला आया.मेरे परिवार के सदस्यों से पहले से विवाद चल रहा है.

जिसके कारण जानकीनगर थाना में पहले भी आवेदन दिया था.तथा मुझे आये दिन जान से मारने की धमकी मिलता था.मेरे परिवार के सदस्यों द्वारा साजिश के तहत हत्या कर दिया है.मैने अपने पुत्र का पोस्टमार्टम कराने की कोशिश किया.परंतु सभी ने मिलकर मौत के दो घंटे के अदंर दफन कर दिया.तथा हमसे झगड़ा शुरू कर दिया. मृतक के पिता ने जानकीनगर थाना में लिखित आवेदन में जांच -पडताल कर पोस्टमार्टम कराकर उचित न्याय की गुहार लगायी है

.बुधवार की दोपहर में अनुमंडल पदाधिकारी बनमनखी के निर्देश मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अवर निरीक्षक अर्चना कुमारी एवं पुलिस बलों ने मासूम के दफन किए स्थल पर पहुंच कर पूरी तैयारी कर लिया है.तथा गुरूवार को दोपहर में मृतक के दफन शव को उखाड़ कर पोस्टमार्टम में पूर्णिया भेजा.इधर-दफन शव को निकालते समय सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी थी.

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipurviolencethreevillagevolunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

शोएब अख्तर का बड़ा बयान, कहा-भारत के पैसे से पलते हैं पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी

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पाकिस्तानी के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर रिटायरमेंट के बाद भी अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद गहरा सकता है। उन्होंने भारतीय खेल पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बड़ी बात कही है। शोएब अख्तर ने कहा कि भारत के पैसों से पाकिस्तान के क्रिकेटर पलते हैं।अख्तर के इस बयान पर पाकिस्तान में काफी बवाल हो सकता है।

शोएब अख्तर ने वरिष्ठ खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से खास बातचीत में बताया कि बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट में कितनी पावरफुल एसोसिएशन है।एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर बोरिया मजूमदार से बातचीत के दौरान शोएब अख्तर ने इस बात को माना कि बीसीसीआई के जरिए जो पैसा आईसीसी के पास आता है और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल रेवेन्यू शेयरिंग के तहत वो पैसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भेजती है। उसी पैसे के दम पर ही पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस मिल पाती है।

शोएब अख्तर ने ये भी कहा कि वर्ल्ड कप 2023 सुपरहिट होने वाला है। अख्तर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बीसीसीआई इस वर्ल्ड कप से काफी पैसा कमाएगी। इससे बीसीसीआई की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो जाएगी।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत इस विश्व कप से खूब पैसे बनाए।कई लोग इस बात को कहने से हिचकेंगे।लेकिन मैं साफ कहता हूं कि भारत से जो रेवेन्यू आईसीसी को जाता है। उसका हिस्सा पाकिस्तान में भी आता है और इससे हमारे घरेलू क्रिकेटरों को मैच फीस मिलती है। यानी भारत से जो पैसा आ रहा है, उससे हमारे युवा क्रिकेटर पल रहे हैं।

शोएब अख्तर ने आईगे कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच में एक बार फिर टीम इंडिया पर ही दबाव होगा। अख्तर ने कहा कि ये दबाव मीडिया की वजह से बनता है। लगातार टीम इंडिया की जीत के ही दावे किए जाते हैं। स्टेडियम भी बिल्कुल ब्लू कर दिए जाते हैं। इससे पाकिस्तान को मदद ही मिलती है क्योंकि वो अपने आप ही डार्कहॉर्स बन जाती है और इससे उसके खिलाड़ियों को खुलकर खेलने में मदद मिलती है।

दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में बम होने की खबर, सभी यात्रियों को उतारा गया

#bomb_threat_on_delhi_pune_vistara_flight_at_delhi_airport

दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली-पुणे विस्तारा फ्लाइट में बम की धमकी मिली।जिसके बाद एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट की जांच शुरू हो गई। सभी यात्रियों को उनके सामान सहित सुरक्षित उतारा गया।विमान में बम होने की जानकारी जीएमआर सेंटर को दी गई।

जानकारी के अनुसार जीएमआर कॉल सेंटर में शुक्रवार सुबह फ्लाइट में बम होने की कॉल मिली। काल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं।सुरक्षा एजेसिंयों की तरफ से विमान की जांच की गई।बम रखे जाने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया।

एयरपोर्ट पर आइसोलेशन बे में विमान का निरीक्षण किया गया। विमान में कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है। सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

यह पहली बार नहीं है जब विस्तारा की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली है। जून महीने में दिल्ली से एक शख्स दुबई जा रहा था जब उसने कथित रूप सै गुस्से में कहा कि उनके बैग में बम है। बस क्या था, यात्री के बगल में बैठी एक महिला यात्री ने गलत सुन लिया और घबरा गई। उसने शोर मचाया और केबिन क्रू को बुलाया। शख्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था।

साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।