अमेरिका में भी हिट हो रहा है योगी मॉडल, घर के अंदर से अफसरों पर फायरिंग कर रहा था अपराधी, जैसे ही 'बुलडोज़र' पहुंचा कर दिया सरेंडर

 अमेरिका में भी योगी आदित्यनाथ सरकार का बुलडोज़र मॉडल देखने को मिल रहा है। बता दें कि, उत्तरप्रदेश में सीएम योगी ने अपराधियों के हौसले और अवैध निर्माण ध्वस्त करने के लिए बुलडोज़र एक्शन शुरू किया है, जिसके कारण उन्हें बुलडोज़र बाबा का नाम भी मिला है। अब अमेरिका में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। अमेरिका के टेक्सास में 4 अधिकारियों पर गोलीबारी करने वाले आरोपी के घर पर स्वाट टीम ने बुलडोजर चला दिया। घर पर बुलडोजर चलता देख आरोपी ने घबराकर सरेंडर कर दिया। इस घटना का वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है। 

बताया जा रहा है कि 34 वर्षीय टेरान ग्रीन पर 24 घंटे में चार प्रवर्तन अधिकारियों पर गोलीबारी कर उन्हें जख्मी करने का आरोप है। आरोपी ने बुधवार को ट्रैफिक स्टाप पर हैरिस काउंटी शेरिफ के डिप्टी पर फायरिंग की थी। इसके बाद वह भाग गया था। इसके बाद प्रशासन ने आरोपी के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया और उसके घर तक पहुंची। जैसे ही अधिकारियों ने घर में घुसने का प्रयास किया, आरोपी ने गोलीबारी कर दी। इसमें तीन अधिकारी जख्मी हो गए। टेरान अपने घर में छिपकर फायरिंग कर रहा था। ऐसे में उस पर जवाबी कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।

कई घंटों तक आरोपी को पकड़ने के प्रयास में नाकाम होने के बाद प्रशासन ने आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने का फैसला किया। जैसे ही स्वाट टीमों ने आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाना शुरू, उसने घबराकर सरेंडर कर दिया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपी बुलडोजर पर बैठकर ही घर से बाहर निकला। गिरफ्तारी से पहले टेरान की सूचना देने पर 20 हजार डॉलर का इनाम भी घोषित किया गया था।

मध्यप्रदेश में भाजपा के भ्रष्टाचार की लिस्ट जारी कर बोले कमलनाथ- 'अब मैं 2018 वाला नहीं 2023 का मॉडल हूं'

मध्य प्रदेश में राजनीतिक माहौल निरंतर गरमा रहा है। कांग्रेस प्रदेश में एक बार फिर सत्ता में आने का प्रयास कर रही है, वहीं भाजपा किसी भी हाल में इस राज्य की सत्ता से बाहर नहीं होना चाहती। इसी बीच पूर्व सीएम कमलनाथ की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई है। जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार के घोटालों का भंडाफोड़ करने का दावा किया। इसे लेकर उन्होंने एक आरोप पत्र भी जारी किया। 

कमलनाथ ने भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी करने के बाद कहा कि बीते 45 वर्षों से मैं राजनीति कर रहा हूं, मुझ पर आज तक कोई उंगली नहीं उठा सकता है। इस के चलते कमलनाथ ने मीडिया के कई सवालों का जवाब दिया। जब कमलनाथ से पूछा गया कि आप भाजपा के 250 से अधिक घोटाले लेकर सामने आए हैं, जब आप सरकार में आएंगे तो क्या आप इन सभी की फाइलें खुलवाएंगे? इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा, "मैंने कहा था कि अब कमलनाथ 2018 का मॉडल नहीं है, ये 2023 का मॉडल है।" कमलनाथ ने कहा कि ये सरकार प्रचार, भ्रष्टाचार और अत्याचार की सरकार है। 

कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि हमारी सरकार जाएगी, मैं जानता था जब ये सौदा आरम्भ हुआ था। मेरे पास विधायक आते थे तथा बोलते थे कि मुझे इतना पैसा मिला है, लेकिन मैंने सौदा करने से मना कर दिया। मैं अपनी कुर्सी कभी भी सौदे से नहीं बचाऊंगा। मैंने विधायकों को कहा कि पैसा लो और मौज करो... कमलनाथ ने उनके खिलाफ दर्ज की गई FIR को लेकर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, इन्होंने गोशाला एवं महाकाल तक को नहीं छोड़ा। जनता की इस FIR पर क्या प्रतिक्रिया है, इसके बाद एक और टीवी पर आया है।

चीनी दूतावास ने की इंडियन कोस्ट गार्ड की तारीफ, जानें आखिर क्या है मामला

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भारतीय तट रक्षक बल ने बुधवार यानी 16 अगस्त को अरब सागर के पास से एक चीनी नागरिक की जान बचाई थी। अब चीनी एंबेसी ने इंडियन कोस्ट गार्ड की तारीफ की है।दरअसल, 16 अगस्त यानी बुधवार को मुंबई के पास अरब सागर में एक विदेशी पोत पर सवार गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को समय से इलाज मिल सके, इसके लिए भारतीय तटरक्षक बल ने पूरी ताकत लगा दी थी। जिसके बाद भारत में चीनी दूतावास ने उसके एक नागरिक की जान बचाने के बाद खुलकर भारतीय तटरक्षक बल की तारीफ की है। 

बता दें कि 16 और 17 अगस्त की आधी रात को मुंबई के पास अरब सागर में एक विदेशी पोत पर सवार चीनी नागरिक गंभीर रूप से बीमार था और उसे इलाज की सख्त जरूरत थी। चीनी नागरिक ने सीने में दर्द की शिकायत की थी और लक्षण कार्डियक अरेस्ट के थे। यह उस जहाज पर सवार था जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के रास्ते में था। चीन के इस नागरिक को समुद्र के बीच रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चलाकर बचाया गया है। इसके लिए भारतीय तटरक्षक बल ने पूरी ताकत लगा दी थी।खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के बीच, भारतीय तटरक्षक दल ने पनामा के झंडे वाली रिसर्च शिप एमवी डोंग फैंग कान टैन नंबर 2 से मरीज को हेलीकॉप्‍टर की मदद से बाहर निकाला। यह रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन अरब सागर के अंदर करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर हुआ। रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन को सीजी एएलएच और सीजीएएस दमन ने अंजाम दिया।

इसके बाद चीनी दूतावास ने एक्‍स (पहले ट्विटर) पर लिखा, मुंबई के पास अरब सागर में एक चीनी नागरिक की सही समय पर और पेशेवर चिकित्सा निकासी के लिए की हम दिल से सराहना करते हैं।ट्विटर पर एक वीडियो भी भारतीय तटरक्षक बल की तरफ से पोस्‍ट किया गया है। इसमें नजर आ रहा है कि एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके-III कैसे नागरिक को समुद्र से बाहर निकाल रहा है। हेलीकॉप्‍टर जहाज के पास आता है और मरीज को गार्ड की मदद से ऊपर उठाया जाता है। तुरंत ही उसे मेडिकल सहायता दी जाती है। साथ ही तट रक्षक मरीज को उसकी सुरक्षा का भरोसा देते हुए भी नजर आते हैं।

लद्दाख में बौद्ध महिला को लेकर भाग गया भाजपा के एक दिग्गज मुस्लिम नेता का बेटा, पार्टी ने किया निष्कासित, मांगा गया था स्पष्टीकरण

लद्दाख में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक दिग्गज मुस्लिम नेता को अपने बेटे की हरकतों की सजा मिली है। भाजपा नेता के बेटे ने एक बौद्ध महिला के साथ भागकर शादी कर ली। इसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। लद्दाख भाजपा के 74 वर्षीय प्रदेश उपाध्यक्ष नजीर अहमद को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। उनका बेटा एक महीने पहले कथित तौर पर एक बौद्ध महिला के साथ भाग गया था।

एक बयान में, भाजपा की लद्दाख इकाई ने कहा कि उसने अपने वरिष्ठ नेता के खिलाफ कार्रवाई की है। पार्टी ने कहा कि कार्रवाई करने से पहले उन्हें "स्पष्टीकरण देने का अवसर दिया गया था।" कहा जा रहा है कि "उनके बेटे द्वारा एक बौद्ध लड़की को भगाने के संवेदनशील मुद्दे में उनकी भी संलिप्तता थी।" जिसको लेकर पार्टी ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। 

निष्कासन आदेश बुधवार को पार्टी की एक कार्यकारी बैठक के बाद लद्दाख भाजपा प्रमुख फुंचोक स्टैनजिन द्वारा जारी किया गया था। लद्दाख भाजपा अध्यक्ष फुंचोक स्टैनजिन द्वारा बुधवार को जारी आदेश में कहा गया, “नजीर अहमद को उनके बेटे मंजूर अहमद द्वारा एक बौद्ध लड़की को भगाने के संवेदनशील मुद्दे में अपनी भागीदारी को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। इस घटना को लद्दाख के सभी धार्मिक समुदायों द्वारा अस्वीकार्य माना जाता है, क्योंकि यह इस क्षेत्र के लोगों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव और एकता को खतरे में डालता है। इसके परिणामस्वरूप, नजीर अहमद को राज्य उपाध्यक्ष के रूप में उनकी जिम्मेदारियों से तुरंत मुक्त करने और उनकी प्राथमिक सदस्यता को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्णय लिया गया है। ”

संपर्क करने पर नजीर अहमद ने कहा, ''मैं लद्दाख में बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हूं। मैंने थुपस्तान छेवांग, त्सेरिंग दोरजे, डॉ. सोनम दावा और अन्य लोगों के साथ मिलकर काम किया और भाजपा को खड़ा किया, लेकिन आज मैं यह देखकर हैरान हूं कि मुझे अचानक निष्कासित कर दिया गया।"

इस कपल ने एक महीने से अधिक समय पहले शादी की थी और तब से उनका कोई पता नहीं चल रहा है। निष्कासित भाजपा नेता ने कहा कि उनका परिवार भी बौद्ध महिला के साथ उनके बेटे मंजूर अहमद की शादी के खिलाफ था और उन्हें नहीं पता कि वे पिछले एक महीने से कहां रह रहे हैं। भाजपा के वयोवृद्ध दिग्गज नेता अहमद ने कहा कि वह सऊदी अरब में हज यात्रा पर थे जब उनके बेटे और महिला ने अदालत में शादी कर की।

उन्होंने कहा, “मेरे बेटे ने हमारे खिलाफ जाकर उस लड़की से शादी कर ली। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। पार्टी ने मुझसे मेरे बेटे को खोजने के लिए कहा और मैं तुरंत श्रीनगर गया। उसके दोस्तों से पता पूछा और दिल्ली जाने की योजना बनाई।” उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने बेटे का पता लगाने के लिए पार्टी से कुछ दिन मांगे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें इसी बीच निष्कासित कर दिया। उन्होंने आगे कहा, “मैं पार्टी का एक वफादार कार्यकर्ता रहा हूं और मैं मोदी जी का मित्र हूं। यह मेरे साथ घोर अन्याय है। मेरे बेटे ने जो किया उसके लिए उसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मैं इस फैसले से सचमुच निराश हूं। मेरी पत्नी भी इस शादी से खुश नहीं है। मैं अपनी शिकायत पार्टी आलाकमान तक पहुंचाऊंगा।'' स्टैनजिन का मोबाइल फोन गुरुवार सुबह से लगातार बंद था।

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बिबेक देबरॉय ने संविधान को बदलने का दिया सुझाव, विवाद बढ़ा तो ईएसी-पीएम ने किया किनारा, कहा-सरकार और परिषद से संब

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार बिबेक देबरॉय ने भारतीय संविधान को बदलने का सुझाव दिया हैं। बिबेक देबरॉय ने एक अख़बार में नए संविधान की मांग करते हुए लेख लिखा। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसीपीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय द्वारा नए संविधान पर लिखे गए लेख पर विवाद तय था। विवाद बढ़ा तो प्रधानमंत्री ने सफ़ाई पेश करते हुए ख़ुद को और केंद्र सरकार को इससे अलग कर लिया।

दरअसल, 77वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रकाशित देबरॉय ने अपनी लेख में कहा था कि हम लोगों को खुद को एक नया संविधान देने की जरूरत है। इसपर विपक्ष भड़क उठा। उसने आरोप लगाया कि सरकार ने संविधान को खत्म करने का बिगुल फूंक दिया है, जिसके प्रमुख शिल्पी डॉ. अंबेडकर थे।

बढ़ते विवाद को थामने के लिए अब प्रधानमंत्री की ईएसी ने लेख से खुद को अलग कर लिया है। उसका कहना है कि जो भी लिखा गया, वो बिबेक देबरॉय के व्यक्तिगत विचार थे। इसका परिषद और सरकार से कोई लेना देना नहीं है। गुरुवार को ईएएसी-पीएम ने सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण देते हुए लिखा, “डॉ बिबेक देबरॉय का हालिया लेख उनकी व्यक्तिगत राय थी, वो किसी भी तरह से ईएएसी-पीएम या भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाता। बता दें कि ईएएसी-पीएम भारत सरकार, खासकर प्रधानमंत्री को आर्थिक मुद्दों पर सलाह देने के लिए गठित की गई बॉडी है।

क्या कहा है बिबेक देबरॉय

बिबेक देबरॉय का द मिंट में एक आर्टिकल प्रकाशित हुआ है। इस आर्टिकल में लिखा कि मौजूदा संविधान काफी हद तक 1935 के भारत सरकार अधिनियम पर बेस्ड है। संविधान के कामकाज की समीक्षा के लिए एक आयोग का गठन हुआ था, 2022 में इसकी रिपोर्ट आई थी, लेकिन यह आधा-अधूरा प्रयास था। कानून में सुधार के कई पहलुओं पर काम करने की जरूरत है। कुछ संशोधनों से काम नहीं चलेगा। हमें ड्राइंग बोर्ड पर वापस जाना चाहिए और पहले सिद्धांतों से शुरू करना चाहिए, यह पूछना चाहिए कि प्रस्तावना में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे शब्दों का अब क्या मतलब है। हम लोगों को, खुद को एक नया संविधान देना होगा। उन्होंने आगे लिखा है कि हमें पहले सिद्धांतों से शुरुआत करनी चाहिए जैसा कि संविधान सभा की बहस में हुआ था। 2047 के लिए भारत को किस संविधान की जरूरत है?

भारत के वर्तमान संविधान को बताया औपनिवेशिक विरासत

देबरॉय ने लिखा था,अब हमारे पास वह संविधान नहीं है जो हमें 1950 में विरासत में मिला था। इसमें संशोधन किए जाते हैं और हर बार वो बेहतरी के लिए नहीं होते, हालांकि 1973 से हमें बताया गया है कि इसकी 'बुनियादी संरचना' को बदला नहीं जा सकता है। भले ही संसद के माध्यम से लोकतंत्र कुछ भी चाहता हो। जहाँ तक मैं इसे समझता हूं, 1973 का निर्णय मौजूदा संविधान में संशोधन पर लागू होता है, अगर नया संविधान होगा तो ये नियम उस पर लागू नहीं होगा। देबरॉय ने एक स्टडी के हवाले से बताया कि लिखित संविधान का जीवनकाल महज़ 17 साल होता है। भारत के वर्तमान संविधान को औपनिवेशिक विरासत बताते हुए उन्होंने लिखा, हमारा वर्तमान संविधान काफ़ी हद तक 1935 के भारत सरकार अधिनियम पर आधारित है। इसका मतलब है कि यह एक औपनिवेशिक विरासत है।

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में हथियारों का बड़ा जखीरा जब्त, सुरक्षाबलों ने की घाटी को दहलाने की साजिश नाकाम

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जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है।सुरक्षाबलों ने यहां तलाशी अभियान के दौरान बड़ी मात्रा में हथियारों की खेप बरामद की है।शुक्रवार को भारतीय सेना, बीएसएफ और कश्मीर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया। इस दौरान भारी मात्रा जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। यह जानकारी भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने शेयर की।

सेना ने अपने एक ट्वीट में ये जानकारी दी है कि हमारी एक टीम ने राज्य की पुलिस फोर्स यानी जम्मू-कश्मीर पुलिस और बीएसएफ के ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।इसमें पांच एके राइफल्स, सात पिस्तौल, चार हैंड ग्रेनेड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।

वहीं, घाटी के सोपोर जिला में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के दो ओजीडब्ल्यूएस (ओवर ग्राउंड वर्कर्स) को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से आठ राउंड पिस्तौल और ग्रेनेड बरामद किए गए। पुलिस ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आतंकी मददगारों से पूछताछ की जा रही है।

मणिपुर में हिंसा का दौर जारी, फिर हुई फायरिंग, कुकी थोवई गांव में मिले तीन क्षत-विक्षत शव, अबतक 160 से अधिक लोगों की जा चुकी जान

मणिपुर में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। प्रदेश के उखरूल जिले के कुकी थोवाई गांव में भारी गोलीबारी के बाद तीन लोगों के क्षत-विक्षत शव मिले हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, हिंसा लिटान पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक गांव में हुई। यहां सुबह-सुबह गोलियों की आवाज सुनाई दी। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आसपास के गांवों और जंगलों की गहन तलाशी ली और 24 से 35 साल की उम्र के तीन लोगों के शव मिले हैं। बताया जा रहा है कि तीनों शवों पर धारदार चाकू से हमले के निशान है। साथ ही उनके हाथ-पैर भी कटे हुए हैं। बता दें, मणिपुर हिंसा में अबतक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

इधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मणिपुर हिंसा को लेकर कहा है कि हम मणिपुर में शांति के लिए प्रयास और प्रार्थना कर रहे हैं। हम काफी हद तक शांति बहाल करने की कोशिश में सफल हो रहे हैं। इस दौरान उन्होंने विपक्षी गठबंधन I-N-D-I-A पर निशाना साधते हुए कहा कि हम 'घमंडिया' गठबंधन की बैठक में 'घमंड' और अहंकार ही देखने को मिल सकता है। गौरतलब है कि मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी नेताओं ने बवाल काटा हुई है। संसद का पूरा मानसून सत्र मणिपुर हिंसा की भेंट चढ़ गया. एक भी दिन सत्र की कार्यवाही नहीं चल पाई।

शरद पवार ने साधा पीएम मोदी पर निशाना

इधर, गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के बीड में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। शरद पवार ने कहा कि पीएम मोदी को मणिपुर जाकर वहां लोगों का हाल जानना चाहिए था। एनसीपी नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र में रैली में बीजेपी से कहा कि आप स्थिर सरकार देने की बात करते हैं, लेकिन राज्यों में निर्वाचित सरकारों को गिरा देते हैं। इससे पहले कांग्रेस भी मणिपुर मामले को लेकर सराकर पर निशाना साध चुकी है।

महिला आदिवासी संगठन ने दिल्ली में किया प्रदर्शन

वहीं, मणिपुर में हिंसा के खिलाफ एक आदिवासी महिला संगठन ने दिल्ली में प्रदर्शन किया। साथ ही कुकी-जो समुदाय के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की। उनाउ ट्राइबल वोमन्स फोरम दिल्ली एंड एनसीआर के नेतृत्व में, कई महिलाओं ने पूर्वोत्तर राज्य में हाल की घटनाओं और बढ़ती हिंसा की निंदा करते हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन का उद्देश्य मणिपुर में आदिवासी समुदायों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए कुकी-जो जनजाति के लिए एक अलग प्रशासन की जरूरत पर जोर देता है। फोरम ने कहा, हमारा मानना है कि अलग प्रशासन राज्य में शांति और सद्भाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पीएम मोदी साध लेते हैं चुप्पी- अरविंद केजरीवाल

मणिपुर हिंसा मामले को लेकर दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि कम से कम वे शांति की अपील तो कर सकते थे। दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने कहा कि जब भी देश में संकट की स्थिति आती है तो प्रधानमंत्री चुप्पी साध लेते हैं. सीएम केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री पिता तुल्य हैं। उन्होंने मणिपुर की बेटियों से मुंह मोड़ लिया। आप अपने कमरे में बैठे रहे। पूरा देश प्रधानमंत्री की चुप्पी का कारण पूछ रहा है। यह पहली बार नहीं है कि वह चुप हैं। जब भी पिछले नौ वर्षों में संकट की स्थिति आई प्रधानमंत्री चुप्पी साधे रहे।

मणिपुर अशांति की दवा सिर्फ संगीत है : कुकी, मैतेई कलाकार

इधर, मणिपुर हिंसा में शामिल मैतेई और कुकी समुदायों से जुड़े संगीतकारों का कहना है कि मणिपुर में शांति के लिए संगीत ही सबसे कारगर हथियार है। माइकल जैक्सन के प्रसिद्ध गीत 'मुझे अच्छे संगीत से प्यार है, इसका कोई रंग नहीं, इसकी कोई सीमा नहीं' का जिक्र किया और कहा कि अशांति के इस माहौल को समाप्त करने में संगीत जादू सा असर डाल सकता है। कुकी और मैतेई दोनों समुदाय के संगीतकारों ने कहा कि मतभेदों को दूर करने में अभी भी देर नहीं हुई है और संगीत सबसे बेहतर मरहम का काम कर सकता है।

3 मई से हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर

तीन मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोग मारे गए हैं, और कई सौ लोग घायल हुए हैं। बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किये जाने के दौरान यह हिंसा भड़की थी। मणिपुर की कुल आबादी में मैतेई समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

अडानी एनर्जी में अपना निवेश दोगुना करेगी UAE के अबू धाबी की राष्ट्रीय ऊर्जा कंपनी, 2.5 बिलियन डॉलर लगाने पर कर रही विचार

अबू धाबी की राष्ट्रीय ऊर्जा कंपनी, TAQA, गौतम अडानी के थर्मल उत्पादन से लेकर ट्रांसमिशन, स्वच्छ ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन में अपने निवेश को दोगुना करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है। सूत्रों ने आगे बताया कि TAQA, जिसे यूरोप, पश्चिम एशिया और अफ्रीका में सबसे बड़ी एकीकृत उपयोगिताओं में से एक कहा जाता है, अडानी समूह की कंपनियों या किसी एकल इकाई में $1.5 बिलियन से $2.5 बिलियन के बीच निवेश करने का इच्छुक है।

रिपोर्ट के अनुसार, अबू धाबी कंपनी कंपनी में प्राथमिक निवेश और प्रमोटर परिवार संस्थाओं से शेयरों की द्वितीयक खरीद के संयोजन के माध्यम से अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 19.9% हिस्सेदारी लेना चाहती है। बता दें कि अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का वर्तमान मूल्य 91,660 करोड़ रुपये है, जिसमें प्रमोटरों के पास 68.28% हिस्सेदारी है। मौजूदा बाजार मूल्य के अनुसार, 20% हिस्सेदारी का मूल्य 18,240 करोड़ रुपये (2.19 बिलियन डॉलर) होगा। इस लेख को लिखे जाने तक अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस का स्टॉक 2.99% बढ़कर 846.75 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। TAQA ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण परिसंपत्तियों, अपस्ट्रीम और मिडस्ट्रीम तेल और गैस संचालन में निवेश किया है। इसकी संपत्ति संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कनाडा, घाना, भारत, इराक, मोरक्को, ओमान, नीदरलैंड, यूके और अमेरिका में फैली हुई है।

अबू धाबी स्थित ऊर्जा कंपनी, तमिलनाडु के नेवेली में 250 मेगावाट के लिग्नाइट-आधारित थर्मल पावर प्लांट की मालिक है और इसका संचालन करती है। कथित तौर पर कंपनी, भारत में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करने की योजना बना रही है और यहां तक ​​कि इसने 2014 में जेपी समूह से 9,689 करोड़ रुपये में दो पनबिजली परियोजनाएं खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए थे, लेकिन वैश्विक रणनीति में बदलाव के चलतेअधिग्रहण सफल नहीं हुआ और उसने सौदे से बाहर निकलने का फैसला किया। रिपोर्ट के अनुसार, TAQA अदानी पर ध्यान केंद्रित करने से पहले कई भारतीय निजी उपयोगिताओं के साथ बैठक कर रहा था। जबकि, कहा जाता है कि वरिष्ठ प्रबंधन की बैठकें और तकनीकी सावधानी बरती गई है। टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (TBCB) परियोजनाओं में अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस की बाजार हिस्सेदारी 22% है। कंपनी ने तीन स्थानों - सौराष्ट्र, नवी मुंबई और बुलंदशहर में दूसरे लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इसने 5,800 करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक के साथ स्मार्ट मीटरिंग सेगमेंट में भी प्रवेश किया है।

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipurviolencethreevillagevolunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

शोएब अख्तर का बड़ा बयान, कहा-भारत के पैसे से पलते हैं पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी

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पाकिस्तानी के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर रिटायरमेंट के बाद भी अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद गहरा सकता है। उन्होंने भारतीय खेल पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बड़ी बात कही है। शोएब अख्तर ने कहा कि भारत के पैसों से पाकिस्तान के क्रिकेटर पलते हैं।अख्तर के इस बयान पर पाकिस्तान में काफी बवाल हो सकता है।

शोएब अख्तर ने वरिष्ठ खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से खास बातचीत में बताया कि बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट में कितनी पावरफुल एसोसिएशन है।एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर बोरिया मजूमदार से बातचीत के दौरान शोएब अख्तर ने इस बात को माना कि बीसीसीआई के जरिए जो पैसा आईसीसी के पास आता है और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल रेवेन्यू शेयरिंग के तहत वो पैसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भेजती है। उसी पैसे के दम पर ही पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस मिल पाती है।

शोएब अख्तर ने ये भी कहा कि वर्ल्ड कप 2023 सुपरहिट होने वाला है। अख्तर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बीसीसीआई इस वर्ल्ड कप से काफी पैसा कमाएगी। इससे बीसीसीआई की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो जाएगी।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत इस विश्व कप से खूब पैसे बनाए।कई लोग इस बात को कहने से हिचकेंगे।लेकिन मैं साफ कहता हूं कि भारत से जो रेवेन्यू आईसीसी को जाता है। उसका हिस्सा पाकिस्तान में भी आता है और इससे हमारे घरेलू क्रिकेटरों को मैच फीस मिलती है। यानी भारत से जो पैसा आ रहा है, उससे हमारे युवा क्रिकेटर पल रहे हैं।

शोएब अख्तर ने आईगे कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच में एक बार फिर टीम इंडिया पर ही दबाव होगा। अख्तर ने कहा कि ये दबाव मीडिया की वजह से बनता है। लगातार टीम इंडिया की जीत के ही दावे किए जाते हैं। स्टेडियम भी बिल्कुल ब्लू कर दिए जाते हैं। इससे पाकिस्तान को मदद ही मिलती है क्योंकि वो अपने आप ही डार्कहॉर्स बन जाती है और इससे उसके खिलाड़ियों को खुलकर खेलने में मदद मिलती है।