साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

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पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।

हत्या कांड के फरार आरोपी ने न्यायालय में किया आत्मसमर्पण: पिस्टल की बट से मारकर किया था जख्मी, इलाज के दौरान हुई थी मौत

गया। बिहार के गया में हत्या कांड के फरार आरोपी पुलिस दबिश से भय के डर से न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। वादिनी के द्वारा मुफस्सिल थाना में फर्दब्यान दिया गया कि मेरा पुत्र को आरोपी के द्वारा बुलाकर ले गया और कुछ देर बाद मेरा छोटा पुत्र आया और बोला की भैया शनि कुमार के द्वारा पटाखा खरीद कर छोड़ा गया है, जिससे शेखर कुमार के दुकान का सारा पटाखा जल गया है।

जब वादिनी वहाँ पहुँची तो देखी कि इनके पुत्र शनि कुमार को अभियुक्तोगणों के द्वारा चारों तरफ से घेर कर पकड़े हुए है और हरवे हथियार भी लिए हुए है, शेखर कुमार के द्वारा पिस्टल लहराते हुए बोला की तुम्हारा बेटा को आज गोली मार देंगे। ऐसा बोलते हुए मेरा पुत्र को अपने घर के गली के तरफ लेकर चला गया था और पिस्टल की बट से पीट-पीटकर जख्मी कर दिया। अगले दिन इलाज के दौरान मुत्यु हो गई। इस संबंध में मुफस्सिल थाना कांड संख्या 855/ 21, दिनांक 25.10.2021 धारा-302/34 भा0द0वि0 एवं 27 आर्म्स एक्ट दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। वरीय पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वजीरगंज के नेतृत्व में एक टीम का गठन करते हुए पु०नि० मुफस्सिल अंचल, थानाध्यक्ष मुफस्सिल थाना के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी तथा तकनीकी शाखा गया के पदाधिकारी एवं कर्मी को शामिल किया गया है। 

उक्त टीम के द्वारा इस कांड मे फरार आरोपी के गिरफ्तारी करने हेतु लगातार छापामारी की जा रही है। पुलिस की लगातार कार्रवाई एवं दबिश के भय से अभियुक्त शेखर कुमार ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उल्लेखनीय है कि इस कांड मे पूर्व में भी दो आरोपी नन्दु चौधरी और लड्डु गिरफ्तार कर न्याययिक हिरासत में भेजा जा चुका है। शेष अन्य आरोपी की गिरफ्तारी हेतु लगातार छापामारी जारी है।

डोभी में सड़क दुर्घटना: मां की इलाज की लिए पैसे की जुगाड़ कर जा रहा था युवक, तीन घायल

गया/डोभी। डोभी-गया सड़क मार्ग के अकबरपुर बाजार के समीप बाइक के अनियंत्रित होने से बाइक सवार तीनों व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इस घटना की जानकारी देते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने बताया सभी घायल व्यक्ति डोभी थाना क्षेत्र के खैरा पर एवं डोभी के निवासी बताए जाते हैं।

जिसमें खैरा पर निवासी उपेंद्र सिंह का पुत्र सौरभ कुमार एवं भोला सिंह का पुत्र आजाद कुमार शामिल है। दोनों व्यक्ति को गंभीर चोटें आई है। वहीं तीसरा व्यक्ति डोभी निवासी ग्राम गया मिस्त्री का पुत्र भी शामिल था। गया मिस्त्री के पुत्र को हल्की चोटें आई है। जिसका इलाज स्थानीय क्लीनिक में कराया जा रहा है।

बताया जाता है कि तीनों व्यक्ति आजाद की मां का ज्यादा तबीयत खराब होने के कारण गया अभय नारायण मेडिकल अस्पताल में भर्ती थे। जिन्हें इलाज को लेकर कुछ पैसे लेकर वहां सभी बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। इस घटनाक्रम में सभी का इलाज स्थानीय स्तर पर कराया जा रहा है। इस मामले में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया सभी की घरों में सूचना दे दी गई है। वहीं डोभी पुलिस को भी इस मामले की जानकारी दूरभाष पर दी गई है।

रिपोर्ट: महेंद्र कुमार।

17 सूत्री मांगों को लेकर प्रखंड के सभी मुखिया ने बीडीओ को सौंपा ज्ञापन, 31 अगस्त तक गए हड़ताल पर, सभी कार्यों को किया बहिष्कार

गया/आमस। जिले के आमस प्रखंड के सभी पंचायत के मुखिया बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के आवाहन पर 17 सूत्री मांगों को लेकर आगामी 31 अगस्त तक पंचायत में सभी कार्यों को बहिष्कार किया है बुधवार को संध्या मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष महेंद्र पासवान के अध्यक्षता में प्रखंड के 09 पंचायत के मुखिया अपनी मांगों को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ अवतुल्य कुमार आर्य के हाथों ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में बताया है कि बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के आवाहन पर ग्राम पंचायत के अधिकारों में कटौती के खिलाफ अपने विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 31 अगस्त तक हड़ताल या कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान ग्राम पंचायत के सभी प्रकार के कार्यों सरकारी कार्यक्रमों बैठकों का बहिष्कार करने एवं आगामी 22 अगस्त को प्रखंड मुख्यालय पर धरना का भी आयोजन करने का निर्णय लिया गया और 17 सूत्री मांगी रखी गई है।

जिसमें ग्राम पंचायत को 73वां संविधान संशोधन के तहत प्रदत 29 अधिकारों को पुण्य रूपेण ग्राम पंचायत का सौपा जाए, ग्रामसभा की रक्षा हेतु पारित निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित हो, ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। सरकार ग्राम सभा में अनावश्यक हस्तक्षेप बंद किया जाए, मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में ब्रेडा असफल हो चुकी है इसे अपना ग्राम पंचायत को सौप जाए, पंचायत सरकार भवन का निर्माण में पूर्व में ही लायो असफल साबित हुई है इससे लाइव से हटकर ग्राम पंचायत को क्रियान्वयन का जिम्मा दिया जाए, मुख्यमंत्री नल जल योजना का कार्य पूरी तरह बाधित है इससे पीएचडी से हटाकर पुणे वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को दिया जाए, पंचायतों में बंद पड़े कबीर अंत्येष्टि योजना को चालू किया जाए, सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को गति प्रदान किया जाए, ग्राम पंचायतों को पुनः जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिया जाए।

अपराधियों द्वारा हत्या कर दिए गए मुखिया के परियों को सरकार 50 लाख तक मुआवजा दे स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषियों को अभिलंब सदा दिलवाये, ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मियों के वेतन विवरनी या उपस्थिति पंजी मुखिया के हस्ताक्षर के बाद ही भुगतान किया जाए इसका सख्ती से अनुपालन कराया जाए, ग्राम पंचायत को राजस्व कर वसूली का हिस्सा सभी मदो से उपलब्ध कराया जाए, मनरेगा में ग्राम पंचायत को प्रशासनिक अधिकार पंचायती राज विभाग की तरह 20 लाख तक किया जाए तथा ग्राम पंचायतों को भुगतान का अधिकार दिया जाए, मनरेगा में एन एम एम एस का प्रयोग राज्य के मजदूरों के हित में नहीं है आज भी ग्राम पंचायतों में मोबाइल नेटवर्क आ समस्या है सरकार इसका निदान करें, मनरेगा में मजदूरी इधर बढ़ाया जाए तथा बाजार दर के अनुसार एस ओ आर निर्धारित किया जाए तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित कराया जाए, 15वीं वित्त की राशि के आवंटन में ग्राम पंचायत को अधिक भागीदारी सुनिश्चित कराया जाए, प्रधानमंत्री आवास योजना में नए पत्र लागू का नाम जोड़ने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाए इस दौरान मुखिया महेंद्र पासवान,अनुराग कुमार रंजन,दीपक कुमार सिंह,जानकी चौहान,किशोरी मांझी, मुनेरा खातून,अर्जुन यादव,मनोज यादव सहित अन्य लोग शामिल रहें।

रिपोर्ट: धनंजय कुमार।

पर्वत पुरुष दशरथ मांझी महोत्सव का हुआ आयोजन, ग्रामीण विकास मंत्री ने महोत्सव का किया उद्घाटन

गया : जिले के मोहड़ा प्रखंड के गेहलौर गांव में पर्वत पुरुष दशरथ मांझी महोत्सव का उद्घाटन द्वीप प्रज्वलन कर ग्रामीण विकास मंत्री के कर कमलों से किया गया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री सह इम्मामगंज विधायक जीतन राम मांझी, नगर विधायक प्रेम कुमार, सांसद जहानाबाद, अतरी विधायक, अतरी के पूर्व विधायक, जिला परिषद के अध्यक्ष सहित अन्य आगत अतिथियों द्वारा किया गया।

इसके उपरांत जिलाधिकारी द्वारा आगत अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के बेटा को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर उनका अभिनन्दन किया। स्वागत गान नवोदय विद्यालय के छात्राओ द्वारा किया गया। जिलाधिकारी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आज पर्वत पुरुष के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी के 16वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित दशरथ मांझी महोत्सव, 2023 में उपस्थित सभी को हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहां कि अपनी दृढ संकल्प कर्मठता एवं अगम्य साहस के बल पर दशरथ मांझी द्वारा किए गए इस अद्भूत कार्य के कारण न सिर्फ गया जिला बल्कि बिहार राज्य तथा भारत देश को गौरवान्वित किया है। 

इस कार्य के लिए पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के सम्मान में आयोजित इस महोत्सव में सर्वप्रथम गेहलौर की धरती का नमन करता हूँ जिसने ऐसे जीवट पुरुष को जन्म दिया। आपको बता दें कि दशरथ गांझी की पत्नी फाल्गुनी देवी इसी पहाड़ के कारण बुरी तरह घायल हो गई थी। चिकित्सीय ईलाज के लिए गेहलौर से 55 किलोमीटर दूर वजीरगंज में होने के कारण उनकी पत्नी ने दशरथ मांझी के सामने प्राण त्याग दिए। यह दृश्य दशरथ मांझी को पूरी तरह झझोर कर रख दिया। उनकी अंतरात्मा उन्हें कचोट रही थी कि यदि यह पहाड़ बीच में नहीं होता तो वे अपनी पत्नी का उचित ईलाज के लिए आसानी से वजीरंगज चले जाते और उनकी पत्नी आज उनके साथ होती। 

वर्ष 1960 में दशरथ मांझी ने इस दुर्गंग पहाड़ को केवल एक छेनी और हथौड़ा के सहारे 22 वर्षों के कठोर परिश्रम, लगन एवं जीवटता के बल पर पहाड़ का सीना चीरकर एक सुगम्य रास्ता बना दिया, जिससे गेहलौर से वजीरंगज की दूरी 55 किलोमीटर से मात्र 15 किलोमीटर हो गया। आज इस मार्ग का लाभ आज हजारों लाखों लोगों को मिल रहा है। 

उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया कि मनुष्य यदि ठान लें तो काई भी कार्य असंभव नहीं है। आज की भावी पीढ़ी के लिए यह एक प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। बॉलीवुड हॉलीवुड के बड़े-बड़े निर्माताओं ने उन पर कई फिल्में बनायी जो अत्यंत लोकप्रिय है। पहाड़ से ऊँचा आदमी THE MAN WHO MOVED THE MOUNTAIN", MANJHI THE MOUNTAIN MAN इत्यादि फिल्म बेहद लोकप्रिय रही। इनकी कर्मठता से प्रभावित होकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठाया और उनके द्वारा किए गए अदभूत कार्य की कहानी को पूरी दुनिया के सामने लेकर आए राज्य सरकार द्वारा दशरथ मांझी के नाम पर स्मारक स्थल का निर्माण कराया गया, जहाँ उनकी जीवंत आकार की काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है। 

मंदिर प्रांगण में छायादार वृक्ष सहित आगंतुकों के बैठने के लिए बेंच की सुविधा, जन सुविधा, प्याऊ, पार्किंग आदि का निर्माण किया गया है। रॉक कट के दोनों छोर पर भव्य द्वार का भी निर्माण करवाया गया है, जिसका नाम "दशरथ मांझी द्वार" है। सड़क की कुल लम्बाई 03 किलोमीटर है। 

उनकी याद में स्मृति भवन बनाया गया जहाँ उनके द्वारा उपयोग में लाए गए छेनी हथौड़ा एवं अन्य सामान है। साथ ही साथ अस्पताल, ओ०पी० पंचायत भवन, किसान भवन समाधी स्थल तथा गेहलौर का पर्यटकीय विकास किया गया है। कई बार उन्होंने पैदल ही दिल्ली तक की यात्रा की थी। इस वर्ष 2023 में राज्य सरकार द्वारा दशरथ मांझी समाधी स्थल के पास सामुदायिक भवन का निर्माण जिसकी कुल लागत राशि 46 लाख 54 हजार रूपये है। प्राथमिक विद्यालय, गेहलौर का निर्माण में 28 लाख 59 हजार रुपये की लागत से निर्माण करवाया जा रहा है। समाधी स्थल एवं गेहलौर घाटी के सड़क किनारे 1000 पौधारोपण एवं बागवानी कार्य करवाया गया है, जिसमें कुल लागत राशि 39 लाख 64 हजाररूपये है। दशरथ मांझी स्थल पर बंद पडे लाईटों की मरम्मती कार्य तथा शौचालय में पानी की व्यवस्था किया गया है। 

आपको बता दें कि दशरथ मांझी स्मृति भवन में Display Board पर दशरथ मांझी के जीवनी संबंधित पोस्टर एवं भवन के बाहर प्रकाशयुक्त बोर्ड का कार्य करवाया गया है। इसके अलावा दशरथ नगर में मिनी जलापूर्ति को मरम्मती कराकर नल-जल योजना को शुरू किया गया है, जिसमें 42 लाख 86 हजार रूपये की लागत से करवाया गया। दशरथ मांझी समाधी स्थल के पास स्टैण्ड पोस्ट एवं 10 चापाकल का अधिष्ठापन करवाया गया है, जिस कार्य में कुल 17 लाख रूपये की लागत से हुए हैं। इस वर्ष पहली बार पहाड़ो पर लाइट एंड साउंड शो का भी आयोजन किया गया है, जो पर्वत पुरुष के व्यक्तित्व को दिखाया जाएगा। 

सरकार आम लोगों की सुविधा एवं बिहार के विकास के लिए कृत संकल्प है। हर घर में नल का जल, शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन की व्यवस्था कर रही है। सभी वृद्धजनों को पेंशन प्रदान कर रही हैं, युवाओं को शिक्षा, रोजगार एवं कौशल विकास के लिए राज्यव्यापी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शराबबंदी से समाज में खुशनुमा माहौल बना है। बच्चों की पढ़ाई, चिकित्सा, विकास की मुकम्मल व्यवस्था की गयी। महिलाओं को सभी क्षेत्र के रोजगार में आरक्षण प्रदान कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा गया है।

गया से मनीष

दिल्ली से पटना पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी और प्रशांत किशोर के बयान का दिया यह जवाब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे के बाद आज गुरुवार को पटना वापस आ गए। पटना पहुंचकर सीएम ने कहा कि, हम तो दिल्ली अपने निजी कामों को लेकर गए थे। कल डॉक्टर से बात भी हुई थी, चेकअप भी करना था। दो साल पहले जांच हुआ था। फिर करवाना था। इसी के लिए गए थे। 

वहीं सीएम ने कहा कि, कल अटल जी का जंयती भी था। तो वह सदैव अटल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दिए। नीतीश कुमार ने कहा कि अटल जी से पुराना संबंध रहा है मेरा। बहुत मानते थे हमको। इतना अच्छा काम करते थे,कभी वो रिश्ता हम नही भूल सकते ।

नीतीश कुमार ने कहा कि, अटल जी के समय में ही भाजपा का नामकरण हुआ। एनडीए नाम रखा गया। कितना अच्छा नाम हैं। 1999 में एनडीए का नामकरण हुआ। तब बहुत मिटिंग होता था। लेकिन जब हम साथ थे तो कभी मिटिंग नही हुआ। लेकिन अब जब I.N.D.I.A की बैठक हो रही है तो एनडीए का मीटिंग होने लगा है। इसी महीने 31, 1 को हमारी फिर मिटिंग होने ही वाली है। 

वहीं भाजपा के बयान सीएम दिल्ली I.N.D.I.A गठबंधन के लोगों से मिलने गए थे लेकिन उन्हें किसी ने टाइम नहीं दिया। जिससे वह वापस आ गए। इसपर सीएम ने कहा कि, किसी से मुलाकात का कोई प्लान नहीं था। वो लोग ऐसे ही बोल रहा है,कोई मतलब ही नहीं है। हमारी बातचीत तो होते ही रहती है।इसी महीने मीटिंग होने ही वाली है। कई विरोधी दल का गठबंधन हुआ तब से ये लोग परेशान है, और कुछ भी बोल रहे हैं। दिल्ली में किसी से बातचीत का कोई प्लान नहीं था,मेरा खुद का समस्या था आंख दिखाना था।

वहीं प्रशांत किशोर और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान पर सीएम बोले की वो क्या बोलता है नही पता आप लोग जनता से पूछिए। संजय जयसवाल के बयान पर सीएम ने कहा कि, यहां कोई अपराधिक घटना नहीं हो रहा है। अपराधिक घटनाएं बहुत कम है। बिना मतलब का सब बोलते रहता है। मीडिया पर सब कब्जा कर लिया है। 2024 वाली लड़ाई देश के हित में होगा।

गया में 40 जिंदा कारतूस के साथ दो सप्लायर गिरफ्तार, दोनों का पूर्व का रहा अपराधिक इतिहास

गया : बिहार के गया में 40 जिंदा कारतूस के साथ दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. इसका खुलासा गया के सिटी एसपी हिमांशु कुमार ने प्रेस वार्ता कर किया है। 

सिटी एसपी हिमांशु कुमार ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सिकरिया मोड़ गोलंबर की ओर से शेरघाटी की ओर हथियार सप्लायर बाइक से जाने वाले हैं. 

सूचना मिलने के बाद गया एसएसपी आशीष भारती ने विशेष टीम का गठन किया. सिटी एसपी हिमांशु कुमार के नेतृत्व में रामपुर थानाध्यक्ष को मिलाकर टीम गठित की गई. 

इसके बाद सिकरिया मोड़ के समीप विशेष टीम के द्वारा तलाशी का अभियान चलाया गया. इस दौरान एक बाइक से सवार होकर आ रहे दो युवकों को रोका गया तो वे पुलिस की टीम को देखकर भागने लगे. 

पुलिस की टीम ने खदेड़ कर दोनों को पकड़ लिया. इनके द्वारा कारतूस के अलावे हथियार की भी सप्लाई की जाती थी. 

दोनों का पूर्व का अपराधिक इतिहास रहा है. इनके पास से 40 कारतूस की बरामदगी की गई है, जो कि एक पॉलिथीन में छुपा कर रखे गए थे. 

गिरफ्तार अपराधियों के नाम हफीजुल्लाह खान और शाहबाज खान हैं. दोनों वारिसनगर हमजापुर आमस थाना के निवासी हैं. 

इस संबंध में गया के सिटी एसपी हिमांशु ने बताया कि आर्म्स सप्लायर की गिरफ्तारी की गई है. दो को पकड़ा गया है. इनका पूर्व में भी अपराधिक इतिहास रहा है. 

इनके पास से पॉलिथीन में रहे 40 पीस 9 एमएम के जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं.

गया से मनीष

हत्या के प्रयास मामले में दो आरोपी गिरफ्तार: खेत में मूंग तोड़ते वक्त किया गया था जानलेवा हमला, एसएसपी ने किया खुलासा

गया। बिहार के गया में मुफस्सिल थाना की पुलिस ने हत्या के प्रयास के मामले में दो आरोपी लाल बाबू उर्फ संजय कुमार और शंभू यादव को गिरफ्तार किया गया है. इसकी जानकारी गया के एसएसपी आशीष भारती ने दी है. 

दरअसल 18 जून 2023 को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ग्राम मायापुर के रहने वाला रोशन कुमार के द्वारा लिखित आवेदन दिया गया था कि इनका चचेरा भाई घर के पीछे खेत में मूंग तोड़ रहा था इस दौरान शंभू यादव एवं उसके अन्य सहयोगियों द्वारा गाली गलौज करने लगा और मना करने पर जान से मारने की नियत से लाठी डंडा एवं लोहे की रॉड से पीट-पीटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया था. 

बीच-बचाव में वादी आए तो इनको भी मारपीट कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया गया था. इस संबंध में मुफस्सिल थाना में कांड संख्या 672/2023 दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापामारी करने का निर्देश दिया गया, जिसके बाद मुफस्सिल थाना की पुलिस ने छापामारी कर लाल बाबू उर्फ संजय कुमार और शंभू यादव को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ग्राम मायापुर का ही रहने वाला है. पूछताछ के बाद आगे की अग्रिम कार्रवाई की जा रही है.

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति की घोषणा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं

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राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। इसी बीच राजस्थान बीजेपी ने विधानसभा चुनाव को लेकर संकल्प पत्र और प्रबंधन समिति की घोषणा कर दी है। यह घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर हुई है। इसमें बड़ी बात यह है कि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं किया गया है।

पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की मौजूदगी में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति की घोषणा की। इन दोनों समितियों में कुल 46 नेताओं को जगह दी गई। चुनाव प्रबंध समिति का संयोजक पूर्व सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया को बनाया गया है। वहीं संकल्प पत्र समिति के संयोजन का जिम्मा केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को दिया गया। 

प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह

प्रदेश में विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह दी गई है। इसमें 1 संयोजक, 6 सह संयोजक औऱ 14 सदस्य बनाए गए हैं। इसमें नारायण पंचारिया को संयोजक, पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत, सांसद राज्यवर्द्धन राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त सीएम मीणा और कन्हैयालाल बैरवाल को सह संयोजक बनाया गया है।

प्रदेश संकल्प पत्र समिति में 25 नेताओं को किया शामिल

विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होने वाले घोषणा पत्र के लिए बीजेपी ने प्रदेश संकल्प पत्र (मेनिफेस्टो) समिति का गठन किया है। इस कमेटी में 1 संयोजक, 7 सह संयोजक और 17 सदस्य बनाए गए हैं। इस कमेटी की जिम्मेदारी केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल संभालेंगे। उन्हें संयोजक बनाया गया है।

वहीं, उनके साथ राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष मेहरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी और पार्षद राखी राठौड़ को कमेटी में सह-संयोजक बनाया गया है।

क्या तीसरी कमेटी में मिलेगी जगह?

दोनों ही अहम समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम नहीं शामिल किया गया। प्रदेश में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरों में शामिल वसुंधरा के नाम को शामिल नहीं किए जाने पर अब सियासी हलकों में चर्चाओं को दौर शुरू हो गया है। वसुंधरा राजे की चुनाव में भूमिका के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं, वे पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। अभी कैंपेन कमेटी के संयोजक और उसके सदस्यों की घोषणा होना बाकी है।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वर्तमान में पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। पिछले महीने ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की नई टीम में भी उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया था। हालांकि तब भी चर्चाएं हो रही थी कि चुनावी साल में वसुंधरा को केंद्रीय टीम की बजाय प्रदेश में भूमिका क्यों नहीं दी जा रही?

ईडी तय करती है कौन किस पार्टी में जाएगा और कौन मंत्री बनेग”, शरद पवार के इन आरोपों को संजय राउत ने बताया बेहद गंभीर*

#sanjay_raut_says_misuse_of_election_commission_and_all_central_agencies

मुंबई में शिवसेना यूबीटी (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने बीजेपी पर एक बार फिर करारा हमला बोला है। संजय राउत ने कहा है कि चुनाव आयोग और सभी केंद्रीय एजेंसियों का इस मोदी सरकार में जमकर दुरुपयोग हो रहा है।

 संजय राउत ने शरद पवार ने ईडी के इस्तेमाल को लेकर दिए गए बयान का हवाला देते हुए निशाना साधा। संजय राउत ने यह भी कहा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उन्हें बताया है कि केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी तय करती है कि कौन किस पार्टी में जाएगा? कौन मंत्री बनेगा यह भी ईडी तय करती है। यह पवार साहब का बहुत गंभीर बयान है।

संजय राउत ने पत्रकारों ने बातचीत में कहा- शरद पवार ने कल बताया कि कैसे शिवसेना को तोड़ा गया और पार्टी का चिन्ह और नाम भी उन्हें दे दिया गया। अब एनसीपी के साथ भी ठीक उसी तरह से हो सकता है। संजय राउत ने कहा कि चुनाव आयोग का अब यही काम रह गया है और इसी शर्त पर पार्टियां तोड़ी जा रही हैं।

संजय राउत ने कहा कि जिस पार्टी को बालासाहेब ठाकरे ने बनाया उस पार्टी का अधिकार आपने (चुनाव आयोग) किसी और (शिन्दे) को दे दिया। अब जिस एनसीपी को शरद पवार ने बनाया, उनके रहते उसका अधिकार आप किसी और को दे रहे हो। यह कौन सा न्याय या कानून है? जिस पार्टी को बालासाहेब ने बनाया उनके बेटे उद्धव के रहते वो पार्टी किसी ऐरे-ग़ैरे (शिंदे) को दे रहे हैं।

संजय राउत ने कहा कि शरद पवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनके रहते उनके सामने उनकी ही पार्टी किसी और को सौंप रहे हैं। यह इस देश में हो रहा है। चुनाव आयोग समेत सभी सेंट्रल एंजेसियों का मिसयूज किया जा रहा है। 

बता दें कि महाराष्ट्र की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शरद पवार को लेकर भी राज्य की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है। क्या शरद पवार महाविकास अघाड़ी को बाय-बाय कहने वाले हैं? क्या वो बीजेपी में जाने वाले हैं? चाचा-भतीजे के बीच आखिर क्या खिचड़ी पक रही है? इसे लेकर I.N.D.I.A. गठबंधन में हलटल मची हुई है।