गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान, कहा-हिंदू धर्म इस्लाम से पुराना, सभी मुसलमान पहले हिंदू ही थे

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वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्होंने इस्लाम और कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है।इस वीडियो में गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के लोगों से कह रहे हैं कि हिंदू धर्म इस्लाम से पुराना है और सभी मुसलमान पहले हिंदू ही थे।

कश्मीर के सभी लोग हिंदू धर्म से कन्वर्टेड-आजाद

ये वीडियो जम्मू कश्मीर के डोडा में एक पब्लिक मीटिंग का है। गुलाम नबी आजाद 9 अगस्त को यहां भाषण देने पहुंचे थे। इस दौरान गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि कश्मीर के सभी लोग हिंदू धर्म से कन्वर्ट होकर मुस्लिम बने हैं। आजाद ने कहा कि बाहर से चंद लोग ही आए होंगे, बाकी सब हिंदू ही हैं। खासकर कश्मीर के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में तो आज से 600 साल पहले कोई मुसलमान नहीं था। यहां केवल कश्मीरी पंडित थे, सब कन्वर्ट होकर मुसलमान बन गए। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि हम बाहर से नहीं आए हैं, हम इसी मिट्टी की पैदावार हैं हमें इसी मिट्टी में खत्म होना है।

भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे-आजाद

वीडियो में आजाद यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, इस्लाम का जन्म 1500 साल पहले हुआ। भारत में कोई भी बाहरी नहीं है। हम सभी इस देश के हैं। भारत के मुसलमान मूल रूप से हिंदू थे। जो बाद में कनवर्ट हो गए।वीडियो में आजाद कहते हैं, हमने हिंदू-मुसलमान मिल के राज्य को ब्राह्मण, दलित, कश्मीरी को जब मिल के सबने इस घर को बनाना है, ये हमारा घर है, यहां कोई बाहर से नहीं आया। यही इसी मिट्टी की पैदावार, इसी मिट्टी में खत्म होना है। 

भाईचारा, शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह

इस दौरान आजाद ने लोगों से भाईचारा, शांति और एकता बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा, ‘धर्म को राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। लोगों को धर्म के नाम पर वोट नहीं देना चाहिए।

पिछले साल बनाई थी नई पार्टी

बता दें कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे। वह लंबे समय तक कांग्रेस में बड़े ओहदों पर रहे। केंद्र सरकार में मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाली। गुलाम नबी जम्मू-कश्मीर के सीएम और राज्यसभा सांसद भी रहे। गुलाम नबी के राज्यसभा से रिटायर होते वक्त उनकी तारीफ करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी भावुक तक हो गए थे। पिछले साल अगस्त में उन्होंने कांग्रेस छोड़ अपनी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी बना ली थी।

चीन ने अमेरिका को दिखाई आंख, ताइवान मुद्दे पर आग से ना खेलने के लिए किया आगाह

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ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तल्खियां लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ही में ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई ने अमेरिका का दौरा किया था। इसे लेकर चीन नाराज है और वह लगातार अमेरिका के खिलाफ बयानबाजी कर रहा है।अब चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अमेरिका को आगाह किया है।चीन के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर चेतावनी देते हुए कहा कि ताइवान को लेकर आप आग से खेल रहे हैं।

ताइवान आंतरिक मामला, बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं- ली शांगफू

चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने रूस की धरती से अमेरिका और ताइवान को चेतावनी दी गई है।दरअसल, ली शांगफू ने रूस के मॉस्को में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में कहा कि ताइवान का इस्तेमाल करके चीन को काबू करने की कोई भी कोशिश विफल होगी। ली शांगफू ने ये भी कहा कि ताइवान का चीन की मुख्य भूमि से मिलना अपरिहार्य है और इसे टाला नहीं जा सकता। चीनी रक्षा मंत्री ने कहा कि ताइवान चीन का आंतरिक मामला है और इसमें कोई भी बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं है।

चीन को काबू करने की कोशिश असफल होगी- ली शांगफू

ली शांगफू ने अपने बयान में कहा कि 'ताइवान को लेकर आग से खेलना और ताइवान की मदद से चीन को काबू करने की कोई भी कोशिश निसंदेह असफल होगी।

बता दें कि चीन ताइवान को अपने देश का हिस्‍सा बताता रहा है। वहीं, ताइवान का मानना है कि वो एक आजाद मुल्‍क है। इस मुद्दे पर चीन पहले भी कई मौकों पर तल्‍ख तेवर दिखाता रहा है।2022 अगस्त में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर भी दोनों देशों के बीच तनाव का पारा और चढ़ गया था।

चांद पर कदम रखने से बस एक कदम दूर है चंद्रयान 3, आज अलग होंगे लैंडर-प्रोपल्शन मॉड्यूल

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिसन मून यानी चंद्रयान-3 पर पूरे देश की ही नहीं दुनियाभर की निगाहें लगी हुई हैं। चंद्रयान 3 अब अपनी अंतिम छलांग लगाने को तैयार है। 17 अगस्त यानी आज से इसकी लैंडिंग से जुड़ी प्रक्रिया शुरू होगी।आज एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया जाएगा। जी हां, अपने चंद्रयान-3 से प्रॉपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होगा। वे आगे की यात्रा अलग-अलग करेंगे। प्रॉपल्शन मॉड्यूल चांद की कक्षा में रहेगा। आगे अपना लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में सॉफ्ट लैंडिंग के लिए कदम बढ़ाएगा।

इंजन फेल होने पर भी होगी लैंडिंग

इसरो द्वारा कहा गया है कि आज यानी 17 अगस्त को लैंडिंग माड्यूल, जिसमें लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान शामिल हैं, प्रोपल्शन माड्यूल से अलग हो जाएंगे। इसके बाद लैंडर-रोवर की गति घटाने का प्रयास किया जाएगा। 23 अगस्त को यान के लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है कि चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। अगर इसका इंजन फेल भी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी

23 अगस्त को आएगी खुशखबरी

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। 23 अगस्त को निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग का उद्देश्य लैंडर और रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थापित करना है।

14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से रवाना होने के बाद चंद्रयान-3 ने तीन हफ्तों में कई चरणों को पार किया। पांच अगस्त को पहली बार चांद की कक्षा में दाखिल हुआ था। इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रयान-3 ने अलग-अलग चरण में प्रवेश किया।चंद्रयान3 के धरती से चांद तक पहुंचने के अहम चरणः-

-14 जुलाई 2023: इसरो ने श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया. इसी दिन एलवीएम3 एम4 ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की यात्रा को शुरू करवाया।

-25 जुलाई 2023: लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 ने 4 अलग-अलग मैन्युवर पूरे किए और पृथ्वी की कक्षा को पीछे छोड़ा. इस दौरान चंद्रयान-3 को बड़े-बड़े धक्के दिए गए और उसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर की ओर धकेला गया।

-1 अगस्त 2023: ये तारीख काफी अहम थी, क्योंकि इस दिन चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर हुआ और चांद की कक्षा की ओर बढ़ा. यहां चंद्रयान-3 की दूरी 288*369328 किमी. थी।

-5 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने यहां चांद की कक्षा में प्रवेश किया, ये पूरी तरह सफलता पूर्वक हुआ और चांद की कक्षा में अलग-अलग चरणों की शुरुआत हुई।

-9 अगस्त 2023: यहां से अलग-अलग मैन्युवर को परफॉर्म किया गया, यानी चरण दर चरण चंद्रयान-3 को चांद के करीब धकेलने और उसका वजन कम करने का काम किया गया।

-16 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने अपना आखिरी मैन्युवर पूरा किया. अलग-अलग प्रक्रियाओं के बाद यह सबसे अंतिम मैन्युवर था, जिसके बाद अब पूरी कोशिश सफल लैंडिंग कराने की होगी।

-17 अगस्त 2023: लैंडिंग से जुड़ी अहम प्रक्रिया यहां शुरू होगी, प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल यहां से अलग-अलग होगा. लैंडर यहां से चांद की ओर बढ़ेगा और फिर सॉफ्ट लैंडिंग के अलग-अलग चरण पूरे होंगे।

मंत्रिमंडल ने भारतीय रेल में लगभग 32,500 करोड़ रुपये की कुल 2339 किलोमीटर की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी

इससे मौजूदा लाइन क्षमता को बढ़ाना, ट्रेनों का आवागमन सुचारू बनाना, भीड़-भाड़ कम करना तथा यात्रा और परिवहन को आसान बनाना संभव होगा

परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 7.06 करोड़ मानव दिवसों के प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा

क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों के परिणामस्वरूप 200 एमटीपीए अतिरिक्त माल ढुलाई होगी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज केंद्र सरकार के शत-प्रतिशत वित्तपोषण से रेल मंत्रालय की लगभग 32,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली सात परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की। इन मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं के प्रस्तावों से परिचालन में आसानी होगी और भीड़-भाड़ में कमी आएगी, जिससे भारतीय रेल के अति व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढांचागत विकास संभव हो सकेगा।

9 राज्यों अर्थात उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करने वाली इन परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में 2339 किलोमीटर की वृद्धि होगी। इसके अलावा राज्यों के लोगों को 7.06 करोड़ मानव दिवसों का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।

इन परियोजनाओं में शामिल हैं:

क्र.सं. परियोजना का नाम

परियोजना की प्रकृति

1. गोरखपुर-छाबनी-वाल्मीकि नगर - मौजूदा लाइन का दोहरीकरण

2 सोन नगर-अंडाल मल्टी ट्रैकिंग परियोजना - मल्टी ट्रैकिंग

3 नेरगुंडी-बारंग और खुर्दा रोड-विजयनगरम - तीसरी लाइन

4. मुदखेड-मेडचल और महबूबनगर-धोन- मौजूदा लाइन का दोहरीकरण

5. गुंटूर-बीबीनगर- मौजूदा लाइन का दोहरीकरण

6. चोपन-चुनार - मौजूदा लाइन का दोहरीकरण

7. समखिअली-गांधीधाम- चार लाइन बनाना

ये खाद्यान्न, उर्वरक, कोयला, सीमेंट, फ्लाई-ऐश, लोहा और तैयार इस्पात, क्लिंकर, कच्चा तेल, चूना पत्थर, खाद्य तेल आदि जैसी विभिन्न वस्तुओं की ढुलाई के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि संबंधी कार्यों के परिणामस्वरूप अतिरिक्त 200 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) माल की ढुलाई होगी। पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष परिवहन का माध्यम होने के कारण, रेलवे जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने और देश की लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने में मदद करेगा।

ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में मल्टी-टास्किंग कार्यबल बनाकर क्षेत्र के लोगों को "आत्मनिर्भर" बनाएंगी और उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करेंगी।

ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं जो समेकित आयोजना से संभव हो सका है। इनकी बदौलत लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी।

*कोर्ट में प्रॉस्टिट्यूट-अफेयर जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने जारी की हैंडबुक, जानें और किन शब्दों पर लगी रोक*

#prostitute_mistress_affair_word_not_used_in_court_sc_released_terminology_for_women

महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ने बड़ी पहल की है।सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले आपत्तिजनक शब्दों पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है।अदालती फैसलों और दलीलों में अब लैंगिक रूढ़िवादिता प्रदर्शित करने वाले शब्दों का इस्तेमाल नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर एक हैंडबुक लॉन्च की है।यह हैंडबुक न्यायाधीशों को अदालती आदेशों और कानूनी दस्तावेजों में अनुचित लिंग शब्दों के इस्तेमाल से बचने में मार्गदर्शन करेगी।

इसे लेकर एक बयान भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि हैंडबुक महत्वपूर्ण मुद्दों, विशेषकर यौन हिंसा से जुड़े मुद्दों पर प्रचलित कानूनी सिद्धांत को भी समाहित करती है। इसमें कहा गया है कि हैंडबुक का लॉन्च एक अधिक न्यायसंगत और न्यायसंगत समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

'हैंडबुक ऑन कॉम्बैटिंग जेंडर स्टीरियोटाइप्स' के लॉन्च पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, गाइडबुक उन शब्दों और वाक्यांशों के उपयोग को पहचानने और खत्म करने के लिए है, जो अदालती आदेशों और कानूनी भाषा में लैंगिक पूर्वाग्रह पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि यह न्यायाधीशों को पहले भाषा की पहचान करके ऐसी रूढ़िवादिता को पहचानने और उससे बचने में मदद करता है, जो लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती है और वैकल्पिक शब्दों और वाक्यांशों की पेशकश करती है।

ये हैंडबुक 30 पन्नों की है।इस हैंबुक में उन शब्दों का जिक्र किया गया है जो लैंगिक रूढ़िवादिता को कायम रखते हैं। साथ ही कहा कि कोर्ट में इनके इस्तेमाल से बचा जाना चाहिए। इन शब्दों में अफेयर, हाउसवाइफ, प्रॉस्टिट्यूट, ईव टीजिंग जैसे शब्द भी शामिल हैं जिन्हें बदला गया है।इसमें अफेयर को शादी के इतर रिश्ता, प्रॉस्टिट्यूट को सेक्स वर्कर, अनवेड मदर (बिनब्याही मां) को मां चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूड को तस्करी करके लाया बच्चा एफेमिनेट (जनाना) की जगह जेंडर न्यूट्रल शब्दों का प्रयोग, कॉन्क्युबाइन (रखैल) को ऐसी महिला जिसका शादी के इतर किसी पुरुष से शारीरिक संबंध हो, जैसे शब्दों से बदला गया है। 

बता दें कि 8 मार्च महिला दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में हुए एक इवेंट में कहा गया था कानूनी मामलों में महिलों के लिए आपत्तिनजक शब्द का इस्तेमाल नहीं होगा, जल्द ही इसके लिए डिक्शनरी भी आएगी।अब बुधावार 16 अगस्त को ये हैंडबुक जारी कर दी है। इसे जारी करते हुए सीजेआई ने कहा कि इससे जजों और वकीलों को समझने में आसानी होगी कि कौन से शब्द रुढ़िवादी हैं और उनके कैसे बचा जा सकता है।

इस हैंडबुक को तीन महिला जजों की एक समिति ने तैयार किया है। इन जजों में जस्टिस प्रभा श्रीदेवन और जस्टिस गीता मित्तल और प्रोफेसर झूमा सेन शामिल हैं। वहीं, इस समिति की अध्यक्षता कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य की ने किया था।

विपक्षी गठबंधन 'INDIA' में दरार के संकेत, दिल्ली की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में कांग्रेस, जानें आम आदमी पार्टी का जवाब

#congressannouncestocontestallsevenloksabhaseatsindelhi 

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में दरार का संकेत मिलने लगे हैं।दरअसल, कांग्रेस दिल्‍ली की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने बुधवार को बताया कि उनकी पार्टी राजधानी दिल्ली में सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में तीन घंटे चली बैठक में ये फैसला लिया गया है। कांग्रेस के फैसले बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय कर लिया है तो ‘इंडिया’ गठबंधन की मीटिंग में जाने का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस का दिल्‍ली की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला गठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

कांग्रेस हाईकमान ने दिल्ली में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और दीपक बारवरिया सहित अन्य नेता मौजूद थे।

 इस बैठक के बारे में कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने विस्तार से बताया। आम आदमी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर अलका लांबा ने कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। आगे की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है। हालांकि, उन्होंने ये साफ कर दिया कि कांग्रेस की तैयारी दिल्ली के सभी सात लोकसभा सीटों पर होगी।

दिल्ली से पहले लोकसभा चुनाव को लेकर 18 राज्यों की मीटिंग हो चुकी है

अलका लांबा ने कहा कि तीन घंटे की मीटिंग की शुरुआत संगठन को लेकर हुई। संगठन की कमजोरियां क्या हैं, उस पर कैसै काम किया जाए , इस पर सुझाव आए कि हम कैसे उसको मजबूत कर सकते हैं। दूसरा सुझाव ये आया कि लोकसभा 2024 की तैयारियां हमें करनी हैं। दिल्ली से पहले लोकसभा की तैयारियों को लेकर 18 राज्यों की मीटिंग हो चुकी है, दिल्ली 19वां राज्य था।

आप का जवाब

कांग्रेस की इस घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि हमारा केंद्रीय नेतृत्व इस पर निर्णय करेगा। हमारी राजनीतिक मामलों की समिति और I.N.D.I.A. गठबंधन एक साथ बैठक करेंगे और इस (चुनावी गठबंधन) पर चर्चा करेंगे

मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, विश्वकर्मा योजना और प्रधानमंत्री ई-बस सेवा को मंजूरी

#central_cabinet_decisions 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के मौके पर लाल किले से विश्वकर्मा योजना का ऐलान किया था। इस ऐलान के 24 घंटे के भीतर ही केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है।साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के 100 शहरों में ई-बस चलाने की योजना को अपनी मंजूरी दे दी है।पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए।

करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को मिलेगा फायदा

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री ने पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इस योजना के संचालन से देशभर के करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को फायदा मिलेगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 32,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ भारतीय रेलवे को लक्षित सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। वैष्णव ने कहा कि उक्त परियोजनाएं, जो पूरी तरह से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड पर बनाई जाएंगी, भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2,339 किलोमीटर की वृद्धि करेंगी। परियोजनाओं को केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत वित्त पोषण प्राप्त होगा। ये योजनाएं आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करेंगी।

देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी

केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है।उन्होंने कहा कि इस पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। 57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी।अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा। ये योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।

कैग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का मोदी सरकार पर तंज, कहा-तुरंत ईडी की रेड करानी चाहिए

#supriya_shrinate_attacks_modi_govt_bjp_over_cag_report 

दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में बड़े गड़बड़झाला का खुलासा है। ये खुलासा ऑडिटर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) की रिपोर्ट से हुआ है। कैग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तंज भरे अंदाज में कैग को देशविरोधी संस्था बताया। साथ ही कहा कि मोदी जी को तुरंत ईडी की रेड करानी चाहिए।

कैग के बहाने कांग्रेस का मोदी सरकार पर तंज

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि तंज कसते हुए कहा कि इस देश में एक देश विरोधी, मोदी विरोधी संस्था है, उसका नाम कैग है. यह संस्था इंटरनेशनल साजिश का शिकार है। इस संस्था ने पिछले कुछ ही दिनों में एक-दो नहीं बल्कि सात-सात बड़े घोटालों का पर्दाफाश किया है। सुप्रीया ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी को तुरंत एक रेड करवानी चाहिए। ईडी, इंकम टैक्स, सीबीआई जिसकी भी कराना चाहें। ताला लगवाएं इस संस्था पर और सीएजी के इनलोगों को जेल भेजने का काम करें। इनलोगों को क्या लग रहा है कि प्रजातंत्र चल रहा है कि आप रिपोर्ट निकालेंगे और सरकार को आईना दिखाएंगे और सवाल पूछेंगे कि ये धांधली कैसे हुई?

प्रधानमंत्री जी आपकी नाक के नीचे सब हो रहा- श्रीनेत

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ये इतने बड़े घोटाले हैं, जिससे आपकी जेब पर असर डाला जा रहा है। सीएजी की रिपोर्ट मोदी जी की छवि ध्वस्त कर देती हैं। सुप्रीया श्रीनेत ने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट में करीब 70-75 हजार किलोमीटर की सड़क बनी थी। इसके लिए कैबिनेट कमेटी इन इकोनॉमिक अफेयर ने फंड दिया गया।लेकिन सड़क बनाने में घोटाला हुआ। जो सड़क 15 करोड़ 37 लाख रुपए प्रति किलोमीटर बननी थी वो बढ़कर 32 करोड़ हो गई। द्वारका एक्सप्रेसवे बनना था खूब भ्रष्टाचार हुआ। 2 किलोमीटर सड़क बनने में 500 करोड़ लग गए, जितने में चंद्रयान चला गया। उन्होंने कहा कि 5 टोल प्लाजा का सीएजी ने ऑडिट किया तो पता लगा कि 132 करोड़ रुपये लूटे गए. आयुष्मान भारत में साढ़े 7 लाख लोगों का एक नंबर से रजिस्ट्रेशन हुआ है। आयुष्मान भारत के तहत 88 हजार उन लोगों का इलाज और भुगतान हुआ जो मर चुके थे। किसके खाते में ये पैसे गए? अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है. जितने नेता, अधिकारी, ट्रस्ट के लोग हैं, सभी जमीन खरीदने में खूब भ्रष्टाचार किया है। अब अयोध्या डेवलपमेंट के नाम पर ठेकेदारों को अनुचित भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान के नाम पर धांधली हो रही है। वृद्धा पेंशन में घोटाला हो रहा है। वृद्धा, विकलांग, विधवा पेंशन का पैसा दूसरे सरकारी खर्च में कर दिया गया। HAL में 154 करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ है उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी आपकी नाक के नीचे सब हो रहे हैं, आप चुप्पी तोड़ेंगे या नहीं?

द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में गड़बड़झाला

बता दें कि हाल ही में कैग की रिपोर्ट में दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के के मुताबिक 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में लागत को बहुत बताया गया है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की ओर से द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर अनुमोदित किया गया था, लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 250.77 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से निर्माता कंपनी को लागत राशि की मंजूरी दी गई। यानी आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की ओर से स्वीकृत राशि से 14 गुना ज्यादा हो गई।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर बैन हो जाएगा बजरंग दल? दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान

#congress_leader_digvijay_singh_said_will_not_ban_bajrang_dal_in_came_in_power 

हिन्दुस्व और हिन्दू राष्ट्र का मामला मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले छाया हुआ है। इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो बजरंग दल पर बैन नहीं लगाया जाएगा। उनका कहना है कि बजरंग दल में भी अच्छे लोग हैं।हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दंगों या हिंसा में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी।जिसके बाद देशभर में बीजेपी के नेताओं और बजरंग दल के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

दिग्विजय सिंह आज राजधानी में माता मंदिर चौराहे पर अवंती बाई लोधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे। दिग्विजय सिंह से मीडिया ने हिंदुत्व को लेकर सवाल किया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व शब्द को सावरकर ने ही गढ़ा था। किसी भी तरह का सॉफ्ट या हार्ड हिन्दुत्व नहीं होता है। इसका सनातन धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली है या हिंदू राष्ट्र की शपथ ली है। संविधान की शपथ लेकर जो लोग हिन्दुत्व की बात करते हैं, उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

पार्टी नेता कमलनाथ के बयान का किया बचाव

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के बयान का भी बचाव किया और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया है। कमलनाथ ने कहा था कि देश में 80 फीसदी हिन्दू हैं, ऐसे में तो ये हिन्दू राष्ट्र है ही। इसपर दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्या हिन्दुओं की संख्या गिनाना गलत बात है। दिग्विजय ने ये भी कहा कि कुछ लोग मेरे और कमलनाथ जी के बीच में विवाद कराना चाहते हैं, लेकिन हम चार दशक से साथ काम कर रहे हैं और कभी कोई विरोधी सफल नहीं हो पाया है. हम मिलकर काम कर रहे हैं।

शरद पवार को भतीजे अजीत पवार के जरिए मिला मोदी मंत्रिमंडल का ऑफर? संजय राउत ने जूनियर पवार को लेकर कह दी ये बात

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महाराष्ट्र की सियासत हमेशा उफान पर होती है। आए दिन सियासी गलियारों की हलटल तेज हो जाती है। इन दिनों पुणे में एक कारोबारी के आवास पर शरद पवार और अजित पवार के बीच हुई ‘गुप्त’ बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार की यह मुलाकात महाराष्ट्र की सियासत में चर्चा का विषय बन गई है। तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं।अब इस मुलाकात को लेकर खबरे ये आ रही हैं कि अजित पवार ने शरद पवार को मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए न्योता दिया था।

कहा जा रहा है कि शरद पवार को मनाने के लिए बीजेपी ने अजित पवार के जरिए एक बड़े ऑफर की पेशकश की है। अघाड़ी में सहयोगी कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया है कि बीजेपी ने अजित पवार के जरिए शरद पवार को बड़े ऑफर की पेशकश की है। एक अखबार ने पृथ्वीराज चव्हाण के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि बीजेपी ने शरद पवार को केंद्र में कृषि मंत्री बनाने और नीति आयोग के अध्यक्ष पद का ऑफर दिया है। इसके अलावा सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जयंत पाटिल को मंत्री बनाने की भी पेशकश की गई है।

अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं कि...-राउत

वहीं, इस मामले पर उद्धव गुट के शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जूनियर पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि, अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं है जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में शरद पवार गुट के नेताओं को जगह दे दें। सांसद संजय राउत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से खास बातचीत में कहा, अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को ऑफर दे सकें। अजित पवार को पवार (शरद पवार) साहब ने बनाया है अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया। 60 वर्ष से भी जयादा समय पवार साहब ने संसदीय राजनीति में बिताया है और 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका जो कद है वह बहुत बड़ा है।

अजीत और शरद पवार ने दी सफाई

इससे पहले शरद पवार ने स्पष्ट किया था कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ पुणे में हुई उनकी मुलाकात को लेकर विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं है। एमवीए एकजुट है। मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की अगली बैठक का सफल आयोजन किया जाएगा। शरद पवार दोनों ने कहा कि अपने रिश्तेदारों से मिलने में कुछ भी गलत नहीं है। शरद पवार ने पूछा, 'अजीत पवार मेरे भतीजे हैं। चाचा और भतीजे की मुलाकात को लेकर इतना हंगामा क्यों हो रहा है?

वहीं अत पवार ने बी कहा कि पवार साहब पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। मीडिया परिवार के सदस्यों के बीच हुई बैठक को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहा है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक में कुछ भी असामान्य हुआ।

पुणे में हुई चाचा-भतीजे की सीक्रेट मीटिंग

बता दें कि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार (12 अगस्त) को पुणे के बिजनेसमैन अतुल चोरडिया के बंगले पर मुलाकात की। चाचा-भतीजे अलग-अलग वजहों से पुणे में थे, इसी दौरान दोनों की यह सीक्रेट मीटिंग हुई। चांदनी चौक ब्रिज उद्घाटन के सिलसिले में अजित पवार पुणे में थे और शरद पवार भी शहर में मौजूद थे। अतुल चोरडिया के घर पर मुलाकात के बाद सबसे पहले शरद पवार बंगले से बाहर निकले और थोड़ी देर बाद भतीजे अजित पवार का काफिला बंगले से निकला।

गौरतलब हो कि हाल ही में अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर पार्टी के 40 विधायकों के साथ बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे। जिस पर बीते दिन से ही खूब राजनीति हो रही है। अजित गुट और शरद गुट दोनों एक दूसरे के आमने-सामने हैं। दोनों वरिष्ठ नेता एनसीपी को लेकर लामबंद हैं। सीनियर पवार गुट के विधायाकों और सांसदों का कहना है कि, शरद पवार जहां हैं वहीं पार्टी है जबकि अजित पवार गुट के नेताओं का कहना है कि, जिस पक्ष में ज्यादा विधायक वहीं पार्टी का असली हकदार है। चाचा-भतीजे की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच गई है।