अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेता और मंत्री श्रद्धांजलि देने पहुंचे 'सदैव अटल'

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के संस्थापक सदस्य भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज 5वीं पुण्यतिथि है। इस मौके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने सुबह-सुबह अटल स्मृति पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी। 

दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज उनकी समाधि 'सदैव अटल' पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। 

एनडीए गठबंधन के भी नेताओं का लगा जमावड़ा

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर बीजेपी की ओर से दिल्ली में अटल स्मृति पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें औपचारिक तौर पर गठबंधन के भी नेताओं को भी बुलाया गया है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनीलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल और हम नेता जीतन राम मांझी सहित अन्य एनडीए नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा कि अटल जी की पुण्यतिथि पर मैं देश के 140 करोड़ लोगों के साथ उन्हें नमन करता हूं। भारत को उनके नेतृत्व से काफी फायदा मिला, उन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिया और 21वीं सदी के भारत की नींव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 93 साल की उम्र में 16 अगस्त 2018 में हुआ था, वह लंबे वक्त से बीमार थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, साल 1998 से लेकर 2004 तक उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा किया था। अटल ने सबसे पहले 1996 में 13 दिन, 1998 में 13 महीने और फिर 1999 में 5 साल तक अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार वो लोकसभा सांसद चुने गए जबकि 2 बार राज्यसभा सांसद चुने गए।

अटल बिहारी वाजपेयी को भाजपा के सर्वोच्च नेताओं में से एक माना जाता है, जिनकी अगुवाई में बीजेपी का उदय हुआ और सत्ता तक का सफर तय हुआ। वाजपेयी को पार्टी को उनके आधार से परे लोकप्रिय बनाने और छह साल तक सफलतापूर्वक गठबंधन सरकार चलाने का श्रेय दिया जाता है, इस दौरान उन्होंने सुधारों को आगे बढ़ाया और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया।

मिजोरम को लेकर बीजेपी नेता के दावे का सचिन पायलट ने दिया करारा जवाब, कहा- मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन...

#sachin_pilot_replied_on_amit_malviya_claims 

मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस बीच मिजोरम को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई है।इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उनके पिता राजेश पायलट को लेकर किए किए गए भारतीय जनता पार्टी के दावे का करारा जवाब दिया है। अमित मालवीय ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया था कि राजेश पायलट ने मार्च 1966 में बतौर भारतीय वायुसेना पायलट मिजोरम में बम गिराए थे। इस पर सचिन पायलट ने कहा कि आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं।

सचिन पायलट ने अमित मालवीय के ही ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने लिखा, 'स्व. राजेश पायलट दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी- काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है। हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द।'

इसके साथ ही सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट के वायुसेना में कमीशन होने का सर्टिफिकेट भी अटैच किया है।

दरअसल, अमित मालवीय ने 13 अगस्त को एक ट्वीट किया था। मालवीय ने ट्वीट में लिखा था, "राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। साफ है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।"

बता दें कि मिजोरम का यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दिए भाषण के बाद उठा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि मिजोरम में कांग्रेस ने अपने ही नागरिकों पर वायुसेना से हमला करवाया था, क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे। आज भी 5 मार्च को मिजोरम में शोक दिवस मनाया जाता है. मणिपुर पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह हमला किया था, जिसके बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच तकरार चल रही है।

एशियन गेम्स के पहले भारत को बड़ा झटका, ट्रेनिंग के दौरान चोटिल हुईं विनेश फोगाट, टीम से अपना नाम वापस लिया

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एशियन गेम्स में भारतीय उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट ने एशियन गेम्स खेलने वाली भारतीय टीम से अपना नाम वापस ले लिया है। दरअसल फोगाट रोहतक में ट्रेनिंग के दौरान चोटिल हो गई हैं।इस चोट के कारण विनेश फोगाट एशियन गेम्स में नहीं खेल पाएंगी।

विनेश ने मंगलवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा- ट्रेनिंग के दौरान 13 अगस्त को मेरे बाएं घुटने में चोट लग गई है। डॉक्टरों ने सर्जरी का सुझाव दिया है।साथ ही उन्होंने बताया कि 17 अगस्त को घुटने की सर्जरी होगी। स्कैन करने के बाद डॉक्टरों ने कहा है कि सर्जरी ही मेरे लिए एकमात्र विकल्प है। यह सर्जरी 17 अगस्त को मुंबई में होनी है।

विनेश फोगाट ने ट्वीट में कहा कि भारत के लिए अपना एशियाई खेलों का गोल्ड मेडल जीतना मेरा सपना था, जो मैंने 2018 में जकार्ता में जीता था।वह आगे लिखती हैं कि इस बार चोट के कारण मेरी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। मैंने संबंधित अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा दी है, ताकि रिजर्व प्लेयर को एशियन गेम्स के लिए भेज सकें।

ओलिंपिक एसोसिएशन की ओर से गठित एडहॉक कमेटी ने विमेंस के 53 किलो वेट में विनेश को और मेंस के 65 किलो वेट में बजरंग को बिना ट्रायल के ही भेजने का फैसला किया था। यह कमेटी भारतीय कुश्ती संघ में चल रहे विवाद के कारण बनाई गई थी। विनेश ने साथी पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के साथ मिलकर संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसके बाद आगे की जांच और संघ की वर्किंग के लिए एडहॉक कमेटी का गठन किया था।

ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स-2022 में डायरेक्ट एंट्री के विरोध में अंतिम पंघल और सुजीत कलकल ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया था। इसके बाद विनेश और बजरंग के एशियन गेम्स में भाग लेने का रास्ता साफ हो गया था।

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

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सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है। नई दिल्ली स्थित एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में झंडोत्तोलन के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया था। बताया जा रहा है कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था। डॉक्टरों ने उन्हें कार्डियक पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की मदद से सांस देने की भी कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।

उनके एक सहयोगी ने बताया कि 80 वर्षीय बिंदेश्वर ने सुबह स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके तुरंत बाद वह अचानक गिर गए, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए एम्स लाया गया। अस्पताल के एक सूत्र ने कहा कि बिंदेश्वर पाठक को दोपहर 1:42 बजे मृत घोषित कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट है।

सामाजिक कार्यकर्ता रहे बिंदेश्वर पाठक ने हाथ से मैला ढोने वाली प्रथा के खिलाफ बड़े पैमाने पर लड़ाई लड़ी।बिंदेश्वर पाठक की पहचान बड़े समाज सुधारकों की रही है, जिन्होंने निचले तबके के लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।उन्होंने मानव अधिकारों, स्वच्छता और सामाजिक सुधारों को लेकर 1970 में सुलभ इंटनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी।

कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

वहीं, सुलभ ने एक इनोवेटिव डिजाइन के आधार पर लगभग 1.3 मिलियन घरेलू शौचालय और 54 मिलियन सरकारी शौचालयों का निर्माण किया है। शौचालयों के निर्माण के अलावा संगठन ने मानव अपशिष्ट की मैन्युअल क्लीनिंग को खत्म करने के लिए एक आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने सुलभ शौचालयों को किण्वन संयंत्रों से जोड़कर बायोगैस निर्माण का अभिनव उपयोग किया, जिसे उन्होंने तीन दशक पहले डिजाइन किया था। अब दुनिया भर के विकासशील देशों में स्वच्छता के लिए एक पर्याय बन रहे हैं। उनके अग्रणी काम, विशेष रूप से स्वच्छता और स्वच्छता के क्षेत्र में, उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।

बिंदेश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई- राष्ट्रपति

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिन्देश्वर पाठक के निधन का समाचार अत्यंत दुखदाई है। श्री पाठक ने स्वच्छता के क्षेत्र में क्रान्तिकारी पहल की थी। उन्हें पद्म-भूषण सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार तथा सुलभ इंटरनेशनल के सदस्यों को मैं अपनी शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।

पीएम मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। पीएम मोदी ने कहा, बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया था। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया। हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा।

रूस में बड़ा हादसा, गैस स्टेशन में हुए भीषण विस्फोट में 25 से ज्यादा लोगों की मौत, 100 से ज्यादा घायल

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रूस के मखाचकाला में एक गैस स्टेशन में भीषण धमाका हो गया है। इस धमाके में तीन बच्चों समेत 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जबकि 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। बताया जा रहा है कि आग पहले कार की मरम्मत करने वाली दुकान में लगी और देखते ही देखते पास के गैस स्टेशन में फैल गई।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती की देश के आपातकाल मंत्रालय के हवाले से जारी की गई खबर के मुताबिक, क्षेत्र की राजधानी मखचकाला के बाहरी क्षेत्र में स्थित गैस स्टेशन में सोमवार रात को विस्फोट हुआ था। आग पहले कार की मरम्मत करने वाली दुकान में लगी और देखते ही देखते पास के गैस स्टेशन में फैल गई। खबर के मुताबिक, गैस स्टेशन में लगी आग थोड़ी ही देर में 600 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैल गई। आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम को साढ़े तीन घंटे से अधिक समय लगा।

रूसी उप स्वास्थ्य मंत्री व्लादिमीर फिसेन्को ने बताया है कि घायलों में से 10 की हालत गंभीर है। इंटरफैक्स ने दागेस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि घायलों में तेरह बच्चे हैं। रूस के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर कहा कि गंभीर रूप से घायलों को मॉस्को ले जाने के लिए माखचकाला में एक विमान भेजा गया था।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मखचकाला में ग्लोबस शॉपिंग सेंटर के पास एक कार सर्विस सेंटर में विस्फोट हुआ था। क्षेत्रीय गवर्नर ने मंगलवार 15 अगस्त को कहा कि दागेस्तान के दक्षिणी रूसी क्षेत्र में एक गैस स्टेशन में आग लगने का मामला सामने आया। डागेस्टानी डिजास्टर मेडिसिन सेंटर की जानकारी के अनुसार, 12.00 बजे (मॉस्को समय) तक 12 लोग मारे गए, 50 घायल हो गए। हालांकि बाद में मृतकों की संख्या और बढ़ी जो कि 25 से ज्यादा पहुंच गई। मरने वालों में 3 बच्चे भी शामिल हैं।

अक्षय कुमार को मिली भारतीय नागरिकता, बोले- दिल और सिटीजनशिप दोनों हिन्दुस्तानी

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भारतवासी आज 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। इस मौके पर हर व्यक्ति जोश और उत्साह से भरा हुआ है। बॉलीवुड में भी स्वतंत्रता दिवस को लेकर अलग उमंग देखने को मिल रही है। इस बीच बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने अपने फैंस को बड़ी खुशखबरी दी है।अक्षय कुमार अब भारतीय नागरिक बन गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर ऑफिशियल डॉक्यूमेंट शेयर किए हैं। उन्होंने डॉक्यूमेंट की तस्वीर शेयर करके फैंस को ये खुशखबरी दे दी है।बता दें कि फिल्मों में सफलता नहीं मिलने के कारण उन्होंने 1990 में भारत की नागरिकता छोड़ दी थी और कनाडा में बसने और काम करने के लिए वहां की नागरिकता ले ली थी।

नागरिकता को लेकर सवाल उठने वालों को मिला जवाब

अक्षय कुमार ने भारतीय नागरिकता पाने की जानकारी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए दी है।अक्षय ने फोटो शेयर करते हुए लिखा- 'दिल और सिटिजनशिप, दोनों हिंदुस्तानी। स्वतंत्रता दिवस की बधाई। जय हिंद। उन्होंने इंडियन सिटीजनशिप के लिए 2019 में आवेदन किया था।इसके साथ ही अक्षय कुमार की नागरिकता को लेकर उठने वाले सवालों पर पूर्ण विराम लग गया है।दरअसल, कनाडा की नागरिकता होने की वजह से हेटर्स ने कई बार उनकी देशभक्ति पर भी सवाल खड़े किए थे।

पहले अक्षय के पास थी कनाडा की नागरिकता

याद दिला दें कि अक्षय कुमार के पास पहले भारतीय नहीं, कनाडा की नागरिकता थी। लगातार उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थीं, जिसके बाद उन्होंने कनाडा में बसने का फैसला किया था, लेकिन इसके बाद एक बार फिर उनका सिक्का बॉलीवुड में चल पड़ा और वो भारत छोड़कर कनाडा नहीं जा पाए। लंबे वक्त से अक्षय भारतीय नागरिकता के लिए प्रयास कर रहे थे। आखिरकार अब उन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई है।

'हर भारतीय की आवाज़ है भारत माता..', राहुल गांधी ने दी स्वतंत्रता दिवस की बधाई, भारत जोड़ो यात्रा का भी किया जिक्र

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज मंगलवार (15 अगस्त) को देश के लोगों को 77वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और भारत माता को हर भारतीय की आवाज बताया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर राहुल गांधी ने कहा कि, "भारत माता हर भारतीय की आवाज है! सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।"

इसके साथ ही राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' का अपना अनुभव भी साझा किया और कहा कि उन्होंने समुद्र के किनारे से 145 दिन की पैदल यात्रा शुरू की और कश्मीर की बर्फ पर पहुंचे। राहुल ने कहा कि, 'पिछले साल मैंने एक सौ पैंतालीस दिन उस ज़मीन पर घूमते हुए बिताए जिसे मैं अपना घर कहता हूँ। मैंने समुद्र के किनारे से शुरुआत की और गर्मी, धूल और बारिश से गुज़रा। जंगलों, कस्बों और पहाड़ियों से होते हुए, जब तक कि मैं नरम बर्फ तक नहीं पहुँच गया मेरे प्यारे कश्मीर की।'

उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखने के दौरान हुए दर्द और उस प्रेरणा का भी उल्लेख किया जिसने उन्हें यात्रा जारी रखने में मदद की। राहुल गांधी ने कहा कि, "कुछ ही दिनों में, दर्द शुरू हो गया। मेरी पुरानी घुटने की चोट, जो फिजियोथेरेपी के घंटों के बाद खत्म हो गई थी, वापस आ गई। कुछ दिनों की सैर के बाद, मेरा फिजियो हमारे साथ आ गया, वह आया और मुझे उचित सलाह दी। दर्द बना रहा। और फिर मैंने कुछ नोटिस करना शुरू कर दिया। हर बार जब मैं रुकने के बारे में सोचता, हर बार जब मैं हार मानने के बारे में सोचता, कोई आता और मुझे जारी रखने की ऊर्जा उपहार में देता।'

बता दें कि, स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा कड़ी करते हुए पुलिस कर्मियों ने वाहनों की जांच की। स्वतंत्रता दिवस से पहले भारत में विभिन्न प्रतिष्ठित इमारतों और स्मारकों को तिरंगे की रोशनी में रोशन किया गया है। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और इंडिया गेट रोशनी से जगमगा रहे क्योंकि शहर स्वतंत्रता दिवस के उत्साह में डूबा हुआ है।

पीएम मोदी के 2024 में लाल किले से तिरंगा फहराने वाले बयान पर विपक्ष हमलावर, लालू -खड़गे ने यूं किया पलटवार

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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले पर 10वीं बार तिरंगा फहराया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि अगले 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को जनता के सामने रखेंगे।प्रधानमंत्री अपने इस दावे पर घिरते नजर आ रहे हैं।2024 में फिर से लाल किले से तिरंगा फहराने के पीएम मोदी के दावे पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने तंज कसा है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बी इस बयान पर पलटवार किया है।

पीएम मोदी के बयान पर लालू “लाल”

दरअसल, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से पूछा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी अगले साल लाल किले से तिरंगा फहराएंगे? इस पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी लाल किले से अंतिम बार तिरंगा फहरा रहे हैं, अगली बार हम तिरंगा फहराएंगे।

अगली बार पीएम मोदी तिरंगा अपने घर पर फहराएंगे

पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी झंडा तो फहराएंगे, लेकिन अपने घर पर। खरगे ने कहा कि हर इंसान कहता है कि मैं ही जीतूंगा. लेकिन जीताती तो जनता है। वे (मोदी) अहंकार की तरह बोल रहे हैं।

लाल किले पर खाली रही कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की कुर्सी, कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उठे सवाल, तो दिया ये जवाब

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लालकिले पर तिरंगा फहराया। इस मौके पर पक्ष-विपक्ष के नेता और सांसद लाल किले पर पहुंचे थे। कार्यक्रम में कई दिग्गज और करीब दो हजार तक अतिथि शामिल हुए। हालांकि, इस दौरान एक कुर्सी खाली दिखाई दी। यह कुर्सी कांग्रेस के एक बड़े नेता की थी। जी हां, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की कुर्सी इस समारोह के दौरान खाली दिखी। खरगे इस समारोह में शिरकत नहीं कर सके।

स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के मौजूद नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इस पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि खरगे को ठीक महसूस नहीं हो रहा था, इसलिए वह लाल किले पर नहीं पहुंचे। कांग्रेस की तरफ से सफाई देते हुए बताया गया,'खरगे को अपने घर और कांग्रेस पार्टी दफ्तर में तिरंगा फहराना था। इसलिए वह लाल किला में होने वाले समारोह में शामिल नहीं हो पाए। अगर वे जाते तो वह घर वहां से जल्दी नहीं निकल सकते। उन्हें कम से कम दो घंटे तक वहां पर रहना ही पड़ता, वे कांग्रेस मुख्यालय में समय से ध्वजारोहण नहीं कर पाते।

लाल किला नहीं पहुंचने पर दी सफाई

लाल किले नहीं जाने का सवाल खरगे से किया गया तो उन्होंने अपनी आंखों की समस्या बताई। दूसरी बात उन्होंने कही कि मुझे घर पर प्रोटोकॉल के तहत झंडा फहराना था। फिर मुझे कांग्रेस ऑफिस आकर झंडा फहराना था। यहां तो मैं पहुंच ही नहीं सकता था। उनकी सिक्योरिटी इतनी टाइट है। पहले प्रधानमंत्री के जाने तक किसी को नहीं छोड़ते। आजकल होम मिनिस्टर के जाने तक नहीं छोड़ते। रक्षा मंत्री, स्पीकर... के बाद हम लोगों का नंबर लगता। इसलिए समय के अभाव और सिक्योरिटी की अड़चन थी। अब जैसा उन्हें छोड़ते हैं वैसा मुझे तो रास्ता नहीं देते।

खरगे का सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश

इस बीच खरगे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट के जरिए एक वीडियो संबोधन जारी किया। जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दीं। कहा कि लोकतंत्र और संविधान हमारी देश की आत्मा है। हम यह प्रण लेते हैं कि हम देश की एकता और अखंडता के लिये, प्रेम और भाईचारे के लिए, सौहार्द और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता कायम रखेंगे। उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू और बीआर अंबेडकर जैसे स्वतंत्रता प्रतीकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदानों का किया जिक्र

अपने वीडियो संदेश में कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह जैसे अन्य कांग्रेस प्रधानमंत्रियों के योगदानों का जिक्र किया। उन्होंने बीजेपी के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया। कहा कि हर प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति में योगदान दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ सभी प्रधानमंत्रियों ने देश के बारे में सोचा और विकास के लिए कई कदम उठाए।

नाम लिए बिना पीएम पर निशाना

पीएम मोदी का नाम लिए बिना खरगे ने कहा कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि देश पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुआ है। लेकिन यह सच नहीं है। जब अंग्रेज देश छोड़कर चले गए, तो स्थिति ऐसी थी कि देश में एक सूई भी नहीं बनती थी। तब पंडित नेहरू बड़ी पहल की, इस्पात संयंत्र स्थापित किए, बांध बनाए, आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान स्थापित किए। इंदिरा गांधी-लाल बहादुर शास्त्री हरित क्रांति लेकर आए, भारत को आत्मनिर्भर बनाया। सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोकतंत्र का ढोल बजाते हैं, वे दूसरे तरफ विपक्ष का मुंह बंद कर देते हैं। आज लोकतंत्र को बहुत बड़ा खतरा है। संसद में विपक्ष की आवाज बंद कर दी जाती है, मेरा माइक बंद कर दिया जाता है।

पीएम मोदी ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण पर किया कड़ा प्रहार, भारत के विकसित देश बनने की राह में बताया सबसे बड़ा रोड़ा*

#pmmodiattackedcorruptionfamilialism_polarisation 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश के विकास में आने वाली सबसे बड़े रोड़ों का जिक्र किया। लाल किले पर तिरंगा लहराने के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों के सामने सरकार की उपलब्धियां गिनाई। वहीं देश के विकास में आ रही बाधा की बात करते हुए परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के बहाने विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इन तीन बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सपनों को सिद्ध करने के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण का आंख में आंख डालकर सामना करने की बात कही।

मोदी का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा-पीएम मोदी

लाल किले के प्राचीर से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, " भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। इसने देश के सामर्थ्य को बुरी तरह नोंच लिया है। यह मोदी के जीवन का कमिटमेंट है, यह मेरे व्यक्तित्व की प्रतिबद्धता है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है। इस देश में पिछले नौ साल में दस करोड़ लोगों को मैंने गलत फायदा उठाने से रोक दिया। ये दस करोड़ लोग वो थे, जिनका जन्म ही नहीं हुआ था। वे विधवा, वृद्ध, दिव्यांग हो जाते थे। दस करोड़ बेनामी चीजों को रोका है। भ्रष्टाचारियों की संपत्ति पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा जब्त की है। पीएम मोदी ने बताया कि इस सरकार ने सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पिछली सरकारों की तुलना अदालत में ज्यादा चार्जशीट दायर की हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना होगा। जैसे गंदगी हमारे मन में नफरत पैदा करती है, वैसे ही सार्वजनिक जीवन की इस गंदगी को भी दूर करना होगा।

देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 'लोकतंत्र में यह कैसे हो सकता है, विशेष बल देकर राजनीतिक दलों के बारे में कह रहा हूं। यह बुराई है परिवारवादी पार्टियां। उनका मूल मंत्र है उनका राजनीतिक दल, परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए काम करे। परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं। किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? देश के विकास के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी है।

तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा नुकसान किया है। सामाजिक न्याय को तबाह किसी ने किया है तो वह तुष्टीकरण की राजनीति ने किया है। इसने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। 

इनसे लड़ने के लिए संकल्प लेने का आहवान

इन तीन बुराइयों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश को इनसे पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ने का संकल्प लेने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि इन बुराइयों से देश के लोगों की आकांक्षाओं का दमन होता है और ये बुराइयां लोगों के सामर्थ्य का शोषण करती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गरीब, दलित, पिछड़े, पसमांदा, आदिवासी, माता-बहनों को उनका हक दिलाने के लिए देश को इन तीन बुराइयों से मुक्ति पाना होगा।