एनएमसी का आदेश डॉक्टर अगर नहीं लिखेंगे जेनेरिक दवाइयां तो होगी कार्रवाई ऐसा ना करने पर लाइसेंस होगा सस्पेंड

 दिल्ली :- राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने देश के डॉक्टर्स के लिए नए नियम जारी किए हैं। नए नियमों के मुताबिक अब देश के सभी डॉक्टर्स के लिए जेनेरिक दवाइयां प्रेस्क्रिप्शन में लिखना अनिवार्य होगा।

अगर कोई भी डॉक्टर ऐसा नहीं करता है तो उसके प्रैक्टिस लाइसेंस को भी अस्थायी तौर पर सस्पेंड कर दिया जा सकता है। लाइसेंस सस्पेंड करने के अलावा कई अन्य दंड का भी प्रावधान किया गया है।

नेशनल मेडिकल कमीशन के नए नियमों के अनुसार अब सभी डॉक्टर्स को जेनेरिक दवाएं लिखनी होगी। अगर कोई डॉक्टर ऐसा नहीं करता है तो उसे दंडित भी किया जा सकेगा।

एनएमसी ने डॉक्टर्स से यह भी कहा है कि वह ब्रॉडेड जेनेरिक दवाओं को लिखने से भी बचे। 2 अगस्त को एनएमसी ने नियमों का नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि भारत में जेनेरिक दवाएं ब्रॉडेड दवाओं की तुलना में 30 से 80 प्रतिशत तक सस्ती है। 

भारत में दवाइयों पर आम आदमी के जेब पर बड़ा भार पड़ता है। ऐसे में जेनेरिक दवाएं प्रेस्क्राइब करने पर हेल्थ पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। दरअसल, जेनेरिक और ब्रॉंडेड दवाओं की गुणवत्ता और असर में कोई अंतर नहीं होती। लेकिन तमाम बड़ी कंपनियां ऊंची कीमत वाली दवाइयों को प्रेस्क्राइब करने के लिए काफी ऑफर चलाती रहती हैं।

आदेश का उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान

एनएमसी नियमों के अनुसार, डॉक्टर्स को जेनेरिक दवाएं ही लिखनी होगी। बार-बार आदेश का उल्लंघन करने पर डॉक्टर का प्रैक्टिस करने का लाइसेंस एक विशेष अवधि के लिए सस्पेंड कर दिया जाएगा। साथ ही डॉक्टर्स को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह अगर किसी मरीज का पर्ची बना रहा यानी की प्रेस्क्रिप्शन लिख रहा है तो वह उसे स्पष्ट भाषा में लिखे जो किसी से भी पढ़ा जा सके। 

नेशनल मेडिकल कमीशन ने आदेश दिया है कि दवाइयों के नाम अंग्रेजी के कैपिटल लेटर्स में लिखा जाना चाहिए। अगर हैंडराइटिंग सही नहीं है तो पर्ची को टाइप कराकर मरीज को प्रेस्क्रिप्शन दिया जाए। एनएमसी ने एक टेम्पलेट भी जारी किया है। इस टेम्पलेट का उपयोग नुस्खा लिखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।

नेशनल मेडिकल कमीशन यानी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने आदेश में कहा कि अस्पतालों और डॉक्टर्स को मरीजों को जन औषधि केंद्रों और अन्य जेनेरिक फार्मेसी दुकानों से दवाएं खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

मेडिकल छात्रों और जनता को उनके ब्रांडेड समकक्षों के साथ जेनेरिक दवा की समानता के बारे में शिक्षित करना चाहिए। जेनेरिक दवाओं के प्रचार को बढ़ावा देनी चाहिए।

अगर आप मोमोज खाने के शौकीन है तो सावधान हो जाइए क्योंकि जिंदगी के लिए धीमा जहर है मोमोज,डॉक्टर ने बताईं 5 हैरान कर देने वाली बात


दिल्ली:- मोमोज वैसे तो चाइनीज शब्द है लेकिन ये तिब्बत से आया है।भले ही है ये तिब्बत या नेपाल का डिश है पर आजकल ये भारत में काफी पसंद की जाती है ,यह बच्चों से लेकर बड़ों तक का फेवरेट बन गया है. फास्टफूड में ज्यादातर चीजें मैदे से ही बनी होती हैं, जो सेहत को सीधे तौर पर क्षति पहुंचाती हैं।

वैसे तो सभी फास्ट फूड लोगों के पसंदीदा हैं, लेकिन मोमोज सबसे ऊपर है. दरअसल, आजकल हर गली-मोहल्लों और बाजार में आपको सिल्वर के स्ट्रीमर गैस पर चढ़े दिख जाएंगे. इसके इर्द-गिर्द युवा और किशोरों की भारी भरकम भीड़ भी होगी. इसमें से ज्यादातर लोग इसके नुकसान को जानते भी होंगे, लेकिन इसके बाद भी लापरवाह बने हैं।

रांची रिम्स के न्यूरो एवं स्पाइन सर्जन डॉ. विकास कुमार ने ट्विटर पर शेयर की एक पोस्ट के मुताबिक, मोमोज आपकी जिंदगी को बर्बाद करने के लिए काफी हैं. ये इंसान को अंदर से खोखला बनाने का काम करते हैं. आइए जानते हैं डॉक्टर की बताईं 5 बड़ी बातें.

कैसे नुकसानदायक है आपका फेवरेट मोमोज?

आंतों के लिए घातक : ज्यादातर किशोर, युवा और महिलाएं शाम होते ही मोमोज का स्वाद लेने दुकानों तक पहुंच जाती हैं. लेकिन ऐसा करना गलत है, क्योंकि मैदे से बने मोमोज आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं. बता दें कि, जिस मैदे से मोमोज बनाए जाते हैं, वह गेहूं का ही एक उत्पाद होता है. लेकिन इसमें से प्रोटीन और फाइबर को निकाल लिया है और बाद में सिर्फ मृत starch ही बचता है।

यह प्रोटीन रहित मैदा शरीर में जाकर हड्डियों को सोख लेता है. मैदा कई बार ठीक से डाइजेस्ट ना होने पर आंतों में चिपक सकता है और आंतों को ब्लॉक कर सकता है।

किडनी को नुकसान : मोमोज का कई तरह की बीमारियों को दावत देने के लिए काफी है. इनके सेवन से इंसान कई ऐसी बीमारियों के शिकंजे में फंस सकता है, जिनसे निकल पाना बहुत मुश्किल होता है. दरअसल, जिस मैदे से मोमोज बनाए जाते हैं उस मैदा को केमिकल से चमकाया जाता है।

इस केमिलकल को बेंजोयल पराक्साइड कहा जाता है. यह रासायनिक बिलीचर वही होता है, जिससे चेहरे की सफाई की जाती है. ऐसे में यह बिलीच हमारी बॉडी में जाकर किडनी और पेनक्रियाज को को नुकसान पहुंचाती है. इसके अलावा यह मैदा डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ावा देता है.

ब्लीडिंग का खतरा: प्रोटीन रहित मैदे से बने मोमोज के साथ लाल मिर्च की चटनी को भी सर्व किया जाता है. दरअसल, ये चटनी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है. बता दें कि, इस तरह की उत्तेजक चटनी को खाने से आप पाइल्स और गैस्ट्राइटिस जैसी परेशानियों को मोल ले सकते हैं. इसके अलावा यह चटनी पेट और आंतों में ब्लीडिंग होने के खतरे को भी बढ़ाती है. ऐसे में जरूरी है कि मैदे से बनी चीजों को खाने से परहेज करें.

वजन का बढ़ना :

मैदे से बने मोमोज स्वाद में जितने टेस्टी होते हैं, उतने ही नुकसानदायक भी होते हैं. इनका अधिक सेवन करने से आप कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. बता दें कि, कुछ मोमोज बेचने वाले लोग टेस्ट को बढ़ाने के लिए केमिकल का भी इस्तेमाल करते हैं. इस केमिकल को मोनोसोडियम ग्लूटामैट कहते हैं।

ये रासायनिक केमिकल मोमोज का स्वाद बढ़ाने और सुगंधित बनाने का काम करता है. ऐसे केमिकलयुक्त मैदे को खाने से मोटापा बढ़ना, ब्रेन और नरवर की समस्या, चेस्ट पेन हार्ट रेट और बीपी बढ़ने जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं.

इंफेक्शन का खतरा :

आपकी जीभ का स्वाद आपके स्वास्थ्य पर गलत असर डाल सकता है. दरअसल, मोमोज इंफेक्शन और बच्चों में नया खून बनने की प्रक्रिया को धीमा बनाने का काम कर सकता है. इसके अलावा कुछ जगह नॉन-वेज मोमोज भी बनाए जाते हैं. इन मोमोज में अधिकतर डेड एनिमल्स के मीट को मिलाया जाता है या फिर अधिक समय तक रखा रहने से यह नुकसानदायक हो जाता है. इस स्थित में आपको इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है।

सावधान : गुरुग्राम में 12 कॉलोनियों पर लटकी सीलिंग की तलवार, 700 से अधिक मकानों को नोटिस

गुरुग्राम : गुरुग्राम की 12 कॉलोनियों में 700 से अधिक मकानों पर सीलिंग की तलवार लटक गई है। जिला नगर योजनाकार प्रवर्तन विभाग ने इन मकानों पर कार्रवाई की तैयारी तेज कर दी है। विभाग की ओर से कराए गए सर्वे में 750 मकानों में व्यावसायिक गतिविधियां चलती पाई गईं।

इन सभी मकान मालिकों को नोटिस भी दिए गए थे, लेकिन मकानों से व्यावसायिक गतिविधियां बंद नहीं की गईं।

दो दिनों तक डीटीपी के सीलिंग अभियान के बाद कुछ मकान खाली हो गए। अब 700 से अधिक मकानों को सील करने की योजना तैयार की गई है। डीटीपी प्रवर्तन के अनुसार शिकायत मिलने पर तीन टीमें बनाकर बिल्डर कॉलोनियों में आवासीय मकानों का सर्वे कराया गया।

राजेश कौशिक, डीटीपी प्लानिंग गुरुग्राम ने कहा, ''बिल्डर कॉलोनियों के आवासीय मकानों को सीलिंग के बाद कब्जा प्रमाण पत्र रद्द होगा। 18 मकानों को नोटिस जारी कर दिया है। मकान का कब्जा प्रमाणपत्र रद्द होने के बाद अवैध माना जाएगा।''

साईं कुंज कॉलोनी में विकास कार्य शुरू

वहीं, आरडब्ल्यूए के प्रयास से गुरुग्राम नगर निगम के द्वारा साईं कुंज कॉलोनी में विकास कार्य शुरू हो गए हैं। निगम ने पहले पानी, फिर सीवर लाइन बिछाई और आरएमसी रोड बनाया। अब 1.92 लाख की लागत से गलियों में टाइल बिछाने का काम की शुरुआत की गई। निवर्तमान पार्षद शकुंतला यादव ने शिलान्यास किया। सीवर लाइन का काम कुछ दिन लेट होने और पीछे बरसात का मौसम होने की वजह से काम शुरू नहीं हो पाया था। जिसका साईं कुंज की सरदारी के द्वारा विधिवत मुहुर्त किया गया। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष राकेश राना ने कहा कि लंबे समय से सुविधाओं की मांग की जा रही थी। अब जाकर काम शुरू हो सका। इन कामों से लोगों को राहत मिलगी।

गाजियाबाद में 16 साल की किशोरी ने की आत्महत्या सुसाइड नोट में लिखा:'मेरी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं': भाई नशा करते हैं...शायद इस कदम से सुधरेंगे

दिल्ली एनसीआर:- उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वैशाली के एक टावर में गुरुवार रात 16 साल की किशोरी ने दो भाइयों का नशा छुड़ाने के लिए सुसाइड नोट लिखा और उसे दीवार पर चिपकाकर आत्महत्या कर ली। दोपहर में मां ड्यूटी करने दिल्ली गई थी। रात में घर पहुंचने पर मां ने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

पुलिस ने बताया कि किशोरी तीन भाई और मां के साथ रहती थी। एक भाई पॉक्सो एक्ट के मामले में जेल में बंद है, जबकि उसके दो भाई नशा करते हैं। वह लगातार दोनों को नशा छोड़ने के लिए कह रही थी, लेकिन दोनों उसकी बात नहीं सुनते थे। वह दोनों को समझाकर परेशान हो चुकी थी। 

गुरुवार दोपहर किशोरी की मां दिल्ली काम करने चली गई थी। 

तब वह कमरे में ही थी। दोनों भाई बाहर घूम रहे थे। रात को मां घर लौटीं तो उन्होंने गेट खटखटाया। काफी देर तक गेट नहीं खुलने पर उन्हें शक हुआ। पुलिस को फोन कर अनहोनी की आशंका जाहिर की।

डायल-112 और थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पड़ोसियों की मदद से दरवाजे की कुंडी तोड़कर अंदर गई। कमरे में किशोरी पंखे से लटकी हुई थी। परिजन और पुलिस उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस का कहना है कि कमरे में दीवार पर किशोरी ने सुसाइड नोट चिपकाया था। उसमें लिखा था कि मेरे दोनों भाई नशा करते हैं वैसे तो ये सुधरे नहीं। शायद मेरे इस कदम को उठाने के बाद दोनों नशा छोड़ देंगे। मेरी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं है।

मां ने देरी से उठने पर लगाई थी डांट

पुलिस को मां ने बताया कि बेटी रोजाना देर रात तक जागती थी। फिर अगली सुबह देर से उठकर कमरे से बाहर आती थी। उन्होंने किशोरी को कई बार समझाया था लेकिन वह नहीं मानी। इसके लिए मां ने डांटा भी था इसके बाद वह ड्यूटी चली गई थी। इंदिरापुरम एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि किशोरी की मौत के मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर मौत का कारण स्पष्ट होगा।

दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली मेट्रो सेवाएं सुबह 5 बजे से होगी शुरू,14 अगस्त से बंद रहेगी स्टेशन पर पार्किंग


दिल्ली:- देश भर में 77 वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरों पर हैं। अब दिल्ली मेट्रो ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग ने वाले यात्रियों को ध्यान में रखते हुए सुबह पांच बजे से मेट्रो की सेवाएं शुरू हो जाएगी और सुबह 6 बजे तक हर 30 मिनट के अंतराल पर ट्रेन मिलेगी।

सुबह पांच बजे से चलेगी ट्रेन

डीएमआरसी के अनुसार, 15 अगस्त, 2023 मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी लाइनों पर दिल्ली मेट्रो की सेवाएं सुबह पांच बजे से शुरू हो जाएंगी। साथ ही सभी लाइनों से मंगलवार सुबह मेट्रो पांच बजे से छह बजे तक हर 30 मिनट के अंतराल पर चलेंगी और सुबह छह बजे से पूरे दिन मेट्रो की सेवाएं सामान्य रूप से चलेंगी।

बंद रहेगी पार्किंग

इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के उपायों को ध्यान में रखते हुए सोमवार यानी 14 अगस्त, 2023 सुबह छह बजे से मंगलवार यानी 15 अगस्त, 2023 को दोपहर दो बजे तक दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि, मेट्रो की सेवाएं सामान्य नियम के अनुसार चलती रहेंगी।

गैंगस्टर अतीक अहमद की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उठाया बड़ा कदम 2017 से अब तक यूपी में हुए 183 एनकाउंटर का मांगा ब्योरा

 

दिल्ली:- उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 2017 से अब तक हुई 183 एनकाउंटर का ब्योरा मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि एनकाउंटर की निगरानी की क्या व्यवस्था है? कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी जानना चाहा कि क्या पुलिस एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन कर रही है? इन सारे सवालों के जवाब के साथ ही यूपी सरकार से चार हफ्ते में रिपोर्ट मांगी गई है। 

जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने अतीक अहमद हत्याकांड से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया पीठ ने पांच-दस लोगों की सुरक्षा में अतीक की हत्या की घटना पर भी सवाल उठाया और कहा कि कोई कैसे आकर गोली मार सकता है? कोर्ट को किसी की मिलीभगत पर संदेह है। इसके साथ ही कोर्ट ने पूछा कि अतीक के दो नाबालिग बेटों को न्यायिक हिरासत में क्यों रखा गया है? अगर वो किसी अपराध में शामिल नहीं हैं तो उन्हें उनके रिश्तेदारों को क्यों नहीं सौंपा जा रहा?

यूपी सरकार ने बताया कि उन्होंने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है।

एक अन्य याचिका अतीक अहमद और अशरफ की बहन आयशा नूरी ने दायर की है। आयशा नूरी ने भी अतीक और अशरफ की हत्या की सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता या एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है। उन्होंने अपने भतीजे और अतीक अहमद के बेटे की एनकाउंटर में मौत की भी जांच की मांग की है।

उप्र सरकार ने अतीक की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट दायर की है और सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया है कि पुलिस सुधार और आधुनिकीकरण के उपाय चल रहे हैं।

दिल्ली में फिर होगा मौसम में बदलाव हो सकते है बारिश,IMD ने जारी किया अलर्ट


दिल्ली:- कई दिनों के शुष्क मौसम के बाद बृहस्पतिवार को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हल्की वर्षा हो सकती है। इस दौरान हवा की गति भी तेज रहेगी। इससे उमस भरी गर्मी भी कम होगी। बुधवार को भी सुबह धूप खिल गई थी।

मौसम विभाग का अनुमान आज हो सकती है बारिश

दिन चढ़ने के साथ यह और तीखी होती गई। दिन भर तेज धूप निकली रही। बीच बीच में बादलों की आवाजाही भी बनी रही। दिल्ली का अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि, न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

दोनों ही सामान्य तापमान है। हवा में नमी का स्तर 79 से 61 प्रतिशत तक रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हल्की वर्षा हो सकती है।

चलेंगी तेज हवाएं

इस दौरान हवा की गति 12 किमी प्रति घंटा रहने के आसार हैं। इससे तापमान में गिरावट होगी और गर्मी की चुभन भी कम होगी। अधिकतम तापमान 33 और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। वहीं, मौसम की मेहरबानी से दिल्ली की हवा लगातार ही साफ-सुथरी बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 118 रहा। इस स्तर की हवा को ''मध्यम'' श्रेणी में रखा जाता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों के बीच वायु गुणवत्ता का यही स्तर बना रहेगा।

सक्सेस स्टोरी:अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बनाई।नेत्रहीन स्कूल टीचर ने क्रैक किया यूपीएससी, मिली 48वीं रैंक


दिल्ली:कहते है ना कोशिश करने वाले की कभी हार नही होती। जब लक्ष्य को पाना होता हैं तो कोई कमी सामने नहीं आती ऐसे वाक्यों को चरितार्थ की  

आयुषी डबास।

मुकम्मल तैयारी के बाद भी दस लाख उम्मीदवारों में से केवल कुछ ही उम्मीदवार भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, यूपीएससी की परीक्षा को पास कर पाते हैं. कई उम्मीदवार प्रेरणा के रूप में पिछले वर्षों के बेहतरीन परफॉर्मर को फॉलो करके अपनी तैयारी व्यवस्थित करते हैं और स्ट्रेटजी तैयार करते हैं।

यूपीएससी की परीक्षा में मिली 48वीं रैंक

हर यूपीएससी उम्मीदवार 29 वर्षीय आयुषी डबास की सफलता की कहानी से सीख सकता है. दृष्टि दोष होने के बावजूद आयुषी ने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक की तैयारी में जुटी रही. आयुषी ने पांच साल की कड़ी मेहनत के बाद 5वें प्रयास में 48वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल कर UPSC 2021 की परीक्षा पास कर लिया.

दिल्ली विश्वविद्यालय से की ग्रेजुएशन की पढ़ाई

आयुषी ने उत्साह के साथ कहा कि हालांकि उसे यकीन था कि वह परीक्षा पास कर लेगी, लेकिन 50 से कम रेटिंग प्राप्त करना एक अप्रत्याशित खुशी थी. डबास ने अपनी शिक्षा अपने गृहनगर रानी खेड़ा के एक निजी स्कूल में पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज से अपनी डिग्री हासिल की. बाद में उन्होंने इग्नू से इतिहास विषय में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की.

आयुषी की मां घर पर रहती हैं और उनके पिता पंजाब में एक निजी कंपनी में काम करते हैं।

उन्होंने अपनी उपलब्धि के लिए अपनी मां को श्रेय दिया, जो एक सीनियर नर्सिंग अधिकारी थीं, जो 2020 में स्वेच्छा से अपने पद से सेवानिवृत्त हो गईं. उनकी 54 वर्षीय मां आशा रानी ने अपनी बेटी की परीक्षा पास करने की क्षमता पर भरोसा जताया।

दिल्ली: 88 साल पुरानी सिप्ला कंपनी देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी,अब बिकने वाली है खरीददार विदेशी।

नई दिल्ली :- भारत में सबसे बड़ी कंपनी फार्मा सेक्टर की बड़ी कंपनी सिप्ला बिकने जा रही है. इस कंपनी की खरीदने की रेस में दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्मों में से एक ब्लैकस्टोन सबसे आगे बताई जा रही है. इसे शुरू करने वाले ख्वाजा हमीद की फैमिली इसमें अपनी पूरी 33.47 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. 

 

भारत में 1935 में हुई थी शुरुआत

भारत को आजादी मिलने से पहले साल 1935 में ख्वाजा अब्दुल हमीद ने देश के लोगों को सस्ती और जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति करने के उद्देश्य से सिप्ला की शुरुआत की थी. खास बात ये कि उन्होंने जर्मनी में अपनी केमिस्ट की नौकरी छोड़कर ऐसे समय में भारत में पहली दवा निर्माता कंपनी की नींव रखी थी, जबकि छोटी से बड़ी बीमारी तक के इलाज के लिए आने वाली दवाएं विदेशी कंपनियों से आती थीं. इसके साथ ही पश्चिमी देशों की दवा कंपनियां भारत को इतनी अहमियत भी नहीं देती थीं, जिससे कई जरूरी दवाएं जरूरतमंदों को नहीं मिल पाती थीं. 

ख्वाजा हमीद केमिस्ट से बने कारोबारी

आंखों में एक बड़ा सपना लेकर केमिस्ट से कारोबारी बने ख्वाजा हमीद ने सिपला कंपनी की शुरुआत मुंबई से की थी. अपनी शुरुआत के बाद से ही इसने फार्मा सेक्टर में धमाल मचा दिया. 60 के दशक में कंपनी की इनकम में बड़ा उछाल आना शुरू हो गया था और 1968 में इसकी आय 1 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई. इसके बाद कंपनी ने फार्मा सेक्टर में एक के बाद एक मुकाम बनाए. 90 के दशक में 1991 तक कंपनी की बिजनेस 100 करोड़ रुपये को पार कर गया था. सबसे खास बात ये कि सिप्ला की शुरुआत से पहले भारत पश्चिमी कंपनियों पर आश्रित था।वही देश अब तक तमाम देशों को अपनी दवाइंया निर्यात करने लगा था।

दुखद:फ्रांस में दिव्यांगो के हॉलिडे होम में लगी आग,11 लोगों की मौत, लर्निंग डिसेबिलिटी से थे पीड़ित


नयी दिल्ली :फ्रांस में दिव्यांगजनों के अवकाश गृह में आग लग गई जिसमे 11 लोगो की मौत हो गई। यह सभी लोग लर्निंग डिसेबिलिटी से पीड़ित थे। आग की सूचना मिलते ही करीब 80 दमकल कर्मियों को हॉलीडे होम भेजा गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

आग बुझाई जा चुकी है लेकिन दो लोग अब भी लापता हैं। स्थानीय अधिकारियों को उनकी भी मौत की आशंका है।

आग के दौरान 17 लोगों को निकाला गया

फ्रांस में दिव्यांगजनों के एक विश्राम गृह में बुधवार को आग लग गई। इस हादसे में जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। बचाव अभियान के प्रमुख ने यह जानकारी दी। फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने ट्वीट संदेश में कहा कि वह घटनास्थल के लिए गई हैं। हौट-राइन क्षेत्र के स्थानीय प्रशासन ने कहा कि विंटज़ेनहेम शहर में दिव्यांगजनों के विश्राम गृह में करीब साढ़े छह बजे आग लग गई, जिसके बाद 17 लोगों को वहां से निकाला गया। इनमें गंभीर रूप से घायल एक शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

राष्ट्रपति मैक्रों ने जताया दुख, दिया यह संदेश

फ्रांस के अग्निशमन विभाग ने दमकल की चार गाड़ियों के साथ 76 कर्मियों को मौके पर तैनात किया गया, जिन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घटना पर एक ट्वीट में कहा, 'इस हादसे के मद्देनजर मेरी संवेदनाएं मृतकों, घायलों और उनके परिवारों के साथ हैं। हमारे सुरक्षा बलों और आपातकालीन सेवाओं को धन्यवाद।'

उत्तरी अल्जीरिया में भी लगी थी भीषण आग*

इससे पहले उत्तरी अल्जीरिया के जंगलों और पर्वतीय इलाकों में लगी आग भी भीषण रही है। इस आग ने आसपास स्थित गांवों और शहरों में को भी चपेट में ले लिया। इस आग में तक कम से कम 34 लोगों की मौत हो गयी, जिनमें से 23 की मौत तटीय बेजाइया क्षेत्र में हुई।

रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि आग से सबसे अधिक प्रभावित बेजाइया में मारे गए लोगों में 10 सैनिक शामिल हैं जो एक बचाव अभियान के दौरान आग की चपेट में आ गए थे।