आदिवासी समुदाय व गोप समुदाय के बीच गाय-बैल चराने को लेकर विवाद
दोनों पक्षों की ओर से पुलिस, अनुमंडल स्तर पर भी हुई वार्ता,नही निकला हल
चाईबासा:- पश्चिमी सिंहभूम जिला के सदर प्रखंड क्षेत्र के खूंटा गांव का विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक माह से आदिवासी समुदाय व गोप समुदाय के बीच गाय-बैल चराने को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों पक्षों की ओर से पुलिस, अनुमंडल स्तर पर भी वार्ता की लेकिन इस पर कोई हल नहीं निकला।
विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के 10-12 व्यक्तियों पर 107 के तहत मामला दर्ज किया गया। जिसके बाद आदिवासी समुदाय के लोगों को 107 के तहत सदर अनुमंडल कोर्ट में बुलाया था। उसी को लेकर खूंटा गांव के सौ से अधिक ग्रामीण सदर एसडीओ कार्यालय पहुंच गये।
ग्रामीण सिद्धेश्वर कालुंडिया ने कहा कि जब पूरे गांव के साथ विवाद है तो सिर्फ 10 ग्रामीणों पर 107 की कार्रवाई क्यों की जा रही है। पूरे गांव के 200 लोगों पर 107 का मामला दर्ज किया जाये। इसके बाद आदिवासी समुदाय के 5 लोगों ने सदर एसडीओ से मुलाकात कर कहा कि बैल चराने के मामले में कुछ बाहरी लोग स्थानीय गोप समुदाय के लोगों को बहका रहे हैं। इसके कारण सारा विवाद पैदा हो रहा है। रास्ता बंद करने का जो सवाल है इसमें मामला यह है कि गोप समुदाय के लोगों ने अपने जमीन के हिस्से में दीवार खड़ी कर दी है।
अब रास्ता के लिए आदिवासी समुदाय के लोगों के जमीन का इस्तेमाल करना चाहते हैं इसलिए जमीन मालिक ने अपने जमीन में घेराबंदी कर दी है ना कि गोप समुदाय के जमीन पर कुछ कार्य किया है। वहीं हम लोग जानते हैं कि गोप समुदाय के दो व्यक्ति बोंज गोप व मधुवा गोप ने अनुसूचित जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र बना कर फौज में नौकरी भी कर लिया है।
इसकी भी जांच होनी चाहिए। इस पर सदर एसडीओ शशिन्द्र बड़ाईक ने कहा कि कुछ लोग मामले को बिना वजह तूल दे रहे हैं। उनकी पहचान की जा रही है। उन्हें चिन्हिंत कर दंडित भी किया जायेगा। वहीं गोप समाज के कुछ लोग एसटी का प्रमाण पत्र बना कर नौकरी भी किये हैं, इसकी भी जांच की जायेगी। साथ ही 11 अगस्त को आदिवासी हो समाज युवा महासभा और गौंड महासभा के पदाधिकारियों की उपस्थिति में बैठक रखी गई है जिसमें आपसी सहमति बना ही दोनों समुदाय को गांव में शांति और भाईचारा बनाये रखने के बारे विचार-विमर्श किया जायेगा।
Aug 08 2023, 18:53